कोटक811 वैश्विक ऐप डाउनलोड में तीसरे स्थान पर पहुंचा

भारतीय डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए, कोटक महिंद्रा बैंक का Kotak811 ऐप वर्ष 2025 की पहली छमाही में दुनिया का तीसरा सबसे अधिक डाउनलोड किया गया बैंकिंग ऐप बन गया है। Sensor Tower की रिपोर्ट के अनुसार, Kotak811 को इस अवधि में 1.6 करोड़ से अधिक डाउनलोड्स मिले, जिससे इसने SBI Yono ऐप (1.4 करोड़ डाउनलोड्स के साथ चौथे स्थान पर) को पीछे छोड़ दिया। यह Kotak811 के लिए साल-दर-साल 250% की तेज़ वृद्धि को दर्शाता है, जो इस अवधि में वैश्विक स्तर पर सबसे तेज़ रही। पहले दो स्थान ब्राज़ील के NuBank और ब्रिटेन के Revolut ने हासिल किए।

चुनौतियों के बीच Kotak811 की सफलता

  • फरवरी 2025 तक आरबीआई के प्रतिबंध के कारण कोटक महिंद्रा बैंक नए डिजिटल ग्राहकों को जोड़ नहीं सका।

  • इसके बावजूद Kotak811 ने अपनी फुली-डिजिटल, ग्राहक-केंद्रित मॉडल की वजह से रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की।

Kotak811 की खासियतें

  • लॉन्च: 2017

  • खास पेशकश:

    • ज़ीरो-बैलेंस सेविंग अकाउंट

    • वैकल्पिक ऐड-ऑन (डेबिट कार्ड, चेकबुक)

  • अब तक 2.6 करोड़ पूर्ण KYC खाते

  • सेवाएँ:

    • बचत खाते व जमा

    • UPI/IMPS ट्रांसफ़र

    • म्यूचुअल फंड और बीमा

    • क्रेडिट कार्ड प्रबंधन

मुख्य अंतर: Kotak811 सीधे रेग्युलेटेड बैंकिंग उत्पाद उपलब्ध कराता है, जबकि Google Pay और PhonePe जैसी फिनटेक केवल पेमेंट्स पर केंद्रित हैं।

Kotak811 बनाम SBI Yono

  • Kotak811: 1.6 करोड़ डाउनलोड

  • SBI Yono: 1.4 करोड़ डाउनलोड

  • SBI का यूज़र बेस कहीं बड़ा (50 करोड़ ग्राहक बनाम कोटक के 5 करोड़)।

  • Yono का हल्का संस्करण Yono Lite भी उपलब्ध है, जबकि Kotak811 केवल डिजिटल-फ़र्स्ट अनुभव पर आधारित है।

प्रीमियम ग्राहकों तक विस्तार

शुरुआत में Kotak811 एंट्री-लेवल डिजिटल यूज़र्स के लिए बना था। अब यह प्रीमियम सेगमेंट तक पहुंच चुका है, जैसे:

  • 811 Super – मिडल क्लास व मास अफ़्लुएंट के लिए

  • Solitaire और Kotak Private – हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स के लिए

मुख्य निष्कर्ष

  • Kotak811 बना दुनिया का 3रा सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया बैंकिंग ऐप (H1 2025)

  • 1.6 करोड़ डाउनलोड, 250% साल-दर-साल वृद्धि

  • SBI Yono (14 मिलियन डाउनलोड्स) को पीछे छोड़ा

  • यह उपलब्धि RBI प्रतिबंधों के बावजूद हासिल हुई

अगस्त 2025 में भारत का व्यापार घाटा घटकर 26.49 अरब डॉलर रह जाएगा

भारत का माल व्यापार घाटा (Merchandise Trade Deficit) अगस्त 2025 में घटकर 26.49 अरब डॉलर पर आ गया, जो जुलाई में 27.35 अरब डॉलर था। यह कमी मुख्य रूप से निर्यात और आयात दोनों में गिरावट के चलते हुई, खासकर अमेरिका द्वारा लगाए गए नए शुल्क अवरोधों (Tariff Barriers) के कारण।

