RBI ने 4 सहकारी बैंकों पर 44 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

about | - Part 1268_3.1

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने एक बार फिर बैंकों पर कार्रवाई की है। बैंक ने 4 कोऑपरेटिव बैंकों के ऊपर 44 लाख रुपये का तगड़ा जुर्माना (RBI Penalty of 4 Cooperative Bank) लगाया है। बैंक ने ये कार्रवाई नियमों के अनदेखी के कारण की है। इसमें 16 लाख रुपये की पेनाल्टी चेन्नई स्थित तमिलनाडु राज्य सर्वोच्च सहकारी बैंक (The Tamil Nadu State Apex Co-operative Bank) पर लगाया गया है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने 3 और बैंकों के ऊपर जुर्माना लगाया है।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

बैंकों पर कार्रवाई पर जानकारी देते हुए आरबीआई ने कहा कि केंद्रीय बैंक का यह मकसद है कि बैंकों द्वारा रिजर्व बैंक सभी नियमों का अनुपालन हो। इसके साथ ही बैंक का यह इरादा नहीं है कि हम बैंक और ग्राहकों के बीच हुई किसी लेनदेन में दखल करें। गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने पहले भी नियमों की अनदेखी के कारण करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है।

 

इन बैंकों पर लगा जुर्माना

आरबीआई ने विभिन्न मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए चार सहकारी बैंकों पर 44 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इनमें चेन्नई स्थित तमिलनाडु स्टेट एपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक पर 16 लाख रुपये जुर्माना लगा है।आरबीआई ने कहा कि बॉम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक पर 13 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है क्योंकि यह निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष (डीईएएफ) में पात्र राशि को स्थानांतरित करने में विफल रहा और उसे देरी से स्थानांतरित किया गया।

बैंक ने एक अन्य विज्ञप्ति में कहा कि पुणे स्थित जनता सहकारी बैंक पर ‘जमा पर ब्याज दर’ के निर्देशों का पालन नहीं करने पर 13 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तमिलनाडु स्टेट एपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया गया है क्योंकि यह निर्धारित अवधि के भीतर पात्र राशि को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में स्थानांतरित करने में विफल रहा। यह निर्धारित समयसीमा के भीतर धोखाधड़ी की सूचना नाबार्ड को देने में भी विफल रहा और देरी से इसकी सूचना दी। कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए राजस्थान के बारां स्थित बारां नागरिक सहकारी बैंक पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

IDFC FIRST Bank Launched India's First Sticker-Based Debit Card FIRSTAP_80.1

 

RBI ने शहरी सहकारी बैंकों के परिसंपत्ति प्रावधानों को सुसंगत बनाया

about | - Part 1268_6.1

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शहरी सहकारी बैंकों की सभी श्रेणियों पर लागू मानक परिसंपत्ति प्रावधानों को सोमवार को सुसंगत बनाने की घोषणा की। आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि शहरी सहकारी बैंकों की सभी श्रेणियों पर लागू होने वाले मानक परिसंपत्ति प्रावधानों को सुसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है। रिजर्व बैंक ने गत दिसंबर में शहरी सहकारी बैंकों को नियामकीय उद्देश्यों से चार स्तरों में वर्गीकृत किया था। इसके पहले इन बैंकों को सिर्फ टियर-1 और टियर-2 श्रेणी में ही विभाजित किया जाता था।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

मुख्य बिंदु

 

