तेजस MK1 प्रोटोटाइप से ASTRA मिसाइल का सफल परीक्षण

भारतीय एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने स्वदेशी अस्त्र बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस AF MK1 प्रोटोटाइप से ओडिशा के चांदीपुर तट के पास दागा गया। इस परीक्षण ने मिसाइल की सटीकता और उन्नत क्षमताओं को साबित किया, जो भारत की स्वदेशी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • परीक्षित मिसाइल: अस्त्र BVRAAM (बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल)
  • लॉन्च प्लेटफॉर्म: LCA तेजस AF MK1 प्रोटोटाइप
  • परीक्षण स्थल: चांदीपुर, ओडिशा
  • विकासकर्ता: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
  • परीक्षण परिणाम: सभी सब-सिस्टम के सफल प्रदर्शन के साथ उड़ते हुए लक्ष्य पर सीधा प्रहार
  • मारक क्षमता: 100 किलोमीटर से अधिक
  • उद्देश्य: भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना और स्वदेशी मिसाइल तकनीक को प्रोत्साहित करना

समर्थन देने वाली एजेंसियाँ:

  • एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA)
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
  • सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थीनेस एंड सर्टिफिकेशन (CEMILAC)
  • डायरेक्टरेट जनरल ऑफ एरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस (DG-AQA)
  • भारतीय वायु सेना (IAF)

प्रतिक्रियाएँ:

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए सभी टीमों को बधाई दी।
  • DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की।

महत्व:

यह परीक्षण LCA तेजस MK1A संस्करण को भारतीय वायु सेना में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

पहलू विवरण
क्यों खबर में? भारत ने LCA तेजस AF MK1 प्रोटोटाइप से अस्त्र BVRAAM का सफल परीक्षण किया
मिसाइल का नाम अस्त्र BVRAAM (बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल)
लॉन्च प्लेटफॉर्म लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस AF MK1 प्रोटोटाइप
परीक्षण स्थान चांदीपुर, ओडिशा
विकसितकर्ता DRDO
मारक क्षमता 100 किलोमीटर से अधिक
परीक्षण परिणाम उड़ते हुए लक्ष्य पर सटीक प्रहार, सभी सिस्टम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया
समर्थन देने वाली एजेंसियाँ ADA, HAL, CEMILAC, DG-AQA, IAF
महत्व भारत की स्वदेशी वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करता है
प्रमुख प्रतिक्रियाएँ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने सराहना की

भारत ने UNESCO के लिए अनंतिम सूची में छह संपत्तियों को जोड़ा

भारत ने हाल ही में अपने छह नए स्थलों को यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल किया है, जिससे देश में अस्थायी स्थलों की कुल संख्या 62 हो गई है। इन स्थलों में अशोककालीन शिलालेख स्थल, चौसठ योगिनी मंदिर और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं। 7 मार्च 2024 को भारत के स्थायी प्रतिनिधि मंडल द्वारा यूनेस्को में इन स्थलों को औपचारिक रूप से सूचीबद्ध किया गया। इस घोषणा को भारत ने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया।

अस्थायी सूची का महत्व

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामांकन की प्रक्रिया में अस्थायी सूची एक महत्वपूर्ण चरण है। यूनेस्को के अनुसार, प्रत्येक देश को पहले किसी स्थल को अपनी अस्थायी सूची में शामिल करना आवश्यक होता है, जिसके बाद ही उसे औपचारिक रूप से विश्व धरोहर स्थल के लिए नामांकित किया जा सकता है। यह सूची भारत के सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

हाल ही में जोड़े गए छह नए स्थल

  1. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (छत्तीसगढ़)
    यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी जैव विविधता और अद्वितीय भूवैज्ञानिक संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। बस्तर जिले में स्थित यह पार्क चूना पत्थर की गुफाओं, जलप्रपातों और समृद्ध वनस्पतियों एवं जीवों का घर है। यह छत्तीसगढ़ के राज्य पक्षी बस्तर हिल मैना के लिए भी एक महत्वपूर्ण आवास स्थल है।

  2. मुदुमल मेगालिथिक मेन्हिर (तेलंगाना)
    यह प्रागैतिहासिक मेगालिथिक मेन्हिर तेलंगाना में स्थित हैं और पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। लोहे के युग से संबंधित ये संरचनाएं संभवतः दफनाने और खगोलीय अध्ययन के लिए उपयोग की जाती थीं। यह स्थल भारत में प्राचीन मेगालिथिक संस्कृति को समझने के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रदान करता है।