यह आँकड़े 15 सितंबर को जारी किए गए, जो दर्शाते हैं कि बदलते हुए भारत-अमेरिका व्यापार समीकरण और राजनीतिक-भूराजनैतिक तनाव का सीधा असर वैश्विक व्यापार पर पड़ रहा है।

व्यापार आँकड़े: अगस्त बनाम जुलाई

  • निर्यात (Exports): जुलाई के 37.24 अरब डॉलर से घटकर अगस्त में 35.1 अरब डॉलर

  • आयात (Imports): जुलाई के 64.59 अरब डॉलर से घटकर अगस्त में 61.59 अरब डॉलर

  • व्यापार घाटा (Deficit): 26.49 अरब डॉलर (अनुमान 25.13 अरब डॉलर था – रायटर्स पोल के अनुसार)

हालाँकि घाटा थोड़ा कम हुआ, लेकिन निर्यात में आई तेज गिरावट चिंता का विषय है, विशेषकर अमेरिका को भेजे जाने वाले माल में 1 अरब डॉलर से अधिक की कमी देखी गई।

ट्रम्प के शुल्क का असर

  • अमेरिका ने 7 अगस्त को भारतीय वस्तुओं पर 25% शुल्क लगाया, जिसे 27 अगस्त को बढ़ाकर 50% कर दिया गया।

  • यह कदम अमेरिका के अनुसार भारत द्वारा रूस से तेल आयात जारी रखने के विरोध में उठाया गया।

अमेरिका को निर्यात (जुलाई → अगस्त):

  • जुलाई: 8.01 अरब डॉलर

  • अगस्त: 6.86 अरब डॉलर

  • गिरावट: 1.15 अरब डॉलर (लगभग 14%)

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है (करीब 20% हिस्सेदारी), ऐसे में यह झटका भारतीय निर्यात के लिए खासा गंभीर है।

सरकार और कूटनीतिक प्रतिक्रिया

  • भारत सरकार ने आधिकारिक बयान में कहा कि ट्रम्प के शुल्क से “भारतीय निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ा।”

  • लेकिन आँकड़े बताते हैं कि अमेरिका को निर्यात में तेज गिरावट आई है।

  • इस बीच, एक अमेरिकी अदालत के फैसले ने भारत को वार्ता में लचीलापन दिया है, जिससे आने वाली कूटनीतिक बैठकों में स्थिति संभल सकती है।

  • उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प जल्द ही इस व्यापार गतिरोध और द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत करेंगे।

मुख्य बिंदु 

  • व्यापार घाटा (अगस्त 2025): 26.49 अरब डॉलर

  • निर्यात: 35.1 अरब डॉलर (गिरावट)

  • आयात: 61.59 अरब डॉलर (गिरावट)

  • अमेरिका को निर्यात: 8.01 अरब डॉलर (जुलाई) → 6.86 अरब डॉलर (अगस्त)

सैमुअल उमटीटी ने 31 साल की उम्र में फुटबॉल से संन्यास लिया

फ्रांस के 2018 फीफा विश्व कप विजेता डिफेंडर सैमुअल उमटीटी (Samuel Umtiti) ने 15 सितंबर 2025 को मात्र 31 वर्ष की आयु में पेशेवर फुटबॉल से सेवानिवृत्ति की आधिकारिक घोषणा कर दी। कभी यूरोप के सर्वश्रेष्ठ सेंटर-बैक्स में गिने जाने वाले उमटीटी का करियर घुटनों की लगातार चोटों के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिसने उनके खेल जीवन को समय से पहले समाप्त कर दिया।

यह घोषणा उन्होंने एक भावुक सोशल मीडिया वीडियो के ज़रिए की, जिसमें उमटीटी ने अपने करियर के दौरान सहयोग देने वाले क्लबों और प्रशंसकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

प्रारंभिक करियर: लियोन से विश्व मंच तक

  • उमटीटी ने अपने करियर की शुरुआत ओलंपिक लियोन (Olympique Lyonnais) से की।

  • जल्द ही वे एक तकनीकी रूप से सक्षम, मजबूत और समझदार डिफेंडर के रूप में उभरे।

  • उनके प्रदर्शन ने उन्हें 2016 में एफसी बार्सिलोना तक पहुँचाया, जहाँ उन्होंने शुरुआत में शानदार सफलता हासिल की।

अपने उत्कर्ष काल में उमटीटी को उनके:

  • दबाव में शांत रहने की क्षमता

  • बेहतरीन पोज़िशनल सेंस

  • सटीक बॉल-प्लेइंग कौशल
    के लिए जाना जाता था।

शिखर क्षण: 2018 फीफा विश्व कप विजेता

  • उमटीटी का सबसे बड़ा गौरव 2018 फीफा विश्व कप (रूस) में आया।

  • उन्होंने राफ़ाएल वराने के साथ मिलकर फ्रांस की मजबूत सेंट्रल डिफेंस तैयार की।

  • सेमीफ़ाइनल में बेल्जियम के खिलाफ विजयी गोल दागकर फ्रांस को फाइनल तक पहुँचाया।

  • फाइनल में फ्रांस ने क्रोएशिया को 4–2 से हराकर खिताब जीता

  • उमटीटी ने टूर्नामेंट में 6 मैच खेले और टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाई।

बार्सिलोना के वर्ष: सफलता और संघर्ष

  • शुरुआती वर्षों में उमटीटी ने बार्सिलोना के साथ कई ट्रॉफियाँ जीतीं:

    • 2 ला लीगा खिताब

    • 3 कोपा डेल रे खिताब

  • लेकिन 2018 के बाद लगातार घुटनों की चोटों ने उनके करियर को बुरी तरह प्रभावित किया।

  • चोटों के चलते वे बार-बार टीम से बाहर होते रहे और कभी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर लौट नहीं पाए।

मुख्य तथ्य 

  • नाम: सैमुअल उमटीटी (Samuel Umtiti)

  • सेवानिवृत्ति की तिथि: 15 सितंबर 2025

  • आयु: 31 वर्ष

  • प्रमुख उपलब्धियाँ:

    • 2018 फीफा विश्व कप विजेता (फ्रांस)

    • 2 ला लीगा खिताब, 3 कोपा डेल रे खिताब (एफसी बार्सिलोना)

विश्व ओज़ोन दिवस 2025: विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक

विश्व ओज़ोन दिवस (World Ozone Day), जिसे आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन परत संरक्षण दिवस कहा जाता है, हर वर्ष 16 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन उस वैश्विक प्रयास को मान्यता देता है, जिसके तहत पृथ्वी को हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरण से बचाने वाली ओज़ोन परत की रक्षा की जा रही है।

इतिहास और पृष्ठभूमि

  • स्थापना: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1994 में 16 सितंबर को विश्व ओज़ोन दिवस घोषित किया।

  • उद्देश्य: 1987 में हस्ताक्षरित मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की स्मृति में, जिसने ओज़ोन परत को नष्ट करने वाले रसायनों (जैसे CFCs) पर रोक लगाने की वैश्विक प्रक्रिया शुरू की।

  • विशेष मील का पत्थर: 16 सितंबर 2009 को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और वियना कन्वेंशन दोनों को सार्वभौमिक अनुमोदन प्राप्त हुआ—यह उपलब्धि पाने वाली पहली पर्यावरणीय संधियाँ बनीं।

2025 की थीम

“विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक” (From Science to Global Action)

यह थीम वियना कन्वेंशन की 40वीं वर्षगांठ का उत्सव है, जिसने मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और वैश्विक ओज़ोन संरक्षण प्रयासों की नींव रखी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह अवसर हमें याद दिलाता है कि “जब हम विज्ञान की सुनते हैं तो प्रगति संभव होती है।”

ओज़ोन परत क्यों महत्वपूर्ण है?

  • हानिकारक UV-B विकिरण को रोकती है।

  • मानव स्वास्थ्य, फसलों और पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करती है।

  • त्वचा कैंसर और आंखों में मोतियाबिंद के खतरे को कम करती है।

  • ओज़ोन परत में क्षरण होने पर DNA को क्षति, समुद्री जीवन का असंतुलन और जैव विविधता पर गंभीर असर पड़ सकता है।

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का महत्व

  • लगभग 100 हानिकारक रसायनों (ODS) पर प्रतिबंध या नियंत्रण लगाया।

  • किगाली संशोधन (Kigali Amendment) के तहत HFCs (शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैसें) को धीरे-धीरे समाप्त करने का निर्णय लिया।

