मुंबई के पूर्व कप्तान और चयनकर्ता मिलिंद रेगे का निधन

पूर्व मुंबई क्रिकेट कप्तान और भारतीय घरेलू क्रिकेट के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व मिलिंद रेगे का 19 फरवरी 2025 को 76 वर्ष की आयु में हृदयगति रुकने से निधन हो गया। उन्होंने मुंबई क्रिकेट की विरासत को समृद्ध करने में अहम भूमिका निभाई, न केवल एक खिलाड़ी के रूप में बल्कि प्रशासक के रूप में भी। रेगे मुंबई की रणजी ट्रॉफी में लगातार पांच खिताबी जीतों का हिस्सा रहे और बाद में चयनकर्ता व मेंटर के रूप में युवा प्रतिभाओं की खोज में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सचिन तेंदुलकर और यशस्वी जायसवाल जैसे क्रिकेटरों की प्रतिभा को शुरुआती दौर में पहचाना। उनके निधन को मुंबई क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति माना जा रहा है, और पूर्व खिलाड़ियों व सहयोगियों ने उनके योगदान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।

मिलिंद रेगे: जीवन और क्रिकेट करियर की मुख्य झलकियां

खिलाड़ी के रूप में योगदान

  • ऑफ-स्पिनिंग ऑलराउंडर, जिन्होंने मुंबई के लिए 52 प्रथम श्रेणी मैच खेले।
  • रणजी ट्रॉफी में मुंबई की लगातार पांच खिताबी जीतों का हिस्सा रहे।
  • 20 के दशक के अंत में हृदय संबंधी समस्याओं के कारण उनका करियर बाधित हुआ, लेकिन उन्होंने संक्षिप्त वापसी की।

मुंबई क्रिकेट में योगदान

  • चयनकर्ता और प्रशासक के रूप में मुंबई क्रिकेट की विभिन्न भूमिकाओं में सेवा दी।
  • युवा प्रतिभाओं को तराशने में अहम भूमिका निभाई—सचिन तेंदुलकर और यशस्वी जायसवाल को शुरुआती दौर में पहचाना।
  • पिछले चार वर्षों से मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के सलाहकार के रूप में कार्यरत थे।

पेशेवर और कॉर्पोरेट क्रिकेट से जुड़ाव

  • टाटा स्पोर्ट्स क्लब और टाटा समूह के संचार विभाग का नेतृत्व किया।
  • कॉर्पोरेट क्रिकेट में सक्रिय भूमिका निभाई और कई शीर्ष खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया।

क्रिकेट समुदाय में विरासत

  • सुनील गावस्कर के करीबी मित्र थे, लेकिन अपनी क्रिकेट विशेषज्ञता के लिए स्वतंत्र पहचान बनाई।
  • क्रिकेट विश्लेषण और मार्गदर्शन के लिए सम्मानित, एक कुशल टीवी कमेंटेटर और क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में भी पहचान बनाई।
  • मैदान के बाहर भी मुंबई क्रिकेट जगत में उनके विचारों को गहरी मान्यता मिली।

क्रिकेट जगत से श्रद्धांजलि

संदीप पाटिल (पूर्व भारतीय ऑलराउंडर व कोच)

  • रेगे को अपना समर्थन प्रणाली बताया, जिन्होंने उनके करियर और जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • उन्हें मुंबई क्रिकेट का सबसे बड़ा संरक्षक बताते हुए कहा कि वे हमेशा युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित थे।

डायना एडुल्जी (पूर्व भारतीय महिला कप्तान व MCA सलाहकार)

  • रेगे को एक मार्गदर्शक और सच्चे मित्र के रूप में याद किया।
  • मुंबई क्रिकेट के विकास के लिए उनके रचनात्मक सुझावों की सराहना की।

अंतिम संस्कार

मिलिंद रेगे अपने पीछे पत्नी राज, बेटे सिद्धार्थ और आदित्य तथा उनके परिवारों को छोड़ गए हैं। उनके अंतिम संस्कार का आयोजन 20 फरवरी 2025 को मुंबई में किया जाएगा।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? मिलिंद रेगे: मुंबई क्रिकेट के ज्ञानकोष का 76 वर्ष की उम्र में निधन
आयु 76 वर्ष
खेल करियर मुंबई के लिए 52 प्रथम श्रेणी मैच खेले
मुख्य उपलब्धियां रणजी ट्रॉफी में मुंबई की लगातार 5 खिताबी जीतों का हिस्सा रहे
मैदान के बाहर योगदान चयनकर्ता, MCA सलाहकार, टाटा स्पोर्ट्स क्लब के प्रमुख
खोजी गई प्रतिभाएं सचिन तेंदुलकर और यशस्वी जायसवाल की प्रतिभा को पहचाना
कॉर्पोरेट भूमिका टाटा स्पोर्ट्स क्लब का नेतृत्व किया, कॉर्पोरेट क्रिकेट से जुड़े रहे
विरासत मेंटर, कमेंटेटर और मुंबई क्रिकेट के ज्ञानकोष
श्रद्धांजलि संदीप पाटिल, डायना एडुल्जी, मुंबई क्रिकेट समुदाय

फ्यूचरब्रांड इंडेक्स की ग्लोबल रैंकिंग में रिलायंस दूसरे पायदान पर

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने फ़्यूचरब्रांड इंडेक्स 2024 में दूसरा स्थान हासिल कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है, जिससे उसने एप्पल और नाइकी जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ दिया। यह पहली बार है जब कोई भारतीय कंपनी इस प्रतिष्ठित वैश्विक रैंकिंग के शीर्ष तीन में शामिल हुई है। इस इंडेक्स में कंपनियों का मूल्यांकन उनके वित्तीय प्रदर्शन के बजाय ब्रांड धारणा (Brand Perception) के आधार पर किया जाता है। सैमसंग ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि रिलायंस ने एप्पल, नाइकी, डिज़्नी, नेटफ्लिक्स, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल और टोयोटा जैसी कंपनियों को पछाड़ दिया।

रिलायंस की इस अद्भुत उपलब्धि का कारण क्या है?

