प्राथमिकता निवेश परियोजनाओं पर भारत-रूस कार्य समूह का 8वां सत्र नई दिल्ली में आयोजित हुआ

भारत और रूस ने द्विपक्षीय निवेश संबंधों को मजबूत करने के लिए छह नई रणनीतिक परियोजनाओं पर सहमति जताई है, जो दोनों देशों के आर्थिक सहयोग को गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समझौता नई दिल्ली में आयोजित भारत-रूस प्राथमिकता निवेश परियोजनाओं पर कार्यसमूह (IRWG-PIP) के 8वें सत्र के दौरान हुआ। इस सत्र की अध्यक्षता दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने संयुक्त रूप से की और इसमें कई क्षेत्रों में आपसी हितों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

दोनों देशों ने यह पुनः पुष्टि की कि वे निवेश सहयोग का विस्तार करना चाहते हैं ताकि व्यापक आर्थिक साझेदारी को और अधिक मजबूती दी जा सके, जो वर्ष 2000 में “भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी” की घोषणा के बाद से लगातार प्रगति कर रही है। इस सत्र के दौरान भारत-रूस निवेश मंच का दूसरा संस्करण भी आयोजित किया गया, जिसमें 80 से अधिक व्यवसायों और अधिकारियों ने भाग लिया, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

मुख्य बिंदु

नई रणनीतिक परियोजनाएँ

  • भारत और रूस ने छह नई परियोजनाओं पर सहमति जताई है, जो उनके द्विपक्षीय निवेश सहयोग को और अधिक सुदृढ़ करेंगी।
  • ये परियोजनाएँ भारत-रूस प्राथमिकता निवेश परियोजनाओं पर कार्य समूह (IRWG-PIP) का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य साझा हितों वाले क्षेत्रों में संयुक्त निवेश और विकास को प्रोत्साहित करना है।

मुख्य सत्र विवरण

  • यह सत्र नई दिल्ली में आयोजित हुआ और इसकी सह-अध्यक्षता अमरदीप सिंह भाटिया (भारत) और व्लादिमीर इलिचेव (रूस) ने की।
  • सत्र में व्यापार, आर्थिक विकास और तकनीकी नवाचार जैसे क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई।
  • छह नई परियोजनाओं का खाका प्रस्तुत करते हुए एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए और 7वें सत्र की प्रगति की समीक्षा भी की गई।

भारत-रूस निवेश मंच

  • सत्र के बाद भारत-रूस निवेश मंच का दूसरा संस्करण आयोजित किया गया।
  • यह मंच इन्वेस्ट इंडिया, इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) और रूसी आर्थिक विकास मंत्रालय के सहयोग से आयोजित हुआ।
  • मंच में 80 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें व्यवसायी, वित्तीय संस्थान, मालवाहक कंपनियाँ और दोनों देशों के अधिकारी शामिल थे।

आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता

  • भारत और रूस दोनों ने निवेश और व्यापार में निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि उनके आर्थिक संबंधों को और सुदृढ़ किया जा सके।
  • भारत और रूस के ऐतिहासिक संबंधों ने उनकी रणनीतिक साझेदारी को विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार देने की मजबूत नींव रखी है, जिनमें सुरक्षा, रक्षा और तकनीकी सहयोग प्रमुख हैं।

दीर्घकालिक साझेदारी

  • भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत अक्टूबर 2000 में “भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की घोषणा” के साथ हुई थी, जब राष्ट्रपति पुतिन ने भारत का दौरा किया था।
  • इसके बाद यह साझेदारी “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” में बदल गई, जो राजनीति, रक्षा, संस्कृति और जनसंपर्क जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग करती है।
  • राष्ट्रपति पुतिन के 2010 के भारत दौरे ने इस सहयोग को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।

प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग

  • चर्चा में राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक मजबूत करने पर भी विचार हुआ।
  • भारत और रूस ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भी उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सहयोग और मजबूत हुआ है।
विषय विवरण
समाचार में क्यों? रणनीतिक परियोजनाओं के माध्यम से भारत-रूस द्विपक्षीय निवेश सहयोग को मजबूती
नई रणनीतिक परियोजनाएँ भारत और रूस के बीच निवेश सहयोग को बढ़ाने हेतु छह नई परियोजनाओं पर सहमति
सत्र विवरण प्राथमिकता निवेश परियोजनाओं पर भारत-रूस कार्य समूह (IRWG-PIP) का 8वाँ सत्र, नई दिल्ली में आयोजित
प्रमुख सह-अध्यक्ष अमरदीप सिंह भाटिया (भारत) और व्लादिमीर इलिचेव (रूस)
निवेश मंच भारत-रूस निवेश मंच का दूसरा संस्करण; 80+ व्यवसायों, वित्तीय संस्थानों और अधिकारियों की भागीदारी
मुख्य फोकस क्षेत्र व्यापार, आर्थिक विकास, तकनीकी सहयोग और साझा हितों वाले क्षेत्रों में संयुक्त उद्यम
आर्थिक सहयोग की प्रतिबद्धता दोनों देशों ने निवेश सहयोग को विस्तार देने की प्रतिबद्धता दोहराई
ऐतिहासिक साझेदारी भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी 2000 में स्थापित; 2010 में “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” का दर्जा मिला

निर्बाध स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन के लिए ‘अंतर-एम्स रेफरल पोर्टल’ का शुभारंभ

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा ने हाल ही में भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन को रूपांतरित करने के सरकार के निरंतर प्रयासों के तहत इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली द्वारा देश में ही विकसित किया गया है और इसका उद्देश्य मरीजों के रेफरल सिस्टम को बेहतर बनाना और स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति को सुव्यवस्थित करना है।