  • इससे ओज़ोन परत की मरम्मत शुरू हुई है, और अनुमान है कि यह 1980 के स्तर तक 21वीं सदी के मध्य तक लौट आएगी।

  • नियमित वैज्ञानिक निगरानी, अपडेट और सख्त अनुपालन इसे वैश्विक शासन का एक सफल मॉडल बनाते हैं।

ओज़ोन परत की वर्तमान स्थिति

  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में अंटार्कटिका के ऊपर का ओज़ोन छिद्र हाल के वर्षों की तुलना में छोटा रहा।

  • यदि वर्तमान नीतियाँ जारी रहीं, तो ओज़ोन परत 2045–2060 तक पूरी तरह से 1980 के स्तर पर लौटने की संभावना है।

मुख्य तथ्य 

  • तिथि: 16 सितंबर (हर वर्ष)

  • शुरुआत: संयुक्त राष्ट्र महासभा, 1994

  • पृष्ठभूमि: 1987 का मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल

  • 2025 की थीम: “विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक”

  • महत्व: ओज़ोन परत = पृथ्वी का रक्षक कवच

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2025

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस (World Patient Safety Day) हर वर्ष 17 सितंबर को मनाया जाता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, सुरक्षा और भरोसे को बढ़ावा देना तथा चिकित्सीय त्रुटियों को कम करना है।

2025 की थीम

“हर नवजात और हर बच्चे के लिए सुरक्षित देखभाल”

इस वर्ष का फोकस सबसे नाज़ुक वर्ग – नवजात शिशु और छोटे बच्चों की सुरक्षा पर है, जो अक्सर जन्म, निदान या उपचार के दौरान टाली जा सकने वाली त्रुटियों और संक्रमणों का शिकार होते हैं।

इतिहास और महत्व

  • स्थापना: 2019 में WHO द्वारा (विश्व स्वास्थ्य सभा में Global Action on Patient Safety प्रस्ताव पारित होने के बाद)।

  • उद्देश्य:

    • रोगी सुरक्षा के महत्व पर जागरूकता फैलाना।

    • स्वास्थ्य प्रणालियों में संरचनात्मक सुधार लाना।

    • रोगी-केंद्रित (patient-centered) देखभाल को बढ़ावा देना।

  • महत्व:

    • हर साल लाखों मरीज असुरक्षित चिकित्सा प्रक्रियाओं के कारण नुकसान उठाते हैं।

    • WHO के अनुसार, अस्पताल देखभाल प्राप्त करने वाले 10 में से 1 मरीज को नुकसान होता है, जिनमें से अधिकांश मामले रोके जा सकते हैं।

2025 की थीम के मुख्य बिंदु

  • प्रसूति एवं बाल चिकित्सा वार्डों में संक्रमण रोकथाम

  • नवजात और बाल स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना।

  • शुरुआती स्तर पर सटीक निदान और त्रुटिरहित उपचार

  • स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित बाल चिकित्सा देखभाल में प्रशिक्षित करना।

रोगी सुरक्षा क्यों ज़रूरी है?

  • अनावश्यक अस्पताल में लंबा समय और खर्च

  • बचाई जा सकने वाली मौतें

  • मरीज और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच भरोसे में कमी
    सुरक्षित स्वास्थ्य सेवा से जवाबदेही, दक्षता और मानवीय गरिमा मजबूत होती है।

सुरक्षा में रोगियों की भूमिका

WHO के अनुसार, रोगी केवल सेवा प्राप्तकर्ता नहीं बल्कि सक्रिय भागीदार हैं:

  • पूछें, सुनिश्चित करें, दर्ज करें: निदान, दवाओं और उपचार की पुष्टि करें।

  • इतिहास और एलर्जी बताएं: चिकित्सकों को स्पष्ट जानकारी दें।

  • जानकारी प्राप्त करें: जोखिम, दुष्प्रभाव और सुरक्षित उपाय समझें।

WHO की भूमिका

  • सुरक्षा दिशा-निर्देश और टूलकिट प्रकाशित करना।

  • हर वर्ष वैश्विक जागरूकता अभियान चलाना।

  • देशों को नीतिगत सुधार लागू करने में सहयोग देना।

  • त्रुटियों को छिपाने की बजाय उनसे सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देना।