  • संशोधित प्रावधानों के मुताबिक, अब सभी तरह के शहरी सहकारी बैंकों को कृषि एवं एसएमई क्षेत्रों को प्रत्यक्ष ऋण के लिए पोर्टफोलियो के वित्तपोषित हिस्से का 0.25 प्रतिशत प्रावधान करना जरूरी होगा।
  • इसके अलावा वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र को वित्तपोषित कर्ज के बकाया के एक प्रतिशत प्रावधान की जरूरत होगी।
  • वाणिज्यिक रियल एस्टेट एवं आवासीय इमारत क्षेत्र और अन्य सभी कर्जों एवं अग्रिम भुगतान के मामले में प्रावधान की जरूरत क्रमशः 0.75 प्रतिशत एवं 0.4 प्रतिशत की होगी।
  • केंद्रीय बैंक ने 100 करोड़ रुपये तक की जमाओं वाले और वेतनभोगियों के शहरी सहकारी बैंक को पहली श्रेणी में रखा है। दूसरी श्रेणी में 100 करोड़ रुपये से अधिक और 1,000 करोड़ रुपये तक जमा वाले सहकारी बैंक रखे गए हैं।
  • टियर-3 में 1,000 करोड़ रुपये से लेकर 10,000 करोड़ रुपये तक जमा वाले शहरी सहकारी बैंक होंगे जबकि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक जमाओं वाले शहरी सहकारी बैंक टियर-4 के तौर पर वर्गीकृत हैं।

IDFC FIRST Bank Launched India's First Sticker-Based Debit Card FIRSTAP_80.1

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने तमिलनाडु में नौवहन मंत्रालय की प्रौद्योगिकी शाखा का उद्घाटन किया

about | - Part 1268_9.1

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास के डिस्कवरी परिसर में बंदरगाहों, जलमार्गों और तटों के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह केंद्र क्षेत्र के लिए ‘मेक इन इंडिया’ तकनीकी समाधानों को सक्षम बनाएगा और समग्र विकास को गति देगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और मरीन रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में विश्वस्तरीय बहु-कार्यात्मक समुद्री प्रयोगशालाओं को शामिल करने के लिए एनटीसीपीडब्ल्यूसी का विस्तार किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि निकट भविष्य में एक समुद्री नवाचार केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

इस केंद्र का उद्देश्य देश में एक मजबूत सामुद्रिक उद्योग के निर्माण के अंतिम लक्ष्य को अर्जित करने की दिशा में समाधानों को सक्षम बनाते हुए सामुद्रिक सेक्टर के लिए अनुसंधान एवं विकास की सुविधा प्रदान करना है। यह अत्याधुनिक केंद्र सामुद्रिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति तथा 2047 तक आत्म निर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में बंदरगाहों एवं प्रचालनों में आधुनिकीकरण तथा उन्नयन सुनिश्चित करना है।

बंदरगाह, जलमार्ग एवं तट के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र के पास सभी विषयों में बंदरगाह, तटीय एवं जलमार्ग सेक्टर के लिए शोध एवं परामर्शी प्रकृति की 2 डी एवं 3 डी परीक्षण करने की विश्व स्तरीय क्षमताएं हैं। महासागर की मॉडलिंग, तटीय एवं मुहाने के प्रवाहों का निर्धारण, तलछट एवं रूपात्मक गतिकी, नेविगशन एवं मैन्यूवरिंग की प्लानिंग, ड्रेजिंग एवं सिल्टेशन का अनुमान, बंदरगाह एवं तटीय इंजीनियरिंग – संरचनाओं एवं ब्रेकवॉटर्स की डिजाइनिंग में परामर्श, स्वायत्त प्लेटफॉर्म एवं वाहन, फ्लो एवं हल इंटरएक्शन की प्रायोगिक एवं सीएफडी मॉडलिंग, मल्टीपल्स हल्स की हाइड्रोनैमिक्स, बंदरगाह की सुविधाओं के साथ जुड़ी महासागर नवीकरणीय ऊर्जा कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां एनटीसीपीडब्ल्यूसी ने पहले ही भारत के सामुद्रिक सेक्टर की क्षमता को ईष्टतम बनाने में योगदान दिया है।

चेन्नई के सुविधा केंद्र के पास 5 अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं हैं जो आत्म निर्भर भारत के विजन की तर्ज पर समुद्री एवं सामुद्रिक समाधानों की डिजाइन एवं विकास, सिमुलेशन, विश्लेषण तथा उत्पादन के हर पहलू को कवर करती हैं। सृजित की गई प्रयोगशालाएं विशिष्ट कार्यक्षेत्रों में अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की तुलना में सर्वश्रेष्ठ हैं।

