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संयुक्त राष्ट्र ने अपदस्थ बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौत की सजा का विरोध किया

संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश की बर्खास्त पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अनुपस्थिति में सुनाई गई मौत की सजा पर कड़ी आपत्ति जताई है। 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों पर कथित दमन से जुड़े मानवता-विरोधी अपराधों के आरोपों पर यह फैसला सुनाया गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निष्पक्ष न्याय और कानूनी प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक रुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजारिक ने बताया कि UN हर परिस्थिति में मृत्युदंड का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अंतरराष्ट्रीय कानूनी मानकों का पालन अत्यंत आवश्यक होता है, विशेषकर जब सजा मौत जैसी कठोर हो।

शेख हसीना पर लगे आरोप

78 वर्षीय शेख हसीना को ढाका की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 2024 के छात्र प्रदर्शनों के दौरान कथित मानवता-विरोधी अपराधों के लिए दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष का आरोप था कि अवामी लीग सरकार के नेतृत्व में प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाया गया, जिसमें कई मौतें, घायल और गिरफ्तारियाँ हुईं।
हसीना को उनकी अनुपस्थिति में सज़ा सुनाई गई, क्योंकि वे वर्तमान में निर्वासन में हैं।

मामले में अन्य सज़ाएँ

  • आसादुज्ज़मान खान कमाल, पूर्व गृह मंत्री — मृत्युदंड (अनुपस्थिति में)

  • चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक — 5 वर्ष की कैद (राज्य गवाह)

यह फैसला केवल बांग्लादेशी जजों वाली एक विशेष अदालत ने सुनाया, जो स्वयं को ‘अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण’ कहती है, जिसका UN से कोई संबंध नहीं है।

UN मानवाधिकार कार्यालय की प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टुर्क के कार्यालय ने भी इस फैसले पर चिंता जताई। प्रवक्ता रवीना शामदसानी ने कहा कि —

  • कार्यालय को मुकदमे की पारदर्शिता और प्रक्रिया की जानकारी नहीं दी गई,

  • अनुपस्थिति में किए गए मुकदमों में, विशेषकर जहां मृत्युदंड की संभावना हो, अंतरराष्ट्रीय निष्पक्ष न्याय मानकों का पालन अनिवार्य है।

उन्होंने ज़ोर दिया कि ऐसे मामलों में सर्वोच्च स्तर की कानूनी जांच और निष्पक्षता सुनिश्चित होनी चाहिए — जो इस मामले में संदिग्ध प्रतीत होती है।

अंतरराष्ट्रीय कानून से जुड़े सवाल

यह पूरा मामला कई गंभीर प्रश्न उठाता है, जैसे—

  • निष्पक्ष सुनवाई के बिना अनुपस्थिति में सुनवाई करना

  • राजनीतिक नेताओं पर घरेलू अदालतों में मुकदमे

  • न्यायाधिकरण की विश्वसनीयता और स्वतंत्रता

  • बांग्लादेश में क़ानून के शासन और मानवाधिकारों पर इसका प्रभाव

इन फैसलों से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई है, जहां विपक्षी नेताओं पर लगातार कानूनी दबाव देखा जा रहा है।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • फैसले की तारीख: नवंबर 2025

  • दोषी ठहराई गईं: शेख हसीना, पूर्व प्रधानमंत्री, बांग्लादेश

  • आरोप: 2024 के छात्र प्रदर्शनों के दौरान मानवता-विरोधी अपराध

  • मुकदमे का प्रकार: अनुपस्थिति में सुनवाई (In absentia), बांग्लादेश के ICT द्वारा

  • UN का रुख: हर स्थिति में मौत की सज़ा का विरोध

  • अन्य दंड:

    • आसादुज्ज़मान खान कमाल — मृत्युदंड

    • चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून — 5 वर्ष (राज्य गवाह)

  • वर्तमान स्थिति: शेख हसीना निर्वासन में हैं

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