विश्व बैंक ने जारी की “साउथ एशिया इकनोमिक फोकस” रिपोर्ट

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विश्व बैंक ने “साउथ एशिया इकनोमिक फोकस” शीर्षक एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में साउथ रीजन के आठ देशों में तीव्र आर्थिक गिरावट का अनुमान लगाया गया है। आर्थिक गतिविधियों में गिरावट, व्यापार में गिरावट और वित्तीय एवं बैंकिंग क्षेत्रों में अधिक तनाव सहित तीव्र आर्थिक गिरावट का कारण COVID-19 महामारी के परिणामों को बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2020 में रीजनल ग्रोथ 1.8% से 2.8% के बीच गिरावट की संभावना है, जो कुछ महीने पहले अनुमानित 6.3%  से काफी कम है।
रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव के सबसे ज्यादा प्रभावित होने का अनुमान है, जिसके बाद श्रीलंका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान है। इन सूचीबद्ध देशों में, पूर्वानुमान पूरी तरह नकारात्मक होने की संभावना है। वित्त वर्ष 2020-2021 में भारत की अर्थव्यवस्था 1.5% से 2.8% की दर से बढ़ने की संभावना जताई गई है।



उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • विश्व बैंक के अध्यक्ष: डेविड रॉबर्ट मालपास.

यस बैंक ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के साथ अपनी व्यपारिक साझेदारी का किया विस्तार

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यस बैंक ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने की घोषणा की है। ग्राहकों को आसान अनुभव प्रदान करने और जरूरत-आधारित उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करने के लिए डिजिटली-सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में निवेश करने की प्रतिबद्धता के लिए करार को अगले 5 सालों के लिए बढ़ाया गया है।
विस्तारित व्यापारिक संबंधों का उद्देश्य व्यवसाय को बढ़ाना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए उत्पाद लाने के साथ-साथ ग्राहक संबंधित सेवाओं में निवेश करना है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • मैक्स लाइफ के प्रबंध निदेशक और सीईओ: प्रशांत त्रिपाठी.
  • यस बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ: प्रशांत कुमार.

प्रधानमंत्री ने COVID-19 से निपटने के लिए लॉकडाउन 3 मई 2020 तक बढ़ाने का किया ऐलान

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 को लेकर देशवासियों को संबोधित किया, जिसमे उन्होंने 3 मई 2020 तक लॉकडाउन को बढ़ाने की घोषणा की। भारत सरकार द्वारा देश में COVID-19 महामारी से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। भारत में 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन लागू किया गया था और जो 14 अप्रैल 2020 को समाप्त होने वाला था।

प्रधान मंत्री ने देश में COVID-19 को फैलने से रोकने के लिए देशवासियों से ज्यादा से ज्यादा घरों में रहने की अपील की है.

पीएम संबोधन की कुछ मुख्य बाते:

  • पीएम ने घोषणा की कि सरकार द्वारा सभी हॉटस्पॉट्स और कंट्रीब्यूशन ज़ोन की कड़ी निगरानी की जाएगी.
  • 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, इसका मूल्यांकन लगातार किया जाएगा और स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कुछ जिलों में सरकार द्वारा कुछ प्रतिबंध हटाए जाएंगे.
  • जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट्स में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पॉट्स में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान, भारतीय नागरिकों से COVID-19 महामारी से लड़ने में देश की मदद करने के लिए नीचे दिए गए 7 बातों का पालन करने का आग्रह किया:
  • अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें – विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें ज्यादा देखभाल करनी है, 
  • लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें , घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें.
  • अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा का निरंतर सेवन करें.
  • कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहें.
  • जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकताओं को पूरा करें.
  • आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें.
  • देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें.
इसके अलावा आप इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा संबोधन देख भी सकते हैं:

रोजगार मंत्रालय ने वेतन संबंधी शिकायतों का समाधान करने के लिए नियंत्रण कक्ष किए स्थापित

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श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कोविड -19 के कारण आने वाली वेतन संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए 20 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। ये नियंत्रण कक्ष समूचे देश में मुख्य श्रम आयुक्त कार्यालय के तहत स्थापित किए गए हैं और जिनका प्रबंधन श्रम प्रवर्तन अधिकारियों, सहायक श्रम आयुक्तों, क्षेत्रीय श्रम आयुक्तों और संबंधित क्षेत्रों के उप मुख्य श्रम आयुक्तों द्वारा किया जाएगा।

नियंत्रण कक्ष निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए स्थापित किए गए है:

  • इन नियंत्रण कक्षों का उद्देश्य केंद्रीय क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों की मजदूरी संबंधी शिकायतों का समाधान करना है।
  • ये नियंत्रण कक्ष विभिन्न राज्य सरकारों के साथ समन्वय के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को दूर करने के लिए स्थापित किए गए हैं
श्रमिक फोन, व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर सकते हैं। ये नियंत्रण कक्ष जरूरतमंद लोगों को समय पर राहत सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किए गए है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (I / C): संतोष कुमार गंगवार.

