केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान डॉ जितेंद्र सिंह ((Dr Jitendra Singh) ने आधिकारिक तौर पर चेन्नई में “समुद्रयान परियोजना (Samudrayan project)” नामक भारत के पहले मानवयुक्त महासागर मिशन का शुभारंभ किया। यूनिक ओशन मिशन (Unique Ocean Mission) का उद्देश्य उप-समुद्री गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गहरे पानी के भीतर मानवयुक्त वाहन रखना है। इस तकनीक के साथ, भारत इस तरह के पानी के नीचे के वाहन रखने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस और चीन जैसे देशों के कुलीन क्लब में शामिल हो गया है।
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परियोजना के बारे में:
- यूनिक ओशन मिशन का उद्देश्य उप-समुद्री गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गहरे पानी के भीतर मानवयुक्त वाहन रखना है।
- गहरे पानी से चलने वाली सबमर्सिबल को ‘मत्स्या 6000’ का कोडनेम दिया गया है।
- इसे चेन्नई स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (National Institute of Ocean Technology – NIOT) द्वारा विकसित किया गया है।
- प्रौद्योगिकी लगभग 1000 और 5500 मीटर की गहराई पर स्थित निर्जीव संसाधनों, जैसे पॉलीमेटेलिक मैंगनीज नोड्यूल, गैस हाइड्रेट्स, हाइड्रो-थर्मल सल्फाइड और कोबाल्ट क्रस्ट के गहरे समुद्र में अन्वेषण करने में मदद करेगी।