यह पोर्टल चेहरे की पहचान तकनीक (Facial Recognition) और स्वचालित कार्यप्रवाह (Automated Workflows) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके स्वास्थ्य सेवा में कुशलता बढ़ाएगा, प्रतीक्षा समय कम करेगा और गलतियों को न्यूनतम करेगा, जिससे मरीजों को अधिक केंद्रित और सहज अनुभव मिलेगा। शुरुआत में यह परियोजना एम्स नई दिल्ली और एम्स बिलासपुर को जोड़कर पायलट परियोजना के रूप में चलाई जाएगी, जिसके बाद इसे देशभर के एम्स अस्पतालों में लागू करने की योजना है। यह पहल भारत में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्य बिंदु 

इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल का शुभारंभ

  • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने AIIMS नई दिल्ली द्वारा विकसित इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल का शुभारंभ किया।

  • यह पोर्टल मरीज रेफरल प्रणाली को अधिक कुशल, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।

  • यह पहल स्वास्थ्य मंत्रालय की अत्याधुनिक तकनीकों को स्वास्थ्य सेवा वितरण में शामिल करने की रणनीति का हिस्सा है।

तकनीकी एकीकरण

  • पोर्टल में चेहरे की पहचान प्रणाली (Facial Recognition) और स्वचालित कार्यप्रवाह (Automated Workflows) जैसे अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है।

  • ये तकनीकें प्रतीक्षा समय को कम करने, मैन्युअल त्रुटियों को समाप्त करने और मरीज-केंद्रित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने में मदद करेंगी।

  • इससे प्रक्रियाओं की कुशलता और पारदर्शिता बढ़ेगी और समग्र स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

पायलट परियोजना का विवरण

  • परियोजना की शुरुआत AIIMS नई दिल्ली और AIIMS बिलासपुर के बीच पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की जाएगी।

  • इस पायलट चरण में संचालन प्रोटोकॉल का परीक्षण और किसी भी संभावित चुनौती को पहचान कर समाधान विकसित किया जाएगा।

  • लक्ष्य है कि सभी AIIMS संस्थानों को जोड़कर एक एकीकृत राष्ट्रीय रेफरल प्रणाली बनाई जाए।

रेफरल पोर्टल के लाभ

  • निर्बाध रेफरल प्रक्रिया: अधिकृत मेडिकल स्टाफ पोर्टल के माध्यम से मरीज रेफरल, स्लॉट बुकिंग और संचार प्रक्रिया को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकेंगे।

  • मरीज-केंद्रित अनुभव: मरीजों को रेफरल प्रक्रिया की बेहतर समझ और सुरक्षित संवाद के साथ सुगम अनुभव मिलेगा।

  • कम प्रतीक्षा समय: तेज़ रेफरल प्रक्रिया से मरीजों को कम प्रतीक्षा करनी पड़ेगी, जिससे उनका संपूर्ण स्वास्थ्य अनुभव बेहतर होगा।

  • सस्ती आवास सुविधा: पोर्टल को वर्तमान विश्राम सदन पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जिससे मरीजों को इलाज के दौरान सस्ती और आरामदायक आवास सुविधा मिलेगी।

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भविष्य की दृष्टि

  • यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं को अनुकूलित, सुलभ और समावेशी बनाने के मंत्रालय के विजन के अनुरूप है।

  • सरकार तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा वितरण को अधिक कुशल, पारदर्शी और सर्वसुलभ बनाने का लक्ष्य रखती है, जिससे देशभर के लाखों मरीजों को लाभ मिलेगा।

विषय विवरण
समाचार में क्यों? स्वास्थ्य प्रबंधन को सुगम बनाने के लिए ‘इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल’ का शुभारंभ
पहल का नाम इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल
शुभारंभकर्ता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा
प्रयुक्त तकनीक फेसियल रिकग्निशन और स्वचालित कार्यप्रवाह
पायलट चरण में जुड़े संस्थान एम्स नई दिल्ली और एम्स बिलासपुर
मुख्य उद्देश्य एम्स अस्पतालों में मरीज रेफरल प्रणाली को सुव्यवस्थित करना
मुख्य विशेषताएँ – बेहतर सुरक्षा
– प्रतीक्षा समय में कमी
– कुशल रेफरल के माध्यम से उन्नत मरीज देखभाल
मौजूदा प्रणालियों से एकीकरण मरीजों के लिए आवास सुविधा हेतु विश्राम सदन पोर्टल से लिंक
विस्तार लक्ष्य पायलट के बाद सभी एम्स अस्पतालों में राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन

ब्लैकरॉक ने 750 मिलियन डॉलर के अडानी प्राइवेट बॉन्ड इश्यू का समर्थन किया

दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजर कंपनी ब्लैकरॉक (BlackRock) ने भारत के अडानी ग्रुप (Adani Group) द्वारा जारी किए गए 750 मिलियन डॉलर के प्राइवेट बॉन्ड को सब्सक्राइब किया है। इस डील में कई प्रमुख अमेरिकी और यूरोपीय निवेशकों ने भी भाग लिया है, जो अडानी समूह में निवेशकों के विश्वास की सतर्क लेकिन उल्लेखनीय वापसी को दर्शाता है। यह पूंजी अडानी की सहायक कंपनी रिन्यू एक्सिम (Renew Exim) को प्रदान की जाएगी, जो आईटीडी सिमेंटेशन (ITD Cementation) के अधिग्रहण में उपयोग की जाएगी। यह कदम भारत के तेजी से बढ़ते बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अडानी की हिस्सेदारी को और मजबूत करेगा। यह डील उस समय हुई है जब अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी अमेरिका में 256 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी से जुड़े एक सौर ऊर्जा परियोजना घोटाले के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

मुख्य बिंदु 

निवेशक भागीदारी (Investor Participation)

  • ब्लैकरॉक (BlackRock) और कई अन्य अमेरिकी/यूरोपीय निवेशकों ने 750 मिलियन डॉलर के बॉन्ड सेल में भाग लिया।

  • रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्लैकरॉक ने कुल ऋण का लगभग एक-तिहाई हिस्सा खरीदा।

धन का उद्देश्य (Purpose of Funds)

  • यह राशि रिन्यू एक्सिम (Renew Exim) द्वारा आईटीडी सिमेंटेशन (ITD Cementation), एक भारतीय निर्माण इंजीनियरिंग कंपनी, के अधिग्रहण के लिए उपयोग की जाएगी।