Find More National News Here

Person Of The Year: Dr. Subramaniam Jaishankar, Foreign Minister Of India_70.1

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि दिवस 2023: 25 अप्रैल

हर साल 25 अप्रैल को दुनिया अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि दिवस मनाती है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र में सदस्य राज्यों के प्रतिनिधियों और प्रतिनिधियों के कार्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। प्रतिनिधि अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में भाग लेते हैं। प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र महासभा और अन्य बाहर, जैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने देश की ओर से बोलते हैं और वोट देते हैं, जब तक कि कोई उच्च-रैंकिंग राजनेता मौजूद न हो। प्रतिनिधियों को उनकी संबंधित सरकारों द्वारा चुना जाता है। नतीजतन, वे उस सरकार के सर्वोत्तम हित में कार्य करते हैं जिसके लिए वे काम करते हैं।

about | - Part 1268_12.1

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि दिवस: इतिहास

 

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि दिवस, सैन फ्रांसिस्को में हुए सम्मेलन के पहले दिन की वर्षगांठ को चिह्नित कने के लिए मनाया जाता है जिसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है। सैन फ्रांसिस्को में 25 अप्रैल 1945 को पहली बार 50 देशों के प्रतिनिधि इकठ्ठा हुए थे। यह सम्मेलन द्वितीय विश्व युद्ध की तबाही के बाद आयोजित किया गया था। जिसका उद्देश्य प्रतिनिधियों द्वारा एक संगठन स्थापित करना था, जो विश्व में शांति बहाल करे और युद्ध के बाद के विश्व व्यवस्था पर नियम निर्धारित करे। UN महासभा, प्रस्ताव 73/286 के जरिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2 अप्रैल 2019 को, दुनिया भर में 25 अप्रैल  को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि दिवस के रूप में मनाए जाने के लिए घोषित किया था।

Find More Important Days Here

Veer Bal Diwas 2022: History, Significance and Celebration in India_80.1

बेंगलुरु में अद्भुत सौरीय घटना: शून्य छाया दिवस

about | - Part 1268_15.1

मंगलवार, 25 अप्रैल को भारत के तकनीकी हब बेंगलुरु अद्भुत खगोलीय घटना “जीरो शैडो डे” का साक्षी बनने वाला है। इस घटना के दौरान, सूर्य की स्थिति सीधे ऊपर के तट पर होने के कारण शहर में कोई भी लंबवत वस्तु छाया नहीं डालेगी। यह घटना लगभग 12:17 अपराह्न के आसपास होने की उम्मीद है और इसकी अवधि थोड़ी सी होगी। भारतीय तंत्रज्ञान समाज (एएसआई) ने इस घटना का अध्ययन करने के लिए बेंगलुरु के कोरमंगला में स्थित भारतीय खगोल विज्ञान संस्थान (आईआईए) में व्यवस्था की है, जबकि शहर के नागरिक भी इसे देखने के लिए तैयार हैं।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

शून्य छाया दिवस क्या है:

जीरो शैडो डे एक दुर्लभ और अनोखी घटना है जो पृथ्वी के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न समयों पर होती है। इस दौरान धरती पर किसी भी लंबवत वस्तु का कोई छाया नहीं पड़ती है क्योंकि सूर्य की स्थिति सीधे ऊपर होती है। सामान्य रूप से, सूर्य की स्थिति उत्तर या दक्षिण की ओर थोड़ी झुकी होती है और सीधे ऊपर नहीं होती है। भारतीय खगोल विज्ञान संस्थान (IIA) ने बेंगलुरु के कोरमांगला में इस घटना का अनुभव करने के लिए व्यवस्था की है, जबकि शहर के नागरिक भी इसे देखने के लिए तैयार हैं।

जीरो शैडो डे साल में दो बार होता है जो की कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थानों में शामिल होते हैं, जैसे कि बेंगलुरु में। बेंगलुरु में यह 25 अप्रैल और 18 अगस्त को होगा।

