भारत और यूरोपीय संघ (EU) ने एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत फिर से शुरू कर दी है, जिसका 11वां दौर 12 मई 2025 से ब्रसेल्स में शुरू हुआ है। यह दौर समझौते के अंतरिम चरण को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो दो-चरणीय समझौता ढांचे का हिस्सा है और वर्ष के अंत तक समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा गया है। यह पहल भारत की व्यापारिक कूटनीति में हालिया प्रगति के बाद आई है, जिसमें यूनाइटेड किंगडम के साथ FTA लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया है।
समाचार में क्यों?
भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ताएं एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुकी हैं। दोनों पक्षों ने दो-चरणीय समझौते के ढांचे पर सहमति जताई है। यह भारत द्वारा वर्ष 2025 में प्रमुख व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने की नई रणनीति का हिस्सा है, जिनमें यूके, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ चल रही वार्ताएं भी शामिल हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की ब्रसेल्स यात्रा इस बात को रेखांकित करती है कि भारत यूरोप में व्यापारिक बाधाओं को कम कर बाजार तक पहुंच बढ़ाने को लेकर गंभीर है, विशेषकर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच।
प्रमुख उद्देश्य और लक्ष्य
-
अंतरिम समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देना।
-
वर्ष 2025 के अंत तक व्यापक FTA को पूर्ण करना।
-
बाजार पहुंच बढ़ाना और गैर-शुल्कीय बाधाओं (NTBs) को कम करना।
-
कम संघर्ष वाले क्षेत्रों में व्यापार उदारीकरण से शुरुआत करना।
-
हाल ही में संपन्न व्यापार समझौतों (यूके, ऑस्ट्रेलिया) की गति को बनाए रखना।
पृष्ठभूमि और स्थायी जानकारी
-
भारत-ईयू FTA वार्ताएं कई चरणों में चल रही हैं; वर्तमान में 11वां दौर 12–16 मई, 2025 तक ब्रसेल्स में आयोजित हो रहा है।
-
भारत ने 2022 में ऑस्ट्रेलिया के साथ सीमित आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) पर हस्ताक्षर किए थे।
-
भारत-यूके FTA वार्ताएं भी महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुँच चुकी हैं।
-
भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की संभावनाएं भी तलाश रहा है।
-
यूरोपीय संघ भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, और यह FTA भारत के वस्त्र, आईटी, दवाओं और ऑटोमोबाइल जैसे निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों के लिए अत्यधिक लाभदायक साबित हो सकता है।
समझौते का महत्त्व
-
भारत और 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक एकीकरण को और गहरा करेगा।
-
तेज़ी से आगे बढ़ती बातचीत भारत की रणनीतिक सोच को दर्शाती है कि वह 2025 में अनेक FTA सुनिश्चित करना चाहता है।
-
ट्रंप-युग की संरक्षणवादी नीतियों और वैश्विक व्यापार अस्थिरता से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करता है।
-
पारस्परिक निवेश, तकनीकी हस्तांतरण और व्यापार पर सामरिक तालमेल को प्रोत्साहित करता है।
-
भारत की वैश्विक व्यापार भागीदार के रूप में विश्वसनीय छवि को और सुदृढ़ करता है।
सारांश / स्थिर जानकारी | विवरण |
समाचार में क्यों? | भारत और यूरोपीय संघ फिर से FTA वार्ता शुरू करेंगे |
वर्तमान घटना | भारत-EU FTA की 11वीं दौर की वार्ता (12–16 मई, 2025) |
उद्देश्य | अंतरिम समझौता अंतिम रूप देना; वर्ष के अंत तक पूर्ण FTA पूरा करना |
संबंधित मंत्री | पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री |
EU अधिकारी | मारोस सेफ़कोविच, व्यापार और आर्थिक सुरक्षा हेतु EU आयुक्त |
मुख्य रणनीति | शीघ्र व्यापार उदारीकरण के लिए दो-चरणीय वार्ता प्रक्रिया |
संबंधित व्यापार वार्ताएं | भारत-यूके FTA (लगभग अंतिम), भारत-अमेरिका BTA, भारत-ऑस्ट्रेलिया CECA |
महत्त्व | भारत के निर्यात को बढ़ावा, गैर-शुल्कीय बाधाओं में कमी, व्यापारिक भू-राजनीतिक संबंधों को मज़बूती |