भारत इस साल जुलाई में इतिहास में पहली बार यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की अध्यक्षता और मेजबानी करेगा। देश पहली बार 21 से लेकर 31 जुलाई तक यूनेस्को की विश्व धरोहर की मेजबानी करने वाला है। यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी वर्मा ने यह जानकारी दी है।
विश्व धरोहर समिति हर वर्ष एक बार विश्व धरोहर सम्मेलन का आयोजन करती है। समिति के 46वें सत्र के लिए भारत को मेजबानी के लिए चुना गया है। यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) संयुक्त राष्ट्र के भीतर एक विशेष एजेंसी है जो वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
बता दें कि किसी देश के स्थल या संपत्ति को विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया जाएगा या नहीं इसका फैसला समिति करती है। विश्व धरोहर समिति में शामिल 21 देश–
- अर्जेंटीना
- बेल्जियम
- बुल्गारिया
- ग्रीस
- भारत
- इटली
- जमैका
- जापान
- कजाकिस्तान
- केन्या
- लेबनान
- मैक्सिको
- कतर
- दक्षिण कोरिया
- रवांडा
- सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनेडाइंस
- सेनेगल
- तुर्की
- यूक्रेन
- वियतनाम
- जाम्बिया
विश्व धरोहर समिति: वैश्विक खजाने का संरक्षक
विश्व धरोहर समिति, जिसमें 21 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत स्थलों की पहचान, सुरक्षा, संरक्षण और प्रस्तुति से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए सालाना इकट्ठा होती है। ये चर्चाएं प्रतिष्ठित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में योगदान देती हैं, जो सार्वभौमिक मूल्य रखने वाले असाधारण स्थानों की एक सूची है।