Indian batter Ishan Kishan hits fastest ODI double hundred off 126 balls_80.1

विश्व मलेरिया दिवस 2023: 25 अप्रैल

about | - Part 1268_18.1

हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य मलेरिया जैसी घातक बीमारी के नियंत्रण में तत्काल कार्रवाई करना है। भारत में भी हज़ारों लोग हर साल मच्छरों से होने वाली बीमारियों का शिकार होते हैं, जिनमें से एक मलेरिया भी है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। मादा एनोफिलीज मच्छर अपनी लार के माध्यम से प्लास्मोडियम परजीवी फैलाती हैं, जो मलेरिया का कारण बनता है। हालांकि, इस बीमारी का बचाव और इलाज दोनों संभव है। दुनिया के कई देश लगातार इस पर काम कर रहे हैं।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य

 

अफ्रीकी स्तर पर मलेरिया दिवस के आयोजन कके मद्देनजर वर्ष 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बैठक में इस दिन को मनाने की घोषणा की, ताकि लोगों का ध्यान इस खतरनाक बीमारी के ओर जाए और हर साल मलेरिया के कारण होने वाली लाखों मौतों को रोका जा सके। साथ ही लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक किया जा सके।

 

मलेरिया दिवस की थीम’

 

प्रतिवर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन मलेरिया दिवस की एक खास थीम पर ही कार्यक्रम करता है। इस वर्ष मलेरिया दिवस 2023 की थीम ‘Ready To Combat Malaria’ है, यानी मलेरिया से लड़ने के लिए तैयार रहें। इस थीम का उद्देश्य लोगों को मलेरिया से निपटने के लिए तैयार होने के लिए जागरूक करना है।

 

मलेरिया दिवस का इतिहास?

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2007 में मलेरिया दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने का फैसला किया था। पहली बार अफ्रीकी देशों में मलेरिया दिवस मनाया गया। उस समय अफ्रीकी देशों में होने वाली मौतों की एक वजह मलेरिया था और इन मौतों के आंकड़ों को कम करने के उद्देश्य से विश्व मलेरिया दिवस मनाये जाने की शुरुआत हुई।

Find More Important Days Here

Veer Bal Diwas 2022: History, Significance and Celebration in India_80.1

गुजरात ने पीएम मोदी की SWAGAT पहल के 20 साल पूरे होने पर मनाया जश्न

about | - Part 1268_21.1

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह को “स्वागत सप्ताह” घोषित किया है जिसका उद्देश्य है नरेंद्र मोदी जी द्वारा 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शुरू की गई “राज्य व्यापक शिकायतों पर तकनीक के उपयोग से ध्यान” (SWAGAT) पहल के 20 साल पूरे होने पर समारोह करना है। इस पहल के तहत, एक तकनीकी आधारित सिस्टम विकसित किया गया था जिसका उद्देश्य शिकायतों का समाधान करना था, और प्रत्येक महीने के अंतिम गुरुवार को मुख्यमंत्री संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में नागरिकों की शिकायतों को निजी तौर पर सुनते हैं।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

पीएम मोदी की स्वागत पहल के 20 साल पूरे होने के जश्न के बारे में अधिक जानकारी:

इस अवसर को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री कार्यालय ने गांव पंचायत सरपंचों, तलाटिओं, नवनियुक्त ममलतदारों और तालुका विकास अधिकारियों को प्रशिक्षित किया। 27 अप्रैल को, जश्न के आखिरी दिन, मुख्यमंत्री भुपेंद्र पटेल ऑनलाइन स्वागत कार्यक्रम आयोजित करेंगे, जिसमें नरेंद्र मोदी भी वर्चुअल रूप से शामिल होंगे।

स्वागत पहल का महत्व:

पिछले बीस सालों में, स्वागत पहल ने गुजरात में कई नागरिकों की शिकायतों को सफलतापूर्वक हल किया है और इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है। विशेष रूप से, यह 2010 में संयुक्त राष्ट्र के सार्वजनिक सेवा पुरस्कार से सम्मानित हुआ था।

