भारत में शहरी बेरोजगारी दर वित्तीय वर्ष 2025 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 6.4% पर स्थिर रही, जो पहली तिमाही के 6.6% से घटकर दूसरी तिमाही में 6.4% हुई थी। यह आंकड़ा सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा 18 फरवरी 2025 को जारी नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) में सामने आया। यह शहरी क्षेत्रों में रोजगार परिदृश्य की स्थिरता को दर्शाता है।
हालांकि कुल बेरोजगारी दर स्थिर बनी हुई है, लेकिन सर्वेक्षण से लिंग-विशिष्ट रोजगार प्रवृत्तियों, युवा बेरोजगारी और श्रम बल भागीदारी दर में बदलाव का संकेत मिलता है। यह डेटा रोजगार के पैटर्न को समझने और नीति-निर्माताओं को सही दिशा में निर्णय लेने में मदद करता है।
शहरी बेरोजगारी में लिंग के अनुसार परिवर्तन
- पुरुष बेरोजगारी दर – शहरी क्षेत्रों में पुरुषों की बेरोजगारी दर तीसरी तिमाही में बढ़कर 5.8% हो गई, जो दूसरी तिमाही में 5.7% थी।
- महिला बेरोजगारी दर – महिलाओं की बेरोजगारी दर में सुधार हुआ और यह Q3 FY25 में घटकर 8.1% हो गई, जो पिछली तिमाही में 8.4% थी। यह महिला श्रमशक्ति में वृद्धि को दर्शाता है, लेकिन पुरुषों और महिलाओं के रोजगार में अभी भी बड़ा अंतर बना हुआ है।
युवा रोजगार में प्रवृत्तियां
युवा बेरोजगारी दर, जो आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, में हल्की वृद्धि दर्ज की गई:
- 15-29 वर्ष आयु वर्ग – इस समूह में बेरोजगारी दर Q3 FY25 में बढ़कर 16.1% हो गई, जो पिछली तिमाही में 15.8% थी।
यह संकेत देता है कि नए स्नातकों और पहली बार नौकरी ढूंढने वालों के लिए रोजगार के अवसरों में चुनौतियां बनी हुई हैं।
श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) में परिवर्तन
शहरी क्षेत्रों में श्रम बल भागीदारी दर Q3 FY25 में 50.4% पर स्थिर रही, लेकिन लिंग के आधार पर मामूली बदलाव देखे गए:
- पुरुष LFPR – यह बढ़कर 75.4% हो गया, जो पिछली तिमाही में 75% था, जिससे संकेत मिलता है कि अधिक पुरुष आर्थिक गतिविधियों में भाग ले रहे हैं।
- महिला LFPR – यह हल्की गिरावट के साथ 25.2% हो गया, जो Q2 FY25 में 25.5% था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कुछ महिलाओं ने कार्यबल से बाहर होना पसंद किया।
पुरुषों की भागीदारी में वृद्धि सकारात्मक संकेत है, लेकिन महिलाओं की गिरती LFPR यह दर्शाती है कि उनके सतत रोजगार को बढ़ावा देने के लिए अधिक नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
रोजगार वितरण और क्षेत्रीय भागीदारी
PLFS सर्वेक्षण के अनुसार, शहरी श्रमिकों के रोजगार का स्वरूप इस प्रकार है:
- स्वरोजगार – 39.9% श्रमिक स्वयं-रोजगार में संलग्न हैं।
- नियमित/वेतनभोगी रोजगार – 49.4% कर्मचारी नियमित वेतनभोगी नौकरियों में कार्यरत हैं।
- अनियमित मजदूरी (कैजुअल लेबर) – 10.7% श्रमिक दैनिक मजदूरी कार्यों पर निर्भर हैं।
महिलाओं के नियमित रोजगार में वृद्धि हुई, जो Q3 FY25 में 54.8% हो गई, जबकि Q2 FY25 में यह 53.8% थी। दूसरी ओर, पुरुषों का नियमित रोजगार दर 47.9% से घटकर 47.7% हो गया।
क्षेत्रीय रोजगार वितरण
- तृतीयक (सेवा) क्षेत्र – इस क्षेत्र में रोजगार की हिस्सेदारी Q2 FY25 के 62.3% से बढ़कर Q3 FY25 में 62.7% हो गई, जिससे सेवा-आधारित उद्योगों में वृद्धि का संकेत मिलता है।
- द्वितीयक (उत्पादन/निर्माण) क्षेत्र – इस क्षेत्र की हिस्सेदारी 32.3% से घटकर 31.8% हो गई, जो औद्योगिक नौकरियों में हल्की गिरावट दर्शाता है।
इस डेटा का महत्व
PLFS सर्वेक्षण, जो अप्रैल 2017 में शुरू हुआ था, शहरी भारत में रोजगार की ताजा स्थिति पर तिमाही अपडेट प्रदान करता है। यह रिपोर्ट नीति-निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और व्यवसायों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हालांकि शहरी श्रम बाजार स्थिर बना हुआ है, लेकिन युवा बेरोजगारी और महिला श्रम भागीदारी जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि क्षेत्रीय विविधीकरण, रोजगार सृजन रणनीतियां, और महिला रोजगार को बढ़ावा देने वाली नीतियां दीर्घकालिक सुधार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा, सरकार का कौशल विकास और औद्योगिक विस्तार पर ध्यान केंद्रित करना शहरी रोजगार वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्य पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | शहरी बेरोजगारी दर Q3 FY25 (अक्टूबर-दिसंबर) में 6.4% पर स्थिर रही, जैसा कि MoSPI द्वारा जारी PLFS डेटा में बताया गया। |
पुरुष बेरोजगारी | Q2 FY25 के 5.7% से बढ़कर 5.8% हो गई। |
महिला बेरोजगारी | Q2 FY25 के 8.4% से घटकर 8.1% हो गई। |
युवा बेरोजगारी (15-29 वर्ष) | Q2 FY25 के 15.8% से बढ़कर 16.1% हो गई, जो युवा पेशेवरों के लिए रोजगार की चुनौतियों को दर्शाती है। |
श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) | कुल मिलाकर 50.4% पर स्थिर बनी रही। |
पुरुष LFPR | Q2 FY25 के 75% से बढ़कर 75.4% हो गई। |
महिला LFPR | Q2 FY25 के 25.5% से घटकर 25.2% हो गई। |
रोजगार प्रकार वितरण | स्वरोजगार: 39.9%, नियमित/वेतनभोगी: 49.4%, अनियमित मजदूरी (कैजुअल लेबर): 10.7%। |
महिलाओं की नियमित नौकरियों में भागीदारी | Q2 FY25 के 53.8% से बढ़कर 54.8% हो गई। |
निर्माण क्षेत्र (द्वितीयक क्षेत्र) की नौकरियां | Q2 FY25 के 32.3% से घटकर 31.8% हो गईं। |
सेवा क्षेत्र (तृतीयक क्षेत्र) की नौकरियां | Q2 FY25 के 62.3% से बढ़कर 62.7% हो गईं, जिससे सेवा क्षेत्र में वृद्धि का संकेत मिलता है। |
रिपोर्ट जारी करने की तिथि | 18 फरवरी 2025। |
डेटा स्रोत | आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI)। |