प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि भारतीय संस्कृति के अनुसार नौसेना में रैंकों का नाम बदला जाएगा। उन्होंने सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस समारोह को संबोधित करते समय यह एलान किया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने सशस्त्र बलों में महिला शक्ति को बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने जहाज पर देश की पहली महिला कमांडिंग अफसर नियुक्त करने पर नौसेना को बधाई दी। बता दें कि एक साल पहले प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित होकर नौसेना का नया ध्वज जारी किया था।
राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद नौसेना दिवस 2023 पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने नौसेना को ताकतवर बनाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि नौसेना के ध्वज की प्रतिकृति में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा का चिह्न है। लेकिन नौसेना अधिकारी जो एपॉलेट पहनते हैं, उसमें भी अब छत्रपति शिवाजी महाराज की झलक दिखाई देगी।
सशस्त्र बलों में महिलाओं को सशक्त बनाना
अपने संबोधन के दौरान, पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। यह रक्षा क्षेत्र के भीतर समावेशिता और लैंगिक समानता की दिशा में एक प्रगतिशील कदम का प्रतीक है।
छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा
पीएम मोदी ने इन बदलावों को चलाने वाली परिवर्तनकारी भावना को रेखांकित किया और इसका श्रेय छत्रपति शिवाजी महाराज से ली गई प्रेरणा को दिया। उन्होंने देश की आगे की गति, पुरानी निर्भरता को त्यागने और आत्मनिर्भरता की मानसिकता को अपनाने पर संतोष व्यक्त किया।
विरासत से जुड़ाव
प्रधान मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से नौसेना ध्वज को छत्रपति शिवाजी महाराज की समृद्ध विरासत से जोड़ा, भारत की ऐतिहासिक विरासत के सशस्त्र बलों की समकालीन पहचान के साथ गहरे एकीकरण पर जोर दिया।
परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न: पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना के रैंकों के संबंध में क्या घोषणा की?
उत्तर: पीएम मोदी ने औपनिवेशिक प्रभावों को खत्म करने और भारतीय संस्कृति को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए भारतीय नौसेना रैंकों का नाम बदलने की घोषणा की।
प्रश्न: नौसेना अधिकारियों के लिए कौन सा प्रतीकात्मक परिवर्तन लाया गया?
उत्तर: नौसेना अधिकारियों के एपॉलेट में अब भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर जोर देते हुए शिवाजी महाराज की सेना के प्रतीक होंगे।
प्रश्न: यह घोषणा कहाँ की गई थी?
उत्तर: ऐतिहासिक घोषणा महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग किले में नौसेना दिवस समारोह के दौरान की गई थी।