  • उद्देश्य है भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर बूम का लाभ उठाना।

कानूनी संदर्भ (Legal Context)

  • अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अडानी और अन्य पर 256 मिलियन डॉलर की रिश्वत देकर सौर परियोजनाओं को सुरक्षित करने का आरोप लगाया है।

  • अडानी समूह ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” बताया है।

प्राइवेट प्लेसमेंट की ओर रुख (Shift to Private Placement)

  • कानूनी अनिश्चितता के चलते अडानी समूह ने अगले 6 महीनों तक पब्लिक ऑफरिंग से बचते हुए प्राइवेट प्लेसमेंट का विकल्प चुना।

  • अमेरिकी निवेशक वर्तमान में समूह की पूंजी का 15–18% हिस्सा रखते हैं।

अन्य निवेशकों की भागीदारी (Other Investor Activity)

  • यूके की सोना एसेट मैनेजमेंट (Sona Asset Management) ने भी बॉन्ड सेल में भाग लिया।

  • जेफरीज (Jefferies) और जेपी मॉर्गन (JPMorgan) ने विवादों के बावजूद अडानी समूह के साथ अपने संबंध बनाए रखे हैं।

अडानी समूह की वित्तीय गतिविधियाँ (Financial Moves by Adani Group)

  • अडानी ग्रीन एनर्जी ने आरोपों के बाद 600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड सेल को निलंबित कर दिया।

  • हाल ही में समूह ने 1.1 बिलियन डॉलर का ऋण रिफाइनेंस किया और नॉन-डील रोडशो आयोजित किए।

नियामकीय अनिश्चितता (Regulatory Uncertainty)

  • ट्रंप प्रशासन द्वारा FCPA (Foreign Corrupt Practices Act) के प्रवर्तन पर रोक से केस पर असर पड़ सकता है।

  • विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक स्पष्टता नहीं आती, अमेरिकी बैंक समूह से दूरी बनाए रख सकते हैं।

ऐतिहासिक संदर्भ (Historical Context)

  • यह अडानी समूह के लिए 2023 के हिंडनबर्ग रिसर्च के धोखाधड़ी और हेराफेरी के आरोपों के बाद दूसरा बड़ा विवाद है।

  • अडानी ने कहा है कि ऐसे आरोप समूह को और “मजबूत” बनाते हैं

सारांश/स्थैतिक जानकारी विवरण
समाचार में क्यों? ब्लैकरॉक ने अडानी के $750 मिलियन के प्राइवेट बॉन्ड इश्यू का समर्थन किया
बॉन्ड मूल्य $750 मिलियन
मुख्य निवेशक ब्लैकरॉक (लगभग 1/3 बॉन्ड खरीदा)
अन्य निवेशक सोना एसेट मैनेजमेंट, जेफरीज, जेपी मॉर्गन
लाभार्थी कंपनी अडानी की रिन्यू एक्सिम
धन का उद्देश्य ITD सिमेंटेशन का अधिग्रहण
कानूनी अड़चन $256 मिलियन रिश्वत आरोप (नवंबर 2024 में अमेरिकी अभियोग)
पब्लिक बनाम प्राइवेट कानूनी जांच के कारण सार्वजनिक निर्गम के बजाय प्राइवेट प्लेसमेंट को प्राथमिकता

नीलम धुंगाना नेपाल राष्ट्र बैंक की कार्यवाहक गवर्नर नियुक्त

नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) की वरिष्ठ उप-गवर्नर डॉ. नीलम धुंगाना तिम्सिना को कार्यवाहक गवर्नर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति पूर्व गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी का पाँच वर्षीय कार्यकाल पूरा होने के बाद की गई है। वित्त मंत्रालय, जो उपप्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल के नेतृत्व में है, ने डॉ. ढुंगाना को यह जिम्मेदारी सौंपी है। यह परिवर्तन उस समय हुआ है जब नेपाल राष्ट्र बैंक के नए गवर्नर की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया में एक “गवर्नर नियुक्ति और सिफारिश समिति” शामिल है, जिसे मंत्रिपरिषद को संभावित उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित करने का कार्य सौंपा गया है।

मुख्य बिंदु

कार्यवाहक गवर्नर की नियुक्ति

  • नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) की वरिष्ठ उप-गवर्नर डॉ. नीलम धुंगाना तिम्सिना को कार्यवाहक गवर्नर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति पूर्व गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी का पाँच वर्षीय कार्यकाल 6 अप्रैल 2025 को समाप्त होने के बाद की गई है।

कानूनी प्रावधान

  • नेपाल राष्ट्र बैंक अधिनियम, 2058 बीएस की धारा 27 के अनुसार, जब गवर्नर का पद रिक्त होता है, तब वित्त मंत्री को कार्यवाहक गवर्नर नियुक्त करने का अधिकार होता है।

गवर्नर नियुक्ति प्रक्रिया

  • महा प्रसाद अधिकारी के कार्यकाल की समाप्ति के बाद नए गवर्नर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
  • नेपाल राष्ट्र बैंक अधिनियम के अनुसार, गवर्नर का पद रिक्त होने से कम से कम एक माह पूर्व नई नियुक्ति की जानी चाहिए।
  • एक तीन-सदस्यीय समिति गठित की गई है जिसमें वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल, पूर्व गवर्नर विजय नाथ भट्टाराई और अर्थशास्त्री डॉ. विश्व पौडेल शामिल हैं। यह समिति तीन नामों की सिफारिश करेगी, जिनमें से मंत्रिपरिषद एक को गवर्नर नियुक्त करेगी।

पद के लिए संभावित उम्मीदवार

  • गवर्नर पद की दौड़ में डॉ. नीलम धुंगाना तिम्सिना और बम बहादुर मिश्रा शामिल हैं, जो वर्तमान में NRB के डिप्टी गवर्नर हैं।
  • अन्य संभावित उम्मीदवारों में NRB के कार्यकारी निदेशक डॉ. गुणाकर भट्ट, डॉ. प्रकाश कुमार श्रेष्ठ और बैंकर ज्ञानेंद्र ढुंगाना के नाम शामिल हैं।

