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जानें क्या हैं पीएम स्वनिधि योजना, जिसकों 2030 तक विस्तार की मिली मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM SVANidhi) योजना का बड़ा पुनर्गठन मंज़ूर किया है। अब इस योजना के अंतर्गत ऋण (लोन) उपलब्ध कराने की समयसीमा 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही 1.15 करोड़ से अधिक रेहड़ी-पटरी (स्ट्रीट वेंडर) वालों को वित्तीय और डिजिटल सुविधा मिलेगी, जिनमें 50 लाख नए लाभार्थी भी शामिल होंगे। यह योजना मूल रूप से जून 2020 में महामारी के दौरान शुरू की गई थी और अब इसका उद्देश्य शहरी आजीविका को और मज़बूत करना तथा डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देना है।

पुनर्गठित योजना की मुख्य बातें

1. ऋण अवधि का विस्तार और कुल प्रावधान

  • पहले योजना की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च 2030 कर दिया गया है।

  • इसके लिए सरकार ने कुल ₹7,332 करोड़ का प्रावधान किया है।

  • यह कदम वित्तीय समावेशन और शहरी आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है।

2. ऋण राशि में बढ़ोतरी

  • पहला किश्त ऋण: ₹10,000 से बढ़ाकर ₹15,000

  • दूसरा किश्त ऋण: ₹20,000 से बढ़ाकर ₹25,000

  • तीसरा किश्त ऋण: यथावत ₹50,000
    इस बढ़ोतरी से वेंडरों को अधिक कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) मिलेगी और वे अपना कारोबार टिकाऊ रूप से बढ़ा सकेंगे।

3. डिजिटल वित्तीय समावेशन के नए प्रावधान

  • यूपीआई-लिंक्ड रूपे क्रेडिट कार्ड

    • दूसरा ऋण सफलतापूर्वक चुकाने वाले वेंडरों को अब यूपीआई से जुड़े RuPay क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे।

    • इससे उन्हें तुरंत क्रेडिट की सुविधा, व्यक्तिगत व व्यावसायिक ज़रूरतों के लिए पूंजी, और डिजिटल भुगतान तंत्र में मज़बूत एकीकरण मिलेगा।

  • कैशबैक प्रोत्साहन

    • अब रेहड़ी-पटरी वाले सालाना ₹1,600 तक का कैशबैक डिजिटल लेन-देन (खुदरा व थोक) पर कमा सकेंगे।

    • इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और लेन-देन का औपचारिक क्रेडिट इतिहास बनेगा।

4. कवरेज और लक्षित पहुँच का विस्तार

  • योजना अब केवल वैधानिक नगरों तक सीमित नहीं रहेगी।

  • इसे जनगणना नगरों और परि-शहरी क्षेत्रों तक चरणबद्ध रूप से बढ़ाया जाएगा।

  • इससे अर्ध-शहरी और ग्रामीण बाहरी इलाकों के वेंडरों को भी औपचारिक ऋण और समावेशन का लाभ मिलेगा।

5. लाभार्थी लक्ष्य

  • कुल 1.15 करोड़ लाभार्थी

    • 68 लाख मौजूदा स्ट्रीट वेंडर

    • 50 लाख नए वेंडर

अब तक की उपलब्धियाँ (जून 2020 से)

  • 96 लाख+ ऋण वितरित

  • ₹13,797 करोड़ का क्रेडिट दिया गया

  • 68 लाख से अधिक वेंडर लाभान्वित

  • कोविड-19 के दौरान और बाद में आजीविका पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका

पुनर्गठन के बाद यह योजना स्ट्रीट वेंडरों को अधिक सुलभ ऋण, डिजिटल सुविधा और आर्थिक स्थिरता की ओर अग्रसर करेगी।

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