22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने एक कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान से सभी प्रकार के माल के आयात और पारगमन (Transit) पर प्रतिबंध लगा दिया है, चाहे वह किसी तीसरे देश के माध्यम से ही क्यों न आ रहा हो। यह निर्णय भारत-पाकिस्तान के बिगड़ते संबंधों, सीमा पर बढ़ती सुरक्षा और सीमा पार आतंकवाद की फंडिंग को रोकने की नीति के तहत लिया गया है।
तत्काल व्यापार प्रतिबंध घोषित
2 मई 2025 को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना जारी कर पाकिस्तान से सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन को प्रतिबंधित कर दिया। यह प्रतिबंध यूएई, सिंगापुर और कोलंबो जैसे ट्रांजिट हब के माध्यम से आने वाले सामानों पर भी लागू होगा, जिन्हें अब तक प्रत्यक्ष व्यापार प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए प्रयोग किया जा रहा था।
सरकार ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकनीति के हित में आवश्यक” बताते हुए कहा कि किसी भी अपवाद के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी।
पिछले दरवाज़ों से हो रहे व्यापार पर रोक
हालांकि अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) को पिछले महीने बंद कर दिया गया था, फिर भी पाकिस्तान से सामान तीसरे देशों के माध्यम से भारत पहुंच रहा था। खासतौर पर यूएई से खजूर, सूखे मेवे आदि का आयात हो रहा था, क्योंकि भारत-यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, करीब $10 अरब के भारतीय उत्पाद पाकिस्तान तक इन वैकल्पिक मार्गों से पहुंचते हैं। नया आदेश इन सभी रास्तों को पूर्ण रूप से बंद कर देता है।
व्यापार आंकड़े और आर्थिक प्रभाव
2019 के पुलवामा हमले के बाद से भारत-पाक व्यापारिक संबंध लगातार घटते रहे हैं:
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2018–19: ₹4,370.78 करोड़
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2022–23: ₹2,257.55 करोड़
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2023–24: ₹3,886.53 करोड़ (पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक)
भारत से पाकिस्तान को प्रमुख निर्यात:
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सोया बीन
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मुर्गी चारा
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लाल मिर्च
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सब्ज़ियां
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प्लास्टिक ग्रैन्यूल व यार्न
पाकिस्तान से आयातित वस्तुएं:
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खजूर, सूखे मेवे
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सीमेंट व जिप्सम
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काँच, जड़ी-बूटियाँ, सेंधा नमक
GTRI प्रमुख अजय श्रीवास्तव ने कहा:
“भारत को पाकिस्तानी सामान पर निर्भरता नहीं है, इसलिए इसका आर्थिक प्रभाव न्यूनतम है। लेकिन पाकिस्तान को भारतीय उत्पादों की आवश्यकता बनी रहेगी, भले ही वह तीसरे देशों के रास्ते पहुंचे।”
लंबी अवधि के व्यापारिक अवसर समाप्त
विश्व बैंक के अनुसार, भारत-पाक व्यापार की संभावना $37 अरब तक थी, लेकिन वास्तविक व्यापार $2 अरब सालाना तक सीमित रहा।
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भारत का कुल वस्तु व्यापार: $430 अरब
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पाकिस्तान का कुल व्यापार: $100 अरब
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2018–19 में 49,102 कार्गो खेपें थीं, जो 2022–23 में घटकर 3,827 रह गईं
व्यापार से आगे की कूटनीति: MDBs को अलर्ट
भारत ने विश्व बैंक, IMF और एशियाई विकास बैंक (ADB) जैसे बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों से पाकिस्तान को ऋण और सहायता देने पर विरोध जताने का निर्णय लिया है। यह रणनीति आतंकी फंडिंग के स्रोतों को रोकने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
पहलगाम हमले के बाद उठाए गए अन्य कदम
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सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया
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अटारी-वाघा सीमा बंद, प्रत्यक्ष व्यापार रुका
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राजनयिक संबंधों को घटाया
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सीमाओं और संवेदनशील क्षेत्रों पर सुरक्षा बढ़ाई गई