Indian batter Ishan Kishan hits fastest ODI double hundred off 126 balls_80.1

माणा बना पहला भारतीय गांव : जानें क्या है वाइब्रेंट ग्रामीण कार्यक्रम

about | - Part 1268_24.1

माणा गाँव उत्तराखंड में, जिसे पहले भारत का अंतिम गाँव माना जाता था, अब “पहला भारतीय गाँव” के रूप में मान्यता प्राप्त करेगा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सीमा गाँव के प्रवेश द्वार पर संकेत बोर्ड लगाकर माणा की अपडेटेड स्थिति घोषित की है। इस फैसले के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दावे का समर्थन किया था कि माणा देश का पहला गाँव है, और सभी सीमा गाँवों को ऐसा मान्यता देना चाहिए। पिछले वर्ष अक्टूबर में माणा का दौरा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की सीमाओं के अंत में देखा जाने वाला क्षेत्र अब देश की समृद्धि की शुरुआत के रूप में देखा जाना चाहिए।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

जीवंत गांव कार्यक्रम: भारत की उत्तरी सीमा

  • वाइब्रेंट ग्रामीण कार्यक्रम का उद्देश्य चयनित सीमा समुदायों में निवासियों के जीवन के मानकों को ऊंचा करना है।
  • इस कार्यक्रम का लक्ष्य भारत की उत्तरी सीमाओं पर स्थित 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में स्थित 2967 गांवों का विकास करना है।
  • यह कार्यक्रम अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख संगठित क्षेत्र जैसे राज्यों के सीमा समुदायों को कवर करता है।
  • इन गांवों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने, बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने और इन गांवों में जीवन की शर्तों को बेहतर बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है।
  • इस कार्यक्रम का मुख्य ध्येय है स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और साफ़ पीने के पानी के बेहतर पहुंच के लिए ध्यान केंद्रित करना।
  • वाइब्रेंट ग्रामीण कार्यक्रम का उद्देश्य भी सीमा समुदायों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर उत्पन्न करना होगा।
  • यह कार्यक्रम सरकार के आंतरिक विकास को बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन मानकों को सुधारने के लक्ष्य के साथ अनुरूप है।

Indian batter Ishan Kishan hits fastest ODI double hundred off 126 balls_80.1

जानें कौन हैं उदय तम्बर जिसे बनाया गया न्यूयॉर्क सिटी के जातिगत न्याय सलाहकार मंडल का सदस्य

about | - Part 1268_27.1

न्यूयॉर्क सिटी के हाल ही में गठित जाति न्याय सलाहकार मंडल के सदस्य के रूप में उदय तम्बर, जो अमेरिका में युवा विकास सेवाओं पर काम करने वाले भारतीय मूल के सीईओ हैं, समेत पंद्रह विशेषज्ञों का चयन किया गया है।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

उदय तंबर को न्यूयॉर्क शहर में नस्लीय न्याय सलाहकार बोर्ड के रूप में नियुक्त किया गया:

उदय तम्बर, जो न्यूयॉर्क जूनियर टेनिस और लर्निंग (NYJTL) के सीईओ और अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं, को न्यूयॉर्क सिटी में नयी गठित जाति न्याय सलाहकार मंडल के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

नस्लीय न्याय सलाहकार बोर्ड का उद्देश्य:

बोर्ड, जिसमें उदय तम्बर शामिल हैं, न्यूयॉर्क सिटी में हाल ही में शुरू की गई जातिगत न्याय आइना संशोधन द्वारा लॉन्च किए गए जातिगत न्याय आइना संशोधन को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। मेयर एरिक एडम्स और मेयर कार्यालय के न्याय आयोग आयुक्ता सिडेया शर्मन द्वारा पिछले सप्ताह शुरू किए गए जातिगत न्याय आइना संशोधन को कार्यान्वित करने के साथ-साथ, न्यूयॉर्क सिटी को नए एनैक्टेड चार्टर संशोधनों के लागू करने का निर्णय लिया गया है, जैसा कि मेयर कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है।

उदय तंबर के बारे में:

  • उदय तम्बर एक भारतीय मूल के सीईओ हैं जो युवा सेवा करने के लिए अपनी करियर समर्पित कर रहे हैं।
  • वे वर्तमान में न्यूयॉर्क जूनियर टेनिस और लर्निंग (NYJTL) के अध्यक्ष और सीईओ हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़ा गैर-लाभकारी युवा टेनिस और शिक्षा कार्यक्रम है।
  • न्यूयॉर्क जूनियर टेनिस और लर्निंग के अलावा, तम्बर नॉर्थवेल हेल्थ में कम्युनिटी हेल्थ के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं।
  • तम्बर ने न्यूयॉर्क सहायता और मानव सेवा के उपमहापौर के लिए मुख्य स्टाफ और युवा और बाल सेवाओं के निदेशक के रूप में भी काम किया है।
  • उन्होंने साउथ एशियाई युवा एक्शन (SAYA!) के कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया है, जो न्यूयॉर्क की अधोगति से पीड़ित दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए व्यापक युवा विकास सेवाएं प्रदान करता है।
  • तम्बर कर्नेल विश्वविद्यालय से एक कला स्नातक डिग्री और प्रिंसटन विश्वविद्यालय से एक मानव सम्बन्धी मामलों में मास्टर की डिग्री रखते हैं।
  • उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम पूरा किया है और संगठनात्मक प्रबंधन में रणनीतिक दृष्टिकोण का प्रमाणपत्र रखते हैं।

Find More International News HereUIDAI HQ Building wins top Green Building Award_90.1

 

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई पत्रकार तारिक फतह का निधन

about | - Part 1268_30.1

पाकिस्तानी-कनाडाई जर्नलिस्ट तारेक फ़तह का निधन हो गया। वे 73 वर्ष की उम्र में कैंसर से जूझते हुए अंतिम सांस ली। फ़तह की प्रशंसा इस्लामिक उत्सर्जिता और पाकिस्तानी संस्थापन के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए की जाती थी, जैसे ही वे ज़ेब्रा के अधिकार के समर्थन के लिए जाने जाते थे। उनके माता-पिता बंबई से कराची आए थे, वे वहां जन्मे थे और बाद में कराची विश्वविद्यालय में बायोकेमिस्ट्री में अध्ययन किया था। उन्होंने बाद में लेफ्टिस्ट एक्टिविस्ट बना हुआ था और अंततः पत्रकारिता में अंतर्निहित हो गए थे। फ़तह की बेटी ने सोशल मीडिया पर उनकी मृत्यु की पुष्टि की।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

तारिक फतह का करियर

  • तारेक फतह ने जर्नलिज्म करियर की शुरुआत 1970 में कराची सन में रिपोर्टर के रूप में की थी, और बाद में पाकिस्तान टेलीविजन के लिए एक जांचकर्ता के रूप में काम किया। 1977 में, जिया-उल-हक सरकार ने उन्हें देशद्रोह के आरोप में आरोपित किया, जिससे उन्हें सऊदी अरब जाना पड़ा, और फिर 1987 में कनाडा बस गए। उन्होंने टोरोंटो रेडियो स्टेशन CFRB न्यूटॉक 1010 के लिए एक प्रसारणकर्ता के रूप में काम शुरू किया, और कुछ अन्य कनाडा के मीडिया संगठनों में काम करने के बाद अंततः टोरोंटो सन के कॉलम्निस्ट बन गए।
  • फतह ने विभिन्न राजनीतिक समूहों से जुड़वाया है, जिसमें कनाडा के लिबरल पार्टी और ऑंटारियो न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी शामिल हैं।
  • उन्हें डोनर प्राइज, हेलेन और स्टैन वाइन कैनेडियन बुक अवार्ड जैसे संगठनों से पुरस्कार मिले हैं।

उनके द्वारा लिखी गई किताबें:

फ़तह ने दो पुस्तकें लिखीं, “चेसिंग ए मिराज” जिसमें आधुनिक इस्लाम की आलोचना की गई थी, और “The Jew is not my enemy” जिसमें मुस्लिम और यहूदी समुदायों के बीच के संबंधों का इतिहास विस्तार से विश्लेषण किया गया था।

Find More Obituaries News

Lance Naik Bhairon Singh Rathore passes away_90.1

Recent Posts

about | - Part 1268_32.1