केरल में COVID-19 उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल हुआ आरंभ

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केरल COVID-19 उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी (SCTIMST) को प्लाज्मा थेरेपी उपचार के लिए क्लिनिकल ट्रायल को शुरू करने की मंजूरी दे दी है।

क्या है कॉन्वालेसेंट प्लाज्मा थेरैपी

प्लाज्मा थेरेपी, COVID-19 यानि कोरोनावायरस से पूरी तरह से ठीक चुके रोगियों के प्लाज्मा को लेने की एक तकनीक है, इसमें ठीक हो चुके मरीज में एंटीबॉडीज बड़े पैमाने पर पाए जाते हैं और इस खून से प्लाज्मा को निकालकर इन्हें एंटीबॉडीज कोरोना से जूझ रहे किसी अन्य मरीज में ट्रान्सफ्यूज किया जा सकेगा, जो उस बीमार मरीज के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करेगा और वह बेहतर तरीके से वायरस से लड़ सकेगा। हाल में किए गए कुछ अध्ययनों से पता चला है कि चीन ने भी इसी तकनीक का सहारा कोरोना को ख़त्म करने के लिए किया था और वहीँ दूसरी ओर संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी प्लाज्मा थेरेपी तकनीक का ट्रायल शुरू कर दिया है। 

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • केरल के मुख्यमंत्री: पिनारयी विजयन.
  • केरल के राज्यपाल: आरिफ मोहम्मद खान.
  • केरल की राजधानी: तिरुवनंतपुरम.

विज्ञान संचार पहल “कोविडज्ञान” का हुआ शुभारंभ

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टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc), और टाटा मेमोरियल सेंटर (TMC) द्वारा “कोविडज्ञान” (CovidGyan) पहल शुरू की गई है। यह एक बहु-संस्थागत, बहु-भाषी विज्ञान संचार पहल है जिसे COVID-19 महामारी के वैज्ञानिक और तथ्यात्मक पहलुओं को सार्वजनिक डोमेन में लाने के लिए शुरू किया गया है। 
कोविडज्ञान एक हब है जो COVID-19 प्रकोप से निपटने में भारत में जन समर्थित अनुसंधान संस्थानों और संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से उत्पन्न संग्रह को एक साथ लाने के लिए काम करता है। COVID-19 से प्राप्त सामग्री, रोग और इसके संचरण की सर्वोत्तम उपलब्ध वैज्ञानिक समझ पर निर्भर करती है। इसमें शामिल विषयों में नावल करोनावायरस (सार्स-कोवी-2) का शुद्ध व्यवहार से लेकर कोरोना फ्लू की संचरण गतिशीलता और इसके खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाना है।

कोविडज्ञानका उद्देश्य:

बहु-संस्थागत, बहु-भाषी विज्ञान संचार पहल “कोविडज्ञान” का प्रारंभिक उद्देश्य जन जागरूकता उत्पन्न करना और इस COVID-19 रोग की समझ और इसको कम करने के लिए संभावित साधनों के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना है। 

अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग और NIC ने मिलकर “CollabCAD” सॉफ्टवेर किया लॉन्च

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अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग और राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने संयुक्‍त रूप से एक Collaborative CAD (CollabCAD) नामक सॉफ्टवेर लॉन्च किया है। CollabCAD सहयोगी नेटवर्क, एक कंप्यूटर सक्षम सॉफ़्टवेयर सिस्टम है, जो 2डी ड्राफ्टिंग एंड डिटेलिंग से 3डी प्रोडक्‍ट डिजाइन करने वाला एक समग्र इंजीनियरिंग समाधान है।

