दुबई के जेबेल अली गांव में भारतीय और अरबी वास्तुकला के मिले-जुले स्वरूप वाले एक भव्य हिंदू मंदिर को जनता के लिए खोल दिया गया है। इसे सहिष्णुता, शांति और सद्भाव के एक मजबूत संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार खोल दिये गए। गौरतलब है कि जेबेल अली गांव अलग-अलग धर्मों के उपासना स्थलों के लिए मशहूर है और वहां सात गिरजाघर, एक गुरुद्वारा और एक हिंदू मंदिर है।
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बता दें यह हिदू मंदिर जेबेल अली में अमीरात के कॉरिडोर ऑफ टॉलरेंस में स्थित है। मंदिर 70,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। दुबई का यह हिंदू मंदिर सभी धर्मों के लिए एक आध्यात्मिक हब है। मंदिर में हिंदू धर्म के 16 देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना के साथ एक ज्ञान कक्ष और अन्य धार्मिक गतिविधियों के लिए सामुदायिक केंद्र है। बता दें कि यह मंदिर दुबई का दूसरा हिंदू मंदिर है. यहां का पहला हिंदू मंदिर 1958 में तैयार हुआ था।
क्या है मंदिर की खासियत?
दुबई के इस नए मंदिर में हिंदू धर्मके 16 देवी, देवताओं की मूर्तियां लगी हैं. मंदिर के ट्रस्टीज का कहना है कि इन मूर्तियों का डिजाइन मंडला से प्रेरित है। मंदिर के आर्किटेक्टर कंसल्टेंट सुभाष बोइते ने अपने 45 साल के अनुभवों का इस्तेमाल कर इस मंदिर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। बता दें कि 1958 में दुबई में भारतीय समुदाय के सिर्फ 6,000 लोग रहते थे जबकि आज के समय यह आंकड़ा 33 लाख है। मंदिर की पहली मंजिल पर प्रार्थना सभागार होगा। इसके साथ ही सिखों की पवित्र किताब गुरु ग्रंथ साहिब को रखने के लिए एक अलग कक्ष भी होगा। इन क्षेत्रों में 4,000 वर्ग फुट का बैंक्वेट हॉल, एक मल्टीपर्पस कक्ष और ज्ञान कक्ष शामिल है, जो ग्राउंड फ्लोर पर है। सामुदायिक हॉल और ज्ञान कक्ष में कई एलसीडी स्क्रीन भी इंस्टॉल किया जाएगा।