अंतरिम अवधि
जब तक नए गवर्नर की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक डॉ. ढुंगाना कार्यवाहक गवर्नर के रूप में कार्य करेंगी, ताकि नेपाल राष्ट्र बैंक में नेतृत्व की निरंतरता बनी रहे।

शीर्षक विवरण
क्यों चर्चा में? नीलम धुंगाना नेपाल राष्ट्र बैंक की कार्यवाहक गवर्नर नियुक्त
कार्यवाहक गवर्नर डॉ. नीलम धुंगाना तिम्सिना
पूर्व गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी (कार्यकाल समाप्त: 6 अप्रैल 2025)
नियुक्ति का कानूनी आधार नेपाल राष्ट्र बैंक अधिनियम, 2058 बीएस की धारा 27
गवर्नर नियुक्ति समिति वित्त मंत्री पौडेल, पूर्व गवर्नर भट्टराई, अर्थशास्त्री डॉ. पौडेल
गवर्नर पद के उम्मीदवार डॉ. नीलम धुंगाना तिम्सिना, बम बहादुर मिश्रा, डॉ. गुणाकर भट्ट, डॉ. प्रकाश कुमार श्रेष्ठ, ज्ञानेंद्र ढुंगाना
उप-गवर्नर डॉ. नीलम धुंगाना तिम्सिना, बम बहादुर मिश्रा

सीएम धामी ने उत्तराखंड में जल संरक्षण के लिए भगीरथ ऐप लॉन्च किया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जल संरक्षण अभियान 2025 के अंतर्गत ‘भागीरथ’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया। इस पहल का उद्देश्य राज्य में जल स्रोतों के संरक्षण को बढ़ावा देना है, और यह “धारा मेरी, नौला मेरा, गाँव मेरा, प्रयास मेरा” थीम पर आधारित है। इस ऐप के माध्यम से आम नागरिक अपने क्षेत्र में संकटग्रस्त जल स्रोतों जैसे नौले, धाराएं और वर्षा से पोषित नदियों की जानकारी सरकार को दे सकेंगे। इससे सरकार को इन महत्वपूर्ण जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। सीएम धामी ने इस अवसर पर जनता की भागीदारी और टिकाऊ जल प्रबंधन उपायों को जल संसाधनों की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।

मुख्य बिंदु

भागीरथ ऐप का शुभारंभ

  • भागीरथ ऐप की शुरुआत स्थानीय लोगों को अपने क्षेत्र में संकटग्रस्त जल स्रोतों की पहचान करने और रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु की गई।
  • इस ऐप का उद्देश्य सरकार को महत्वपूर्ण जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन की दिशा में कदम उठाने में सहायता करना है।

अभियान की थीम और पुस्तिका

  • जल संरक्षण अभियान 2025 की थीम है – “धारा मेरी, नौला मेरा, गाँव मेरा, प्रयास मेरा”, जो जल स्रोतों के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान करती है।
  • इस अवसर पर अभियान से संबंधित एक आधिकारिक पुस्तिका भी जारी की गई।

जल संरक्षण का महत्व

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नौले, धाराएं और वर्षा से पोषित नदियों जैसे प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण टिकाऊ जल प्रबंधन के लिए आवश्यक है।
  • उन्होंने राज्य में विकास और प्रगति को सुनिश्चित करने में जल संरक्षण की भूमिका पर बल दिया।

स्प्रिंग एंड रिवर रीजुवेनेशन अथॉरिटी (SARA)

  • SARA उत्तराखंड में जल स्रोत संरक्षण प्रयासों का समन्वय कर रही है।
  • पिछले वर्ष में SARA ने 3.12 मिलियन क्यूबिक मीटर वर्षा जल को संचित किया और राज्य में 6,500 से अधिक जल स्रोतों का संरक्षण किया।

केंद्रीय भूजल बोर्ड के साथ सहयोग

  • SARA, केंद्रीय भूजल बोर्ड के साथ मिलकर विशेष रूप से मैदानी क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण के प्रयास कर रही है, ताकि दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।

नदी पुनर्जीवन परियोजनाएं

  • नायर, सोंग, उत्तरवाहीनी शिप्रा और गौरी जैसी नदियों के पुनर्जीवन के लिए IIT रुड़की और NIH रुड़की के साथ मिलकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
  • इस परियोजना में वैज्ञानिक और तकनीकी विधियों से नदियों के उपचार पर ध्यान दिया जाएगा।

राज्यव्यापी जल संरक्षण अभियान

  • मुख्यमंत्री धामी ने जल संरक्षण प्रयासों की सफलता के लिए जनभागीदारी को आवश्यक बताया।
  • राज्य भर में गांव स्तर पर कार्यक्रम और पहल चलाई जाएंगी, ताकि जागरूकता फैलाई जा सके और स्थानीय शासन इकाइयों को जल प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने के लिए सशक्त किया जा सके।

