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संसद ने शांति बिल पास किया, AERB को वैधानिक दर्जा मिला

संसद ने सतत उपयोग एवं उन्नयन द्वारा भारत के परिवर्तन हेतु परमाणु ऊर्जा (SHANTI) विधेयक, 2025 को मंज़ूरी दे दी है। 18 दिसंबर को राज्यसभा से पारित होने के साथ ही यह विधेयक, लोकसभा की स्वीकृति के बाद, विधायी प्रक्रिया पूरी करता है। यह विधेयक भारत के परमाणु शासन ढांचे में बड़े सुधार लाता है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (AERB) को वैधानिक दर्जा प्रदान करना।

SHANTI विधेयक के प्रमुख प्रावधान

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह विधेयक परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व (CLND) अधिनियम के प्रावधानों को समेकित और तर्कसंगत करता है तथा भारत की परमाणु व्यवस्था को आधुनिक तकनीकी और ऊर्जा आवश्यकताओं के अनुरूप ढालता है।

  • AERB को वैधानिक दर्जा: नियामक को मूल कानून में स्थापित किया गया, जिससे उसकी स्वायत्तता और अधिकार मजबूत होंगे।
  • सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करना: निर्माण और संचालन के दौरान अनिवार्य निरीक्षण, हर पाँच वर्ष में लाइसेंस नवीनीकरण, और IAEA मानकों के अनुरूपता।
  • उन्नत रिएक्टर तकनीक: स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) और भारत स्मॉल रिएक्टर्स को सुरक्षित, लचीले स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों के रूप में मान्यता।
  • परमाणु क्षति की विस्तृत परिभाषा: मानव और संपत्ति हानि के साथ-साथ पर्यावरणीय क्षति को भी शामिल किया गया।

सुरक्षा, संप्रभुता और दायित्व

मंत्री ने स्पष्ट किया कि परमाणु सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा—

  • परमाणु संयंत्र प्रमुख भूकंपीय क्षेत्रों से दूर स्थित हैं।
  • कुडनकुलम, कलपक्कम, तारापुर और रावतभाटा जैसे स्थलों पर विकिरण स्तर वैश्विक सुरक्षा सीमाओं से काफी नीचे हैं।
  • भारतीय परमाणु संयंत्रों से कैंसरजन्य जोखिम का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

विधेयक में ग्रेडेड दायित्व सीमा का प्रावधान है, जिससे छोटे निवेशकों को आकर्षित किया जा सके, जबकि ऑपरेटर की सीमा से अधिक क्षति की स्थिति में सरकार-समर्थित तंत्र के माध्यम से पूर्ण मुआवजा सुनिश्चित होगा। त्वरित विवाद निपटारे के लिए परमाणु ऊर्जा प्रतितोष आयोग का गठन किया जाएगा; न्यायिक निगरानी बनी रहेगी।

निजी भागीदारी और साइबर सुरक्षा

  • सीमित निजी भागीदारी केवल अन्वेषण गतिविधियों में; जबकि यूरेनियम खनन, प्रयुक्त ईंधन, विखंडनीय पदार्थ और भारी जल सरकार के सख्त नियंत्रण में रहेंगे।
  • साइबर सुरक्षा को एन्क्रिप्शन, ऑडिट, मैलवेयर फ़िल्टरिंग और बहु-स्तरीय डिजिटल सुरक्षा से मजबूत किया गया है।

भारत की परमाणु ऊर्जा रोडमैप

डॉ. जितेंद्र सिंह ने क्षमता लक्ष्यों की रूपरेखा बताई—

  • वर्तमान: 9 GW
  • 2032 तक: 22 GW
  • 2037 तक: 47 GW
  • 2042 तक: 67 GW
  • 2047 तक: 100 GW

परमाणु ऊर्जा AI-आधारित विकास, डिजिटल अवसंरचना और दीर्घकालिक स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में अहम भूमिका निभाएगी।

मुख्य बिंदु

  • SHANTI विधेयक, 2025 संसद से पारित
  • AERB को वैधानिक दर्जा मिला
  • परमाणु सुरक्षा, संप्रभुता और जवाबदेही की पुनः पुष्टि
  • परमाणु दायित्व में पर्यावरणीय क्षति शामिल
  • SMRs और भारत स्मॉल रिएक्टर्स को भविष्य-उन्मुख तकनीक के रूप में मान्यता
  • 2047 तक 100 GW परमाणु क्षमता का लक्ष्य
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