उत्तर प्रदेश सरकार ने वंचित वर्ग की लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। समग्र शिक्षा अभियान उत्तर प्रदेश में 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में लड़कियों की सुरक्षा के लिए आरोहिनी पहल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत काम करेगा।
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प्रमुख बिंदु
- स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बताया कि तीन चरणों में लागू होने वाले आरोहिनी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लैंगिक संवेदीकरण है।
- पहले चरण में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो 1 फरवरी 2023 से शुरू होगा।
- प्रत्येक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की दो शिक्षिकाएं प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी, जो फिर अपने-अपने विद्यालय की छात्राओं को शिक्षित करेंगी।
- संस्था शिक्षकों के साथ-साथ वाद-विवाद व अन्य गतिविधियों के माध्यम से भी छात्राओं को तैयार करेगी।
आरोहिनी पहल प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्य
इस योजना का प्रमुख लक्ष्य लैंगिक संवेदनशीलता है जिसका उद्देश्य शहर में लैंगिक असमानता की चिंताओं को दूर करना है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, अभियान को तीन अलग-अलग चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा।
- आरोहिनी अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाली सभी छात्राओं को स्वतंत्र और आत्मविश्वासी बनाना है।
- एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वंचित तबके से आने वाली लड़कियों को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
- यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लड़कियों को उनके विशेष अधिकारों के लिए आवाज उठाने में सक्षम करेगा, जैसा कि भारतीय संविधान में घोषित किया गया है।