गणतंत्र दिवस समारोह 2023 के हिस्से के रूप में और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती (जिसे पराक्रम दिवस के रूप में आयोजित किया जाता है) को मनाने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा संगीतमय प्रस्तुति तथा जनजातीय नृत्य महोत्सव ‘आदि शौर्य – पर्व पराक्रम का’ नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 23 एवं 24 जनवरी, 2023 को आयोजित किया जाएगा। सशस्त्र बलों द्वारा संगीतमय प्रस्तुति तथा जनजातीय नृत्य शैली की विषयवस्तु पर आधारित इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य देश के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान पर प्रकाश डालना है। रक्षा मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें भारतीय तटरक्षक बल समन्वयक की भूमिका निभा रहा है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए प्रारंभिक अभ्यास सत्र 10 जनवरी को शुरू हुआ था और सेना के ड्रम्स तथा ट्रम्पेट्स की गूंज ने हमारे देश की अनूठी सांस्कृतिक प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करने व “एक भारत – श्रेष्ठ भारत” की भावना को उत्साह देने के लिए पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन के लिए मंच तैयार किया है। लगभग 1200 से अधिक कलाकार प्रत्येक दिन रिहर्सल में अपने प्रदर्शन को और बेहतर बना रहे हैं, जिसमें प्रत्येक समूह अपनी अनूठी और रंगीन वेशभूषा, हेडड्रेस, संगीत वाद्ययंत्र तथा लयबद्ध नृत्य बीट्स के साथ भारतीयता के एक अंश को जीवंत कर रहा है।
मुख्य कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले पारंपरिक नृत्य में गौर मारिया, गद्दी नाटी, सिद्दी धमाल, बैगा परधोनी, पुरुलिया, बगुरुंबा, घुसाड़ी, बाल्टी, लम्बाडी, पाइका, राठवा, बूदीगली, सोंगीमुखवाते, कर्मा, मंघो, का शाद मस्तीह कुम्मीकली, पलैयार, चेराव और रेखम पाड़ा शामिल हैं। इन कार्यक्रमों एवं समूहों का समन्वय जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
भारतीय सेना पैरामोटर ग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलून, हॉर्स शो, खुकुरी डांस, गतका, मल्लखंब, कलरीपयट्टू, थांग-टा, मोटरसाइकिल डिस्प्ले, एयर वारियर ड्रिल, नेवी बैंड और मार्शल आर्ट के जरिए इस आयोजन में अपना कौशल पेश करने के लिए भागीदारी कर रही है।
नोट:- भारत ने 2023 में गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को आमंत्रित किया है। इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि यह फैसला अरब दुनिया पर नई दिल्ली के निरंतर ध्यान को दर्शाता है क्योंकि यह हाई-प्रोफाइल राजनयिक व्यस्तताओं को साथ लाने पर भी नजर डालता है।