रिलायंस का फ़्यूचरब्रांड इंडेक्स में सफर बेहद प्रभावशाली रहा है। वर्ष 2023 में इसे 13वां स्थान मिला था, लेकिन सिर्फ एक साल में यह दूसरी पायदान पर पहुंच गया। इस उछाल के पीछे उपभोक्ताओं का मजबूत भरोसा, रणनीतिक विस्तार और ऊर्जा, दूरसंचार एवं खुदरा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कंपनी की व्यापक मौजूदगी अहम कारण हैं। विविधीकरण और नवाचार की क्षमता ने रिलायंस की वैश्विक ब्रांड छवि को और अधिक मजबूत किया है।

रिलायंस की वैश्विक उपस्थिति भी इस उपलब्धि का एक प्रमुख कारक रही है। हरित ऊर्जा, डिजिटल सेवाओं और उपभोक्ता खुदरा क्षेत्र में निवेश के चलते कंपनी ने खुद को विभिन्न उद्योगों में एक अग्रणी ब्रांड के रूप में स्थापित किया है। इससे न केवल उपभोक्ताओं बल्कि निवेशकों और अन्य हितधारकों के बीच भी कंपनी की साख बढ़ी है।

वैश्विक ब्रांड परिदृश्य में क्या बदलाव आया है?

फ़्यूचरब्रांड इंडेक्स 2024 यह दर्शाता है कि शीर्ष ब्रांडों का भौगोलिक वितरण काफी बदल गया है। 2014 में शीर्ष 10 ब्रांडों में से 7 अमेरिकी कंपनियां थीं, लेकिन 2024 की रैंकिंग में केवल 4 अमेरिकी ब्रांड शीर्ष 10 में शामिल हैं। शेष ब्रांड एशिया-प्रशांत (APAC) और मध्य पूर्व (Middle East) क्षेत्र से आए हैं।

यह बदलाव दर्शाता है कि एशियाई और मध्य पूर्वी कंपनियां अब ब्रांड निर्माण में भारी निवेश कर रही हैं। खासतौर पर B2B कंपनियां अमेरिकी और यूरोपीय ब्रांडों के समकक्ष प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। यह उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के बढ़ते प्रभाव और वैश्विक व्यापार परिदृश्य के विकास को दर्शाता है।

किन क्षेत्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया और किन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

फ़्यूचरब्रांड इंडेक्स 2024 के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय अंतर देखा गया:

  • वित्तीय क्षेत्र: यह सबसे मजबूत क्षेत्र रहा, जहां 15 में से 10 ब्रांडों की रैंकिंग में सुधार हुआ। इससे उपभोक्ताओं का बढ़ता भरोसा और वित्तीय सेवाओं की स्थिर वृद्धि स्पष्ट होती है।
  • स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर): 15 में से 10 ब्रांडों की रैंकिंग गिरी, जो इस क्षेत्र की चुनौतियों और सार्वजनिक धारणा में आई गिरावट को दर्शाता है।
  • उपभोक्ता उत्पाद (Consumer Staples): इस क्षेत्र में संतुलित वृद्धि देखी गई, जहां 5 कंपनियों की रैंकिंग में सुधार हुआ और 3 की रैंकिंग घटी।
  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT): 9 कंपनियों की रैंकिंग में सुधार हुआ, लेकिन 11 की गिर गई, जो इस क्षेत्र की अस्थिरता को दर्शाता है।
  • ऊर्जा और संचार सेवाएं (Energy & Communication Services): इस क्षेत्र में गिरावट देखी गई, जहां अधिकतर कंपनियों की रैंकिंग गिरी। उदाहरण के लिए, गूगल की मूल कंपनी Alphabet 2014 में नंबर 1 पर थी, लेकिन 2024 में यह 57वें स्थान पर आ गई। इसी तरह, फेसबुक की मूल कंपनी Meta 2014 में 11वें स्थान पर थी, लेकिन अब 52वें स्थान पर आ गई है।
  • औद्योगिक क्षेत्र (Industrials): यह क्षेत्र ज्यादातर स्थिर रहा, लेकिन कोई बड़ा उछाल नहीं दिखा। Boeing तो रैंकिंग से पूरी तरह बाहर हो गया।

निष्कर्ष

फ़्यूचरब्रांड इंडेक्स 2024 वैश्विक ब्रांड धारणा में हो रहे बदलावों को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। रिलायंस का दूसरा स्थान हासिल करना न केवल उसकी व्यावसायिक सफलता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक कॉर्पोरेट परिदृश्य में भारत की बढ़ती उपस्थिति को भी रेखांकित करता है। आगे चलकर कंपनियों के लिए ब्रांड विश्वास और रणनीतिक नवाचार प्रमुख भूमिका निभाएंगे, जिससे भविष्य की रैंकिंग तय होगी।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फ़्यूचरब्रांड इंडेक्स 2024 में वैश्विक स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया, एप्पल, नाइकी और डिज़्नी को पछाड़ते हुए।
शीर्ष स्थान सैमसंग ने पहला स्थान प्राप्त किया।
रिलायंस की वृद्धि 2023 में 13वें स्थान से 2024 में 2वें स्थान पर पहुंचा, जिसका श्रेय मजबूत ब्रांड छवि, उपभोक्ता विश्वास और विभिन्न उद्योगों में विविधीकरण को जाता है।
प्रमुख प्रतिस्पर्धी एप्पल, नाइकी, वॉल्ट डिज़्नी, नेटफ्लिक्स, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल और टोयोटा।
वैश्विक रुझान अमेरिकी ब्रांडों का दबदबा कम हुआ, जबकि एशिया-प्रशांत और मध्य पूर्वी ब्रांडों की प्रमुखता बढ़ी।
क्षेत्रीय प्रदर्शन वित्तीय क्षेत्र में 15 में से 10 ब्रांडों की रैंकिंग बढ़ी, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 15 में से 10 ब्रांडों की रैंकिंग गिरी, आईटी और ऊर्जा क्षेत्र में मिला-जुला प्रदर्शन रहा।
सबसे बड़ी गिरावट Alphabet (Google) 2014 में नंबर 1 से 2024 में 57वें स्थान पर, Meta (Facebook) 11वें स्थान से 52वें स्थान पर आ गया।
महत्व पहली बार कोई भारतीय कंपनी शीर्ष तीन में पहुंची, जो भारत के वैश्विक व्यापार प्रभाव में वृद्धि को दर्शाता है।

RSS ने नई दिल्ली में नए मुख्यालय ‘केशव कुंज’ का उद्घाटन किया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने नई दिल्ली के झंडेवालान में अपने अत्याधुनिक मुख्यालय ‘केशव कुंज’ का आधिकारिक उद्घाटन किया। यह विशाल परिसर चार एकड़ में फैला हुआ है और पांच लाख वर्ग फीट क्षेत्र को कवर करता है, जिसे संघ की बढ़ती गतिविधियों के अनुरूप विकसित किया गया है।

इस मुख्यालय में तीन ऊंची इमारतें, ऑडिटोरियम, पुस्तकालय, अस्पताल, कैंटीन और हनुमान मंदिर शामिल हैं। आधुनिक और पर्यावरण-संवेदनशील डिजाइन के साथ निर्मित यह परिसर आकार में भाजपा मुख्यालय से भी बड़ा है। ₹150 करोड़ की लागत से निर्मित इस परियोजना को पूरी तरह से जनसहयोग से वित्तपोषित किया गया, जो RSS को मिले व्यापक समर्थन को दर्शाता है।

भव्य दृष्टिकोण: केशव कुंज की विशेषताएँ

1. तीन मुख्य टॉवर: साधना, प्रेरणा और अर्चना

केशव कुंज परिसर में तीन विशिष्ट टॉवर बनाए गए हैं, जो अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं:

  • साधना टॉवर – संगठन के प्रशासनिक कार्यों के लिए समर्पित।
  • प्रेरणा टॉवर – आरएसएस पदाधिकारियों के आवासीय उपयोग के लिए।
  • अर्चना टॉवर – संघ कार्यकर्ताओं के रहने की सुविधा प्रदान करने वाला आवासीय परिसर।

प्रेरणा और अर्चना टॉवर के बीच एक विशाल हरा-भरा लॉन है, जहां आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की प्रतिमा स्थापित की गई है। यह स्थान संघ की दैनिक शाखाओं और संगठात्मक कार्यक्रमों के लिए निर्धारित है।

2. अत्याधुनिक ऑडिटोरियम

नए मुख्यालय में तीन विशाल ऑडिटोरियम बनाए गए हैं, जिनकी कुल बैठक क्षमता 1,300 से अधिक है। इनमें से एक ऑडिटोरियम विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल के नाम पर रखा गया है, जिसमें स्टेडियम-शैली की सीटिंग और आरामदायक कुशन वाली कुर्सियाँ हैं।

ये ऑडिटोरियम संघ के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, प्रशिक्षण सत्रों और प्रमुख बैठकों के आयोजन के लिए उपयोग किए जाएंगे, जिससे आरएसएस की जनसंपर्क और कार्यक्षमता को और अधिक मजबूती मिलेगी।

3. सुविधाएँ: पुस्तकालय, अस्पताल और कैंटीन

  • केशव पुस्तकालय (केशव पुस्तकालय) – 10वीं मंजिल पर स्थित यह पुस्तकालय आरएसएस और संबंधित विचारधाराओं पर शोध सामग्री का केंद्र है।
  • पाँच-बेड वाला अस्पताल – आरएसएस कार्यकर्ताओं और आगंतुकों के लिए चिकित्सा सहायता प्रदान करने हेतु।
  • मेस और कैंटीन – मुख्यालय में रहने और कार्य करने वाले पदाधिकारियों को दैनिक भोजन और नाश्ते की सुविधा।

4. पर्यावरण-संवेदनशील वास्तुकला

केशव कुंज को पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन किया गया है। इमारत की खिड़कियाँ राजस्थान और गुजरात की पारंपरिक वास्तुकला से प्रेरित हैं, जो आधुनिक भवन को सांस्कृतिक स्पर्श प्रदान करती हैं।

इसके अलावा, 1,000 ग्रेनाइट फ्रेम का उपयोग किया गया है ताकि लकड़ी की आवश्यकता को कम किया जा सके, जिससे यह भवन और अधिक इको-फ्रेंडली बन सके।

परिसर में 135 कारों की पार्किंग क्षमता है, जिसे 270 वाहनों तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे आगंतुकों और अधिकारियों के लिए सुगम आवागमन सुनिश्चित होगा।

निर्माण और वित्तपोषण: जनभागीदारी का अद्भुत उदाहरण

केशव कुंज परियोजना की सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि इसका निर्माण पूरी तरह से जनसहयोग से वित्तपोषित किया गया है। एक आरएसएस पदाधिकारी के अनुसार, 75,000 से अधिक लोगों ने इस भवन के निर्माण में आर्थिक योगदान दिया

दान ₹5 से लेकर लाखों रुपये तक के रहे, जो संघ कार्यकर्ताओं और समर्थकों की व्यापक भागीदारी को दर्शाता है।

आरएसएस ने पिछले आठ वर्षों तक झंडेवालान के उदासीन आश्रम से अपने कार्यों का संचालन किया। सितंबर 2024 से कार्यकर्ताओं का केशव कुंज में क्रमिक स्थानांतरण शुरू हुआ, जो अब पूरा हो चुका है, हालांकि कुछ आंतरिक कार्य अभी जारी हैं।

केशव कुंज में आगामी कार्यक्रम

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 19 फरवरी 2025 को नए मुख्यालय में ‘कार्यकर्ता मिलन’ कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे।

इसके अलावा, 21-23 मार्च 2025 को बेंगलुरु में आयोजित होने वाली ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक’ से पहले यह एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा।

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा आरएसएस की सर्वोच्च निर्णय-निर्माण इकाई है और यह वार्षिक बैठक संगठन की भविष्य की नीतियों और रणनीतियों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने नई दिल्ली के झंडेवालान में अपने नए मुख्यालय ‘केशव कुंज’ का उद्घाटन किया। यह परिसर संघ की बढ़ती गतिविधियों का समर्थन करने के लिए बनाया गया है और पाँच लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है।
स्थान झंडेवालान, नई दिल्ली
कुल क्षेत्रफल 5 लाख वर्ग फुट, 4 एकड़ में विस्तृत
निर्माण लागत ₹150 करोड़ (पूरी तरह से जनसहयोग द्वारा वित्तपोषित)
मुख्य विशेषताएँ तीन टॉवर: साधना (कार्यालय), प्रेरणा (आवासीय), अर्चना (आवासीय)
ऑडिटोरियम: तीन, कुल क्षमता 1,300+ सीटें; एक अशोक सिंघल के नाम पर
पुस्तकालय: 10वीं मंजिल पर ‘केशव पुस्तकालय’
अस्पताल: पाँच-बेड की चिकित्सा सुविधा
कैंटीन और मेस: पदाधिकारियों और आगंतुकों के लिए भोजन सुविधा
पार्किंग: 135 कारों की क्षमता, 270 तक विस्तारित की जा सकती है
वास्तुकला की विशेषताएँ – पारंपरिक राजस्थान और गुजरात से प्रेरित मुखौटे
1,000 ग्रेनाइट फ्रेम का उपयोग, पर्यावरण अनुकूल निर्माण
वित्तपोषण और योगदान 75,000 लोगों ने दान किया, ₹5 से लेकर लाखों रुपये तक के योगदान
स्थानांतरण समयरेखा – आरएसएस ने सितंबर 2024 में उदासीन आश्रम (पुराना मुख्यालय) से स्थानांतरण शुरू किया
– अब पूरी तरह से केशव कुंज में स्थानांतरण पूरा, हालांकि कुछ आंतरिक कार्य जारी हैं
आगामी कार्यक्रम 19 फरवरी 2025: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ‘कार्यकर्ता मिलन’ की मेजबानी करेंगे
21-23 मार्च 2025: बेंगलुरु में ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक’

भूमि सर्वेक्षण की प्रायोगिक परियोजना ‘नक्शा’ शुरू

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 फरवरी 2025 को मध्य प्रदेश के रायसेन में राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान आधारित शहरी भूमि सर्वेक्षण (NAKSHA) पायलट कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह पहल भूमि संसाधन विभाग द्वारा संचालित की जा रही है और देशभर के 26 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 152 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) में लागू की जाएगी। ₹194 करोड़ की इस परियोजना को केंद्र सरकार द्वारा पूर्ण रूप से वित्तपोषित किया गया है, जिसका उद्देश्य शहरी भूमि सर्वेक्षण को आधुनिक बनाना, भूमि रिकॉर्ड की सटीकता बढ़ाना, शहरी योजना को मजबूत करना और भूमि विवादों को कम करना है।

NAKSHA कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु

उद्देश्य और कार्यक्षेत्र

  • शहरी भूमि सर्वेक्षण प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाना।
  • भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन कर बेहतर शहरी नियोजन में सहायता करना।
  • भूमि विवादों को कम करना और पारदर्शिता बढ़ाना।
  • 152 ULBs में 26 राज्यों व 3 केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा।

शुभारंभ कार्यक्रम

  • तारीख: 18 फरवरी 2025
  • स्थान: रायसेन, मध्य प्रदेश

प्रमुख अतिथि

  • शिवराज सिंह चौहान – केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री
  • डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी – केंद्रीय राज्यमंत्री (ग्रामीण विकास और संचार)
  • डॉ. मोहन यादव – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री
  • करण सिंह वर्मा – मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री
  • प्रह्लाद सिंह पटेल – पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री

प्रमुख गतिविधियाँ

  • ड्रोन प्रदर्शनी, जिसमें भू-स्थानिक सर्वेक्षण तकनीकों का प्रदर्शन किया गया।
  • मानक संचालन प्रक्रिया (SoP) पुस्तिका का विमोचन।
  • NAKSHA कार्यक्रम की वीडियो और फ्लायर का शुभारंभ।
  • वाटरशेड डेवलपमेंट कंपोनेंट (WDC) यात्रा को हरी झंडी दिखाई गई।
  • WDC वीडियो प्रदर्शन और वाटरशेड एंथम का प्रसारण।

तकनीकी कार्यान्वयन

  • भारतीय सर्वेक्षण विभाग (Survey of India) तकनीकी भागीदार।
  • हवाई सर्वेक्षण और ऑर्थोरेक्टिफाइड इमेजरी तैयार करना।
  • मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम (MPSEDC) द्वारा वेब-GIS प्लेटफॉर्म का विकास।
  • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र सेवा निगम (NICSI) डेटा भंडारण का प्रबंधन करेगा।
  • राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारें फील्ड सर्वेक्षण और ग्राउंड ट्रुथिंग करेंगी।

बजट और वित्त पोषण

  • कुल लागत: ₹194 करोड़
  • केंद्र सरकार द्वारा पूर्ण वित्त पोषित

NAKSHA कार्यक्रम भारत के भूमि प्रबंधन, शहरी नियोजन और पारदर्शी भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को नया आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? शिवराज सिंह चौहान ने शहरी भूमि सर्वेक्षण के लिए NAKSHA कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम का नाम NAKSHA (राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान आधारित शहरी भूमि सर्वेक्षण)
शुभारंभ तिथि और स्थान 18 फरवरी 2025 – रायसेन, मध्य प्रदेश
कार्यान्वयन एजेंसी भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय
कवरेज क्षेत्र 26 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 152 शहरी स्थानीय निकाय (ULBs)
उद्देश्य शहरी भूमि सर्वेक्षण का आधुनिकीकरण, भूमि रिकॉर्ड अपडेट करना, भूमि विवादों को कम करना
तकनीकी भागीदार भारतीय सर्वेक्षण विभाग (हवाई सर्वेक्षण), MPSEDC (वेब-GIS), NICSI (डेटा भंडारण)
शुभारंभ गतिविधियाँ ड्रोन प्रदर्शन, SOP पुस्तिका विमोचन, वीडियो और फ्लायर लॉन्च, WDC यात्रा को हरी झंडी
बजट ₹194 करोड़ (पूर्णतः केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित)

भूपेंद्र यादव ने ‘अपशिष्ट पुनर्चक्रण और जलवायु परिवर्तन 2025’ सम्मेलन का उद्घाटन किया

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने 18 फरवरी 2025 को ‘वेस्ट रीसाइक्लिंग और क्लाइमेट चेंज 2025’ सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन रीसाइक्लिंग और पर्यावरण उद्योग संघ भारत (REIAI) द्वारा किया गया था। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य कचरे के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना और इसके माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता व आर्थिक विकास को गति देना था। मंत्री ने सर्कुलर इकोनॉमी (परिपत्र अर्थव्यवस्था) को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके, कचरा कम हो और रोजगार के अवसर बढ़ें।

भारत में कचरा प्रबंधन क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत हर साल लगभग 62 मिलियन टन कचरा उत्पन्न करता है, जिसमें प्लास्टिक, ई-कचरा और खतरनाक कचरे की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। परंपरागत ‘लेना, बनाना और फेंकना’ मॉडल से लैंडफिल (कचरा स्थलों) पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है और गंभीर पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। श्री भूपेंद्र यादव ने इस पर बल दिया कि उत्पादों को दोबारा इस्तेमाल और पुनर्चक्रण के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए। इससे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होगा, प्रदूषण कम होगा और नई आर्थिक संभावनाएं उत्पन्न होंगी।

सरकार द्वारा कचरा पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने के प्रयास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ‘वेस्ट टू वेल्थ’ पहल को बढ़ावा दे रही है। 2050 तक भारत की सर्कुलर इकोनॉमी का मूल्य $2 ट्रिलियन तक पहुंचने और 1 करोड़ नौकरियों के सृजन की संभावना है। सरकार ने विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR) जैसी नीतियां लागू की हैं, जिसके तहत प्लास्टिक, ई-कचरा, बैटरी और टायर जैसे कचरे के पुनर्चक्रण की जिम्मेदारी उत्पादकों पर होगी। इससे उद्योगों को रीसाइक्लिंग में निवेश करने और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र को संगठित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

सर्कुलर इकोनॉमी को मजबूत करने की रणनीतियाँ

सम्मेलन में मंत्री भूपेंद्र यादव ने चार प्रमुख रणनीतियाँ प्रस्तुत कीं, जो कचरा पुनर्चक्रण और परिपत्र अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक होंगी—

  1. उत्पादों का पुनरावृत्ति हेतु पुनःडिजाइन – उत्पादों को इस तरह डिजाइन किया जाए कि वे आसानी से पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग किए जा सकें। इसमें बायोडिग्रेडेबल सामग्री, मॉड्यूलर घटक, और सिंगल-यूज प्लास्टिक का कम उपयोग शामिल है।

  2. रीसाइक्लिंग तकनीकों में निवेश – उद्योगों को उन्नत कचरा प्रसंस्करण तकनीकों को अपनाना चाहिए, ताकि सामग्री पुनर्प्राप्ति में सुधार हो और लैंडफिल में जाने वाले कचरे को कम किया जा सके

  3. औद्योगिक सहयोग को मजबूत करना – विभिन्न उद्योगों को मिलकर बंद-लूप उत्पादन प्रणाली विकसित करनी चाहिए, जिससे द्वितीयक कच्चे माल का उपयोग बढ़ाया जा सके।

  4. उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ानाजन जागरूकता अभियानों और प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से लोगों को कचरा कम करने, प्रभावी पुनर्चक्रण करने और टिकाऊ उत्पादों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए

निष्कर्ष

इस सम्मेलन ने इस बात को रेखांकित किया कि प्रभावी कचरा प्रबंधन न केवल एक पर्यावरणीय आवश्यकता है, बल्कि एक आर्थिक अवसर भी है। उद्योगों को अपने व्यापार मॉडल में पुनर्चक्रण को एकीकृत करना होगा, जिससे वे सतत विकास में योगदान देने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर सकें। सरकार, उद्योग और उपभोक्ता मिलकर एक सशक्त सर्कुलर इकोनॉमी का निर्माण कर सकते हैं, जिससे भारत पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर होगा।

पहलु विवरण
क्यों चर्चा में? 18 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।
आयोजक रीसाइक्लिंग और पर्यावरण उद्योग संघ भारत (REIAI)
केंद्रित क्षेत्र सर्कुलर इकोनॉमी, कचरा पुनर्चक्रण और जलवायु परिवर्तन समाधान।
भारत में कचरा उत्पादन प्रतिवर्ष 62 मिलियन टन कचरा, जिसमें प्लास्टिक, ई-कचरा और खतरनाक कचरा शामिल हैं।
सरकारी पहल वेस्ट टू वेल्थ’ पहल, जिससे कचरे को आर्थिक संसाधन में बदला जाएगा
आर्थिक अनुमान 2050 तक सर्कुलर इकोनॉमी $2 ट्रिलियन का बाजार बनेगी, जिससे 1 करोड़ नौकरियां सृजित होंगी।
मुख्य नीति विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR) – प्लास्टिक, ई-कचरा, बैटरी और टायर पुनर्चक्रण हेतु।
चर्चा की गई रणनीतियाँ उत्पाद पुनर्रचना, पुनर्चक्रण तकनीक, औद्योगिक सहयोग, उपभोक्ता जागरूकता
उद्देश्य लैंडफिल कचरा कम करना, स्थिरता को बढ़ावा देना और आर्थिक वृद्धि को गति देना

Matsya-6000: भारत की चौथी पीढ़ी की गहरे समुद्र में चलने वाली पनडुब्बी ने पानी के अंदर परीक्षण पूरा किया

मत्स्य-6000 एक अत्याधुनिक, चौथी पीढ़ी की गहरे समुद्र में जाने वाली मानवयुक्त पनडुब्बी है, जिसे भारत सरकार के डीप ओशन मिशन के तहत विकसित किया गया है। यह समुद्रायण परियोजना का हिस्सा है, जिसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की गहरे समुद्र में खोजी क्षमताओं को बढ़ाना है। तीन व्यक्तियों को समायोजित करने में सक्षम यह पनडुब्बी उन्नत तकनीकों से सुसज्जित है और 500 मीटर की गहराई तक ड्राई और वेट परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी है।

मत्स्य-6000 की प्रमुख विशेषताएँ

संरचना एवं डिजाइन – 2.1 मीटर व्यास की कॉम्पैक्ट गोलाकार संरचना, जो तीन लोगों को समायोजित कर सकती है।
उपप्रणालियाँ – मुख्य बैलास्ट सिस्टम, गति के लिए थ्रस्टर, बैटरी बैंक, उछाल बनाए रखने के लिए सिंटैक्टिक फोम, पावर वितरण प्रणाली, नियंत्रण हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर और नेविगेशन उपकरण।
संचार प्रणाली – ध्वनिक मोडेम, अंडरवॉटर टेलीफोन, VHF, GPS और सटीक ट्रैकिंग के लिए अंडरवॉटर ध्वनिक पोजिशनिंग।
जीवन समर्थन एवं सेंसर – लाइफ-सपोर्ट सिस्टम, नेविगेशन जॉयस्टिक, समुद्री अनुसंधान सेंसर, अंडरवॉटर लाइटिंग और कैमरे।

परीक्षण और ट्रायल

ड्राई परीक्षण – 500 मीटर की गहराई तक बिजली, नियंत्रण प्रणाली, उछाल, स्थिरता, संचालन और संचार का मूल्यांकन।
वेट परीक्षण – कट्टुपल्ली पोर्ट (L&T शिपबिल्डिंग) में आठ गोताखोरी परीक्षण (पांच बिना क्रू और तीन मानवयुक्त), जो सुरक्षा, प्रणाली की विश्वसनीयता और वैज्ञानिक उपकरणों की जांच पर केंद्रित थे।
आगे के परीक्षण – 500 मीटर से अधिक गहराई पर प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त परीक्षण आवश्यक, विशेष रूप से अंडरवॉटर संचार के लिए।

प्रमुख पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? मत्स्य-6000: भारत की गहरे समुद्र में जाने वाली पनडुब्बी ने वेट टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरी की
परियोजना समुद्रायण परियोजना
पनडुब्बी का नाम मत्स्य-6000
क्षमता 3 व्यक्ति (2.1 मीटर गोलाकार संरचना के भीतर)
परीक्षण अवधि 27 जनवरी – 12 फरवरी 2025 (L&T शिपबिल्डिंग में वेट परीक्षण)
परीक्षण स्थल L&T शिपबिल्डिंग, कट्टुपल्ली पोर्ट, चेन्नई
मुख्य परीक्षण घटक पावर नेटवर्क, नियंत्रण प्रणाली, उछाल, स्थिरता, संचालन, नेविगेशन, संचार
डाइविंग प्रकार 5 बिना क्रू गोताखोरी, 5 मानवयुक्त गोताखोरी
परीक्षण गहराई हार्बर (कम गहराई), 2025 के अंत तक 500 मीटर तक परीक्षण की योजना
संचार उथली गहराइयों पर पानी के नीचे संचार में कुछ चुनौतियाँ
आगे की जरूरतें अधिक गहराई पर प्रदर्शन और संचार प्रणाली में सुधार
महत्व गहरे समुद्र की खोज, वैज्ञानिक अनुसंधान और समुद्री प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

WPL 2025: जी कमलिनी MI के लिए सबसे कम उम्र की डेब्यू खिलाड़ी बनीं

भारत की अंडर-19 स्टार जी कमलिनी ने महिला प्रीमियर लीग (WPL) में सबसे युवा डेब्यू करने वाली खिलाड़ी बनकर इतिहास रच दिया। 16 वर्षीय बाएं हाथ की बल्लेबाज को 18 फरवरी 2025 को मुंबई इंडियंस (MI) की ओर से गुजरात जायंट्स (GG) के खिलाफ कोटंबी स्टेडियम, वडोदरा में अपना पहला मैच खेलने का मौका मिला। उन्होंने अपनी अंडर-19 टीम की साथी शबनम शकील का रिकॉर्ड तोड़ा, जो पहले सबसे युवा डेब्यू करने वाली खिलाड़ी थीं।

मुख्य बातें:

सबसे युवा WPL डेब्यूटेंट:
16 साल 213 दिन की उम्र में कमलिनी ने शबनम शकील (16 साल 263 दिन, 2024) का रिकॉर्ड तोड़ा।

मैच विवरण:
मुंबई इंडियंस बनाम गुजरात जायंट्स, WPL 2025, कोटंबी स्टेडियम, वडोदरा।

WPL में युवा डेब्यू करने वाली खिलाड़ी:

  1. 16 साल 263 दिन – शबनम शकील (GG) बनाम RCB, 2024
  2. 16 साल 312 दिन – पर्शवी चोपड़ा (UPW) बनाम MI, 2023
  3. 18 साल 203 दिन – वी. जे. जोशिता (RCB) बनाम GG, 2025
  4. 18 साल 206 दिन – एलिस कैपसी (DC) बनाम RCB, 2023
  5. 19 साल 7 दिन – श्वेता सेहरावत (UPW) बनाम GG, 2023

अंडर-19 विश्व कप में प्रदर्शन:
कमलिनी ने 2024 अंडर-19 टी20 विश्व कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी, जहां उन्होंने दो अर्धशतक लगाए थे। वहीं, पारुनिका सिसोदिया 10 विकेट लेकर सबसे किफायती गेंदबाज बनी थीं।

पारुनिका सिसोदिया की डेब्यू:
भारत की अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम की एक और खिलाड़ी पारुनिका सिसोदिया ने भी WPL 2025 में मुंबई इंडियंस के लिए डेब्यू किया।

कमलिनी की यह उपलब्धि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी और WPL में अंडर-19 खिलाड़ियों की भागीदारी को और बढ़ावा देगी।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? WPL 2025: जी कमलिनी सबसे युवा डेब्यूटेंट बनीं (MI के लिए)
सबसे युवा WPL डेब्यूटेंट जी कमलिनी (16 साल, 213 दिन) – MI बनाम GG, 2025
पिछली रिकॉर्ड धारक शबनम शकील (16 साल, 263 दिन) – GG बनाम RCB, 2024
मैच विवरण MI बनाम GG, कोटंबी स्टेडियम, वडोदरा
अन्य युवा WPL डेब्यूटेंट पर्शवी चोपड़ा, वी. जे. जोशिता, एलिस कैपसी, श्वेता सेहरावत, शैफाली वर्मा
भारत U19 विश्व कप में योगदान कमलिनी: 2 अर्धशतक
पारुनिका सिसोदिया की डेब्यू बाएं हाथ की स्पिनर ने WPL 2025 में MI के लिए डेब्यू किया
महत्व WPL युवा भारतीय क्रिकेटरों के विकास के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है

टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को यूके नाइटहुड से सम्मानित किया गया

टाटा समूह के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन को ब्रिटेन और भारत के व्यापारिक संबंधों में उनके योगदान और सेवाओं के लिए ‘ब्रिटिश साम्राज्य के सबसे उत्कृष्ट ऑर्डर (सिविल डिवीजन)’ से सम्मानित किया गया है। इसे नाइटहुड सम्मान के नाम से भी जाना जाता है। ब्रिटिश सरकार ने आधिकारिक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। यूके सरकार ने 14 फरवरी 2025 को यह सम्मान प्रदान किया, जिसमें उनके नेतृत्व में टाटा समूह की ब्रिटेन में हुई प्रमुख निवेश और साझेदारियों को मान्यता दी गई।

एन. चंद्रशेखरन को यूके नाइटहुड क्यों मिला?

