एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को “BBB–” से बढ़ाकर “BBB” कर दिया है, साथ ही आउटलुक (Outlook) को स्थिर रखा है। यह अपग्रेड 18 वर्षों बाद हुआ है। एजेंसी ने मजबूत घरेलू मांग, राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Consolidation) और नीतिगत स्थिरता को प्रमुख कारण बताते हुए अगले तीन वर्षों (2025–2028) में भारत की औसत वृद्धि दर 6.8% रहने का अनुमान जताया है।
क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड: क्या है इसका मतलब?
सॉवरेन रेटिंग समझिए
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यह किसी देश की अपनी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता का मूल्यांकन करती है।
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“BBB–” से “BBB” में बदलाव का अर्थ है कि भारत अब निवेश (Investment) के लिहाज से और अधिक भरोसेमंद श्रेणी में आ गया है।
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इससे विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और भारत की उधारी लागत कम होगी।
अपग्रेड की टाइमलाइन
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पिछली रेटिंग: BBB– (2007 से)
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नई रेटिंग (2025): BBB
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शॉर्ट-टर्म रेटिंग: A-3 से बढ़ाकर A-2
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ट्रांसफर एवं कन्वर्टिबिलिटी असेसमेंट: BBB+ से बढ़ाकर A-
अपग्रेड के प्रमुख कारण
मजबूत घरेलू मांग
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अवसंरचना (Infrastructure) में बढ़ता निवेश
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घरेलू उपभोग में वृद्धि
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सरकार का पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) बढ़ाना
राजकोषीय अनुशासन
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राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) घटाने की दिशा में प्रगति
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कर संग्रहण (Tax Revenue) में सुधार
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वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद वित्तीय स्थिरता बनाए रखना
सहायक मौद्रिक नीति
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महँगाई पर केंद्रित लेकिन विकास के अनुकूल रुख
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समष्टि आर्थिक स्थिरता (Macroeconomic Stability) के अनुरूप नीति
वैश्विक कारक और भारत की मजबूती
व्यापारिक लचीलापन
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भारत की वैश्विक व्यापार पर निर्भरता अपेक्षाकृत कम है।
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अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी जैसी बाहरी परिस्थितियों से बड़ा असर नहीं।
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विनिर्माण (Manufacturing), सेवा (Services) और कृषि (Agriculture) क्षेत्रों पर सीमित प्रभाव।
क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य
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विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था और घरेलू मांग के कारण भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आउटपरफ़ॉर्मर बना हुआ है।
विकास परिदृश्य और सुधार
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जीडीपी वृद्धि अनुमान (2025–2028): औसतन 6.8%
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प्रमुख चालक:
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अवसंरचना सुधार
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पब्लिक–प्राइवेट निवेश का तालमेल
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व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) में सुधार
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नीति निरंतरता और सुधार
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परिवहन, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बल
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पीएलआई स्कीम (PLI), मेक इन इंडिया, ग्रीन एनर्जी लक्ष्य दीर्घकालिक दृष्टि का हिस्सा
व्यापक प्रभाव: वित्तीय क्षेत्र और संस्थान
एनबीएफसी (NBFCs) और बैंकों की रेटिंग अपग्रेड
एसएंडपी ने कई वित्तीय संस्थानों की रेटिंग भी बढ़ाई है—
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एनबीएफसी:
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बजाज फ़ाइनेंस
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टाटा कैपिटल
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एलएंडटी फ़ाइनेंस
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बैंक:
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
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एचडीएफसी बैंक
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आईसीआईसीआई बैंक
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एक्सिस बैंक
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यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
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इंडियन बैंक
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कोटक महिंद्रा बैंक
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