मुख्य तथ्य 

  • तिथि: हर वर्ष 17 सितंबर

  • शुरुआत: विश्व स्वास्थ्य संगठन (2019)

  • 2025 की थीम: “हर नवजात और हर बच्चे के लिए सुरक्षित देखभाल”

अमित शाह ने अहमदाबाद में भारत के सबसे बड़े खेल परिसर का उद्घाटन किया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 16 सितंबर 2025 को अहमदाबाद के नरनपुरा में भारत का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक खेल परिसर (स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स) का उद्घाटन किया। यह अवसर भारत के खेल क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर माना जा रहा है, जो सरकार की उस दृष्टि से जुड़ा है जिसके तहत 2047 तक भारत को विश्व की शीर्ष खेल महाशक्ति बनाना लक्ष्य है।

नरनपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की विशेषताएँ

  • लागत: ₹825 करोड़

  • सुविधाएँ:

    • अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक्वाटिक कॉम्प्लेक्स

    • इनडोर और आउटडोर खेलों के लिए अत्याधुनिक ढाँचा

    • खिलाड़ियों के लिए समर्पित प्रशिक्षण व आवासीय व्यवस्था

  • डिजाइन: वैश्विक खेल मानकों के अनुरूप

  • उद्देश्य: कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेज़बानी के योग्य बनाना

अमित शाह ने कहा – “यह न केवल भारत का सबसे बड़ा बल्कि दुनिया का सबसे आधुनिक खेल परिसर है।”

भारत का खेल दृष्टिकोण – विज़न 2047

  • भारत की आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने तक (2047) देश को शीर्ष खेल राष्ट्र बनाना लक्ष्य।

  • अहमदाबाद को एशिया की खेल राजधानी बनाने का संकल्प।

खेल बजट में बढ़ोतरी

  • 2014: ₹1,643 करोड़

  • 2025: ₹5,300 करोड़
    ➡ लगभग तीन गुना वृद्धि, जिससे

    • जमीनी स्तर पर खेल विकास

    • उच्च प्रदर्शन प्रशिक्षण केंद्र

    • योजनाएँ: खेलो इंडिया और टार्गेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) को मजबूती

अहमदाबाद क्यों?

  • पहले से ही नरेंद्र मोदी स्टेडियम (दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम) मौजूद।

  • अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए उपयुक्त नगरीय ढाँचा।

  • खिलाड़ियों को सालभर प्रशिक्षण व वैश्विक exposure के अवसर।

  • भारत के उभरते स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन के रूप में अहमदाबाद की पहचान।

महत्वपूर्ण तथ्य (Key Takeaways)

  • कार्यक्रम: भारत के सबसे बड़े खेल परिसर का उद्घाटन

  • तिथि: 16 सितंबर 2025

  • स्थान: नरनपुरा, अहमदाबाद

  • लागत: ₹825 करोड़

  • सुविधाएँ: एक्वाटिक कॉम्प्लेक्स, इनडोर व आउटडोर एरेना, प्रशिक्षण व आवासीय व्यवस्था

  • लक्ष्य: 2047 तक भारत को शीर्ष खेल राष्ट्र बनाना

  • खेल बजट: ₹1,643 करोड़ (2014) → ₹5,300 करोड़ (2025)

  • अहमदाबाद: एशिया की खेल राजधानी बनाने की दिशा में बड़ा कदम

गिरि और वैशाली ने 2025 फिडे ग्रैंड स्विस खिताब जीता

उज़्बेकिस्तान के समरकंद में 4-15 सितंबर तक आयोजित 2025 FIDE ग्रैंड स्विस और महिला ग्रैंड स्विस में, ग्रैंडमास्टर अनीश गिरि और ग्रैंडमास्टर वैशाली रमेशबाबू चैंपियन बनकर उभरे। उनकी जीत ने न केवल उन्हें ट्रॉफी और शीर्ष पुरस्कार राशि दिलाई, बल्कि प्रतिष्ठित 2026 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कराया, जो विश्व शतरंज चैंपियनशिप के अगले दावेदारों का निर्धारण करते हैं।

ओपन सेक्शन: अनीश गिरी का दबदबा

  • अंतिम स्कोर: 8/11

  • गिरी ने आखिरी दौर में जीएम हैंस नीमान को हराकर स्पष्ट पहला स्थान और $90,000 का शीर्ष पुरस्कार जीता।

