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Udan Scheme: ‘उड़ान’ योजना के 8 साल पूरे

भारत का विमानन क्षेत्र पारंपरिक रूप से बड़े शहरों तक सीमित रहा है, जहां हवाई यात्रा को अक्सर एक विलासिता माना जाता था जो केवल विशेष वर्ग के लोगों के लिए ही सुलभ थी। हालांकि, 2016 में शुरू की गई उड़ान योजना ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। “उड़े देश का आम नागरिक” (UDAN) का उद्देश्य आम लोगों के लिए हवाई यात्रा को सस्ता और सुलभ बनाना है। यह पहल भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों तथा कम सेवायुक्त क्षेत्रों को प्रमुख शहरों से जोड़ने का कार्य कर रही है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क बढ़ रहा है और आर्थिक विकास को गति मिल रही है।

क्यों है ख़बरों में?

उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना ने 27 अप्रैल 2025 को अपनी सफलता के आठ वर्ष पूरे किए। इस अवसर पर भारत के विमानन नेटवर्क के विस्तार और आम जनता के लिए सस्ती हवाई यात्रा को सुलभ बनाने में हुई प्रगति को रेखांकित किया गया। 21 अक्टूबर 2016 को भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना ने हवाई यात्रा को सबके लिए सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।

मुख्य घटक और हितधारकों को प्रोत्साहन
उड़ान योजना की सफलता का श्रेय वित्तीय सहायता, रणनीतिक साझेदारियों और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने के स्पष्ट दृष्टिकोण को जाता है। नीचे इस योजना के प्रमुख घटकों और प्रोत्साहनों का विवरण दिया गया है, जिन्होंने इसके विकास में अहम भूमिका निभाई:

1. वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF)
सरकार कम लाभदायक मार्गों पर उड़ानों के संचालन के लिए एयरलाइनों को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करती है, ताकि टिकट की कीमतें आम जनता की पहुंच में बनी रहें।

2. हवाई किराए की सीमा
हवाई यात्रा को सुलभ बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय मार्गों पर किराए की सीमा निर्धारित की गई है, जिससे आम नागरिक भी हवाई यात्रा कर सके।

3. सहयोगात्मक शासन
उड़ान की सफलता केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और निजी हवाई अड्डा संचालकों के बीच सहयोग पर निर्भर करती है। यह बहु-स्तरीय सहयोग संचालन में पारदर्शिता और निजी भागीदारी को बढ़ावा देता है।

4. हितधारकों को प्रोत्साहन

  • हवाई अड्डा संचालक: उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डों पर लैंडिंग और पार्किंग शुल्क माफ किया जाता है, और AAI RCS (क्षेत्रीय संपर्क योजना) उड़ानों पर टर्मिनल नेविगेशन लैंडिंग शुल्क (TNLC) नहीं लेता।

  • केंद्र सरकार: RCS हवाई अड्डों पर एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) पर उत्पाद शुल्क को सीमित करती है और एयरलाइनों के बीच कोड-शेयरिंग समझौतों को बढ़ावा देती है।

  • राज्य सरकारें: ATF पर वैट में कमी, और आवश्यक सेवाएं रियायती दरों पर उपलब्ध कराती हैं।

उड़ान योजना का विकास: विस्तार की यात्रा

उड़ान 1.0 (2017)

  • प्रारंभिक मील का पत्थर: पहली उड़ान 27 अप्रैल 2017 को शिमला से दिल्ली के लिए शुरू हुई।

  • कवरेज: 5 एयरलाइनों ने 128 मार्गों पर सेवाएं दीं, 70 हवाई अड्डे जुड़े, जिनमें 36 नए हवाई अड्डे शामिल थे।

उड़ान 2.0 (2018)

  • विस्तार: 73 कम सेवा प्राप्त और अनसेव्ड हवाई अड्डों को जोड़ा गया। हेलीपैड्स को भी नेटवर्क में शामिल किया गया।

उड़ान 3.0 (2019)

  • पर्यटन पर ध्यान: पर्यटन मार्ग और सीप्लेन सेवाएं शुरू की गईं, खासकर पूर्वोत्तर भारत में।

उड़ान 4.0 (2020)

  • लक्ष्य क्षेत्र: पहाड़ी क्षेत्रों, उत्तर-पूर्व और द्वीपीय क्षेत्रों पर फोकस, हेलीकॉप्टर और सीप्लेन सेवाओं में वृद्धि।

प्रमुख नवाचार और उड़ान का भविष्य

1. उड़ान यात्री कैफे

  • समावेशी यात्रा: कोलकाता और चेन्नई हवाई अड्डों पर कैफे में ₹10 में चाय और ₹20 में समोसे जैसी किफायती चीजें, जिससे हवाई यात्रा सभी के लिए और अधिक समावेशी बनती है।

2. सीप्लेन संचालन

  • अंतिम-मील संपर्क: सीप्लेन संचालन के लिए सुरक्षा और व्यवहार्यता से जुड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों में संपर्क बेहतर हो सके।

3. पुनर्निर्मित उड़ान (2025)

  • विस्तार: 2025 में योजना के तहत 120 नए गंतव्यों को जोड़ा जाएगा, जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों तथा दूरदराज के क्षेत्रों में 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को हवाई सेवा का लाभ मिलेगा।

4. कृषिउड़ान योजना

  • कृषि लॉजिस्टिक्स: यह पहल किसानों को विशेष रूप से उत्तर-पूर्व और पहाड़ी क्षेत्रों से कृषि उत्पादों की सस्ती हवाई ढुलाई में सहायता करती है।

5. बुनियादी ढांचे का विकास

  • भविष्य की योजना: सरकार अगले पांच वर्षों में 50 नए हवाई अड्डों का निर्माण करेगी, जिससे मांग को पूरा किया जा सके और क्षेत्रीय विकास को और गति मिले।

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