स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने हाल ही में अपनी वार्षिक वार्षिकी जारी की, जो वैश्विक परमाणु शस्त्रागार की स्थिति में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। यह लेख चीन के परमाणु विस्तार, भारत और पाकिस्तान के बढ़ते शस्त्रागार और दुनिया भर में देखे गए सामान्य रुझानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए SIPRI के प्रमुख निष्कर्षों पर प्रकाश डालता है। थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार इस समय पूरी विश्व में लगभग 12,512 हथियार हैं और सबसे ज्यादा जखीरा चीन के पास है। थिंक टैंक की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय में विश्व मानव इतिहास का सबसे खतरनाक समय बन गई है। थिंक टैंक की रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा है कि एक बार फिर विश्व में परमाणु हथियारों को जमा करने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।
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SIPRI के आकलन से पता चलता है कि चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए न्यूनतम आवश्यक बनाए रखने की अपनी आधिकारिक स्थिति के विपरीत अपने परमाणु शस्त्रागार में काफी वृद्धि की है। रिपोर्ट बताती है कि आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए चीन की दीर्घकालिक योजनाओं ने विकास में योगदान दिया है। रिपोर्ट के अनुसार सिपरी का मानना है कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति चीन ने जनवरी 2022 में अपने हथियारों की संख्या 350 से बढ़ाकर जनवरी 2023 में 410 कर ली है। सिपरी को उम्मीद है कि चीन की संख्या में इजाफा होगा। मगर अमेरिका और रूस के हथियारों की संख्या सीमित रहेगी।
भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी अपने हथियारों के भंडार में वृद्धि की है। रूस की संख्या 4,477 से बढ़कर 4,489 हो गई, जबकि शेष परमाणु शक्तियों ने अपने शस्त्रागार की संख्या को बरकरार रखा। रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के पास अभी भी सभी परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है। भारत के परमाणु हथियार चीन और पाकिस्तान दोनों से कम हैं। भारत के पास चीन के आधे से भी कम परमाणु हथियार हैं।
रिपोर्ट में लिखा है कि इस समय अंतरराष्ट्रीय संबंधों में उठापटक जारी है। ऐसे में हथियारों का भंडार भी बढ़ाया जा रहा है। अब वैश्विक स्तर पर एक अनुमान के मुताबिक 12,512 हथियार हैं। इनमें से 9,576 हथियार ऐसे हैं जो उपयोग के लिए तैयार हैं। एक साल पहले के आंकड़ों में इसमें 86 हथियारों का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया था कि शीत युद्ध के खत्म होने के बाद दुनिया में हथियारों को लेकर निराशा थी। इस वजह से उनके स्टोर करने की मंशा में कमी देखी गई थी। मगर अब ऐसा नहीं है। सिपरी के मुताबिक इस जखीरे में सबसे ज्यादा नए हथियार चीन के पास हैं। उसने अपने स्टोर में 60 नए हथियार जमा कर लिए हैं। जबकि रूस के पास 12, पाकिस्तान के पास पांच, उत्तर कोरिया के पास पांच और भारत के पास चार हथियार हैं।
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