  • पूरे टूर्नामेंट में अपराजित रहे और अंतिम राउंड में शीर्ष 7 बोर्ड्स में अकेले विजेता बने।

  • उनकी बिशप पेयर और असमान प्यादों वाली सटीक रणनीति को उन्होंने “गेम ऑफ द डे” कहा।

कैंडिडेट्स 2026 में क्वालिफाई करने वाले

  • अनीश गिरी (नीदरलैंड)

  • मथायस ब्लूबॉम (जर्मनी) – 7.5/11, जीएम अलीरेज़ा फिरौज़जा से ड्रा, बेहतर टाईब्रेक्स से आगे रहे।

महिला सेक्शन: वैशाली की लगातार दूसरी जीत

  • अंतिम स्कोर: 8/11

  • भारतीय ग्रैंडमास्टर वैशाली रमेशबाबू ने जीएम कतेरीना लग्नो पर टाईब्रेक्स से बढ़त लेकर लगातार दूसरी बार खिताब जीता।

  • आखिरी दौर में जीएम तान झोंगयी से ड्रा कर खिताब पक्का किया।

  • एक हार (जीएम बिबिसारा असाउबायेवा से) के बावजूद उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में मजबूत प्रदर्शन किया।

कैंडिडेट्स 2026 में क्वालिफाई करने वाली

  • वैशाली रमेशबाबू (भारत)

  • कतेरीना लग्नो (रूस) – अपराजित रहीं, 5 जीत हासिल कीं और लक्ष्य पूरा किया।

अन्य प्रमुख प्रदर्शन

  • 16 वर्षीय अभिमन्यु मिश्रा और 15 वर्षीय एंडी वुडवर्ड ने 2780+ परफॉर्मेंस रेटिंग दी, हालांकि क्वालिफाई नहीं कर पाए।

  • मिश्रा ने जीएम विदित गुजराती से ड्रा किया, लेकिन कैंडिडेट्स स्थान से चूक गए।

  • महिला वर्ग में बिबिसारा असाउबायेवा तीसरे स्थान पर रहीं, जिन्होंने वैशाली को हराया था लेकिन बाद में जीएम अन्ना मुझिचुक के खिलाफ जीत चूक गईं।

पुरस्कार राशि व प्रारूप

  • ओपन प्राइज पूल: $625,000 (विजेता: $90,000)

  • महिला प्राइज पूल: $230,000 (विजेता: $40,000)

  • प्रारूप: 11-राउंड स्विस सिस्टम

  • टाइम कंट्रोल: 100 मिनट (40 चालें) + 50 मिनट (20 चालें) + 15 मिनट, हर चाल पर 30 सेकंड इंक्रीमेंट

महत्वपूर्ण तथ्य

  • विजेता: अनीश गिरी (ओपन), वैशाली रमेशबाबू (महिला)

  • स्थान: समरकंद, उज्बेकिस्तान

  • तिथि: 4–15 सितंबर 2025

  • कैंडिडेट्स 2026 क्वालिफायर्स:

    • ओपन: अनीश गिरी, मथायस ब्लूबॉम

    • महिला: वैशाली रमेशबाबू, कतेरीना लग्नो

  • भारत का प्रदर्शन: वैशाली चैंपियन बनीं, मिश्रा व अर्जुन एरिगैसी मजबूत दावेदार रहे।

अपोलो टायर्स ₹579 करोड़ के सौदे में टीम इंडिया का नया प्रायोजक बना

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक बड़े व्यावसायिक समझौते के तहत अपोलो टायर्स को लीड स्पॉन्सर चुना गया है। यह घोषणा 16 सितंबर 2025 को हुई, जब बीसीसीआई की कड़ी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया में कंपनी ने बाजी मारी। तीन साल की यह साझेदारी कुल ₹579 करोड़ की है, जो अगले 142 मुकाबलों (121 द्विपक्षीय और 21 आईसीसी मैचों) को कवर करेगी।

कड़ी प्रतिस्पर्धा और रिकॉर्ड तोड़ बोली
गुरुग्राम स्थित इस टायर कंपनी ने अन्य दावेदारों को पीछे छोड़ दिया—

