भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019 में 1,50,000 करोड़ रुपये की निवेश सीमा के साथ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors – FPI) द्वारा ऋण में निवेश के लिए स्वैच्छिक रिटेंशन मार्ग (Voluntary Retention Route – VRR) की शुरुआत की थी। इसमें से अब तक तीन चरणों में लगभग 1,49,995 करोड़ रुपये का लाभ उठाया जा चुका है। अब आरबीआई ने वीआरआर में निवेश की यह सीमा 1,50,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,50,000 करोड़ रुपये कर दी है।
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बढ़ी हुई निवेश सीमा निम्नलिखित विवरण के अनुसार 01 अप्रैल, 2022 से आवंटन के लिए खुली होगी:
- वीआरआर के तहत निवेश की सीमा को बढ़ाकर 2,50,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
- नए आवंटन के लिए उपलब्ध निवेश सीमा तदनुसार 1,04,800 करोड़ रुपये होगी (मौजूदा आवंटन और समायोजन का शुद्ध); और वीआरआर-संयुक्त श्रेणी के तहत आवंटित किया जाएगा।
- न्यूनतम प्रतिधारण अवधि तीन वर्ष होगी।
- निवेश सीमा ‘ऑन टैप (on tap)’ उपलब्ध होगी और ‘पहले आओ, पहले पाओ (first-come, first-served)’ के आधार पर आवंटित की जाएगी।
- सीमा पूरी तरह से आवंटित होने तक ‘टैप’ को खुला रखा जाएगा।
- एफपीआई अपने संबंधित अभिरक्षकों के माध्यम से भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) को निवेश सीमा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- सीसीआईएल आवेदन प्रक्रिया और आवंटन के परिचालन विवरण को अलग से सूचित करेगा।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- आरबीआई के 25वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता।