DRDO ने विकसित किए नयी पी­ढ़ी के ‘मैन-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवॉटर व्हीकल’

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने वास्तविक समय में बारूदी सुरंग जैसी वस्तुओं का पता लगाने के लिए नयी पी­ढ़ी के ‘मैन-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल (एमपी-एयूवी)’ विकसित किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने 14 नवंबर 2025 को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि इस प्रणाली में पानी के भीतर चलने वाले कई स्वायत्त वाहन (एयूवी) शामिल हैं, जो वास्तविक समय में बारूदी सुरंग जैसी वस्तुओं का पता लगाने में सक्षम साइड स्कैन सोनार और अत्याधुनिक कैमरों से लैस हैं।

मंत्रालय ने कहा कि ‘एमपी-एयूवी’ के ‘डीप र्लिनंग’ आधारित एल्गोरिद्म इस प्रणाली को स्वायत्त रूप से अलग-अलग तरह के लक्ष्यों को पहचानने में सक्षम बनाते हैं, जिससे संचालक पर काम का बोझ और मिशन को पूरा करने में लगने वाला समय काफी कम हो जाता है। मंत्रालय के अनुसार, एमपी-एयूवी का निर्माण डीआरडीओ की विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) ने किया है।

मुख्य विशेषताएँ: कॉम्पैक्ट, स्मार्ट और नेटवर्क-सक्षम

MP-AUV सिस्टम कई हल्के, पोर्टेबल अंडरवॉटर ड्रोन से मिलकर बना है, जिनमें निम्न तकनीकें शामिल हैं—

  • साइड स्कैन सोनार – समुद्री तल की विस्तृत इमेजिंग के लिए

  • अंडरवॉटर कैमरे – दृश्य पुष्टि (visual confirmation) के लिए

  • डीप लर्निंग आधारित टार्गेट रिकग्निशन – माइंस जैसे ऑब्जेक्ट्स (MLOs) की रियल-टाइम पहचान के लिए

  • अंडरवॉटर एकाउस्टिक कम्युनिकेशन – कई AUVs के बीच सुरक्षित डेटा साझा करने और टीम-कोऑर्डिनेशन के लिए

इन उन्नत तकनीकों के कारण यह सिस्टम काफी हद तक स्वायत्त (autonomous) है और बेहद कम मानव हस्तक्षेप के साथ मिशन पूरा कर सकता है। इससे ऑपरेटर का कार्यभार कम होता है और मिशन का समय घटता है।

फील्ड ट्रायल्स: मिशन उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया

MP-AUV सिस्टम को NSTL/हार्बर में कठोर परीक्षणों से गुजारा गया, जिसमें इसके प्रदर्शन और मिशन क्षमताओं का सत्यापन हुआ। ट्रायल्स में पाया गया—

  • पानी के भीतर माइंस की सटीक पहचान और वर्गीकरण

  • अंडरवॉटर कम्युनिकेशन के जरिए मल्टी-AUV तालमेल

  • माइन्स काउंटरमेज़र से जुड़े सभी प्रमुख मिशन उद्देश्यों की सफल प्राप्ति

सफल परीक्षणों के बाद यह सिस्टम अब कुछ ही महीनों में उत्पादन के लिए तैयार होने की संभावना है, जिसमें भारतीय रक्षा उद्योग की सक्रिय भागीदारी होगी।

रणनीतिक महत्व

DRDO के चेयरमैन एवं रक्षा अनुसंधान सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने इसे भारत की अंडरवॉटर रक्षा तकनीक में “एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर” बताया। उन्होंने कहा कि MP-AUV सिस्टम प्रदान करता है—

  • माइंस से घिरे क्षेत्रों में तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता

  • नौसैनिक कर्मियों के लिए कम जोखिम

  • छोटा लॉजिस्टिक फुटप्रिंट—क्योंकि सिस्टम बेहद कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल है

  • भविष्य के नौसैनिक अभियानों के लिए बुद्धिमान, स्वचालित और नेटवर्क-आधारित समाधान

यह उपलब्धि समुद्री क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक को मजबूत करने का एक बड़ा कदम है।

स्थैतिक तथ्य

  • विकसित करने वाला संगठन: नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लेबोरेटरी (NSTL), विशाखापट्टनम

  • मूल एजेंसी: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)

  • प्रणाली का नाम: मैन-पोर्टेबल ऑटोनॉमस अंडरवॉटर व्हीकल्स (MP-AUVs)

  • मुख्य उपयोग: माइन काउंटरमेज़र (MCM) मिशन

  • प्रयुक्त प्रमुख तकनीकें:

    • साइड स्कैन सोनार

    • अंडरवॉटर कैमरे

    • डीप लर्निंग-आधारित टार्गेट रिकग्निशन

    • अंडरवॉटर एकॉस्टिक कम्युनिकेशन

  • सफल परीक्षण स्थल: NSTL/हार्बर

  • अनुमानित उत्पादन समयसीमा: अगले कुछ महीनों के भीतर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए की भारी जीत, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) के नतीजों ने एक बार फिर राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की जबरदस्त बढ़त को साबित कर दिया है। 243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए ने रिकॉर्ड 202 सीटों पर जीत हासिल की, जो बहुमत के आंकड़े 122 से काफी अधिक है। यह परिणाम बिहार की राजनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है और गठबंधन की मजबूत पकड़ को प्रदर्शित करता है।

अंतिम सीटों का गणित: एनडीए का दबदबा

  • भारतीय जनता पार्टी (BJP): 89 सीटें

  • जनता दल (यूनाइटेड) – JD(U): 85 सीटें

  • लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) – LJPRV: 19 सीटें

  • राष्ट्रवादी जनता दल (RJD): 25 सीटें

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC): 6 सीटें

  • AIMIM: 5 सीटें

  • हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से.) – HAMS: 5 सीटें

  • राष्ट्रीय लोक मोर्चा – RSHTLKM: 4 सीटें

  • CPI(ML) लिबरेशन: 2 सीटें

  • CPI(M): 1 सीट

  • इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (IIP): 1 सीट

  • बहुजन समाज पार्टी (BSP): 1 सीट

BJP की 89 सीटें उसे सबसे बड़ी पार्टी बनाती हैं, जबकि JD(U) की 85 सीटें गठबंधन की सामूहिक शक्ति को रेखांकित करती हैं। इसके विपरीत, महागठबंधन (RJD + कांग्रेस) को मात्र 34 सीटों पर सिमटना भारी गिरावट को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया और ‘MY फार्मूला’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नतीजों को लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की जीत बताया। उन्होंने कहा कि बिहार अब “जंगल राज” की राजनीति से आगे बढ़ चुका है।

मोदी ने अपनी जीत का श्रेय नए ‘MY फार्मूला’—Mahila (महिला) + Youth (युवा) को दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएँ और युवा इस चुनाव में निर्णायक शक्ति बनकर उभरे हैं।

महिला वोटरों की ऐतिहासिक भागीदारी

इस चुनाव की सबसे उल्लेखनीय बात रहा 71.6% महिला मतदान, जो बिहार के इतिहास में सर्वाधिक है।

  • बिहार की 7.4 करोड़ मतदाता आबादी में लगभग आधी महिलाएँ हैं।

  • महिलाओं को लक्षित कल्याणकारी योजनाएँ—जैसे आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य लाभ, और छात्रवृत्ति—BJP और JD(U) दोनों के लिए बेहद लाभदायक साबित हुईं।

विश्लेषकों का मानना है कि महिला मतदाताओं ने इस बार सत्ता की दिशा तय कर दी।

बिहार की राजनीति में नया अध्याय

यह चुनाव बिहार के दो बड़े नेताओं—नीतीश कुमार (JD(U)) और लालू प्रसाद यादव (RJD)—की अंतिम राजनीतिक लड़ाई भी साबित हो सकती है। दोनों 70 वर्ष के पार हैं और स्वास्थ्य कारणों से अब पीछे हट सकते हैं।

इससे बिहार में नई पीढ़ी के नेतृत्व के उदय का रास्ता खुल सकता है।

स्थिर तथ्य (Static GK)

  • बिहार विधानसभा सीटें: 243

  • बहुमत का आंकड़ा: 122

  • पहले विधानसभा चुनाव: 1951–52

  • राजधानी: पटना

  • संभावित मुख्यमंत्री (2025): नीतीश कुमार (JD(U))

  • बिहार के राज्यपाल (2025): राजेंद्र अर्लेकर

जानें कौन हैं सालूमरदा थिमक्का, जिन्‍हें कहा जाता है ‘पेड़ों की मां’

सालूमरदा थिमक्का का जीवन भारत में पर्यावरण संरक्षण का सबसे प्रेरक उदाहरण माना जाता है। 114 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया, लेकिन वे पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गईं जो प्रेम, धैर्य और प्रकृति से गहरे जुड़ाव पर आधारित है। कर्नाटक की सड़कों पर सैकड़ों बरगद के वृक्ष लगाने और पालने के उनके कार्य ने साबित किया कि दृढ़ संकल्प के साथ एक साधारण व्यक्ति भी धरती को हराभरा बना सकता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन सकता है।

प्रारंभिक जीवन और सरल शुरुआत

थिमक्का का जन्म कर्नाटक के तुमकूरु ज़िले के गुब्बी तालुक में हुआ था। साधारण परिवार, सीमित शिक्षा और आर्थिक कठिनाइयों के बीच पले-बढ़े होने के बावजूद वे ग्रामीण मूल्यों और प्रकृति से जुड़ी रहीं।

मुख्य बिंदु

  • जन्म: तुमकूरु ज़िले में एक सामान्य परिवार में

  • विवाह: हुलेकल गांव के बिक्कल चिक्कैय्या से

  • निःसंतानता ने उनके पर्यावरण मिशन की प्रेरणा का रूप लिया

राज्य राजमार्ग 94 पर ऐतिहासिक वृक्षारोपण

अपनी व्यक्तिगत पीड़ा को मिशन में बदलते हुए थिमक्का और उनके पति ने कई दशकों तक कुदूर से हुलेकल के बीच राज्य राजमार्ग 94 (SH-94) पर 385 बरगद के पेड़ लगाए और बच्चों की तरह उनकी देखभाल की।

वृक्षारोपण का महत्व

  • पेड़ों को पानी, सुरक्षा और संरक्षण के लिए समर्पित जीवन

  • प्रमुख राजमार्ग पर हरित आवरण में वृद्धि

  • इसी काम के लिए मिला उपनाम: “सालूमरदा” (कन्नड़ में अर्थ: पेड़ों की कतार)

सम्मान, पुरस्कार और वैश्विक पहचान

शिक्षा न होने के बावजूद थिमक्का के असाधारण योगदान ने उन्हें भारत की सबसे सम्मानित पर्यावरण कार्यकर्ताओं की सूची में शामिल कर दिया।

मुख्य सम्मान

  • पद्मश्री (2019) — सामाजिक कार्य व पर्यावरण संरक्षण के लिए

  • कई राज्य और राष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार

  • पारिस्थितिकी में योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट

  • लोकप्रिय उपनाम: “वृक्ष माता” (Mother of Trees)

अंतिम दिन और निधन

अंतिम महीनों में थिमक्का कमजोरी और भूख कम होने के कारण कई बार अस्पताल में भर्ती हुईं। हल्का सुधार होने के बावजूद उन्होंने 14 नवंबर 2025 को बेंगलुरु स्थित एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।

शोक संदेश और श्रद्धांजलियाँ

उनके निधन पर नेताओं, पर्यावरणविदों और नागरिकों ने गहरा शोक व्यक्त किया।

मुख्य प्रतिक्रियाएँ

  • कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने उन्हें “अमर” कहा और उनके कार्यों की अनूठी सेवा का स्मरण किया

  • पर्यावरण मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि थिम्मक्का ने बिना औपचारिक शिक्षा के भी दुनिया को बड़ा संदेश दिया

  • पूरे कर्नाटक में लोग उन्हें सामुदायिक पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा के रूप में याद कर रहे हैं

निरंतर जीवित रहने वाली विरासत

थिमक्का का जीवन आज भी स्कूलों, आंदोलनों, नीतियों और समुदायों को प्रेरित करता है।

उनकी विरासत में शामिल हैं:

  • आज भी फल-फूल रहे 385 बरगद के पेड़

  • उनके नाम पर बने बॉटनिकल गार्डन और शहरी वन

  • पर्यावरण के प्रति सामुदायिक जागरूकता का बढ़ता अभियान

  • यह संदेश कि एक व्यक्ति भी पर्यावरण में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है

वायुसेना प्रमुख ने लद्दाख में न्योमा एयरबेस का उद्घाटन किया

पूर्वी लद्दाख में चीन की सीमा के पास न्योमा एयरबेस को 12 नवंबर 2025 को फिर से शुरू किया गया। भारतीय वायुसेना प्रमुख चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से सी-130जे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाकर न्योमा एयरबेस में लैंडिंग की। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल एपी सिंह ने 13,700 फीट की ऊँचाई पर बने 2.7 किमी लंबे रनवे पर C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान उतारकर इस ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित किया—जो उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारत की बढ़ती वायु शक्ति और अत्याधुनिक अवसंरचना को दर्शाता है।

न्योमा एयरबेस का सामरिक महत्व

LAC से मात्र 23 किमी की दूरी पर स्थित यह एयरबेस चीन के साथ संवेदनशील सीमा क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को कई मायनों में बढ़ाता है।

यह एयरबेस महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा—

  • सीमा के पास लड़ाकू विमानों व परिवहन विमानों की तैनाती में

  • फॉरवर्ड लोकेशन्स को हवाई लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में

  • निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाने में

  • लद्दाख के संवेदनशील क्षेत्रों में रीयल-टाइम मॉनिटरिंग व फोर्स प्रोजेक्शन में

एयरबेस की प्रमुख विशेषताएँ

  • रनवे लंबाई: 2.7 किमी

  • ऑपरेशनल क्षमता: फाइटर जेट, C-130J जैसे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, व हेलिकॉप्टरों का संचालन

  • अवसंरचना: एटीसी (ATC), हैंगर, हार्ड स्टैंडिंग और अन्य तकनीकी सहायक सुविधाएँ

इन खूबियों के साथ न्योमा एयरबेस भारतीय वायुसेना के सबसे उन्नत उच्च-ऊंचाई वाले ठिकानों में शामिल हो गया है, जो तेज़ी से सैन्य जुटाव और ऑपरेशनल पहुँच बढ़ाने में गेम-चेंजर साबित होगा।

पृष्ठभूमि और परियोजना समयरेखा

  • यह परियोजना 2020 के बाद भारत-चीन सैन्य तनाव के जवाब में शुरू किए गए सीमा अवसंरचना उन्नयन का हिस्सा है।

  • सितंबर 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न्योमा एयरबेस के उन्नयन की आधारशिला रखी।

  • निर्माण कार्य BRO (बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन) ने किया, जिसकी कमान महिला अधिकारियों ने संभाली—यह स्वयं में अभूतपूर्व उपलब्धि है।

  • BRO प्रमुख ले. जनरल रघु श्रीनिवासन ने इसे लद्दाख सेक्टर की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक बताया।

भारत-चीन सीमा तनाव में भूमिका

2020 में शुरू हुए गतिरोध के बाद भारत ने त्वरित गति से सीमा अवसंरचना विकसित की ताकि—

  • सैनिकों और संसाधनों की तेज़ आवाजाही सुनिश्चित हो

  • उपकरणों की शीघ्र तैनाती हो

  • सैन्य और नागरिक लॉजिस्टिक्स और मजबूत हो

2024 में गतिरोध समाप्त होने के बाद भारतीय सेना ने देमचोक औरDepsang क्षेत्रों में पुनः गश्त शुरू की। न्योमा एयरबेस अब इस रणनीतिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने का मुख्य केंद्र बनेगा।

महिला-नेतृत्व वाली इंजीनियरिंग उत्कृष्टता

न्योमा एयरबेस का निर्माण BRO की महिला अधिकारियों द्वारा नेतृत्व में पूरा होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। कठिनतम भूभाग और मौसम की परिस्थितियों में उनके नेतृत्व ने राष्ट्रीय रक्षा अवसंरचना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया है।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • एयरबेस नाम: मुढ़-न्योमा एयर फोर्स स्टेशन

  • स्थान: पूर्वी लद्दाख, LAC से 23 किमी

  • ऊँचाई: 13,700 फीट

  • उद्घाटन तिथि: 12 नवंबर 2025

  • उद्घाटनकर्ता: एयर चीफ़ मार्शल ए. पी. सिंह

  • मुख्य विमान: C-130J, फाइटर जेट्स, हेलिकॉप्टर

  • परियोजना लागत: ₹218 करोड़

  • रनवे लंबाई: 2.7 किमी

  • निर्माण एजेंसी: बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO)

बेल्जियम और नीदरलैंड 2026 FIH Hockey World Cup की संयुक्त मेजबानी करेंगे

2026 FIH हॉकी विश्व कप अंतरराष्ट्रीय फील्ड हॉकी के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। पहली बार बेल्जियम और नीदरलैंड संयुक्त रूप से पुरुषों और महिलाओं—दोनों वर्गों—के टूर्नामेंट की सह-मेजबानी करेंगे। यह महाआयोजन 15 से 30 अगस्त 2026 तक चलेगा, जिसमें प्रत्येक श्रेणी में 16-16 टीमें नई प्रतिस्पर्धी संरचना के तहत रोमांचक मुकाबलों में हिस्सा लेंगी। इस संस्करण की एक ऐतिहासिक विशेषता यह भी है कि इसमें पहली बार पैराहॉकी विश्व कप भी शामिल किया जाएगा, जिससे यह अब तक के सबसे समावेशी FIH टूर्नामेंटों में से एक बन जाएगा।

द्वि-मेजबान स्थल: वाव्रे और एम्स्टर्डम

मैच दो विश्व-स्तरीय स्टेडियमों में खेले जाएंगे—

  • बेल्फियस हॉकी एरेना, वाव्रे (बेल्जियम)

  • वागेनर स्टेडियम, एम्स्टर्डम (नीदरलैंड)

पुरुषों का फाइनल वाव्रे में जबकि महिलाओं का फाइनल एम्स्टर्डम में होगा। दोनों देशों की मजबूत हॉकी विरासत और घरेलू समर्थन इस टूर्नामेंट को और भी भव्य बनाएंगे।

नया प्रारूप: समूह चरणों की नई प्रणाली

2026 संस्करण में पहली बार संशोधित प्रतियोगिता प्रारूप अपनाया गया है—

  • पुरुष एवं महिला, दोनों वर्गों में 16-16 टीमें, चार समूहों में विभाजित होंगी।

  • प्रत्येक समूह की शीर्ष दो टीमें दूसरे समूह चरण में पहुँचेंगी, जहाँ पहले खेले गए मैचों के परिणाम भी साथ ले जाए जाएँगे।

  • इसके पश्चात सेमीफ़ाइनलिस्ट और अन्य रैंकिंग तय होंगी।

  • जो टीमें मुख्य चरण में आगे नहीं बढ़ पाएँगी, वे वैकल्पिक समूहों में स्थान-निर्धारण मुकाबले खेलेंगी।

यह नया मॉडल टूर्नामेंट में लंबे समय तक रोमांच बनाए रखने और सभी टीमों को समान अवसर देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

भाग लेने वाले देश एवं क्वालिफिकेशन

कई टीमों ने पहले ही अपनी जगह पक्की कर ली है, जिनमें मेज़बान बेल्जियम और नीदरलैंड भी शामिल हैं। बाकी टीमें—

  • महाद्वीपीय चैम्पियनशिप

  • 2026 की शुरुआत में होने वाले प्लेऑफ़

के माध्यम से क्वालिफाई करेंगी। टूर्नामेंट का आधिकारिक ड्रॉ मार्च 2026 में आयोजित होगा।

पैराहॉकी विश्व कप: पहली बार शामिल

2026 का एक बड़ा आकर्षण है पहला FIH ParaHockey World Cup, जो मुख्य टूर्नामेंट के साथ ही आयोजित होगा।

  • फोकस: बौद्धिक विकलांगता वाले एथलीट

  • स्थल: वाव्रे और एम्स्टर्डम (मुख्य टूर्नामेंट के समान)

  • उद्देश्य: हॉकी में विविधता, समावेश और समानता को बढ़ावा देना

यह पहल दिखाती है कि FIH हॉकी को अधिक समावेशी और सभी क्षमताओं का उत्सव बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • टूर्नामेंट नाम: 2026 FIH हॉकी विश्व कप

  • तिथियाँ: 15–30 अगस्त 2026

  • मेज़बान राष्ट्र: बेल्जियम और नीदरलैंड

  • मुख्य स्थल: बेल्फियस हॉकी एरेना (वाव्रे) एवं वागेनर स्टेडियम (एम्स्टर्डम)

  • टीमें: 16 पुरुष + 16 महिला

  • प्रारूप: द्वि-समूह प्रगति प्रणाली, परिणाम अगले चरण में भी जारी

RBI ने नियामक उल्लंघनों के लिए तीन सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया

सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और ज़िम्मेदारी को लेकर मजबूत संकेत देते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने तीन सहकारी बैंकों पर महत्वपूर्ण मौद्रिक दंड लगाए हैं। यह कार्रवाई Co-op Kumbh 2025 (नई दिल्ली) के दौरान हुई—एक अंतरराष्ट्रीय सहकारी क्रेडिट सम्मेलन, जहाँ डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन और पारदर्शिता प्रमुख विषय थे।

जुर्माना लगाए गए बैंक और उनके उल्लंघन

1. मुंबई जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र

  • जुर्माना: ₹2 लाख

  • उल्लंघन: बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 20 का उल्लंघन

    • धारा 20: बैंक को अपने निदेशकों या उनसे संबंधित संस्थाओं को ऋण देने से रोकती है।

    • यह प्रावधान हितों के टकराव और धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

2. करैकुडी को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु

  • जुर्माना: ₹1.5 लाख

  • उल्लंघन: RBI के निम्न निर्देशों का पालन न करना—

    • कैपिटल एडिक्वेसी हेतु प्रूडेंशियल नॉर्म्स (Urban Co-op Banks के लिए)

    • KYC दिशानिर्देश

    • ये मानदंड पूंजी की मजबूती बनाए रखने और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए आवश्यक हैं।

3. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक लिमिटेड, एलुरु, आंध्र प्रदेश

  • जुर्माना: ₹50,000

  • उल्लंघन: KYC अनुपालन में चूक

  • दंड धारा 47A(1)(c) तथा धारा 46(4)(i) और धारा 56 के तहत लगाया गया।

संबंधित कानूनी प्रावधान

  • धारा 20: निदेशकों/संबंधित पक्षों को ऋण देने पर रोक

  • धारा 47A(1)(c): RBI को दंडात्मक कार्रवाई की शक्ति देता है

  • धारा 46(4)(i) और 56: सहकारी बैंकों पर लागू दंड के प्रावधान

इनका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में अनुशासन, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है।

RBI की कार्रवाई का महत्व

यह कदम RBI की सख्त नियामक सतर्कता को दर्शाता है—एक ऐसा क्षेत्र जिसने अक्सर कमजोर गवर्नेंस और कमज़ोर अनुपालन के लिए आलोचना झेली है।

मुख्य संदेश:

  • पूंजी पर्याप्तता के मानकों का पालन अनिवार्य

  • KYC नियमों का पालन वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए ज़रूरी

  • संबंधित-पक्ष लेनदेन से बचना गवर्नेंस के लिए आवश्यक

Co-op Kumbh 2025 के दौरान यह कार्रवाई और भी प्रासंगिक हो जाती है, जहाँ शहरी सहकारी क्रेडिट संस्थाओं के भविष्य पर चर्चा हो रही थी।

सहकारी क्षेत्र के लिए चेतावनी

ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में वित्तीय समावेशन में सहकारी बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में नियमों का पालन न करना गंभीर चिंता का विषय है। RBI का यह संदेश साफ है—अपालन किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं।

यह घटना बैंकिंग प्रतियोगी परीक्षाओं और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों के लिए भी महत्वपूर्ण है, विशेषकर—

  • अनुपालन (Compliance)

  • KYC/AML

  • जोखिम प्रबंधन

Static Facts (स्थिर तथ्य)

  • जुर्माना तिथि: 6 नवंबर 2025

  • जुर्माना लगे बैंक:

    • मुंबई डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑप बैंक – ₹2 लाख

    • करैकुडी को-ऑप टाउन बैंक – ₹1.5 लाख

    • एलुरु डिस्ट्रिक्ट को-ऑप सेंट्रल बैंक – ₹50,000

  • मुख्य कानूनी धाराएँ: 20, 47A(1)(c), 46(4)(i), 56

  • मुख्य उल्लंघन: निदेशकों को ऋण, KYC चूक, कैपिटल एडिक्वेसी नॉर्म्स का उल्लंघन

  • प्रसंग: Co-op Kumbh 2025, नई दिल्ली

  • नियामक संस्था: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)

UAE ने रिकॉर्ड समय में पहली बार डिजिटल दिरहम लेनदेन को अंजाम दिया

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) डिजिटल दिरहम का उपयोग करके अपना पहला सरकारी लेनदेन दो मिनट से भी कम समय में पूरा करके इतिहास रच दिया है। यह बिजली की गति से होने वाला डिजिटल भुगतान यूएई के वैश्विक डिजिटल वित्त केंद्र बनने के मिशन में एक बड़ी छलांग है। यह लेनदेन एमब्रिज प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया गया, जो देश की अगली पीढ़ी के वित्तीय बुनियादी ढांचे को अपनाने की तत्परता को दर्शाता है।

डिजिटल दिरहम क्या है?

डिजिटल दिरहम, यूएई की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा है, जिसे यूएई के केंद्रीय बैंक (सीबीयूएई) द्वारा जारी किया जाता है। यह देश के व्यापक वित्तीय अवसंरचना परिवर्तन (एफआईटी) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे पारदर्शिता, दक्षता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत, यह सीबीडीसी सरकार समर्थित और पूरी तरह से विनियमित है। यह सार्वजनिक संस्थानों के बीच सुरक्षित, रीयल-टाइम लेनदेन सुनिश्चित करता है और अंततः संयुक्त अरब अमीरात भर के नागरिकों और व्यवसायों द्वारा इसका उपयोग किया जा सकता है।

ऐतिहासिक लेनदेन

यूएई के वित्त मंत्रालय और दुबई वित्त विभाग ने 12 नवंबर 2025 को सफलतापूर्वक देश का पहला डिजिटल दिरहम लेनदेन पूरा किया। mBridge डिजिटल सेटलमेंट प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके किया गया यह भुगतान दो मिनट से भी कम समय में संपन्न हुआ, जो प्रणाली की उच्च दक्षता और तकनीकी तैयारी को दर्शाता है।

हालाँकि लेनदेन की सटीक प्रकृति सार्वजनिक नहीं की गई, लेकिन अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि इस पायलट की सफलता साबित करती है कि डिजिटल दिरहम सरकारी कार्यप्रणालियों को सरल बनाने, कागज़ी प्रक्रियाओं को कम करने और फंड ट्रांसफ़र में होने वाली देरी को समाप्त करने की अपार क्षमता रखता है।

mBridge प्लेटफ़ॉर्म क्या है?

mBridge एक बहु-केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (Multi-CBDC) सेटलमेंट सिस्टम है, जिसे एशिया और मध्य पूर्व के कई केंद्रीय बैंकों के सहयोग से विकसित किया गया है। यह प्लेटफ़ॉर्म विभिन्न देशों द्वारा जारी की गई डिजिटल मुद्राओं का उपयोग करके तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है।

यूएई की इसमें भागीदारी यह दर्शाती है कि वह वैश्विक वित्तीय नवाचार को अपनाने और भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने के लिए कितनी सक्रिय और प्रतिबद्ध है।

व्यापक वित्तीय विनियमों के अनुरूप

डिजिटल दिरहम परियोजना, डिजिटल परिसंपत्तियों (Digital Assets) को लेकर यूएई द्वारा अपनाए गए सख्त नियामक ढांचे के अनुरूप है। मार्च 2023 से, यूएई के केंद्रीय बैंक ने यह अनिवार्य किया है कि सभी स्टेबलकॉइन उच्च-गुणवत्ता वाली तरल परिसंपत्तियों (High-quality Liquid Assets) द्वारा पूरी तरह समर्थित हों और उनका नियमित एवं कठोर ऑडिट किया जाए।

अप्रैल 2023 में, अबू धाबी की प्रमुख संस्थाओं—IHC, ADQ और फर्स्ट अबू धाबी बैंक—ने एक दिरहम-समर्थित स्टेबलकॉइन लॉन्च करने की योजना की घोषणा की, जो विनियमित डिजिटल परिसंपत्तियों के प्रति स्थानीय स्तर पर बढ़ती रुचि को दर्शाता है।

इन पहलों ने मिलकर यूएई में एक विश्वसनीय और सुरक्षित वित्तीय वातावरण तैयार किया है, जो वैश्विक फिनटेक नवाचारों और संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

आगे की राह

इस सफल लेनदेन के साथ, UAE ने एक ऐसे भविष्य की नींव रख दी है जहाँ सरकारी वेतन, सब्सिडी, खरीद-प्रक्रियाएँ और सार्वजनिक सेवाएँ पूरी तरह डिजिटल भुगतान प्रणाली के माध्यम से संचालित हो सकेंगी। यह मार्ग प्रशस्त करता है—

  • तेज़ अंतर-विभागीय फंड ट्रांसफ़र

  • स्वचालित समन्वय (reconciliation) और ऑडिट ट्रेल्स

  • कागज़ आधारित प्रक्रियाओं पर निर्भरता में कमी

  • वित्तीय पारदर्शिता में वृद्धि

यह उपलब्धि खुदरा और वाणिज्यिक लेनदेन में भी डिजिटल दिरहम को अपनाने का रास्ता खोलती है।

महत्वपूर्ण स्थिर तथ्य

  • लेनदेन की तिथि: 12 नवंबर 2025

  • उपयोग की गई मुद्रा: डिजिटल दिरहम (UAE के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी)

  • समय: 2 मिनट से कम

  • प्लेटफ़ॉर्म: mBridge (मल्टी-सेंट्रल बैंक निपटान प्रणाली)

  • संबंधित संस्थाएँ: वित्त मंत्रालय और दुबई वित्त विभाग

  • उद्देश्य: वित्तीय अवसंरचना को आधुनिक बनाने के लिए FIT प्रोग्राम का हिस्सा

  • डिजिटल दिरहम की भूमिका: UAE की डिजिटल अर्थव्यवस्था दृष्टि का रणनीतिक स्तंभ

  • 2023 से स्थिरकॉइन नियम: पूरी तरह बैक्ड और ऑडिटेड होना अनिवार्य

  • अप्रैल 2023 पहल: दिरहम-समर्थित स्थिरकॉइन लॉन्च करने की योजना

  • UAE का लक्ष्य: वैश्विक डिजिटल वित्त और नवाचार का हब बनना

गोदरेज ने इसरो के इस मिशन के लिए मानव-रेटेड विकास इंजन वितरित किया

भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान आकांक्षाओं को एक बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि गोडरेज एयरोस्पेस ने मानव-रेटेड विक्रम (Vikas) इंजन का पहला सेट भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को सौंप दिया है। यह इंजन LVM-3 रॉकेट के L110 चरण को शक्ति प्रदान करेगा—जो गगनयान, भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, के लिए निर्धारित प्रक्षेपण यान है। यह उपलब्धि न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की अंतरिक्ष आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम भी है, जो आने वाले वर्षों में मानवरहित और मानव मिशनों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

मानव-रेटेड विक्रम इंजन क्यों महत्वपूर्ण है?

मानव-रेटेड L110 विक्रम इंजन को विशेष रूप से उच्च सुरक्षा, विश्वसनीयता, और प्रदर्शन मानकों को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है। यह LVM-3 के कोर स्टेज में स्थित होता है और रॉकेट के आरोहण के दौरान स्थिर थ्रस्ट (propulsion) प्रदान करता है, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।

मानव-रेटिंग की प्रक्रिया में शामिल होता है—

  • गहन प्रमाणीकरण और परीक्षण

  • कई स्तरों की रेडंडेंसी

  • फॉल्ट टॉलरेंस सिस्टम

  • व्यापक ग्राउंड टेस्टिंग

इस इंजन की आपूर्ति से ISRO मानवरहित परीक्षण उड़ानों और आगे चलकर मानवयुक्त उड़ान के और करीब आ गया है।

गगनयान मिशन: भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा की छलांग

गगनयान कार्यक्रम भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन है। इसके तहत तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में लगभग 3 दिनों के लिए भेजा जाएगा। इस मिशन के साथ भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद, मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता प्रदर्शित करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

मुख्य माइलस्टोन—

  • पहली मानवरहित उड़ान: प्रारंभिक 2026 में, जिसमें क्रू एस्केप सिस्टम, स्थिर उड़ान एवं रिकवरी की जाँच होगी

  • मानवयुक्त उड़ान: लक्ष्य वर्ष—2027

  • अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण: भारत और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ जारी

गोडरेज एयरोस्पेस: भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक मज़बूत स्तंभ

पिछले 40 वर्षों से गोडरेज एयरोस्पेस भारत की अंतरिक्ष यात्रा का अहम हिस्सा रहा है। इनके प्रमुख योगदान—

  • PSLV, GSLV और LVM-3 के इंजन

  • चंद्रयान और मंगलयान मिशनों के लिए महत्त्वपूर्ण घटक

  • NASA-ISRO NISAR उपग्रह के लिए उपकरण

  • LPSC-बेंगलुरु के साथ लंबा सहयोग

मानव-रेटेड विक्रम इंजन की आपूर्ति उनकी इंजीनियरिंग क्षमता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।

परीक्षा हेतु स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • लॉन्च व्हीकल: LVM-3 (भारत का सबसे भारी रॉकेट)

  • प्रदान किया गया इंजन: मानव-रेटेड विक्रम इंजन (L110 स्टेज)

  • विकासकर्ता: गोडरेज एयरोस्पेस

  • ईंधन प्रकार: तरल प्रणोदन प्रणाली (Liquid Propulsion)

  • मूल विकास: फ्रांसीसी Viking इंजन (1970s)

  • गगनयान क्रू: 3 अंतरिक्ष यात्री

  • मिशन अवधि: लगभग 3 दिन (Low Earth Orbit)

अमेरिका में सबसे लंबा सरकारी शटडाउन समाप्त

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कांग्रेस द्वारा पारित अस्थायी फंडिंग बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे 42 दिनों तक चला अमेरिका का सबसे लंबा सरकारी शटडाउन समाप्त हो गया। इस लंबे गतिरोध ने संघीय एजेंसियों के कामकाज को गंभीर रूप से प्रभावित किया और लाखों कर्मचारियों को वेतन के बिना काम करना पड़ा।

पृष्ठभूमि: राजनीतिक टकराव कैसे शुरू हुआ?

यह शटडाउन रिपब्लिकन पार्टी (जो बहुमत में थी) और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच गहरे राजनीतिक मतभेदों के कारण हुआ।
मुख्य विवाद का मुद्दा था:

डेमोक्रेट्स की मांग:

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की Affordable Care Act (Obamacare) के तहत हेल्थकेयर सब्सिडी को जारी रखना।

रिपब्लिकन्स का रुख:

  • राष्ट्रपति ट्रम्प और रिपब्लिकन नेतृत्व ने इन सब्सिडियों को फंडिंग बिल में शामिल करने से स्पष्ट इंकार कर दिया।
  • इस असहमति ने सरकारी फंडिंग को रोक दिया और अमेरिका 42 दिनों के आंशिक शटडाउन में चला गया।

सीनेट में गतिरोध कैसे टूटा?

अमेरिकी सीनेट में किसी भी बड़े बिल को आगे बढ़ाने के लिए 60 वोटों की आवश्यकता होती है।

  • रिपब्लिकन बहुमत में थे, लेकिन 60 वोटों तक नहीं पहुंच पा रहे थे।

  • गतिरोध तब टूटा जब 8 डेमोक्रेट सीनेटरों ने पार्टी लाइन तोड़कर बिल को आगे बढ़ाने के पक्ष में वोट दिया।

इस दुर्लभ द्विदलीय समर्थन ने सोमवार को विधेयक के औपचारिक पारित होने का रास्ता साफ किया, जिसके बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसे मंजूरी दे दी।

डेमोक्रेटिक रणनीति को झटका

डेमोक्रेट्स शटडाउन के जरिए रिपब्लिकन्स पर दबाव बनाना चाहते थे, ताकि Obamacare सब्सिडी को बहाल कराया जा सके।
लेकिन लंबे शटडाउन के कारण:

  • जनता में असंतोष बढ़ा

  • कर्मचारियों और सेवाओं पर असर गहरा हुआ

  • राजनीतिक दबाव बढ़ा

अंततः उन्हें पीछे हटना पड़ा और कोई बड़ा लाभ हासिल किए बिना बिल पास होने दिया।
यह परिणाम डेमोक्रेट्स के लिए झटका और रिपब्लिकन्स के लिए आंशिक जीत माना जा रहा है।

शटडाउन के प्रभाव

42 दिन तक चले इस शटडाउन का व्यापक असर हुआ:

  • लाखों संघीय कर्मचारी बिना वेतन के काम करते रहे या अवकाश पर रहे

  • राष्ट्रीय उद्यान, वीज़ा-प्रोसेसिंग, IRS सेवाएँ बाधित

  • अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान

  • सरकारी परियोजनाओं और सार्वजनिक सेवाओं में देरी

  • दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ा

आगे क्या? 

राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित यह केवल अस्थायी फंडिंग है—अर्थात:

यदि दोनों पार्टियाँ पूर्ण वर्ष का बजट तय नहीं करतीं, तो शटडाउन फिर हो सकता है

अब भी विवादित मुद्दे बचे हुए हैं:

  • दीर्घकालिक हेल्थकेयर सब्सिडी

  • इमिग्रेशन सुधार

  • संघीय घाटा और कर्ज सीमा नीति

आने वाले सप्ताह निर्णायक होंगे।

स्टैटिक फैक्ट्स 

  • शटडाउन अवधि: 42 दिन (अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबा)

  • मुख्य कारण: ओबामाकेयर हेल्थ सब्सिडी पर राजनीतिक टकराव

  • राष्ट्रपति: डोनाल्ड ट्रम्प

  • परिणाम: अस्थायी फंडिंग बिल पारित और लागू

  • सीनेट वोट: 8 डेमोक्रेट्स ने रिपब्लिकन्स का समर्थन किया

  • राजनीतिक प्रभाव: डेमोक्रेट्स को झटका, रिपब्लिकन्स को आंशिक लाभ

  • प्रभावित क्षेत्र: संघीय कर्मचारी, IRS, पासपोर्ट/वीज़ा कार्यालय, राष्ट्रीय उद्यान

रक्षा मंत्रालय ने बीडीएल के साथ ₹2,095 करोड़ का समझौता किया

भारतीय सेना की बख़्तरबंद रेजिमेंटों की मारक क्षमता को मजबूत करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) के साथ ₹2,095 करोड़ का एक बड़ा समझौता किया है। इस अनुबंध के तहत INVAR एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) की खरीद की जाएगी, जो T-90 मुख्य युद्धक टैंकों की क्षमता को और अधिक शक्तिशाली बनाएगी। यह सौदा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए ‘Buy (Indian)’ श्रेणी के तहत किया गया है।

INVAR एंटी-टैंक मिसाइल क्या है?

INVAR मिसाइल एक लेज़र-निर्देशित (laser-guided), अत्यंत सटीक एंटी-टैंक गाइडेड हथियार है। इसे टैंक की तोप की नली (barrel-launched) से दागा जा सकता है।
यह आधुनिक बख़्तरबंद लक्ष्यों को भेदने की उच्च क्षमता रखने के कारण भारत की मशीनीकृत युद्ध क्षमताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

मुख्य विशेषताएँ

  • लेज़र-गाइडेड तकनीक, अत्यधिक सटीक निशाना

  • कठिन युद्ध परिस्थितियों में भी उच्च सफलता दर

  • T-90 टैंकों के साथ पूर्ण अनुकूलता

  • भारी बख़्तरबंद टैंकों व किलेबंदी को निष्क्रिय करने में सक्षम

सौदे की मुख्य बातें

  • अनुबंध मूल्य: ₹2,095 करोड़

  • श्रेणी: Buy (Indian) – स्वदेशी उत्पादन पर ज़ोर

  • विक्रेता: भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL)

  • उपस्थित अधिकारी: रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह

  • उद्देश्य: भारतीय सेना के T-90 टैंकों की सटीक मारक और घातक क्षमता को बढ़ाना

यह समझौता आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी, अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों से सशस्त्र बलों को लैस करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

रणनीतिक महत्व

1. भारतीय सेना के लिए

  • टैंक फ़ॉर्मेशनों की प्रथम प्रहार (first-strike) और रक्षात्मक क्षमता में वृद्धि

  • पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में युद्धक तैयारी मजबूत

  • आधुनिक युद्ध परिदृश्यों में आक्रामक और रक्षात्मक दोनों क्षमताओं में सुधार

2. स्वदेशी रक्षा उत्पादन के लिए

  • BDL की तकनीकी क्षमता पर भरोसे का प्रदर्शन

  • उच्चस्तरीय रक्षा तकनीकों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा

  • रोजगार, नवाचार और विनिर्माण क्षमता में वृद्धि

3. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए

  • बेहतर युद्धक तैयारी और सामरिक लचीलापन

  • एंटी-आर्मर अभियानों के लिए किफायती और विश्वसनीय समाधान

  • पड़ोसी देशों के मुकाबले deterrence (निरोधक क्षमता) मजबूत

स्टैटिक तथ्य (Static Facts)

  • मिसाइल: INVAR एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल

  • मूल्य: ₹2,095 करोड़

  • साइन करने वाली एजेंसी: रक्षा मंत्रालय

  • सप्लाई करने वाली संस्था: भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL)

  • श्रेणी: Buy (Indian)

  • प्लेटफॉर्म: T-90 टैंक

  • तकनीक: लेज़र-गाइडेड सिस्टम

  • उद्देश्य: मशीनीकृत युद्ध अभियानों की lethality बढ़ाना

  • अभियान: आत्मनिर्भर भारत – रक्षा क्षेत्र

  • साइनिंग तिथि: नवंबर 2025

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