केंद्र सरकार ने 26 मार्च 2025 से गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) के मध्यम और दीर्घकालिक जमा को बंद करने का निर्णय लिया है। यह फैसला बाजार की बदलती परिस्थितियों और योजना के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि, अल्पकालिक जमा (Short-term Deposits) बैंकों के विवेक पर जारी रहेंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा जमा परिपक्वता तक प्रभावित नहीं होंगे।
मुख्य बिंदु
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) के बारे में
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शुरुआत: नवंबर 2015 में निष्क्रिय सोने को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाने के लिए शुरू की गई।
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उद्देश्य: भारत के सोना आयात और चालू खाता घाटे को कम करना।
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संशोधित संस्करण: पहले की गोल्ड डिपॉज़िट स्कीम का उन्नत रूप।
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डिपॉजिट की पात्रता: घरेलू परिवार, ट्रस्ट और संस्थान बैंक में सोना जमा कर सकते थे।
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न्यूनतम जमा सीमा: 10 ग्राम कच्चा सोना (बार, सिक्के, आभूषण; पत्थर व अन्य धातु रहित)।
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अधिकतम सीमा: कोई ऊपरी सीमा नहीं।
तीन प्रकार की जमा योजनाएँ
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अल्पकालिक बैंक जमा (STBD): 1-3 वर्ष, बैंक द्वारा प्रबंधित।
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मध्यमकालिक सरकारी जमा (MTGD): 5-7 वर्ष, सरकार द्वारा समर्थित।
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दीर्घकालिक सरकारी जमा (LTGD): 12-15 वर्ष, सरकार द्वारा समर्थित।
ब्याज दरें
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अल्पकालिक जमा: ब्याज दर बैंक द्वारा अंतरराष्ट्रीय सोने की लीज दर और बाजार की स्थिति के आधार पर तय की जाती है।
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मध्यमकालिक जमा: 2.25% वार्षिक (सरकार द्वारा भुगतान)।
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दीर्घकालिक जमा: 2.5% वार्षिक (सरकार द्वारा भुगतान)।
योजना बंद करने का कारण
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26 मार्च 2025 से मध्यम और दीर्घकालिक जमा बंद।
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अल्पकालिक जमा जारी रहेंगे (बैंकों के निर्णय पर निर्भर)।
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बाजार की बदलती परिस्थितियों और योजना के प्रदर्शन के कारण बंद करने का फैसला।
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26 मार्च 2025 के बाद कोई नई जमा स्वीकार नहीं की जाएगी।
RBI का बयान
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मौजूदा मध्यम और दीर्घकालिक जमा अपनी परिपक्वता तक जारी रहेंगे।
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समय से पहले निकासी मौजूदा प्रावधानों के अनुसार संभव।
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26 मार्च 2025 के बाद कोई नवीनीकरण नहीं।
योजना के तहत संग्रहित सोना
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कुल जमा (नवंबर 2024 तक): 31,164 किग्रा।
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अल्पकालिक जमा: 7,509 किग्रा।
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मध्यमकालिक जमा: 9,728 किग्रा।
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दीर्घकालिक जमा: 13,926 किग्रा।
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कुल जमाकर्ता: 5,693 (व्यक्तिगत निवेशक, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), मंदिर, ट्रस्ट, म्यूचुअल फंड, ETF, कंपनियाँ)।
भारत में अन्य स्वर्ण योजनाओं की स्थिति
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs) को भी उच्च लागत के कारण बंद किया गया।
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बजट 2025-26 में नए गोल्ड बॉन्ड जारी नहीं किए जाएंगे।
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सरकार ने सोने की मांग बढ़ाने के लिए आयात शुल्क को तर्कसंगत बनाया।
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सोने की कीमतों में 2024 में 41.5% वृद्धि, 25 मार्च 2025 तक ₹90,450 प्रति 10 ग्राम पहुँची।
क्यों चर्चा में? | सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम समाप्त की: RBI का मौजूदा जमाओं पर अपडेट |
योजना शुरू हुई | नवंबर 2015 |
शुरू करने का कारण | सोने के आयात और चालू खाता घाटे को कम करना |
जमा के प्रकार | अल्पकालिक (1-3 वर्ष), मध्यमकालिक (5-7 वर्ष), दीर्घकालिक (12-15 वर्ष) |
न्यूनतम जमा सीमा | 10 ग्राम कच्चा सोना |
अधिकतम सीमा | कोई सीमा नहीं |
ब्याज दरें | अल्पकालिक: बैंक द्वारा तय, मध्यमकालिक: 2.25% वार्षिक, दीर्घकालिक: 2.5% वार्षिक |
कुल जमा (नवंबर 2024 तक) | 31,164 किग्रा |
अल्पकालिक जमा | 7,509 किग्रा |
मध्यमकालिक जमा | 9,728 किग्रा |
दीर्घकालिक जमा | 13,926 किग्रा |
कुल जमाकर्ता | 5,693 |
सरकार का निर्णय | 26 मार्च 2025 से मध्यम और दीर्घकालिक जमा बंद |
RBI का मौजूदा जमा पर रुख | परिपक्वता तक जारी रहेंगे |
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की स्थिति | अधिक लागत के कारण बंद |
सोने की कीमतों में वृद्धि (2024-25) | ₹90,450 प्रति 10 ग्राम (41.5% बढ़ोतरी) |