CollabCAD का उद्देश्य:
  • इस पहल का उद्देश्य देश भर में अटल टिंकरिंग लैबोरेटरीज़ (एटीएल) के छात्रों को रचनात्मकता और कल्पना के मुक्त प्रवाह के साथ 3 डी डिजाइन बनाने और संशोधित करने के लिए एक शानदार मंच प्रदान करना है.
  • CollabCAD का इस्तेमाल लगभग 5000 स्कूलों में किया जाएगा जहां अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की गई है.
  • CollabCAD छात्रों को पूरे नेटवर्क में डेटा तैयार करने और स्टोरेज और विज़ुअलाइज़ेशन के लिए उसी डिज़ाइन डेटा का समवर्ती रूप से उपयोग करने में सक्षम बनाता है.
  • CollabCAD उन छात्रों का एक मंच है, जो 3 डी प्रिंटिंग का उपयोग करने के लिए 3 डी मॉडलिंग / स्लाइसिंग के लिए स्वदेशी, अत्याधुनिक मेड-इन-इंडिया सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • नीति आयोग के अध्यक्ष: नरेंद्र मोदी.
  • नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ): अमिताभ कांत.
  • नीति आयोग के उपाध्यक्ष: राजीव कुमार.
  • नीति आयोग का मुख्यालय: नई दिल्ली.
  • एनआईसी के महानिदेशक: नीता वर्मा.
  • एनआईसी का मुख्यालय: नई दिल्ली.

आईआईटी-बॉम्बे ने डिजिटल स्टेथोस्कोप “AyuSynk” किया विकसित

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आईआईटी– बॉम्बे ने COVID -19 संक्रमित मरीजों की जांच के लिए “AyuSynk” नामक एक नया डिजिटल स्टेथोस्कोप विकसित किया है। IIT बॉम्बे ने सामान्य स्टेथोस्कोप को डिजिटल स्टेथोस्कोप में परिवर्तित कर दिया है। सामान्य स्टेथोस्कोप से कोरोनोवायरस रोगियों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों को संक्रमण का खतरा बने रहने के मद्देनजर इसे विकसित किया है।
डिवाइस को रिमोट औस्कुल्टेशन (धड़कन सुनने) के लिए विकसित किया जा रहा है। इस डिजिटल स्टेथोस्कोप को तार या ब्लूटूथ के माध्यम से मोबाइल या लैपटॉप से भी जोड़ा जा सकता है। AyuSynk डिजिटल डिवाइस को IIT बॉम्बे के स्टार्टअप, Ayu Devices द्वारा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी ऊष्मायन केंद्र (BETiC) के सहयोग से  विकसित किया गया है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • आईआईटी-बॉम्बे के निदेशक: सुभासिस चौधुरी.
  • IIT बॉम्बे की स्थापना 1958 में हुई थी। 1961 में, संसद ने सभी IIT को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में घोषित किया था.

पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.वी. राजशेखरन का निधन

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता एम.वी. राजशेखरन का निधन। उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार में योजना आयोग में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। वे लोकसभा में कर्नाटक निर्वाचन क्षेत्र की कनकपुरा सीट का प्रतिनिधित्व करते थे।

World Chagas Disease Day यानि विश्व चगास रोग दिवस: 14 अप्रैल

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World Chagas Disease Day यानि विश्व चगास रोग दिवस 14 अप्रैल अर्थात आज विश्व भर में मनाया जाएगा। विश्व में पहली बार 14 अप्रैल 2020 को पहला विश्व चगास रोग दिवस मनाया जाना है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य चोगा रोग (कीड़ो द्वारा होने वाले रोगों) और “silent and silenced disease” के बारे में जागरूकता फैलाना है।  

चगास रोग का इतिहास:

इस बीमारी का नाम डॉ कार्लोस जस्टिनियानो रिबेरो चगास के नाम पर रखा गया है। उन्होंने 14 अप्रैल 1909 को ब्राजील में इस बीमारी के पहले रोगी का उपचार किया था। चगास एक संक्रामक रोग जो ट्रियाटोमाइन कीट के मल में पाए जाने वाले परजीवी की वजह से होता है. चागस रोग उन स्थानों पर सामान्य है जहां ट्रिएटोमाइन कीड़ा ट्राइपानोसोमा क्रूज़ी परजीवी फैलाता है। यह एक हल्का रोग है जिसमें सूजन और बुखार हो सकता है, जो लंबे समय तक भी चल सकता है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
  • डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड.
  • डब्लूएचओ के महानिदेशक: टेड्रोस एडहानॉम.
  • डब्ल्यूएचओ की स्थापना: 7 अप्रैल 1948.

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