धारा-नौला संरक्षण समिति का गठन

  • ग्राम स्तर पर एक धारा-नौला संरक्षण समिति का गठन किया गया है, ताकि समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
  • सतत जल प्रबंधन हेतु ग्राम पंचायतों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
विषय विवरण
समाचार में क्यों? मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड में जल संरक्षण हेतु भागीरथ ऐप लॉन्च किया
भागीरथ ऐप लॉन्च लॉन्च तिथि: 29 मार्च 2025
उद्देश्य संकटग्रस्त जल स्रोतों की रिपोर्टिंग के माध्यम से संरक्षण सुनिश्चित करना
अभियान की थीम “धारा मेरी, नौला मेरा, गाँव मेरा, प्रयास मेरा” — जल संरक्षण में सामूहिक प्रयास पर बल
SARA की उपलब्धियां 3.12 मिलियन क्यूबिक मीटर वर्षा जल संचित, 6,500+ जल स्रोतों का संरक्षण
भूजल पुनर्भरण हेतु सहयोग मैदानी क्षेत्रों में भूजल स्तर बढ़ाने के लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड के साथ कार्य
नदी पुनर्जीवन परियोजनाएं नायर, सोंग, उत्तरवाहीनी शिप्रा, गौरी नदियों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट IIT रुड़की व NIH रुड़की के सहयोग से तैयार
राज्यव्यापी जल संरक्षण अभियान ग्राम एवं राज्य स्तर पर कार्यक्रमों द्वारा जल संरक्षण और स्थानीय शासन की भागीदारी सुनिश्चित करना
धारा-नौला संरक्षण समिति जल संरक्षण में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु ग्राम स्तर पर समिति का गठन
ग्राम पंचायतों हेतु कार्यशालाएं स्थायी जल प्रबंधन के लिए स्थानीय निकायों को प्रशिक्षण देने हेतु चरणबद्ध कार्यशालाएं

दुबई में खुलेगा IIM-Ahmedabad का परिसर

वैश्विक विस्तार की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद दुबई में अपना पहला विदेशी कैंपस स्थापित करने जा रहा है। यह निर्णय IIM-अहमदाबाद और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सरकार के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर के बाद लिया गया है। यह पहल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की उच्च शिक्षा की पहुंच को मजबूत बनाएगी। दुबई कैंपस में शुरुआत में वैश्विक पेशेवरों और उद्यमियों के लिए एक वर्षीय पूर्णकालिक MBA प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। यह कैंपस सितंबर 2025 में खोला जाएगा और यह प्रबंधन शिक्षा में भारत की वैश्विक उपस्थिति को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कैंपस की स्थापना दो चरणों में की जाएगी—पहला चरण दुबई के इंटरनेशनल अकैडमिक सिटी (DIAC) में शुरू होगा, जबकि स्थायी कैंपस 2029 तक पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगा।

मुख्य विशेषताएं
IIM-अहमदाबाद का दुबई कैंपस स्थापित होना
IIM-अहमदाबाद का पहला अंतरराष्ट्रीय कैंपस दुबई में स्थापित किया जाएगा, जो संस्थान के लिए एक ऐतिहासिक और अग्रणी पहल है। इस घोषणा के पीछे IIM-अहमदाबाद और यूएई सरकार के बीच मुंबई में हुए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हैं।

MBA कार्यक्रम
दुबई कैंपस में शुरुआत में एक वर्षीय पूर्णकालिक MBA प्रोग्राम की पेशकश की जाएगी। यह कार्यक्रम वैश्विक पेशेवरों और उद्यमियों की उन्नत प्रबंधन शिक्षा और कौशल वृद्धि की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पहले बैच के लिए जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी और कक्षाएं सितंबर 2025 से शुरू होंगी।

चरणबद्ध विकास

  • चरण 1: कैंपस दुबई इंटरनेशनल अकैडमिक सिटी (DIAC) में संचालन शुरू करेगा, जो एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है और अपनी बहुसांस्कृतिक वातावरण तथा आधुनिक संसाधनों के लिए जाना जाता है।

  • चरण 2: यूएई सरकार द्वारा आवंटित ज़मीन पर 2029 तक एक स्थायी कैंपस स्थापित किया जाएगा।

रणनीतिक स्थान और विज़न
दुबई को नवाचार, निवेश और उद्यमिता का वैश्विक केंद्र माना जाता है, जिससे यह कैंपस के लिए आदर्श स्थान बनता है। दुबई कैंपस अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों, विश्व-स्तरीय फैकल्टी और विविध छात्र समुदाय तक पहुंच प्रदान करेगा, जिससे IIM-अहमदाबाद की वैश्विक शैक्षणिक दृष्टि साकार होगी।

सरकारी और संस्थागत सहयोग
इस परियोजना में यूएई सरकार के समर्थन को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रेखांकित किया और इसे भारतीय उच्च शिक्षा के वैश्वीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
IIM-अहमदाबाद के निदेशक भरत भास्कर ने विश्वास जताया कि दुबई कैंपस मध्य पूर्व और एशिया में अकादमिक और शोध सहयोग के लिए नए मानदंड स्थापित करेगा।

दुबई की आर्थिक विकास संस्था के साथ सहयोग
दुबई इकोनॉमिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DEDC) के CEO हादी बदरी ने कहा कि यह कैंपस दुबई की प्रतिभा और नवाचार केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा को और सुदृढ़ करेगा।
यूएई में भारत के राजदूत सुंजय सुधीर ने इसे भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया।

कार्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया और संरचना
दुबई कैंपस का MBA कार्यक्रम पाँच टर्म में विभाजित होगा और यह अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ कठोर अकादमिक ढांचा प्रदान करेगा।
इसमें विभिन्न प्रबंधन क्षेत्रों में विशेषज्ञता के लिए व्यापक चुनावी पाठ्यक्रम (इलेक्टिव्स) उपलब्ध होंगे।

IIM अहमदाबाद पर रणनीतिक प्रभाव
यह कैंपस IIM अहमदाबाद की वैश्विक नेतृत्वकारी प्रबंधन संस्थान के रूप में स्थिति को और मजबूत करेगा।
यह सहयोग सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और छात्रों को वैश्विक स्तर पर सफलता पाने के लिए तैयार करेगा।

Juspay 2025 में भारत की पहली यूनिकॉर्न बनी

बेंगलुरु स्थित पेमेंट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी Juspay ने 2025 का भारत का पहला यूनिकॉर्न बनने का गौरव प्राप्त किया है। कंपनी ने सीरीज़ D फंडिंग राउंड में $60 मिलियन (लगभग ₹500 करोड़) जुटाए हैं। इस निवेश दौर का नेतृत्व Kedaara Capital ने किया, जिसमें मौजूदा निवेशकों SoftBank और Accel ने भी भाग लिया।

हालाँकि पहले $150 मिलियन जुटाने का अनुमान था, लेकिन इससे कम राशि प्राप्त होने के बावजूद Juspay का मूल्यांकन $1 बिलियन के पार पहुँच गया है — जो कि भारत के फिनटेक क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अब Juspay का अगला लक्ष्य है:

  • AI तकनीकों के ज़रिए अपने टेक्नोलॉजी स्टैक को और मज़बूत बनाना,

  • और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करना।

यह सफलता भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम और डिजिटल भुगतान क्षेत्र में हो रहे तेजी से विकास को दर्शाती है।

Juspay के यूनिकॉर्न बनने से जुड़ी फंडिंग से संबंधित प्रमुख बातें

  • जुटाई गई राशि: 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर

  • फंडिंग राउंड: सीरीज़ D

  • प्रमुख निवेशक: Kedaara Capital

  • अन्य निवेशक: SoftBank और Accel

  • संरचना: प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों प्रकार की हिस्सेदारी का संयोजन

  • प्रारंभिक लक्ष्य: 150 मिलियन डॉलर तक जुटाने की योजना थी, लेकिन बाद में इसे घटाया गया

यह फंडिंग Juspay को तकनीकी उन्नति और वैश्विक विस्तार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने में सहायता करेगी।

यूनिकॉर्न माइलस्टोन और भविष्य की योजनाएँ

यूनिकॉर्न की उपलब्धि

  • मूल्यांकन (Valuation): $1 बिलियन से अधिक

  • स्थिति: भारत का पहला यूनिकॉर्न स्टार्टअप – वर्ष 2025

  • मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित

भविष्य की योजनाएँ और व्यापार रणनीति

AI टूल्स में निवेश

  • AI आधारित उत्पादकता में सुधार पर ध्यान

  • संचालन कार्यों में मैन्युअल हस्तक्षेप को कम करना

  • व्यापारियों के लिए बेहतर और स्मार्ट एनालिटिक्स डैशबोर्ड विकसित करना

अंतरराष्ट्रीय विस्तार के लक्ष्य:

  • एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia-Pacific – APAC)

  • लैटिन अमेरिका (Latin America)

  • यूरोप, यूनाइटेड किंगडम और उत्तरी अमेरिका (Europe, UK, and North America)

Juspay इन क्षेत्रों में अपने पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी समाधानों का विस्तार करने की योजना बना रहा है, जिससे कंपनी का वैश्विक प्रभाव बढ़ सके।

चुनौतियाँ:

  • प्रमुख ग्राहकों की हानि: Razorpay और PhonePe जैसे बड़े क्लाइंट्स ने Juspay की सेवाओं का उपयोग बंद कर दिया है।

  • प्रभाव: इससे कंपनी की विकास गति और प्लेटफ़ॉर्म अपनाने की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।

  • नवाचार की आवश्यकता: Juspay को लगातार नई तकनीकों और समाधान के साथ विकसित होते रहना होगा ताकि वह मौजूदा ग्राहकों को बनाए रख सके और वैश्विक स्तर पर नए क्लाइंट्स को आकर्षित कर सके।

सारांश / स्थैतिक जानकारी विवरण (हिंदी में)
क्यों चर्चा में है? Juspay ने अप्रैल 2025 में $1 बिलियन का मूल्यांकन पार कर भारत का पहला यूनिकॉर्न बना है।
कंपनी Juspay
उद्योग फिनटेक / पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर
यूनिकॉर्न स्टेटस प्राप्त अप्रैल 2025
फंडिंग राउंड सीरीज़ D
जुटाई गई राशि $60 मिलियन
प्रमुख निवेशक Kedaara Capital
अन्य निवेशक SoftBank, Accel
कुल मूल्यांकन $1 बिलियन से अधिक
फंड का उपयोग AI टूल्स, मर्चेंट डैशबोर्ड्स, अंतरराष्ट्रीय विस्तार
विस्तार के लक्ष्य बाजार एशिया-प्रशांत (APAC), लैटिन अमेरिका, यूरोप, यूके, उत्तरी अमेरिका
चुनौतियाँ प्रमुख साझेदारों का हटना: Razorpay और PhonePe ने Juspay की सेवाएँ छोड़ीं

राजेश उन्नी को राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार से सम्मानित किया गया

राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार, जिसे डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ शिपिंग (DGS) द्वारा प्रदान किया जाता है, भारत के समुद्री क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च व्यक्तिगत सम्मान है। 5 अप्रैल 2025 को मुंबई में आयोजित 62वें राष्ट्रीय समुद्री दिवस के अवसर पर, सिनर्जी मरीन ग्रुप के संस्थापक राजेश उन्नी को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने भारत के समुद्री परिदृश्य को आकार देने और उसमें महत्वपूर्ण बदलाव लाने में असाधारण योगदान दिया हो।

मुख्य बिंदु 

पुरस्कार का विवरण

  • राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार भारत में समुद्री उद्योग में उत्कृष्टता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च व्यक्तिगत सम्मान है।

  • यह पुरस्कार डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ शिपिंग (DGS) द्वारा उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने समुद्री क्षेत्र में असाधारण और निरंतर योगदान दिया हो।

राजेश उन्नी का योगदान

  • राजेश उन्नी Synergy Marine Group के संस्थापक हैं, जो समुद्री उद्योग में एक प्रमुख संस्था के रूप में स्थापित है।

  • कंपनी भारतीय ध्वजवाहक जहाजों का प्रबंधन करती है और समग्र समुद्री समाधान प्रदान करती है।

  • उन्नी के प्रयासों ने भारतीय समुद्री क्षेत्र को नवाचार और स्थिरता (sustainability) की दिशा में उल्लेखनीय रूप से आगे बढ़ाया है।

पुरस्कार का महत्व

  • यह पुरस्कार केवल जहाजों के संचालन में योगदान देने वालों को ही नहीं, बल्कि समुद्री संचालन की व्यापक समझ, नेतृत्व और प्रबंधन प्रणाली में योगदान देने वाले पेशेवरों को भी सम्मानित करता है।

  • यह उन समुद्री और भूमि-आधारित पेशेवरों की परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर करता है जो शिपिंग उद्योग का भविष्य गढ़ सकते हैं।