  • कैनवा: ₹544 करोड़

  • जे.के. सीमेंट्स: ₹477 करोड़
    (बिडिंग से पहले बिरला ऑप्टस पेंट्स बाहर हो गया था)।
    बीसीसीआई ने द्विपक्षीय मैचों के लिए प्रति मैच ₹3.5 करोड़ और आईसीसी मुकाबलों के लिए ₹1.5 करोड़ का बेस प्राइस रखा था, लेकिन अपोलो की आक्रामक बोली प्रति मैच औसतन ₹4.77 करोड़ तक पहुंच गई। इससे यह समझौता भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महंगे स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट्स में शामिल हो गया।

नए स्पॉन्सर की आवश्यकता क्यों पड़ी
पिछले लीड स्पॉन्सर ड्रीम11 को ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम के तहत नियमों की पाबंदियों के कारण पीछे हटना पड़ा। भविष्य में किसी भी कानूनी विवाद से बचने के लिए बीसीसीआई ने स्पष्ट कर दिया कि बेटिंग, ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो या तंबाकू से जुड़ी कंपनियां अब बोली प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगी। इससे अपोलो टायर्स जैसे विश्वसनीय और वैश्विक ब्रांड्स के लिए रास्ता खुला।

अपोलो को इस साझेदारी से क्या मिलेगा
अब अपोलो टायर्स का लोगो टीम इंडिया की जर्सी पर दिखाई देगा—

  • सभी द्विपक्षीय सीरीज़ (देश और विदेश दोनों में)

  • आईसीसी टूर्नामेंट जैसे टी20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप
    इससे अपोलो को वैश्विक स्तर पर जबरदस्त दृश्यता और ब्रांड पहचान बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

रणनीतिक महत्व

  • बीसीसीआई के लिए यह समझौता दर्शाता है कि भारतीय क्रिकेट की ब्रांड वैल्यू लगातार मजबूत है और बदलते नियमों के बावजूद प्रायोजकों का भरोसा बना हुआ है।

  • अपोलो टायर्स के लिए यह खेल और युवाओं के बीच ब्रांड को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा है। कंपनी पहले भी आईएसएल (इंडियन सुपर लीग) और वैश्विक मोटरस्पोर्ट्स में सक्रिय रही है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • नया स्पॉन्सर: अपोलो टायर्स

  • पूर्व स्पॉन्सर: ड्रीम11

  • डील की वैल्यू: ₹579 करोड़

  • अवधि: 3 साल (2025–2028)

  • मैच: 142 (121 द्विपक्षीय + 21 आईसीसी)

  • औसत प्रति मैच: ₹4.77 करोड़

आचार्य देवव्रत ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने 15 सितंबर 2025 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। यह शपथग्रहण समारोह मुंबई राजभवन में आयोजित हुआ, जहां बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। यह नियुक्ति सी. पी. राधाकृष्णन के पद रिक्त करने के बाद हुई, जिन्हें हाल ही में भारत का उपराष्ट्रपति चुना गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले सप्ताह आचार्य देवव्रत को गुजरात के साथ-साथ महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार संभालने के लिए नियुक्त किया था।

आचार्य देवव्रत कौन हैं?
आचार्य देवव्रत एक वरिष्ठ शिक्षाविद और पूर्व गुरुकुल प्राचार्य हैं। वे जुलाई 2019 से गुजरात के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले वे 2015 से 2019 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं। शिक्षा, आयुर्वेद और प्राकृतिक खेती में विशेष रुचि रखने वाले आचार्य देवव्रत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सांस्कृतिक और कृषि सुधार दृष्टि के करीबी सहयोगी माने जाते हैं। महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार मिलना भारत में प्रचलित उस प्रशासनिक परंपरा का हिस्सा है, जिसमें राज्यपालों को अस्थायी तौर पर दो राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

बदलाव क्यों आवश्यक था
सी. पी. राधाकृष्णन फरवरी 2023 से महाराष्ट्र के राज्यपाल थे, लेकिन सितंबर 2025 में उन्हें भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया। इससे मुंबई राजभवन में अस्थायी रिक्तता उत्पन्न हुई, जिसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने आचार्य देवव्रत को अंतरिम जिम्मेदारी सौंपी। राष्ट्रपति का यह कदम सुनिश्चित करता है कि नया पूर्णकालिक राज्यपाल नियुक्त होने तक संवैधानिक निरंतरता बनी रहे।

संवैधानिक और राजनीतिक संदर्भ
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा, किंतु वही व्यक्ति दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। इसी प्रावधान के तहत राष्ट्रपति किसी मौजूदा राज्यपाल को अतिरिक्त प्रभार सौंप सकते हैं। ये नियुक्तियां राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर की जाती हैं। हाल के वर्षों में इस प्रथा का कई बार उपयोग हुआ है, जैसे केरल के राज्यपाल को अस्थायी तौर पर तमिलनाडु का प्रभार दिया गया था।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • आचार्य देवव्रत ने 15 सितंबर 2025 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली।

  • वे गुजरात के राज्यपाल बने रहेंगे और अब दोहरी जिम्मेदारी संभालेंगे।

  • सी. पी. राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद पद छोड़ा।

  • शपथ बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर ने दिलाई।

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अनुच्छेद 153 के तहत यह नियुक्ति की।

अमित खरे उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन के सचिव नियुक्त

सरकार ने 14 सितम्बर 2025 को सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी अमित खरे को उपराष्ट्रपति सीपी. राधाकृष्णन का सचिव नियुक्त किया। उनकी नियुक्ति पदभार संभालने की तिथि से तीन वर्षों के लिए होगी। अमित 12 अक्टूबर 2021 से प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। वह प्रधानमंत्री कार्यालय में सामाजिक क्षेत्र से संबंधित मामलों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के निर्माण और कार्यान्वयन की कोर टीम का भी हिस्सा रहे हैं।

यह निर्णय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) द्वारा अनुमोदित किया गया। यह नियुक्ति राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण के कुछ दिनों बाद हुई है।

यह नियुक्ति तीन वर्ष के अनुबंध आधार पर की गई है, जो यह दर्शाती है कि सरकार महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर अनुभवी नौकरशाहों पर भरोसा बनाए हुए है।

अमित खरे कौन हैं?
अमित खरे 1985 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, जो अपनी ईमानदारी और प्रशासनिक दक्षता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 1995–1997 के दौरान पश्चिम सिंहभूम के जिलाधिकारी रहते हुए बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अपने करियर के दौरान उन्होंने कई अहम पदों पर कार्य किया, जैसे:

  • उच्च शिक्षा सचिव के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) बनाने में योगदान,

  • सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव,

  • बिहार और झारखंड सरकार के वित्त, शिक्षा एवं सामान्य प्रशासन विभागों में कार्य।

सेवानिवृत्ति के बाद, उन्हें अक्टूबर 2021 में प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था, और यह कार्यकाल जून 2026 तक तय था।

निजी सचिव की नियुक्ति
अमित खरे के साथ ही, ACC ने चंद्रशेखर एस, 2014 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी, को उपराष्ट्रपति के निजी सचिव के रूप में नियुक्त किया है। इन दोनों नियुक्तियों से उपराष्ट्रपति सचिवालय की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी हो गई है, जिससे राधाकृष्णन का कार्यकाल सुचारु रूप से शुरू हो सके।

पृष्ठभूमि: उपराष्ट्रपति पद में बदलाव
सी. पी. राधाकृष्णन ने 12 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। उन्होंने 9 सितंबर को हुए चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार और सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. सुधर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराया।
यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई 2025 को दिए गए मध्यावधि इस्तीफे के चलते हुआ। धनखड़, जिनका कार्यकाल 2027 तक शेष था, राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • अमित खरे, पूर्व आईएएस (1985 बैच, झारखंड कैडर) को उपराष्ट्रपति का सचिव नियुक्त किया गया।

  • नियुक्ति ACC द्वारा अनुमोदित।

  • कार्यकाल: 3 वर्ष (अनुबंध)।

  • चंद्रशेखर एस (आईएएस, 2014 बैच, केरल कैडर) उपराष्ट्रपति के निजी सचिव नियुक्त।

  • सी. पी. राधाकृष्णन ने 12 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली।

  • उन्होंने जगदीप धनखड़ का स्थान लिया, जिन्होंने 21 जुलाई 2025 को इस्तीफा दिया था।

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