संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘गैर-स्वशासी क्षेत्रों के लोगों के साथ एकजुटता का अंतरराष्ट्रीय सप्ताह’ हर वर्ष 25 से 31 मई तक मनाया जाता है। इसका उद्देश्य उपनिवेशवाद समाप्त करने और आत्म-निर्णय के अधिकार को सुदृढ़ करना है। यह पहल उन लोगों की स्थिति पर प्रकाश डालती है जो अब भी पूर्ण स्व-शासन प्राप्त नहीं कर पाए हैं, और उनके राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाती है। यह सप्ताह संवाद, सहयोग और एकजुटता को बढ़ावा देता है ताकि संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धांतों को सभी के लिए लागू किया जा सके।
क्यों चर्चा में?
संयुक्त राष्ट्र महासभा 25–31 मई 2024 को ‘गैर-स्वशासी क्षेत्रों के लोगों के साथ एकजुटता का अंतरराष्ट्रीय सप्ताह’ मना रही है। यह आयोजन उपनिवेशवाद समाप्त करने की वैश्विक कोशिशों का हिस्सा है। यह सप्ताह वर्ष 1999 से मनाया जा रहा है और अब भी मौजूद 17 गैर-स्वशासी क्षेत्रों के अधिकारों, जरूरतों और आकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करता है।
पृष्ठभूमि एवं ऐतिहासिक संदर्भ
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यह सप्ताह 6 दिसंबर 1999 को महासभा के प्रस्ताव A/RES/54/91 द्वारा स्थापित किया गया था।
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संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, गैर-स्वशासी क्षेत्र वे होते हैं “जहाँ के लोग अभी तक पूर्ण रूप से स्व-शासित नहीं हो पाए हैं।”
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1946 में 72 क्षेत्रों की जानकारी संयुक्त राष्ट्र को दी गई थी; जिनमें से अधिकांश अब स्वतंत्र हो चुके हैं।
वर्तमान (2024) में 17 गैर-स्वशासी क्षेत्र
इनमें शामिल हैं:
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वेस्टर्न सहारा
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जिब्राल्टर
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बरमूडा
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गुआम
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अमेरिकन समोआ
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फॉकलैंड द्वीप
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केमैन द्वीप
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आदि
उद्देश्य
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जागरूकता बढ़ाना: इन क्षेत्रों की समस्याओं और संघर्षों के बारे में वैश्विक जागरूकता फैलाना।
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आत्म-निर्णय का समर्थन: स्व-शासन का अधिकार पुनः पुष्टि करना।
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वैश्विक समर्थन जुटाना: राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन को प्रेरित करना।
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संवाद और सहयोग: देशों, संयुक्त राष्ट्र निकायों, नागरिक समाज और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के बीच।
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कार्रवाई के लिए प्रेरित करना: ठोस नीतियों और मदद को प्रोत्साहित करना।
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प्रगति की समीक्षा: स्वशासन के प्रयासों, चुनौतियों और उपलब्धियों का मूल्यांकन।
महत्त्व
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ऐतिहासिक उपनिवेशीय अन्यायों को संबोधित करता है।
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सतत विकास, राजनीतिक सशक्तिकरण और सांस्कृतिक संरक्षण को बढ़ावा देता है।
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संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक शांति और अधिकारों के संरक्षक के रूप में भूमिका को उजागर करता है।