भारत और ईरान के बीच व्यापारिक संबंध ऐतिहासिक और रणनीतिक हितों से लंबे समय से प्रभावित रहे हैं, विशेष रूप से ऊर्जा, कृषि और खाद्य क्षेत्रों में। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद, गैर-प्रतिबंधित वस्तुएं—विशेष रूप से खाद्य और उपभोक्ता उत्पाद—भारतीय बाजार में लगातार पहुंच बना रही हैं। यह लेख भारत में उपलब्ध ईरानी उत्पादों की नवीनतम सूची, उनके वर्गीकरण और उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था तक पहुंचाने वाले कारोबारी तंत्रों की पड़ताल करता है।
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भारत-ईरान व्यापार संबंध: एक संक्षिप्त परिचय
भारत और ईरान के बीच एक मजबूत आर्थिक साझेदारी है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों, विशेषकर अमेरिका-प्रेरित प्रतिबंधों के अनुसार उतार-चढ़ाव से गुजरता रहा है। इन प्रतिबंधों के बावजूद, गैर-तेल व्यापार अपेक्षाकृत सक्रिय बना हुआ है। नवीनतम व्यापार आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2024 में ईरान से 1 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के उत्पादों का आयात किया, जिसमें मुख्य रूप से खाद्य सामग्री, कार्बनिक रसायन और खनिज शामिल हैं। -
भारत को ईरान के प्रमुख निर्यात
कार्बनिक रसायन (Organic Chemicals)
भारत को ईरान से निर्यात की जाने वाली सबसे बड़ी श्रेणियों में से एक है कार्बनिक रसायन, जिनका वार्षिक मूल्य 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। ये रसायन भारत के औषधि (pharmaceutical), कृषि रसायन (agrochemical) और प्लास्टिक उद्योगों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। इन रसायनों में प्रायः वे कच्चे माल और मध्यवर्ती उत्पाद (intermediates) शामिल होते हैं जिनका उपयोग विभिन्न औद्योगिक निर्माण प्रक्रियाओं में किया जाता है।
सूखे मेवे और खाद्य मेवे (Dry Fruits and Edible Nuts)
ईरान विश्व स्तर पर अपने उच्च गुणवत्ता वाले सूखे मेवों और मेवों (नट्स) के लिए प्रसिद्ध है, जिनकी भारत में विशेष रूप से त्योहारों और सर्दियों के मौसम में अत्यधिक मांग रहती है।
भारत में लोकप्रिय ईरानी मेवे:
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पिस्ता (Pistachios): अपने समृद्ध स्वाद और बड़े आकार के लिए प्रसिद्ध।
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बादाम और अखरोट (Almonds and Walnuts): विशेष रूप से ज़ाग्रोस (Zagros) क्षेत्र में उगाई गई किस्में अधिक पसंद की जाती हैं।
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हेज़लनट्स और काजू (Hazelnuts and Cashews): प्रीमियम गुणवत्ता के मेवे, जो अक्सर मिठाइयों में उपयोग किए जाते हैं।
खजूर (Dates)
ईरान खजूर के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, और भारतीय आयातक नियमित रूप से ईरानी खजूर का आयात करते हैं, विशेष रूप से:
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मज़ाफाती (Mazafati): मुलायम, गहरे रंग के, और प्राकृतिक शर्करा से भरपूर।
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ज़ाहेदी और क़बक़ब (Zahedi and Kabkab): सूखे प्रकार, जिन्हें खासतौर पर पकवानों में उपयोग किया जाता है।
खजूर भारत में रमज़ान के दौरान विशेष रूप से लोकप्रिय होते हैं, जिससे ये मौसमी आयात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाते हैं।
किशमिश (Raisins)
ईरानी किशमिश — काली, हरी और सुनहरी — अपनी प्राकृतिक मिठास और धूप में सुखाने की प्रक्रिया के कारण प्रीमियम गुणवत्ता वाली मानी जाती हैं। भारत में इन्हें बेकिंग, मिठाइयों और स्नैक्स में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
3. ईरान के खनिज और औद्योगिक निर्यात
हालाँकि प्रतिबंधों के चलते कच्चे तेल का आयात काफी कम हो गया है, फिर भी खनिज ईंधन, तेल और बिटुमिनस पदार्थ अब भी अप्रत्यक्ष या तृतीय-पक्ष व्यापार के माध्यम से भारत पहुंचते हैं।
अन्य प्रमुख वस्तुएं:
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नमक और गंधक (Salt and Sulphur): औद्योगिक और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में उपयोग।
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कांच और चीनी मिट्टी के बर्तन (Glassware and Ceramics): मुख्यतः सजावटी वस्तुएं और बर्तन।
4. भारतीय बाजार में उपलब्ध ईरानी उत्पाद
ई-कॉमर्स और रिटेल प्लेटफ़ॉर्म:
कई ईरानी खाद्य उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं, जैसे:
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Amazon India
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Flipkart
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विशेष खाद्य वस्तुओं की दुकानें
उदाहरण:
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बम (Bam) क्षेत्र के मज़ाफाती खजूर
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हरी किशमिश
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भुने हुए ईरानी पिस्ता
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ईरानी केसर (Zafran): इसकी गहरी सुगंध और उच्च क्रोसिन सामग्री के कारण अत्यधिक मूल्यवान।
5. भारत में ईरानी केसर: एक प्रीमियम उत्पाद
ईरान दुनिया का सबसे बड़ा केसर उत्पादक देश है, और इसकी उच्च गुणवत्ता वाली केसर भारत में होटलों, शेफ्स और आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं में अत्यधिक मांग में रहती है।
ईरानी केसर की विशेषताएं:
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गहरे लाल रंग की रेशाएं
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तीव्र सुगंध
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उच्च रंग देने की क्षमता
यह मुख्यतः विशेष आयातकों और प्रीमियम खाद्य आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से भारत में उपलब्ध होती है।
6. उर्वरक और कृषि-आधारित उत्पाद
ईरान ने कुछ उर्वरक घटकों और कृषि-रसायनों का भी निर्यात किया है, हालांकि इस क्षेत्र में व्यापार की मात्रा अपेक्षाकृत कम रही है और यह लाइसेंसिंग व आयात प्रतिबंधों से प्रभावित रहता है।
7. चुनौतियाँ और व्यापारिक बाधाएं
भारत ईरान से विभिन्न उत्पादों का आयात करता है, परंतु कई समस्याएं अब भी मौजूद हैं:
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अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और भुगतान संबंधित समस्याएं
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शिपिंग और बीमा में कठिनाइयाँ
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औपचारिक बैंकिंग चैनलों की कमी
इन समस्याओं से निपटने के लिए भारत ने अक्सर बार्टर सिस्टम या तीसरे देशों (जैसे यूएई, तुर्की) के माध्यम से व्यापार का सहारा लिया है।
8. भविष्य की संभावनाएं
यदि क्षेत्रीय स्थिरता में सुधार होता है और प्रतिबंधों में ढील मिलती है, तो भारत में ईरानी आयात को बढ़ाने की बड़ी संभावना है।
भविष्य के लिए प्रमुख क्षेत्र:
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हस्तशिल्प और कालीन
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औषधीय जड़ी-बूटियाँ
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प्रोसेस्ड खाद्य उत्पाद
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निर्माण सामग्री