केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री के रूप में गुवाहाटी में आयोजित एक सांस्कृतिक समारोह में “भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका राष्ट्रीय पुरस्कार” प्रदान किए। सरहद, पुणे द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम भूपेन हजारिका की शताब्दी वर्षगांठ को समर्पित था और भारत के इस महान संगीतकार की कला के माध्यम से एकता के संदेश को श्रद्धांजलि देने का अवसर बना।
भूपेन हजारिका की विरासत को सम्मान
डॉ. भूपेन हजारिका, जिन्हें स्नेहपूर्वक “भूपेन दा” कहा जाता है, केवल एक महान संगीतकार और कवि ही नहीं, बल्कि भारत की विविधता को एक सूत्र में पिरोने वाले सांस्कृतिक प्रतीक थे।
उनकी रचनाओं ने विशेषकर पूर्वोत्तर भारत की जनता के जीवन, संघर्ष और आकांक्षाओं को स्वर दिया।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि —
“भूपेन हजारिका ऐसे कलाकार थे जिनकी रचनाएँ भाषा और क्षेत्र की सीमाओं से परे जाकर मानवता और एकता का संदेश देती हैं।”
उनके नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना, भारत में “सांस्कृतिक समन्वय और संवेदना के युग” को सम्मानित करने का प्रतीक है।
यह वर्ष विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह डॉ. हजारिका की 100वीं जयंती का प्रतीक भी है।
पूर्वोत्तर से सम्मानित व्यक्तित्व
डॉ. भूपेन हजारिका राष्ट्रीय पुरस्कार इस वर्ष पूर्वोत्तर भारत के छह विशिष्ट व्यक्तित्वों को प्रदान किए गए, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में साहित्य, संस्कृति और कला की समृद्ध परंपरा को सहेजने और आगे बढ़ाने में अमूल्य योगदान दिया है।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता (2025)
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येशे दोरजी थोंगची (अरुणाचल प्रदेश) – लोककथाओं और समकालीन विषयों को जोड़ने वाले प्रख्यात लेखक।
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लैशराम मेमा (मणिपुर) – मणिपुरी भाषा और परंपराओं की संरक्षणकर्ता प्रमुख साहित्यकार।
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रजनी बसुमतारी (असम) – महिलाओं के मुद्दों और ग्रामीण जीवन पर केंद्रित प्रसिद्ध अभिनेत्री व फिल्मकार।
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एल. आर. सैलो (मिजोरम) – मिजो साहित्य को बढ़ावा देने वाले लेखक और अनुवादक।
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डॉ. सूर्य कांत हजारिका (असम) – असम के साहित्यिक विकास पर विस्तृत शोध करने वाले विद्वान व सांस्कृतिक इतिहासकार।
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प्रो. डेविड आर. सियेमलिएह (मेघालय) – पूर्वोत्तर की पहचान और इतिहास पर अपने अकादमिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध इतिहासकार एवं पूर्व यूपीएससी अध्यक्ष।
ये छह पुरस्कार विजेता पूर्वोत्तर की विविधता, बौद्धिक समृद्धि और सांस्कृतिक जीवंतता के प्रतिनिधि हैं।
मुख्य तथ्य
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कार्यक्रम तिथि: 3 नवंबर 2025
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स्थान: गुवाहाटी, असम
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आयोजक संस्था: सरहद, पुणे
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पुरस्कार का नाम: भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका राष्ट्रीय पुरस्कार
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प्रदाता: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
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सम्मानित राज्य: अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, मिजोरम, मेघालय — कुल 6 पुरस्कार विजेता


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