राजेश उन्नी का वक्तव्य

  • उन्नी ने कहा कि भारत के समुद्री पेशेवरों में सिर्फ जहाज चलाने की नहीं, बल्कि पूरे वैश्विक शिपिंग उद्योग का नेतृत्व करने की क्षमता है।

सिनर्जी मरीन ग्रुप

  • यह कंपनी भारतीय ध्वजवाहक पोतों के प्रबंधन और एकीकृत समुद्री समाधान में विशेषज्ञता रखती है।

  • यह थर्ड-पार्टी शिप मैनेजमेंट में एक अग्रणी संस्था बन चुकी है, जो वैश्विक समुद्री उद्योग के लिए एक अहम सेवा है।

सारांश / स्थिर जानकारी विवरण
क्यों है ख़बरों में? राजेश उन्नी को राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार का नाम राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार
प्रस्तुतकर्ता डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ शिपिंग (DGS)
पुरस्कार प्राप्तकर्ता राजेश उन्नी, संस्थापक – Synergy Marine Group
कार्यक्रम की तिथि 5 अप्रैल 2025 – 62वां राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह, मुंबई
पुरस्कार का महत्व भारत के समुद्री क्षेत्र में निरंतर और महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मान
Synergy Marine Group भारतीय ध्वजवाहक जहाजों का प्रमुख थर्ड-पार्टी प्रबंधक व समुद्री समाधान प्रदाता
राजेश उन्नी की भूमिका भारतीय समुद्री उद्योग की वृद्धि में अग्रणी नेतृत्व और नवाचार
उन्नी का वक्तव्य भारतीय समुद्री पेशेवर केवल जहाज़ नहीं चलाते, बल्कि शिपिंग के भविष्य का नेतृत्व कर सकते हैं।

लंदन के ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ में लगेगा शाहरुख-काजोल का स्टैच्यू

यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी शाहरुख खान और काजोल की ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के नाम एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। डीडीएलजे अब लीसेस्टर स्क्वायर लंदन में स्थापित होने वाली पहली भारतीय फिल्म बन जाएगी, जिससे जुड़ा स्टैच्यू यहां लगेगा। शाहरुख और काजोल का फिल्म के एक सीन का स्टैच्यू ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ में लगेगा। इसकी घोषणा हार्ट ऑफ लंदन बिजनेस अलायंस ने की। लीसेस्टर स्क्वायर में ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ मूवी ट्रेल में अब डीडीएलजे के रूप में एक नई प्रतिमा लगेगी। यह हिंदी सिनेमा की ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म के 30 साल पूरे होने के जश्न की शुरूआत होगी।

आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्दशित पहली फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के नाम पहले से भी कई रिकॉर्ड और अवॉर्ड हैं। इस नए स्टैच्यू में फिल्म के प्रमुख कलाकार शाहरुख खान और काजोल की डीडीएलजे के एक सीन को दिखाती हुई कांस्य की प्रतिमा लगाई जाएगी। इस स्टैच्यू का अनावरण इस साल वसंत में 20 अक्टूबर 2025 को फिल्म के 30 साल पूरे होने से कुछ महीने पहले होगा। फिल्म को यह उपलब्धि मिलना ये दर्शाता है कि ब्रिटिश साउथ एशियाई लोगों में ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ कितनी प्रसिद्ध है।

मुख्य आकर्षण 

प्रतिमा और स्थान

  • शाहरुख़ ख़ान (राज) और काजोल (सिमरन) की कांस्य प्रतिमा लंदन के Leicester Square पर स्थापित की जाएगी।

  • यह प्रतिमा DDLJ के उस प्रतिष्ठित दृश्य को दर्शाती है जहाँ राज, Vue Cinema के बाहर खड़ा होता है और सिमरन, Odeon Leicester Square के सामने से गुज़रती है।

  • स्थान का विशेष महत्व है क्योंकि Leicester Square फिल्म में भी दर्शाया गया था, जिससे यह श्रद्धांजलि और भी सार्थक बन जाती है।

  • प्रतिमा Odeon Cinema के पूर्वी हिस्से (Eastern Terrace) पर स्थापित की जाएगी।

समय और अवसर

  • प्रतिमा का अनावरण वसंत 2025 में किया जाएगा।

  • यह फिल्म की 30वीं वर्षगांठ का प्रतीक होगा (DDLJ की मूल रिलीज़: 1995)।

वैश्विक और सांस्कृतिक महत्व

  • DDLJ, “Scenes in the Square” फिल्म ट्रेल में शामिल होने वाली पहली भारतीय और बॉलीवुड फिल्म बनेगी।

  • यह ब्रिटेन और वैश्विक स्तर पर बॉलीवुड की लोकप्रियता को सम्मानित करने का प्रयास है।

  • यह ट्रेल सिनेमा के 100 वर्षों का उत्सव है, जिसमें विश्व की प्रसिद्ध फिल्मों के किरदारों की लाइफ-साइज़ प्रतिमाएं लगाई जाती हैं।

DDLJ की विरासत

  • DDLJ बॉलीवुड की सबसे सफल और सबसे लंबे समय तक चलने वाली फिल्मों में से एक है।

  • आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित (उनकी पहली फिल्म)।

  • मुख्य भूमिकाओं में: शाहरुख़ ख़ान, काजोल। सहायक कलाकार: अमरीश पुरी, अनुपम खेर

  • फिल्म एक प्रेम कहानी है जो यूरोप से भारत तक फैली हुई है, और प्रवासी भारतीयों (NRIs) की भावनाओं को दर्शाती है।

  • यह फिल्म संस्कृति, परंपरा और आधुनिकता के टकराव का भी प्रतीक बन गई है।

आधिकारिक प्रतिक्रियाएं

मार्क विलियम्स, डिप्टी CEO, Heart of London Business Alliance:

“शाहरुख़ और काजोल को Scenes in the Square ट्रेल में शामिल करना शानदार है। DDLJ बॉलीवुड की सबसे सफल और महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है। यह भारतीय सिनेमा की वैश्विक लोकप्रियता और लंदन की विविधता का उत्सव है।”

अक्षय विधानी, CEO, Yash Raj Films:

“DDLJ ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदल दिया। आज इस फिल्म को हैरी पॉटर और जीन केली जैसे वैश्विक प्रतीकों के साथ मान्यता मिलना गर्व की बात है। यह मूर्ति भारतीय सिनेमा की अंतरराष्ट्रीय अपील और सांस्कृतिक जुड़ाव की प्रतीक है।”

भारत और प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए महत्व

  • यह मूर्तिकला बॉलीवुड की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है।

  • UK-India सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूती प्रदान करती है, खासकर ब्रिटिश दक्षिण एशियाई समुदाय में।

  • यह दर्शाती है कि भारतीय सिनेमा वैश्विक सांस्कृतिक पुल के रूप में कार्य कर रहा है।

विषय विवरण
क्यों है ख़बरों में? लंदन के लीसेस्टर स्क्वायर पर DDLJ की प्रतिमा का अनावरण होने जा रहा है।
सम्मानित फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (DDLJ), 1995
प्रतिमा में मुख्य कलाकार शाहरुख़ ख़ान और काजोल
निर्देशक आदित्य चोपड़ा
दृश्य का चित्रण राज – Vue Cinema के पास, सिमरन – Odeon Leicester Square के पास
प्रतिमा का स्थान Odeon Cinema, Leicester Square के पूर्वी हिस्से (Eastern Terrace)
अनावरण की तारीख वसंत 2025
अवसर DDLJ की 30वीं वर्षगांठ
महत्व ‘Scenes in the Square’ में शामिल होने वाली पहली भारतीय फिल्म
आयोजक संस्था Heart of London Business Alliance
सांस्कृतिक प्रभाव भारतीय प्रवासी समुदाय और बॉलीवुड की वैश्विक पहुँच का उत्सव

महावीर जयंती 2025: इतिहास और महत्व

महावीर जयंती जैन धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान महावीर के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। वर्ष 2025 में यह पर्व 10 अप्रैल (गुरुवार) को मनाया जाएगा, जो भगवान महावीर की 2623वीं जयंती है। यह दिन जैन समुदाय के लिए गहन श्रद्धा, साधना और सेवा का अवसर होता है। महावीर जयंती पर जैन धर्म के मूल सिद्धांतों की विशेष स्मृति की जाती है—अहिंसा (हिंसा का त्याग), सत्य (सच बोलना), अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (इंद्रियों पर नियंत्रण) और अपरिग्रह (अलगाव व लोभ का त्याग)। इस पावन अवसर पर जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना, प्रवचन, भक्ति गीत, धार्मिक यात्राएं (जुलूस), तथा दान और सेवा के कार्य होते हैं। भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे जैन समुदाय भी इसे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाते हैं। महावीर जयंती केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह जीवन के नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा भी है।

महावीर जयंती 2025 

तिथि और पंचांग विवरण

  • महावीर जयंती 2025 की तारीख: 10 अप्रैल 2025 (गुरुवार)

  • हिंदू पंचांग अनुसार तिथि: चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि

  • तिथि का समय:

    • प्रारंभ: 9 अप्रैल रात 10:55 बजे

    • समाप्त: 11 अप्रैल रात 01:00 बजे तक
      (जैसा कि द्रिक पंचांग के अनुसार दर्शाया गया है)

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • जन्म वर्ष: 599 ईसा पूर्व

  • जन्म स्थान: कुंडलग्राम (वर्तमान वैशाली जिला, बिहार)

  • जन्म नाम: वर्धमान

  • माता-पिता: माता त्रिशला और राजा सिद्धार्थ

  • वर्धमान ने 30 वर्ष की आयु तक राजकाज संभाला, तत्पश्चात सत्य की खोज में संसार त्याग दिया।

  • 12 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद उन्हें केवल ज्ञान (सर्वोच्च ज्ञान) की प्राप्ति हुई।

  • उन्होंने जीवन-मुक्ति का उपदेश दिया और जैन धर्म को वर्तमान स्वरूप प्रदान किया।

  • मोक्ष की प्राप्ति: 72 वर्ष की आयु में, 527 ईसा पूर्व में।

महत्व और आध्यात्मिक संदेश

  • भगवान महावीर के जन्म और उनके उपदेशों की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है।

  • अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह जैसे जैन सिद्धांतों को बढ़ावा देता है।

  • सांसारिक मोह-माया से विरक्ति और आत्मचिंतन का समय माना जाता है।

  • समाज सेवा और आध्यात्मिक शुद्धि पर बल दिया जाता है।

कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती

  • जैन मंदिरों में विशेष पूजा और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।

  • जैन आगमों (धार्मिक ग्रंथों) का पाठ किया जाता है।

  • दान-पुण्य, भूखों को भोजन कराना, ज़रूरतमंदों की सहायता की जाती है।

  • रथ यात्रा (झांकी) निकाली जाती है, जिसमें भगवान महावीर की प्रतिमा को नगर में भ्रमण कराया जाता है।

  • भजन-कीर्तन, ध्यान और उनके उपदेशों पर चिंतन किया जाता है।

  • भारत ही नहीं, नेपाल, ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देशों में भी जैन समुदाय इसे श्रद्धा से मनाता है।

अतिरिक्त सांस्कृतिक मान्यताएं

  • श्वेतांबर संप्रदाय के अनुसार, भगवान महावीर की माता त्रिशला ने उनके जन्म से पूर्व 14 शुभ स्वप्न देखे थे, जो उनके दिव्य स्वरूप और महानता का संकेत थे।

  • ऐसा माना जाता है कि वह या तो एक महान सम्राट या एक तपस्वी तीर्थंकर बनेंगे।

  • “महावीर” नाम का अर्थ है — “महान वीर”, जो उनके आत्मसंयम और इंद्रिय-विजय का प्रतीक है।

Recent Posts

about | - Part 314_12.1