  3. अशोककालीन शिलालेख स्थल (विभिन्न राज्य)
    यह एक श्रेणीकृत नामांकन है, जिसमें उन विभिन्न स्थलों को शामिल किया गया है जहां सम्राट अशोक के शिलालेख पाए गए हैं। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के ये शिलालेख मौर्य शासन, प्रशासन और अशोक द्वारा प्रचारित बौद्ध धर्म के प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। ये शिलालेख चट्टानों, गुफाओं और स्तंभों पर उकेरे गए हैं।

  4. चौसठ योगिनी मंदिर (विभिन्न राज्य)
    चौसठ योगिनी मंदिर विभिन्न राज्यों में फैले हुए हैं और 64 देवी-योगिनियों को समर्पित हैं। ये मंदिर आमतौर पर गोलाकार संरचनाओं में बनाए गए हैं और प्रायः पहाड़ियों की चोटी पर स्थित होते हैं। इनमें पत्थर की नक्काशीदार मूर्तियां हैं और ये तांत्रिक पूजा परंपराओं में धार्मिक और स्थापत्य महत्व रखते हैं।

  5. गुप्तकालीन मंदिर (उत्तर भारत के विभिन्न राज्य)
    ये मंदिर गुप्तकालीन स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जो अपनी परिष्कृत डिज़ाइन और कलात्मक श्रेष्ठता के लिए जाने जाते हैं। चौथी से छठी शताब्दी ईस्वी के बीच निर्मित ये मंदिर भारतीय मंदिर स्थापत्य कला के विकास को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रमुख उदाहरणों में देवगढ़ का दशावतार मंदिर और नचना का पार्वती मंदिर शामिल हैं।

  6. बुंदेला राजवंश के महल-किले (मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश)
    बुंदेला राजवंश के महल-किले मध्यकालीन भारत की ऐतिहासिक धरोहर हैं। ये स्थापत्य कला की अनूठी शैली को प्रदर्शित करते हैं, जिसमें राजपूत और मुगल वास्तुकला का मिश्रण देखा जा सकता है। इनमें ओरछा (मध्य प्रदेश) का जहांगीर महल और दतिया (उत्तर प्रदेश) का गोविंद महल प्रमुख हैं।

भारत के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

वर्तमान में, भारत के 43 स्थल यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सांस्कृतिक स्थल: 35
  • प्राकृतिक स्थल: 7
  • मिश्रित स्थल: 1

2024 में भारत ने पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी की। इसी वर्ष, असम के मोइडाम्स (अहोम वंश के समाधि स्थल) को आधिकारिक रूप से विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सैयद आबिद अली का 83 साल की उम्र में निधन

क्रिकेट जगत ने पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सैयद आबिद अली के निधन पर शोक व्यक्त किया, जो 83 वर्ष की आयु में अमेरिका में चल बसे। अपनी उल्लेखनीय फुर्ती, ऑलराउंड प्रदर्शन और भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध, आबिद अली ने खेल के कई यादगार पलों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट यात्रा

हैदराबाद में जन्मे आबिद अली ने एक भरोसेमंद ऑलराउंडर के रूप में भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई। वह स्विंग गेंदबाजी में माहिर थे, निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाजी करते थे और अपने समय के सबसे चुस्त क्षेत्ररक्षकों में गिने जाते थे।

टेस्ट डेब्यू और यादगार प्रदर्शन

आबिद अली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की और पहले ही मैच में छह विकेट लेकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया। इसी श्रृंखला में, सिडनी टेस्ट में उन्होंने 78 और 81 रनों की दो शानदार अर्धशतकीय पारियां खेलकर खुद को एक सक्षम ऑलराउंडर साबित किया।

इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक जीत में भूमिका (1971)

आबिद अली की सबसे यादगार पारियों में से एक इंग्लैंड के खिलाफ 1971 के ओवल टेस्ट में आई, जहां उन्होंने विजयी रन बनाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। यह जीत भारतीय क्रिकेट के उभरते वर्चस्व का प्रतीक बनी।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट और कोचिंग करियर

अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के अलावा, आबिद अली ने 22 वर्षों तक हैदराबाद और साउथ ज़ोन के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला। संन्यास के बाद, उन्होंने कोचिंग में कदम रखा और विभिन्न देशों में टीमों को प्रशिक्षित किया।

कोचिंग कार्यकाल

  • आंध्र प्रदेश रणजी टीम: आंध्र की टीम को संघर्ष से निकालकर एलीट डिवीजन तक पहुंचाने में मदद की।
  • यूएई क्रिकेट टीम: 2001 में यूएई टीम के कोच बने और अपनी रणनीति से टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
  • मालदीव क्रिकेट टीम: मालदीव क्रिकेट के बुनियादी ढांचे को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1996 की घटना: एक गलत मृत्यु रिपोर्ट

1996 में बाईपास सर्जरी के बाद, मीडिया में गलती से उनके निधन की खबरें फैल गईं। उनके साथी क्रिकेटरों और प्रशंसकों ने शोक व्यक्त किया, लेकिन जल्द ही सच्चाई सामने आई। यह भ्रम इतना व्यापक था कि एक पत्रकार ने खुद उनसे फोन पर बात कर यह पुष्टि की कि वह जीवित हैं!

विरासत और प्रभाव

सैयद आबिद अली को एक समर्पित क्रिकेटर के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट और वैश्विक क्रिकेट विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित करने और मजबूत टीमें बनाने में उनके प्रयासों ने खेल पर अमिट छाप छोड़ी है।

क्यों चर्चा में? पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सैयद आबिद अली का 83 वर्ष की आयु में अमेरिका में निधन।
करियर की मुख्य बातें 29 टेस्ट मैच खेले, 47 विकेट लिए और भारत के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए।
यादगार डेब्यू ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू में 6 विकेट (55 रन देकर) लिए।
प्रमुख प्रदर्शन सिडनी टेस्ट में दो अर्धशतक (78 और 81 रन) बनाए।
ऐतिहासिक क्षण 1971 में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में विजयी रन बनाए।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट 22 वर्षों तक हैदराबाद और साउथ ज़ोन के लिए खेला।
कोचिंग करियर आंध्र प्रदेश, यूएई और मालदीव की क्रिकेट टीमों को प्रशिक्षित किया।
1996 की घटना बाईपास सर्जरी के बाद उनकी मृत्यु की गलत खबरें फैलीं, जिससे मीडिया में भ्रम की स्थिति बनी।
विरासत एक महान ऑलराउंडर, कोच और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मेंटर के रूप में याद किए जाएंगे।

महिला PRI नेताओं का सशक्तीकरण, जानें सबकुछ

पंचायती राज मंत्रालय ने महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान” और “मॉडल महिला-हितैषी ग्राम पंचायत (MWFGP)” जैसी दो प्रमुख पहल शुरू की हैं। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य पंचायती राज संस्थानों (PRIs) में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (WERs) को सशक्त बनाना और ग्राम पंचायतों में लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है।

प्रमुख बिंदु

सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान

  • यह देशव्यापी क्षमता निर्माण कार्यक्रम है, जो पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (WERs) को सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया है।
  • उद्देश्य: महिला प्रतिनिधियों के नेतृत्व कौशल, निर्णय लेने की क्षमता और ग्रामीण शासन में सक्रिय भागीदारी को मजबूत करना।
  • मुखिया पति या सरपंच पति संस्कृति को समाप्त करने पर विशेष जोर, जिससे महिलाएं स्वतंत्र रूप से अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकें।

मॉडल महिला-हितैषी ग्राम पंचायत (MWFGP)

  • प्रत्येक जिले में कम से कम एक मॉडल महिला-हितैषी ग्राम पंचायत की स्थापना का लक्ष्य।
  • लैंगिक संवेदनशीलता और बालिका-अनुकूल शासन प्रथाओं को बढ़ावा देना।

लैंगिक हिंसा से जुड़े कानूनों की मार्गदर्शिका

  • पंचायत प्रतिनिधियों के लिए लैंगिक हिंसा और हानिकारक प्रथाओं से संबंधित कानूनों की एक विस्तृत मार्गदर्शिका।

पंचायती राज संस्थानों में महिला भागीदारी की स्थिति

  • 14 लाख से अधिक महिलाएं पंचायती राज संस्थानों में निर्वाचित हैं।
  • बिहार जैसे राज्यों में 50% से अधिक महिला प्रतिनिधित्व, जो 33% आरक्षण को पार कर चुका है।

यह पहल ग्राम पंचायतों में महिला नेतृत्व को सशक्त बनाने और उन्हें निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया में पूर्ण भागीदारी दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? महिला पंचायती राज नेताओं का सशक्तिकरण: सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान एवं मॉडल महिला-हितैषी ग्राम पंचायत
सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (WERs) के लिए नेतृत्व, निर्णय लेने की क्षमता और सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने हेतु क्षमता निर्माण कार्यक्रम। मुखिया पति” संस्कृति को समाप्त करने पर विशेष ध्यान।
मॉडल महिला-हितैषी ग्राम पंचायत (MWFGP) प्रत्येक जिले में कम से कम एक मॉडल महिला-हितैषी ग्राम पंचायत की स्थापना, जिससे लैंगिक-संवेदनशील एवं बालिका-अनुकूल शासन को बढ़ावा मिले।
लैंगिक हिंसा से जुड़े कानूनों की मार्गदर्शिका पंचायत प्रतिनिधियों के लिए लैंगिक हिंसा और हानिकारक प्रथाओं से निपटने हेतु एक व्यापक मार्गदर्शिका
पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं की वर्तमान स्थिति PRIs में 14 लाख से अधिक निर्वाचित महिलाएं, बिहार में 50% से अधिक महिला प्रतिनिधित्व, जो 33% आरक्षण को पार कर चुका है

नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस 2025: क्या है इतिहास

हर साल 14 मार्च को विश्वभर में नदियों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस मनाया जाता है, जो नदियों पर बढ़ते खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन नदी क्षरण, जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधियों जैसे बांध निर्माण और प्रदूषण के प्रभावों को उजागर करता है।

दुनिया की 60% से अधिक नदियां विभिन्न अवरोधों जैसे बांधों और कृत्रिम मोड़ों से प्रभावित हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र और जल संसाधन संकट में हैं। इस दिन का उद्देश्य नदियों की रक्षा और पुनर्स्थापन के लिए सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देना है।

अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस की शुरुआत

इस वैश्विक आंदोलन की अवधारणा मार्च 1997 में ब्राज़ील के कुरीतीबा में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हुई थी। यह सम्मेलन बांध निर्माण से प्रभावित समुदायों के प्रतिनिधियों को एक मंच देने के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें 20 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बांधों के खिलाफ घोषणा और जल संरक्षण की मांग

सम्मेलन के दौरान, प्रतिभागियों ने पारदर्शिता और लोकतांत्रिक भागीदारी की मांग करते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके प्रतीकात्मक समर्थन के रूप में 14 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस के रूप में स्थापित किया गया। पहले इसे “बांधों के खिलाफ, नदियों, जल और जीवन के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस” कहा जाता था, लेकिन बाद में इसे छोटा करके वर्तमान नाम दिया गया।

2024 में अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस का वैश्विक आयोजन

इस वर्ष इस दिवस की 28वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है, जिसे इंटरनेशनल रिवर्स नामक संगठन वैश्विक स्तर पर समन्वित कर रहा है।

2024 की थीम: “हमारी नदियां, हमारा भविष्य”

इस वर्ष की थीम “हमारी नदियां, हमारा भविष्य” नदियों के पारिस्थितिक संतुलन और मानव जीवन में उनके महत्व को दर्शाती है। मुख्य ध्यान निम्नलिखित पहलुओं पर दिया गया है:

  • नदियों को पुनर्स्थापित करना और जैव विविधता को बढ़ावा देना।
  • स्थानीय समुदायों को नदी प्रबंधन और संरक्षण में शामिल करना।
  • जल स्रोतों के क्षरण को रोकने के लिए सतत नीतियों की वकालत करना।

14 मार्च को दुनिया भर में प्रमुख पहलें

इस दिवस पर विभिन्न देशों में नदियों के संरक्षण के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं:

  • ऑस्ट्रिया: ओएट्ज नदी पर काउनर्टल हाइड्रोपावर प्लांट के विस्तार के विरोध में एक मौन प्रदर्शन।
  • फ्रांस: नीस के पैलियन नदी पर जल प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खतरों को उजागर करने के लिए एक नाट्य प्रदर्शन।
  • इटली: टाइबर नदी पर प्लास्टिक कचरे और जल जीवों की निगरानी के लिए सिटिजन साइंस प्रोजेक्ट।
  • बुल्गारिया: जन्त्रा नदी की सफाई के लिए स्थानीय शैक्षणिक समुदाय द्वारा एक अभियान।
  • पाकिस्तान: सिंधु नदी को अवैध नहर और बांध निर्माण परियोजनाओं से बचाने के लिए प्रदर्शन।
  • कंबोडिया: मेकॉन्ग नदी पर बुनियादी ढांचे की हानिकारक परियोजनाओं के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रार्थना और सांस्कृतिक समारोह।

ये कार्यक्रम नदियों की रक्षा के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं और वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों और स्थानीय समुदायों को इस महत्वपूर्ण प्रयास में एकजुट करते हैं।

दिल्ली का IGI एयरपोर्ट 7वीं बार बना एशिया का सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट

जीएमआर एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सहायक कंपनी, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) को एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (ASQ) एयरपोर्ट एक्सपीरियंस अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 40 मिलियन से अधिक यात्रियों वाले सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डे की श्रेणी में प्रदान किया गया है। यह लगातार सातवां वर्ष है जब दिल्ली हवाई अड्डे को उत्कृष्ट ग्राहक सेवा के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला है।

ASQ अवार्ड्स क्या हैं?

एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (ASQ) अवार्ड्स को वैश्विक हवाई अड्डा उद्योग में गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है। ये पुरस्कार यात्री संतुष्टि सर्वेक्षणों के आधार पर दुनिया के बेहतरीन हवाई अड्डों को प्रदान किए जाते हैं।

  • वैश्विक बेंचमार्किंग: यह कार्यक्रम हवाई अड्डे पर यात्रियों के अनुभव को मापने का एकमात्र वैश्विक मंच है।
  • यात्री-केंद्रित: यह पुरस्कार विभिन्न सेवा मापदंडों पर यात्रियों की वास्तविक प्रतिक्रिया पर आधारित होते हैं।
  • दुनियाभर में भागीदारी: इस कार्यक्रम में 400 से अधिक हवाई अड्डे भाग लेते हैं।

दिल्ली एयरपोर्ट की उत्कृष्टता की विरासत

2024 का पुरस्कार जीतने के साथ, दिल्ली एयरपोर्ट लगातार सातवीं बार (2018-2024) इस प्रतिष्ठित सम्मान को प्राप्त करने में सफल रहा है। यह 40+ मिलियन यात्री प्रति वर्ष (MPPA) श्रेणी में अपनी उत्कृष्टता बनाए रखने का प्रमाण है।

दिल्ली एयरपोर्ट की प्रगति और भविष्य की योजनाएं

इस सम्मान ने दिल्ली हवाई अड्डे को एक प्रमुख वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित किया है। 2024 में, दिल्ली एयरपोर्ट ने 100 मिलियन यात्रियों प्रति वर्ष सेवा देने की क्षमता हासिल कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की।

ASQ अवार्ड्स समारोह

यह पुरस्कार 10 सितंबर 2025 को चीन के ग्वांगझू में ACI वर्ल्ड के वार्षिक कस्टमर एक्सपीरियंस समिट (8-11 सितंबर) के दौरान प्रदान किया जाएगा।

जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड के बारे में

जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड (GAL), जिसे पहले जीएमआर एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, दो दशकों से अधिक के अनुभव के साथ एक अग्रणी वैश्विक हवाई अड्डा मंच है।

जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड की प्रमुख विशेषताएं:

  • भारत में प्रमुख हवाई अड्डों का संचालन: दिल्ली, हैदराबाद और गोवा।
  • अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति: मेदान एयरपोर्ट (इंडोनेशिया) और मकटन सेबू एयरपोर्ट (फिलीपींस)।
  • ग्रीनफील्ड परियोजनाओं का विकास: भोगापुरम (विशाखापट्टनम, भारत) और क्रेटे (ग्रीस)।
  • विमानन समाधान: GMR AERO ब्रांड के तहत रिटेल, ड्यूटी-फ्री, कार्गो और मेंटेनेंस सेवाएं।
  • भारत की सबसे बड़ी तीसरी-पक्ष MRO सुविधा: GMR एयर कार्गो और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग लिमिटेड।
  • तकनीकी नवाचार: GMR Innovex डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी समाधानों पर कार्य करता है।
  • एविएशन शिक्षा: GMR Aero Academy और GMR School of Aviation के माध्यम से भविष्य के विमानन पेशेवरों को प्रशिक्षित करना।

Groupe ADP – एक रणनीतिक भागीदार

  • Groupe ADP जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड का सह-प्रवर्तक है और पेरिस-शार्ल द गॉल, पेरिस-ऑरली और पेरिस-ले बुर्जे हवाई अड्डों का संचालन करता है।
  • 2023 में 336.4 मिलियन यात्रियों को संभाला।
  • हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और यात्री अनुभव को बेहतर बनाने में निवेश करता है।

यह पुरस्कार न केवल दिल्ली एयरपोर्ट की उत्कृष्ट सेवाओं को मान्यता देता है बल्कि इसे वैश्विक विमानन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करता है।

भारत दुबई में एफडीआई का शीर्ष स्रोत बन गया

भारत 2024 में दुबई में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का अग्रणी स्रोत बन गया है, जिसने अमेरिका, फ्रांस और यूके को पीछे छोड़ दिया है। फ़ाइनेंशियल टाइम्स लिमिटेड के ‘fDi मार्केट्स’ डेटा के अनुसार, दुबई लगातार चौथे वर्ष ग्रीनफील्ड एफडीआई परियोजनाओं के लिए दुनिया का शीर्ष गंतव्य बना हुआ है। दुबई के अनुकूल कारोबारी माहौल, कर नीति और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे ने निवेश और प्रतिभाओं को आकर्षित किया है, जिससे यह वैश्विक निवेश का प्रमुख केंद्र बन गया है।

मुख्य बिंदु

भारत की एफडीआई में बढ़त

  • 2024 में दुबई में कुल एफडीआई का 21.5% भारत से आया, जिससे भारत ने अमेरिका (13.7%), फ्रांस (11%), यूके (10%) और स्विट्जरलैंड (6.9%) को पीछे छोड़ दिया।

दुबई में एफडीआई वृद्धि (2024)

  • दुबई ने AED 52.3 बिलियन ($14.24 बिलियन) का एफडीआई आकर्षित किया, जो 2023 के AED 39.26 बिलियन ($10.69 बिलियन) से 33.2% की वृद्धि है।
  • शहर में 1,117 ग्रीनफील्ड एफडीआई परियोजनाएं स्थापित हुईं, जो अब तक की सबसे अधिक हैं।
  • कुल 1,826 एफडीआई परियोजनाओं की घोषणा की गई, जो 2023 की तुलना में 11% अधिक है।
  • एफडीआई से उत्पन्न नौकरियों की संख्या 31% बढ़कर 58,680 हो गई, जो 2023 में 44,745 थी।

दुबई की वैश्विक और क्षेत्रीय रैंकिंग

  • ग्रीनफील्ड एफडीआई परियोजनाओं में दुनिया में नंबर 1 स्थान।
  • ग्रीनफील्ड एफडीआई पूंजी आकर्षित करने में चौथा स्थान, 2023 में यह पाँचवें स्थान पर था।
  • मध्य पूर्व और अफ्रीका (MEA) में एफडीआई परियोजनाओं, पूंजी और नौकरियों में शीर्ष स्थान।
  • लगातार तीसरे वर्ष मुख्यालय (HQ) एफडीआई परियोजनाओं को आकर्षित करने में वैश्विक स्तर पर नंबर 1, 2024 में 50 मुख्यालय परियोजनाओं के साथ।

दुबई में प्रमुख निवेश क्षेत्र

  • व्यावसायिक सेवाएं
  • सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाएं
  • रियल एस्टेट
  • परिवहन और भंडारण
  • वित्तीय सेवाएं
  • औद्योगिक उपकरण
  • उपभोक्ता उत्पाद
  • संचार (कम्युनिकेशन)
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)
  • उन्नत सूचना प्रौद्योगिकी (AIT)
  • दुबई की वैश्विक एआईटी एफडीआई हिस्सेदारी 2023 में 7.3% से बढ़कर 2024 में 8% हो गई।

दुबई की आर्थिक दृष्टि और निवेशकों का विश्वास

  • हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम (यूएई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दुबई के शासक) के नेतृत्व में मजबूत वृद्धि।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) और दुबई इकोनॉमिक एजेंडा (D33) के तहत विकास।
  • नवाचार, स्टार्टअप इनक्यूबेशन, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और कम लागत वाली ऊर्जा समाधानों पर जोर।
  • वैश्विक रणनीतिक साझेदारियों के माध्यम से दुबई की निवेश क्षमता को बढ़ाना।

IIFL Finance ने महिला दिवस पर ‘शक्ति’ अखिल महिला शाखाएं शुरू कीं

भारत की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) में से एक, IIFL फाइनेंस ने महिला दिवस के अवसर पर अपनी सात शाखाओं को ‘शक्ति’ शाखाओं के रूप में पुनः ब्रांड किया। ये शाखाएँ दिल्ली-एनसीआर और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में स्थित हैं और पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित होंगी। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाना और कार्यस्थल में लैंगिक विविधता, समानता और समावेश (Diversity, Equity, Inclusion – DEI) को बढ़ावा देना है। IIFL फाइनेंस की यह पहल महिला उद्यमियों के समर्थन और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

प्रमुख बिंदु

‘शक्ति’ शाखाओं के बारे में

  • IIFL फाइनेंस ने सात मौजूदा शाखाओं को ‘शक्ति’ शाखाओं के रूप में पुनः ब्रांड किया।
  • ये शाखाएँ दिल्ली-एनसीआर और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में स्थित हैं।
  • संपूर्ण स्टाफ महिला पेशेवरों से युक्त होगा।
  • वित्तीय क्षेत्र में महिलाओं के लिए अधिक रोजगार अवसर प्रदान करने और लैंगिक विविधता को बढ़ाने का लक्ष्य।

पहल के उद्देश्य

  • सभी ग्राहकों को वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना, विशेष रूप से महिला उद्यमियों पर केंद्रित रहना।
  • महिला व्यापारियों के लिए वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) कार्यक्रम आयोजित करना।
  • महिलाओं को उनके व्यवसायों को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम संचालित करना।
  • छोटे, असंगठित, और बैंकिंग सेवाओं से वंचित ग्राहकों को वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) के दायरे में लाना।

इस पहल का महत्व

  • महिला उद्यमियों के भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान को मान्यता देना।
  • वित्तीय क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और समावेशन को बढ़ावा देना।
  • महिलाओं को वित्तीय संसाधनों और प्रशिक्षण तक बेहतर पहुँच प्रदान करके उनका सशक्तिकरण करना।
  • IIFL फाइनेंस के लक्ष्य – भारत में वंचित ग्राहकों को सेवाएँ प्रदान करने – के साथ संरेखित।
सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? IIFL फाइनेंस ने महिला दिवस पर ‘शक्ति’ ऑल-वुमेन शाखाएँ लॉन्च कीं
पहल सात IIFL फाइनेंस शाखाओं को ‘शक्ति’ शाखाओं के रूप में पुनः ब्रांड किया गया
स्थान दिल्ली-एनसीआर और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR)
स्टाफिंग पूरी तरह से महिला पेशेवरों द्वारा संचालित
उद्देश्य लैंगिक विविधता, वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना
प्रदान की जाने वाली सेवाएँ वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम, महिला उद्यमियों के लिए कौशल विकास, छोटे व्यवसायों को ऋण सुविधा
लक्षित ग्राहक सभी ग्राहक, विशेष रूप से महिला उद्यमी और वंचित समुदाय
महत्व महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का समर्थन और भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा

ICICI Bank ने कमल वली को सुरक्षा परिचालन प्रमुख नियुक्त किया

ICICI बैंक ने कमल वली को अपने सुरक्षा संचालन केंद्र (Security Operations Center – SOC) के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है, जिससे बैंक की साइबर सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को बल मिलता है। साइबर सुरक्षा और आईटी संचालन में 18 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, कमल वली बैंक के डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा रणनीतियों का नेतृत्व करेंगे। उनकी नियुक्ति ICICI बैंक के ग्राहक डेटा की सुरक्षा और सुरक्षित बैंकिंग संचालन सुनिश्चित करने की सक्रिय और रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, खासकर बढ़ते साइबर खतरों के मद्देनज़र।

प्रमुख बिंदु

नियुक्ति और भूमिका

कमल वली को ICICI बैंक के सुरक्षा संचालन केंद्र (SOC) का प्रमुख नियुक्त किया गया।

उनकी जिम्मेदारियों में शामिल हैं:

  • बैंक की सुरक्षा संचालन और जोखिम न्यूनीकरण (risk mitigation) रणनीतियों की देखरेख।
  • साइबर सुरक्षा ढांचे को मज़बूत बनाना और डिजिटल संरचना को सशक्त करना।
  • ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा और सुरक्षित बैंकिंग सेवाओं को सुनिश्चित करना।

अनुभव और पूर्व भूमिकाएँ

साइबर सुरक्षा और आईटी संचालन में 18+ वर्षों का अनुभव।

विभिन्न प्रमुख कंपनियों में नेतृत्व पदों पर कार्य किया, जिनमें शामिल हैं:

  • जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड
  • विप्रो (Wipro)
  • आईबीएम (IBM)
  • इनटेक्स टेक्नोलॉजीज़
  • स्पैंको टेली-सिस्टम्स

सुरक्षा ढांचे, जटिल प्रोजेक्ट कार्यान्वयन और परिचालन सुरक्षा रणनीतियों में विशेषज्ञता।

ICICI बैंक की साइबर सुरक्षा रणनीति

  • डिजिटल खतरों के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए साइबर सुरक्षा को और मज़बूत करना।
  • ग्राहक लेनदेन और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • डिजिटल बुनियादी ढांचे में भरोसे और सुरक्षा को बढ़ावा देना।

INS Imphal ने भारत-मॉरीशस संबंधों को मजबूत किया

भारत अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को मज़बूत करने के लिए मॉरीशस के साथ व्हाइट शिपिंग समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहा है। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान संपन्न होने की उम्मीद है। इसके तहत भारतीय और मॉरीशस की नौसेनाओं व तटरक्षक बलों के बीच वाणिज्यिक जहाजों की जानकारी साझा की जाएगी, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी क्षमता बढ़ेगी। यह कदम बढ़ती चीनी गतिविधियों और बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

समुद्री सुरक्षा समझौता

  • भारत और मॉरीशस व्हाइट शिपिंग समझौते पर काम कर रहे हैं, जिससे वाणिज्यिक जहाजों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी
  • यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री निगरानी क्षमताओं को मज़बूत करेगा
  • समझौता दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ाएगा

 INS इम्फाल की मॉरीशस यात्रा

  • भारतीय युद्धपोत INS इम्फाल 10 मार्च 2025 को पहली बार मॉरीशस के बंदरगाह पर पहुंचा
  • यह 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे
  • INS इम्फाल मॉरीशस तटरक्षक बल (MCGS) के साथ संयुक्त गश्त और सैन्य अभ्यास करेगा

भारत-मॉरीशस संबंधों का रणनीतिक महत्व

  • यह समझौता भारत की ‘SAGAR’ (Security and Growth for All in the Region) नीति के तहत आता है, जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था
  • भारत ने हमेशा मॉरीशस के चागोस द्वीपसमूह पर संप्रभुता के दावे का समर्थन किया है, जो अभी भी ब्रिटेन के नियंत्रण में है
  • भारत ने मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर हवाई पट्टियों और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास में सहायता की है
  • चीन की हिंद महासागर में बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए, भारत मॉरीशस के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना चाहता है

भू-राजनीतिक संदर्भ – चागोस द्वीप विवाद

  • मॉरीशस को 1968 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली, लेकिन ब्रिटेन ने चागोस द्वीपसमूह पर नियंत्रण बनाए रखा
  • चागोस के सबसे बड़े द्वीप डिएगो गार्सिया पर 1966 से अमेरिकी सैन्य अड्डा स्थित है
  • 2021 में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाया कि ब्रिटेन को चागोस द्वीप मॉरीशस को लौटाने चाहिए, लेकिन ब्रिटेन डिएगो गार्सिया को अपने नियंत्रण में बनाए रखना चाहता है
  • भारत, जिसे पहले डिएगो गार्सिया पर अमेरिकी सैन्य अड्डे की स्थापना की जानकारी नहीं थी, अब इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा भूमिका को और मज़बूत करना चाहता है

निष्कर्ष

भारत और मॉरीशस के बीच बढ़ता रक्षा सहयोग हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। व्हाइट शिपिंग समझौता, INS इम्फाल की भागीदारी, और चागोस द्वीपसमूह पर भारत का समर्थन, इन सभी पहलुओं से भारत की समुद्री रणनीति को एक नई दिशा मिलेगी

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