भारत ने घरेलू रक्षा उत्पादन में 1.27 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड हासिल किया

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जहां घरेलू रक्षा उत्पादन ₹1.27 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। यह उपलब्धि भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और वैश्विक रक्षा निर्माण परिदृश्य में बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह घोषणा एयरो इंडिया 2025 शो से पहले की, जो कल बेंगलुरु में शुरू हो रहा है। यह एशिया का सबसे बड़ा एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी कार्यक्रम है, जो न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा, बल्कि अगली पीढ़ी को नवाचार और रक्षा क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रेरित भी करेगा।

एयरो इंडिया 2025: भारत की रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन

एयरो इंडिया 2025 भारत को अपनी रक्षा उद्योग की शक्ति दिखाने के लिए एक प्रमुख वैश्विक मंच प्रदान करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कार्यक्रम को मित्र देशों के साथ रक्षा साझेदारी को मजबूत करने और वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण बताया। यह आयोजन MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और स्टार्टअप्स के लिए वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने का अवसर भी प्रदान करेगा।

इस वर्ष के एयरो इंडिया शो में भारी भागीदारी देखी जा रही है। 900 से अधिक प्रदर्शक, 90 देशों से प्रतिनिधित्व, और 70 से अधिक रक्षा कंपनियों के CEO इसमें शामिल हो रहे हैं। यह शो भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं के प्रति वैश्विक रुचि को दर्शाता है।

एयरो इंडिया 2025 की थीम

इस वर्ष रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन (Defence Ministers’ Conclave) एयरो इंडिया के प्रमुख आकर्षणों में से एक होगा, जिसमें 26 देशों के रक्षा मंत्री शामिल होंगे। इस सम्मेलन की थीम BRIDGE (Building Resilience through International Defence and Global Engagement) होगी, जो वैश्विक रक्षा सहयोग और सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की आवश्यकता को दर्शाती है।

बढ़ी हुई भागीदारी और प्रमुख आकर्षण

  • 70 से अधिक विमानों का प्रदर्शन होगा, जिसमें 30 विमान स्टैटिक डिस्प्ले में होंगे और बाकी हवाई करतब दिखाएंगे।
  • रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान भी प्रदर्शनी का हिस्सा होंगे, जो भारत की रणनीतिक रक्षा साझेदारी को दर्शाते हैं।
  • हल्के लड़ाकू विमान (LCA) मार्क I को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) में इसका उत्पादन तेज कर दिया गया है और जल्द ही इसे भारतीय वायुसेना (IAF) को सौंप दिया जाएगा।
  • GE कंपनी एलसीए के लिए इंजन की आपूर्ति करेगी, जिससे भारत की सैन्य विमान निर्माण क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति होगी।

रक्षा क्षेत्र की प्रमुख हस्तियां: एलसीए तेजस की उड़ान

इस कार्यक्रम के दौरान थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने एलसीए तेजस विमान में उड़ान भरी। यह भारत के स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षेत्र की क्षमता और उन्नत सैन्य तकनीक के विकास को प्रदर्शित करता है।

रक्षा उत्पादन में भारत की उपलब्धियां

भारत आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) पहल के तहत रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। ₹1.27 लाख करोड़ का आंकड़ा इसी प्रयास का प्रमाण है। सरकार ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) आकर्षित करने के लिए कई सुधार किए हैं। इस प्रयास का लक्ष्य भारत को एक प्रमुख वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाना है और रक्षा आयात पर निर्भरता को कम करना है।

रक्षा क्षेत्र में नवाचार और भविष्य की तकनीकें

एयरो इंडिया 2025 केवल सैन्य हार्डवेयर का प्रदर्शन करने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह नवाचार और भविष्य की रक्षा तकनीकों को भी उजागर करेगा। यह शो वैश्विक रक्षा कंपनियों और भारतीय स्टार्टअप्स के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा, जिससे नई तकनीकों के विकास और रक्षा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह आयोजन युवाओं को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए भी प्रेरित करेगा।

निष्कर्ष: एयरो इंडिया 2025 भारत के बढ़ते रक्षा विनिर्माण और आत्मनिर्भरता का परिचायक है। यह न केवल भारत की वैश्विक रक्षा ताकत को दिखाने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि वैश्विक रक्षा सहयोग और साझेदारी को भी मजबूत करेगा।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? भारत ने रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जहां घरेलू रक्षा उत्पादन ₹1.27 लाख करोड़ को पार कर गया है। यह घोषणा एयरो इंडिया 2025 के आयोजन से पहले बेंगलुरु में की गई।
आयोजन का विवरण एयरो इंडिया 2025 एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी होगी, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को प्रदर्शित करने और वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी।
मुख्य प्रतिभागी 90 देशों से 900 से अधिक प्रदर्शक और 70 रक्षा कंपनियों के CEO इस आयोजन में भाग लेंगे, जिससे वैश्विक रक्षा नेटवर्किंग और सहयोग को बल मिलेगा।
एयरो इंडिया 2025 की थीम रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की थीम BRIDGE (Building Resilience through International Defence and Global Engagement) होगी, जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर केंद्रित है।
प्रदर्शित विमान 70 से अधिक विमान प्रदर्शन में शामिल होंगे, जिनमें 30 विमान स्थिर (स्टेटिक डिस्प्ले) और बाकी हवाई प्रदर्शन (फ्लाइंग डिस्प्ले) में होंगे। उल्लेखनीय विमान – रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35
एलसीए तेजस की प्रमुखता एलसीए तेजस विमान को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह द्वारा उड़ान प्रदर्शन किया जाएगा।
घरेलू रक्षा उत्पादन भारत का रक्षा उत्पादन ₹1.27 लाख करोड़ के स्तर को पार कर चुका है, जो आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) जैसी पहलों और रक्षा आयात पर निर्भरता कम करने के प्रयासों से संभव हुआ है।
नवाचार पर जोर यह आयोजन वैमानिकी और रक्षा तकनीकों में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा, साथ ही MSME और स्टार्टअप्स को वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करेगा।
भविष्य के लक्ष्य भारत को वैश्विक रक्षा निर्माण केंद्र में बदलना, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना, और युवाओं को रक्षा क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बदला मेक्सिको की खाड़ी का नाम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 9 फरवरी को “गल्फ ऑफ अमेरिका डे” के रूप में मान्यता दी है, जो कि पहले गल्फ ऑफ मैक्सिको के नाम से जाना जाता था। यह निर्णय राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद लिया गया, जिससे अमेरिका की संप्रभुता और पहचान को और मजबूत करने का संदेश दिया गया है।

गल्फ ऑफ मैक्सिको का नाम बदलकर “गल्फ ऑफ अमेरिका” करने का निर्णय

20 जनवरी को अपने उद्घाटन समारोह के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें गृह विभाग (Department of the Interior) को 30 दिनों के भीतर नाम परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया। यह कदम अमेरिका के प्राकृतिक स्थलों को राष्ट्रीय पहचान से जोड़ने की उनकी नीति का हिस्सा बताया जा रहा है।

एयर फोर्स वन में किए गए ऐतिहासिक हस्ताक्षर

राष्ट्रपति ट्रंप ने इस प्रस्तावना पर हस्ताक्षर एयर फोर्स वन में उड़ान के दौरान किए, जब वे न्यू ऑरलियन्स में सुपर बाउल इवेंट के लिए जा रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर कहा, “हम अभी इसके ऊपर उड़ रहे हैं, इसलिए यह सही समय है।” इस निर्णय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है और इसे अमेरिका की शक्ति और पहचान को दर्शाने वाला कदम बताया जा रहा है।

अमेरिकी तटरक्षक बल (US Coast Guard) द्वारा आधिकारिक उपयोग

राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के तुरंत बाद, अमेरिकी तटरक्षक बल (US Coast Guard) इस नाम को अपनाने वाली पहली सरकारी एजेंसी बन गई। अब अन्य सरकारी विभागों और संस्थानों से भी उम्मीद की जा रही है कि वे आधिकारिक संचार और दस्तावेज़ों में “गल्फ ऑफ अमेरिका” का उपयोग करेंगे।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

इस नाम परिवर्तन पर मेक्सिको और मध्य अमेरिकी देशों ने नाराजगी जताई है, क्योंकि यह समुद्री क्षेत्र कई देशों द्वारा साझा किया जाता है। आलोचकों का मानना है कि यह अमेरिका द्वारा एकतरफा प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश हो सकती है। हालाँकि, ट्रंप प्रशासन के समर्थकों का कहना है कि यह केवल एक प्रतीकात्मक निर्णय है और इससे किसी देश की संप्रभुता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

गुल्फ ऑफ अमेरिका का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व

गुल्फ ऑफ अमेरिका (पूर्व में गुल्फ ऑफ मैक्सिको) अमेरिका के लिए आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र शिपिंग, मछली पालन और तेल उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है। हालाँकि, यह देखना बाकी है कि यह नया नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया जाएगा या केवल अमेरिका तक सीमित रहेगा। लेकिन इतना तय है कि इस निर्णय ने विश्वभर में नीति-निर्माताओं और मीडिया का ध्यान आकर्षित किया है।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश के बाद 9 फरवरी को “गल्फ ऑफ अमेरिका डे” घोषित किया, जिसमें गल्फ ऑफ मैक्सिको का नाम बदलकर गल्फ ऑफ अमेरिका कर दिया गया।
गल्फ का नाम परिवर्तन 20 जनवरी को ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें गृह विभाग को 30 दिनों के भीतर नाम परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया।
एयर फोर्स वन में घोषणापत्र राष्ट्रपति ट्रंप ने यह घोषणा एयर फोर्स वन में उड़ान के दौरान गल्फ के ऊपर उड़ते हुए की, जिससे पहली बार आधिकारिक तौर पर “गल्फ ऑफ अमेरिका” नाम का उपयोग हुआ।
यूएस कोस्ट गार्ड द्वारा आधिकारिक उपयोग अमेरिकी तटरक्षक बल (US Coast Guard) इस नाम को अपनाने वाली पहली सरकारी एजेंसी बनी, जिससे अन्य संस्थानों के लिए भी इसका उपयोग करने की मिसाल बनी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ इस नाम परिवर्तन ने वैश्विक बहस को जन्म दिया। समर्थकों ने इसे अमेरिकी संप्रभुता को सुदृढ़ करने वाला कदम बताया, जबकि आलोचकों ने इसे क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय पहचान की उपेक्षा करार दिया।
सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व यह गल्फ शिपिंग, तेल उत्पादन और मछली पालन के लिए महत्वपूर्ण है, और यह नाम परिवर्तन इसके अमेरिकी आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।
वैश्विक ध्यान इस निर्णय ने वैश्विक मीडिया और नीति-निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें मेक्सिको और मध्य अमेरिकी देशों ने चिंता जताई, जबकि कुछ समूहों ने समर्थन किया।

 

IDFC FIRST Bank ने अमिताभ बच्चन का डिजिटल अवतार किया लॉन्च

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने इकोन्ज़ स्टूडियोज़ के सहयोग से अपने ब्रांड एंबेसडर अमिताभ बच्चन का एआई-संचालित होलोग्राफिक अवतार पांच और शहरों में लॉन्च किया है। इस पहल का उद्देश्य ग्राहकों को एक नया और व्यक्तिगत बैंकिंग अनुभव प्रदान करना है।

एआई-संचालित होलोग्राफिक अवतार क्या है?

यह अवतार होलोग्राफिक एक्सटेंडेड रियलिटी (HXR) तकनीक का उपयोग करके बनाया गया एक डिजिटल रूप है, जो 3D प्रोजेक्शन के माध्यम से वास्तविक रूप में इंटरैक्शन की सुविधा प्रदान करता है। ग्राहक टच-इनेबल्ड डिवाइसेज़ के माध्यम से इस अवतार से संवाद कर सकते हैं और ज़ीरो फी बैंकिंग, मासिक ब्याज क्रेडिट, मोबाइल बैंकिंग और नवीनतम करेंट अकाउंट BRAVO जैसी बैंकिंग सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ग्राहकों के अनुभव को कैसे बढ़ाता है यह इनोवेशन?

इस एआई-संचालित होलोग्राफिक अवतार की मदद से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुँचने का एक रोचक और इंटरैक्टिव तरीका प्रदान कर रहा है। यह तकनीक ग्राहकों को व्यक्तिगत सहायता देती है, जिससे बैंकिंग प्रक्रिया अधिक सरल, तेज़ और प्रभावी बनती है। यह बैंक की डिजिटल-फर्स्ट और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के अनुरूप है।

किन शहरों में हुआ है इस अवतार का विस्तार?

पहली बार इस होलोग्राफिक अवतार को मुंबई के जुहू ब्रांच में लॉन्च किया गया था। इसकी सफलता के बाद, बैंक ने इसे पाँच और शहरों में विस्तारित किया है और इसे हाई-फुटफॉल ब्रांचों और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित करने की योजना बनाई है।

विषय विवरण
क्यों खबर में? आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने इकोन्ज़ स्टूडियोज़ के सहयोग से अपने एआई-संचालित अमिताभ बच्चन होलोग्राफिक अवतार का विस्तार पाँच और शहरों में किया। यह अवतार होलोग्राफिक एक्सटेंडेड रियलिटी (HXR) तकनीक का उपयोग करके ग्राहकों को इंटरएक्टिव बैंकिंग जानकारी प्रदान करता है। इसे पहली बार मुंबई के जुहू ब्रांच में लॉन्च किया गया था।
उपयोग की गई तकनीक होलोग्राफिक एक्सटेंडेड रियलिटी (HXR) – 3D इंटरैक्टिव प्रोजेक्शन
उद्देश्य ग्राहकों को ज़ीरो फी बैंकिंग, मासिक ब्याज क्रेडिट, मोबाइल बैंकिंग और करेंट अकाउंट BRAVO की जानकारी प्रदान करना
पहला लॉन्च स्थान जुहू ब्रांच, मुंबई
विस्तार पाँच और शहरों में
बैंक विवरण आईडीएफसी फर्स्ट बैंक – स्थापना: 2018, मुख्यालय: मुंबई, सीईओ: वी. वैद्यनाथन
ब्रांड एंबेसडर अमिताभ बच्चन
सहयोग इकोन्ज़ स्टूडियोज़

रॉटरडैम इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘बैड गर्ल’ ने नेटपैक अवार्ड जीता

वरषा भरथ के निर्देशन में बनी पहली फिल्म बैड गर्ल  ने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव रॉटरडैम (IFFR) 2025 में प्रतिष्ठित नेटपैक (NETPAC – एशियाई सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए नेटवर्क) पुरस्कार जीता है। यह फिल्म प्रसिद्ध फिल्मकार अनुराग कश्यप और वेट्रिमारन द्वारा प्रस्तुत की गई है। शुरुआत में फिल्म को अपने साहसिक विषयों के कारण मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ मिलीं, लेकिन अब इसे आलोचकों से सराहना मिल रही है। इस सम्मान के साथ बैड गर्ल उन प्रतिष्ठित भारतीय फिल्मों की सूची में शामिल हो गई है, जिन्होंने यह पुरस्कार जीता है, जैसे नासिर (2019), नौकर की कमीज़ (1999) और विधेयन (1995)।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • पुरस्कार सम्मानबैड गर्ल ने IFFR 2025 में NETPAC पुरस्कार जीता, जो एशियाई सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
  • विवादित टीज़र – फिल्म के टीज़र ने सोशल मीडिया पर महिला यौन इच्छाओं और जातिगत विषयों के चित्रण को लेकर ध्रुवीकरण वाली प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कीं।
  • वैश्विक प्रीमियर – फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर IFFR 2025 में हुआ।
  • तमिल सिनेमा में मान्यता – इस पुरस्कार को जीतने वाली अंतिम तमिल फिल्म नासिर (2019) थी।
  • मुख्य कलाकार – फिल्म में अंजलि शिवरामन, शांति प्रिया, ह्रिधु हारून, टीजे अरुणासलम और सरन्या रविचंद्रन जैसे कलाकार शामिल हैं।
  • अमित त्रिवेदी की तमिल डेब्यू – यह फिल्म संगीतकार अमित त्रिवेदी की पहली तमिल फिल्म है।
  • तकनीकी टीम – छायांकन प्रीथा जयरामन, जगदीश रवि और प्रिंस एंडरसन द्वारा किया गया है, जबकि संपादन राधा श्रीधर ने किया है।
  • प्रस्तुति – यह फिल्म अनुराग कश्यप और वेट्रिमारन जैसे भारत के प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत की गई है।

इस प्रतिष्ठित सम्मान के कारण बैड गर्ल की सिनेमाघरों में रिलीज़ की संभावना तेज़ हो सकती है।

क्रम संख्या विषय विवरण
1 क्यों चर्चा में? वरषा भरथ की बैड गर्ल ने IFFR में NETPAC पुरस्कार जीता
2 फिल्म का शीर्षक बैड गर्ल
3 निर्देशक वरषा भरथ
4 पुरस्कार NETPAC पुरस्कार (IFFR 2025)
5 निर्माता अनुराग कश्यप, वेट्रिमारन
6 वर्ल्ड प्रीमियर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव रॉटरडैम (IFFR) 2025
7 पिछली तमिल NETPAC विजेता फिल्म नासिर (2019)
8 मुख्य कलाकार अंजलि शिवरामन, शांति प्रिया, ह्रिधु हारून, टीजे अरुणासलम, सरन्या रविचंद्रन
9 संगीत निर्देशक अमित त्रिवेदी (तमिल डेब्यू)
10 छायाकार प्रीथा जयरामन, जगदीश रवि, प्रिंस एंडरसन
11 संपादक राधा श्रीधर
12 विवाद जातिगत विषयों के चित्रण को लेकर आलोचना

World Pulses Day 2025: क्यों मनाया जाता है विश्व दलहन दिवस

विश्व दलहन दिवस प्रत्येक वर्ष 10 फरवरी को मनाया जाता है ताकि दलहन के सतत और पोषक खाद्य स्रोत के रूप में महत्व को वैश्विक स्तर पर उजागर किया जा सके। यह दिन दलहन के पोषण मूल्य, खाद्य सुरक्षा लाभ और पर्यावरणीय फायदों पर जोर देता है, जिससे सतत कृषि प्रणाली को बढ़ावा मिलता है। संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा समर्थित यह दिवस भूख उन्मूलन, मानव स्वास्थ्य सुधार और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में दलहन की भूमिका को प्रोत्साहित करने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है।

दलहन क्या हैं?

दलहन (Pulses) वे खाद्य बीज होते हैं जो लेग्युमिनस पौधों से प्राप्त होते हैं और सूखे अनाज के रूप में उपयोग किए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • सूखी फलियाँ (राजमा, काले चने, पिंटो बीन्स)
  • मसूर दाल
  • मटर (चने, हरे मटर)
  • अन्य प्रकार जैसे चौली (कौपी) और बाकला

दलहन विश्वभर की कई प्रमुख व्यंजनों का हिस्सा हैं, जैसे भारतीय दाल, मध्य पूर्वी फलाफल, मैक्सिकन रिफ्राइड बीन्स और भूमध्यसागरीय हम्मस। ये प्रोटीन, आहार फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं और संतुलित आहार के लिए आवश्यक माने जाते हैं।

विश्व दलहन दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र द्वारा दलहन की भूमिका को मान्यता

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2013 में प्रस्ताव A/RES/68/231 पारित किया, जिसमें 2016 को अंतर्राष्ट्रीय दलहन वर्ष घोषित किया गया। इस पहल का उद्देश्य खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा दलहन के पोषण और पर्यावरणीय लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।

विश्व दलहन दिवस की शुरुआत

2016 के अंतर्राष्ट्रीय दलहन वर्ष की सफलता को देखते हुए, इसे वार्षिक रूप से मनाने की मांग बढ़ी। बुर्किना फासो ने इस दिवस को हर साल मनाने का प्रस्ताव दिया, जिसे 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के रूप में घोषित किया।

विश्व दलहन दिवस 2025 का महत्व

1. पोषण संबंधी लाभ

  • प्रोटीन का अच्छा स्रोत: यह शाकाहारियों और शाकाहारी आहार अपनाने वालों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • कोलेस्ट्रॉल कम करता है: दलहन के नियमित सेवन से LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) कम होता है।
  • रक्त शर्करा स्तर नियंत्रित करता है: इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह मधुमेह और मोटापे के प्रबंधन में सहायक होते हैं।
  • पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा: उच्च फाइबर युक्त होने के कारण पाचन क्रिया में सुधार होता है।

2. खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता

  • दलहन एक सस्ती और आसानी से उपलब्ध पोषण सामग्री है, विशेष रूप से विकासशील देशों में।
  • किसान इन्हें उगाकर, खाकर और बेचकर खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं।
  • ये सूखा-प्रतिरोधी फसलें हैं, जो जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि के लिए उपयुक्त हैं।

3. पर्यावरणीय स्थिरता

  • मिट्टी की उर्वरता में सुधार: दलहन नाइट्रोजन को स्थिर करने में मदद करते हैं, जिससे रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है।
  • कम पानी की जरूरत: अन्य फसलों की तुलना में दलहन को कम जल की आवश्यकता होती है, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।
  • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करता है: इनका उत्पादन अन्य प्रोटीन स्रोतों की तुलना में कम कार्बन फुटप्रिंट छोड़ता है।

विश्व दलहन दिवस 2025 की थीम

विश्व दलहन दिवस 2025 (World Pulses Day 2025) की थीम “Bringing diversity to agri-food systems यानि दालें: कृषि खाद्य प्रणालियों में विविधता लाना” है। यह थीम दलहन की पोषणीय और कृषि जैव विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है। यह इस बात पर प्रकाश डालती है कि दलहन खाद्य सुरक्षा को मजबूत करते हैं और सतत कृषि को बढ़ावा देते हैं।

विश्व दलहन दिवस 2025 से जुड़े प्रमुख तथ्य

  • तारीख: 10 फरवरी (प्रत्येक वर्ष)
  • प्रमुख संगठन: खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO)
  • घोषणा: 2019 में UN महासभा द्वारा
  • लक्ष्य: सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को बढ़ावा देना (विशेष रूप से SDG-2: भूख समाप्त करना, और SDG-15: स्थायी कृषि)
  • 2025 की थीम: “दालें: कृषि खाद्य प्रणालियों में विविधता लाना” है।

इस प्रकार, विश्व दलहन दिवस पोषण, खाद्य सुरक्षा और सतत कृषि के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

असम विश्व के सबसे बड़े झुमुर महोत्सव की मेजबानी करेगा

असम 24 फरवरी 2025 को दुनिया का सबसे बड़ा झूमर नृत्य प्रदर्शन आयोजित करने के लिए तैयार है। यह आयोजन एडवांटेज असम 2.0 निवेश शिखर सम्मेलन के तहत होगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि इस ऐतिहासिक अवसर की शोभा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बढ़ाएंगे। असम इस कार्यक्रम में 7,500 से अधिक नृत्यकारों के साथ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। यह आयोजन असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने के साथ-साथ वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने का एक प्रमुख मंच भी बनेगा।

मुख्य विशेषताएँ

आयोजन का विवरण

  • तारीख: 24 फरवरी 2025
  • अवसर: एडवांटेज असम 2.0 निवेश शिखर सम्मेलन (25-26 फरवरी) से पूर्व
  • स्थान: गुवाहाटी, असम
  • मुख्य अतिथि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

झूमर नृत्य प्रदर्शन

  • यह अब तक का सबसे बड़ा झूमर (झूमइर) नृत्य प्रदर्शन होगा।
  • इसमें 7,500 से अधिक नर्तक भाग लेंगे।
  • गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

निवेश शिखर सम्मेलन – एडवांटेज असम 2.0

  • पहली बार 2018 में इस शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था।
  • मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे के विकास और निवेश पर केंद्रित।
  • राष्ट्रीय और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने की उम्मीद।

आयोजन की तैयारियाँ

  • नृत्यकारों के लिए मास्टर प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आयोजित की जा रही हैं।
  • विधानसभा और जिला स्तर पर अभ्यास सत्र कराए जा रहे हैं।
  • गुवाहाटी में अंतिम पूर्वाभ्यास आयोजित होगा ताकि कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके।

असम की प्रगति और निवेश संभावनाएँ

  • असम पहले ही सबसे बड़े बिहू प्रदर्शन का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुका है।
  • मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपराध दर में गिरावट और राज्य में शांतिपूर्ण माहौल की सराहना की।
  • व्यवसाय करने में आसानी (Ease of Doing Business) और सिंगल-विंडो क्लीयरेंस से निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है।
  • बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास में तेजी से प्रगति हो रही है।

असम का यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास है, बल्कि राज्य को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? असम में होगा दुनिया का सबसे बड़ा झूमर महोत्सव
कार्यक्रम का नाम सबसे बड़ा झूमर नृत्य प्रदर्शन
अवसर एडवांटेज असम 2.0 निवेश शिखर सम्मेलन
मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
स्थान गुवाहाटी, असम
नृत्यकारों की संख्या 7,500 से अधिक
रिकॉर्ड प्रयास सबसे बड़े झूमर नृत्य के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
केंद्रित क्षेत्र बुनियादी ढांचा, निवेश, सांस्कृतिक संवर्धन
शिखर सम्मेलन की तिथियाँ 25-26 फरवरी 2025
तैयारियाँ प्रशिक्षण कार्यशालाएँ, जिला-स्तरीय पूर्वाभ्यास, गुवाहाटी में अंतिम पूर्वाभ्यास
पिछला रिकॉर्ड सबसे बड़ा बिहू प्रदर्शन (गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड)
राज्य की प्रगति कानून व्यवस्था में सुधार, औद्योगिक विकास, व्यवसाय करने में आसानी

अंतर्राष्ट्रीय अरब तेंदुआ दिवस 2025: कब, क्यों और कैसे इसका महत्व है

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने प्रस्ताव 77/295 के तहत 10 फरवरी को “अंतर्राष्ट्रीय अरबियन तेंदुआ दिवस” घोषित किया है। यह दिवस पहली बार 2024 में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में मनाया गया था। अरबियन तेंदुआ (Panthera pardus nimr) एक गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically Endangered) प्रजाति है, जो कभी पूरे अरब प्रायद्वीप में पाई जाती थी। किंतु अब इसके अस्तित्व पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य इस दुर्लभ वन्यजीव के संरक्षण के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और इसके संरक्षण प्रयासों को गति देना है।

अरबियन तेंदुआ: एक संकटग्रस्त प्रजाति

अरबियन तेंदुआ मुख्य रूप से सऊदी अरब, ओमान, यूएई, यमन, जॉर्डन और इज़राइल में पाया जाता है। यह अन्य तेंदुओं की तुलना में आकार में छोटा होता है और इसकी विशिष्ट धब्बेदार त्वचा इसे अलग पहचान देती है। यह एकान्तप्रिय प्राणी है और सामान्यतः सुबह और शाम के समय शिकार करता है। इसके आहार में गज़ेल, खरगोश और पक्षी शामिल होते हैं।

अरबियन तेंदुए के सामने प्रमुख खतरे

अरबियन तेंदुए की संख्या में भारी गिरावट के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं:

  1. शहरीकरण: अरब प्रायद्वीप में तेजी से हो रहे शहरी विकास के कारण इसके प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं।
  2. कृषि और अति-चराई: कृषि गतिविधियों और अधिक मवेशियों के चरने के कारण भूमि का क्षरण हो रहा है, जिससे तेंदुए के शिकार करने योग्य जीवों की संख्या घट रही है।
  3. शिकार (Poaching): इसकी सुंदर खाल और हड्डियों के लिए अवैध शिकार जारी है, जिससे इसकी संख्या तेजी से घट रही है।
  4. अवैध वन्यजीव व्यापार: वैश्विक बाजार में दुर्लभ प्राणियों की मांग बढ़ रही है, जिससे इस प्रजाति पर भारी दबाव पड़ रहा है।
  5. मानव-वन्यजीव संघर्ष: बढ़ते शहरीकरण के कारण तेंदुए मानव बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं।

अरबियन तेंदुए की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

इस संकटग्रस्त प्रजाति के संरक्षण के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किए जा रहे हैं:

  1. आवास संरक्षण: तेंदुए के प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करना और वन्यजीव अभयारण्यों का विस्तार करना।
  2. प्राकृतिक शिकार की बहाली: उन क्षेत्रों में शिकार योग्य जीवों की संख्या को पुनः बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जहाँ वे समाप्त हो चुके हैं।
  3. शिक्षा और जागरूकता: स्थानीय समुदायों को जागरूक करना ताकि वे तेंदुए के संरक्षण में सहयोग करें और अवैध शिकार की घटनाओं की सूचना दें।
  4. कानूनी संरक्षण: तेंदुए के शिकार और अवैध व्यापार पर सख्त कानून लागू किए जा रहे हैं।
  5. कैप्टिव ब्रीडिंग और पुनर्वास कार्यक्रम: कुछ स्थानों पर तेंदुओं को प्रजनन केंद्रों में रखा जा रहा है, ताकि उनकी संख्या को बढ़ाकर पुनः प्राकृतिक आवासों में छोड़ा जा सके।
  6. सहयोगात्मक संरक्षण प्रयास: सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय से तेंदुओं के संरक्षण के लिए प्रभावी रणनीतियाँ बनाई जा रही हैं।

संरक्षण के लिए आगे का रास्ता

अरबियन तेंदुए के संरक्षण की राह कठिन जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। यदि उसके आवासों की रक्षा की जाए, कड़े वन्यजीव कानून लागू किए जाएं और स्थानीय समुदायों को सक्रिय रूप से शामिल किया जाए, तो इस संकटग्रस्त प्रजाति को बचाया जा सकता है।

“अंतर्राष्ट्रीय अरबियन तेंदुआ दिवस” केवल एक शुरुआत है। यह दिन इस दुर्लभ वन्यजीव की दुर्दशा पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने और उसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। यदि समय रहते प्रभावी उपाय किए गए, तो अरबियन तेंदुआ आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सकता है।

IOB ने मजबूत स्थिरता प्रतिबद्धता के साथ 89 वर्ष पूरे किए

भारतीय ओवरसीज बैंक (IOB) 10 फरवरी 2025 को अपना 89वां स्थापना दिवस मना रहा है, और इस अवसर पर बैंक ने स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) और उत्तरदायी बैंकिंग को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया है। अपने पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं को और मजबूत करते हुए, IOB ने “पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स” (PCAF) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो कि जलवायु-अनुकूल वित्तीय नीतियों को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से बैंक अपने ऋण और निवेश गतिविधियों से जुड़े ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को मापने और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में काम करेगा।

PCAF क्या है और IOB इससे क्यों जुड़ रहा है?

पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स (PCAF) एक वैश्विक मंच है, जिसमें वित्तीय संस्थान GHG उत्सर्जन के मानकीकृत मूल्यांकन पद्धतियों को अपनाते हैं। IOB द्वारा इस पहल में शामिल होना कार्बन लेखांकन (कार्बन अकाउंटिंग) में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

IOB का यह कदम भारत के COP26 शिखर सम्मेलन (ग्लासगो, 2021) में 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्य की प्रतिबद्धता को समर्थन देने का हिस्सा है। इसके तहत बैंक:

  • अपने ऋण और निवेश से जुड़े GHG उत्सर्जन की निगरानी और रिपोर्टिंग करेगा।
  • वैश्विक कार्बन लेखांकन पद्धतियों को अपनाकर वित्तीय पारदर्शिता में सुधार करेगा।
  • टिकाऊ वित्तपोषण (सस्टेनेबल फाइनेंस) को बढ़ावा देकर जलवायु लक्ष्यों को समर्थन देगा।

IOB का पर्यावरणीय योगदान: प्रमुख पहलें

IOB वर्षों से पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रयास कर रहा है। हाल ही में, 2 अक्टूबर 2024 को, बैंक ने स्वच्छ भारत दिवस पर चेन्नई के बेसेंट नगर बीच पर सफाई अभियान में भाग लिया। इस पहल में बैंक के एमडी एवं सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक जॉयदीप दत्ता रॉय और धनराज टी. ने नेतृत्व किया।

अन्य हरित पहलों में:

  • बैंक ने ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन को दो बैटरी चालित वाहन (BOV) दान किए, ताकि कचरा प्रबंधन में स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल तरीकों को अपनाया जा सके।
  • CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) के तहत हरित वित्त और ऊर्जा कुशल परियोजनाओं को समर्थन दिया।

IOB के नेतृत्व का दृष्टिकोण: सतत बैंकिंग की दिशा में प्रतिबद्धता

89वें स्थापना दिवस के अवसर पर एमडी और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बैंक हमेशा से उत्तरदायी बैंकिंग और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि PCAF में शामिल होना बैंक को वैश्विक स्थिरता मानकों के साथ संरेखित करेगा और ग्राहकों को कुशल सेवाएँ प्रदान करने में मदद करेगा।

  • IOB पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) सिद्धांतों को अपनाते हुए अपनी बैंकिंग सेवाओं को एक सतत वित्तीय ढांचे में बदलने का प्रयास कर रहा है।
  • बैंक का लक्ष्य अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालना है, जिससे यह दीर्घकालिक विकास रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन सके।

भारतीय ओवरसीज बैंक के इन प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि बैंक न केवल वित्तीय विकास में योगदान दे रहा है, बल्कि एक हरित और स्थायी भविष्य की दिशा में भी अग्रसर है।

परीक्षा तैयारी के लिए प्रमुख बिंदु विवरण
समाचार में क्यों? भारतीय ओवरसीज बैंक (IOB) 10 फरवरी 2025 को अपना 89वां स्थापना दिवस मना रहा है और ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को मापने एवं रिपोर्ट करने के लिए “पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स” (PCAF) से जुड़ा है।
IOB की स्थापना 1937 में एम. सीटी. एम. चिदंबरम चेट्टियार द्वारा की गई।
IOB मुख्यालय चेन्नई, तमिलनाडु
IOB एमडी और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव
PCAF (पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स) वित्तीय संस्थानों के लिए GHG उत्सर्जन की रिपोर्टिंग को मानकीकृत करने की एक वैश्विक पहल।
भारत का नेट-जीरो लक्ष्य 2070 तक, जैसा कि COP26 शिखर सम्मेलन में घोषित किया गया था।
हालिया IOB CSR पहल 2 अक्टूबर 2024 को स्वच्छ भारत दिवस पर बेसेंट नगर बीच, चेन्नई में सफाई अभियान में भाग लिया और कचरा संग्रहण के लिए दो बैटरी चालित वाहन (BOVs) दान किए।
ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन IOB द्वारा पर्यावरण-अनुकूल कचरा प्रबंधन सहायता प्राप्त करने वाली संस्था।
पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) IOB ने अपनी बैंकिंग सेवाओं में ESG सिद्धांतों को अपनाकर स्थिरता को बढ़ावा दिया है।

पेरिस एआई शिखर सम्मेलन की शुरुआत, प्रधानमंत्री मोदी सह-अध्यक्ष होंगे

पेरिस में “सार्वजनिक कल्याण हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर कार्रवाई शिखर सम्मेलन” का भव्य शुभारंभ हो गया है, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस उच्च-स्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता कर रहे हैं। यह वैश्विक एआई सम्मेलन दुनिया भर के नेताओं, उद्योग विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को एक मंच पर ला रहा है, जिसका उद्देश्य एआई के नैतिक, नियामक और जिम्मेदार विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श करना है।

पेरिस एआई शिखर सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्य

  • वैश्विक एआई शासन का ढांचा तैयार करना, जो नैतिक और जिम्मेदार एआई विकास को सुनिश्चित करे।
  • एआई सुरक्षा, जोखिमों और सतत विकास से जुड़े विषयों पर गहन चर्चा करना।
  • विकसित और विकासशील देशों के बीच एआई शासकीय अंतर को कम करने के लिए समावेशी एआई शासन पर जोर देना।
  • नियामक संतुलन स्थापित करना, जिसमें नवाचार को बढ़ावा मिले, लेकिन एकाधिकार या दुरुपयोग न हो।

अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे देशों की विभिन्न एआई विनियमन नीतियों को देखते हुए, यह सम्मेलन एक संतुलित और पारदर्शी वैश्विक रूपरेखा तैयार करने पर केंद्रित है।

कौन-कौन से वैश्विक नेता और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं?

इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों और उद्योगों के दिग्गज भाग ले रहे हैं, जिनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:

  • अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस
  • चीन के उप प्रधानमंत्री झांग गुओकिंग
  • ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन
  • डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हासाबिस

इन नेताओं और विशेषज्ञों द्वारा एआई के नवाचार और नैतिकता के बीच संतुलन बनाए रखने पर विस्तृत चर्चा की जा रही है।

फ्रांस एआई क्षेत्र में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका कैसे मजबूत कर रहा है?

  • फ्रांस ने €109 बिलियन (लगभग ₹9.8 लाख करोड़) का निवेश एआई अनुसंधान और अवसंरचना के विकास के लिए घोषित किया।
  • “सार्वजनिक लाभ एआई संस्थान” की स्थापना, जो सार्वजनिक उपयोग के लिए बड़े डेटा सेट का प्रबंधन करेगा और नैतिक एआई अनुप्रयोगों पर केंद्रित रहेगा।
  • यूरोपीय संघ द्वारा निजी कंपनियों पर एआई का पूरा नियंत्रण रोकने की पहल का समर्थन।

वैश्विक एआई नियमन में प्रमुख भू-राजनीतिक चुनौतियाँ

  • अमेरिका – उद्योग संचालित नवाचार को प्राथमिकता, न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप।
  • यूरोपीय संघ – कड़े एआई कानून, विशेष रूप से निगरानी और गलत सूचना रोकने के लिए।
  • चीन – सरकारी नियंत्रण के साथ एआई नवाचार, “डीपसीक” चैटबॉट लॉन्च कर वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर।

भारत का एआई क्षेत्र में उभरता प्रभाव

  • भारत का इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करना इसके वैश्विक एआई नेतृत्व को दर्शाता है
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सक्रिय योगदान, जिससे एआई को सुशासन, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में उपयोग करने पर बल दिया जा रहा है।
  • समावेशी एआई नीतियों की वकालत, ताकि एआई केवल बड़े कॉरपोरेट्स तक सीमित न रहे, बल्कि सभी देशों और समाज के प्रत्येक वर्ग को इसका लाभ मिले।

पेरिस एआई शिखर सम्मेलन – मुख्य बिंदु

  • आयोजन स्थल: पेरिस, फ्रांस
  • सह-अध्यक्ष: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
  • मुख्य भागीदार: अमेरिका, चीन, शीर्ष एआई कंपनियों के सीईओ
  • प्रमुख चर्चा विषय: एआई शासन, नैतिकता, सुरक्षा, वैश्विक सहयोग और विनियमन
  • फ्रांस की घोषणा: €109 बिलियन एआई निवेश
  • चीन की रणनीति: “डीपसीक” चैटबॉट लॉन्च
  • भारत की भूमिका: एआई नीतियों में समावेशिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना

यह शिखर सम्मेलन वैश्विक एआई नीतियों को एक नई दिशा देने और एआई नवाचार को सभी के लिए सुलभ और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Delhi Chunav Result 2025: दिल्ली में बीजेपी की जीत

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के रिजल्ट शनिवार (08 फरवरी 2025) को आए। भाजपा ने 26 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया। भाजपा ने 48 और आम आदमी पार्टी (AAP) ने 22 सीटें जीतीं। भाजपा+ को AAP से 3.6% ज्यादा वोट मिले। इससे 26 सीटें ज्यादा मिलीं। पिछली चुनाव में 8 सीटें थीं। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।

भाजपा ने 1993 में 49 सीटें यानी दो तिहाई बहुमत हासिल किया था। 5 साल की सरकार में मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज सीएम बनाए गए थे। 1998 के बाद कांग्रेस ने 15 साल राज किया। इसके बाद 2013 से आम आदमी पार्टी की सरकार थी।

इस बार भाजपा की 71% स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटें बढ़ीं। पार्टी ने 68 पर चुनाव लड़ा, 48 सीटें जीतीं। वहीं, AAP को 40 सीटों का नुकसान हुआ। आप का स्ट्राइक रेट 31% रहा। बीजेपी ने इस बार भी मुख्यमंत्री का कोई चेहरा पेश नहीं किया था, लेकिन पार्टी पीएम मोदी के नाम पर जनता के बीच उतरी और जीत हासिल करने में कामयाब रही।

भाजपा ने पिछले चुनाव

भाजपा ने पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले वोट शेयर में 9% से ज्यादा का इजाफा किया। वहीं, AAP को करीब 10% का नुकसान हुआ है। कांग्रेस को भले ही एक भी सीट नहीं मिली, लेकिन वोट शेयर 2% बढ़ाने में कामयाब रही।

आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी बीते 11 साल से लगातार दिल्ली की सत्ता में बनी हुई थी. इस दौरान आप सरकार ने दिल्ली के लोगों के लिए कई एलान भी किए। इसमें मुफ़्त बिजली-पानी, महिलाओं को मुफ़्त में बस की यात्रा, बुज़ुर्गों को मुफ़्त में तीर्थ यात्रा वगैरह शामिल है।

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