इस मानद नाइटहुड का उद्देश्य यूके-भारत व्यापार संबंधों के विस्तार में चंद्रशेखरन की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करना है। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने ब्रिटेन में कई बड़े निवेश किए हैं, विशेष रूप से स्टील, ऑटोमोबाइल और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में। टाटा समूह, जो जगुआर लैंड रोवर (JLR) का मालिक है, हाल ही में ब्रिटेन में एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी संयंत्र स्थापित करने की घोषणा कर चुका है, जिससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिला है।

रिपोर्टों के अनुसार, ब्रिटेन सरकार ने चंद्रशेखरन के रणनीतिक प्रयासों को सराहा है, जिन्होंने भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक संबंधों को और अधिक सशक्त बनाया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह की ब्रिटेन में बढ़ती उपस्थिति ने वहां रोजगार सृजन और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा दिया है। यह पुरस्कार वैश्विक व्यापार में उनकी गहरी छाप और भारत-ब्रिटेन के आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने का प्रमाण है।

उनके पूर्व अंतरराष्ट्रीय सम्मान

यह पहला मौका नहीं है जब चंद्रशेखरन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया हो। मई 2023 में, उन्हें फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘शेवलिएर डे ला लिजिओन द’ऑनर’ (Chevalier de la Légion d’Honneur) से सम्मानित किया गया था, जो भारत-फ्रांस व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को मान्यता देता है। इसके अलावा, सितंबर 2013 में उन्हें नीदरलैंड के न्येनरोडे बिजनेस यूनिवर्सिटी (Nyenrode Business Universiteit) से मानद डॉक्टरेट (Honorary Doctorate) की उपाधि भी प्रदान की गई थी, जो व्यवसाय और समाज में उनके योगदान को दर्शाता है।

ये अंतरराष्ट्रीय सम्मान वैश्विक व्यापार में उनकी मजबूत भूमिका और भारत को एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने में उनके योगदान को दर्शाते हैं।

टाटा समूह की वैश्विक उपस्थिति पर इस सम्मान का प्रभाव

यह सम्मान न केवल चंद्रशेखरन के लिए, बल्कि टाटा समूह के लिए भी वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 100 से अधिक देशों में कार्यरत टाटा समूह की ब्रिटेन में की गई निवेश और व्यापारिक गतिविधियाँ भारत-ब्रिटेन व्यापार संबंधों का प्रमुख हिस्सा रही हैं।

यह मान्यता टाटा समूह की अंतरराष्ट्रीय साख को और मजबूत करती है। साथ ही, यह संकेत देती है कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग भविष्य में और मजबूत होगा, विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में। टाटा समूह की नवाचार, सतत विकास और आर्थिक वृद्धि की प्रतिबद्धता ब्रिटेन की आर्थिक प्राथमिकताओं से मेल खाती है, जिससे यह पुरस्कार चंद्रशेखरन और टाटा समूह दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होता है।

प्रमुख पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? टाटा समूह के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन को यूके-भारत व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने में योगदान के लिए यूनाइटेड किंगडम द्वारा मानद नाइटहुड (Honorary Knighthood) से सम्मानित किया गया।
सम्मान का नाम यूनाइटेड किंगडम द्वारा मानद नाइटहुड
सम्मान की तिथि 14 फरवरी 2025
सम्मान मिलने का कारण टाटा समूह के निवेश और सहयोग के माध्यम से भारत और यूके के आर्थिक संबंधों को मजबूत करना।
प्रमुख योगदान टाटा समूह का ब्रिटेन में विस्तार, जिसमें जगुआर लैंड रोवर (JLR) और ईवी बैटरी प्लांट शामिल हैं, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े और व्यापार को बढ़ावा मिला।
पूर्व अंतरराष्ट्रीय सम्मान – फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान (2023): शेवलिएर डे ला लिजिओन दऑनर
– मानद डॉक्टरेट (2013): न्येनरोडे बिजनेस यूनिवर्सिटी, नीदरलैंड
महत्व टाटा समूह की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करता है और भारत-यूके व्यापार सहयोग को और सशक्त बनाता है।

 

स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने पी.डी. सिंह को बनाया भारत में सीईओ

भारत और दक्षिण एशिया के लिए स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से प्रभदेव (P.D.) सिंह को अपना मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त करने की मंजूरी प्राप्त की है। सिंह, जो कॉर्पोरेट बैंकिंग में एक अनुभवी नेता और जेपी मॉर्गन इंडिया के पूर्व CEO हैं, 1 अप्रैल 2025 से इस नई भूमिका का कार्यभार संभालेंगे। वह ज़रीन दरूवाला की जगह लेंगे, जो 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त हो जाएंगी, जिन्होंने बैंक का नेतृत्व लगभग एक दशक तक किया।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड में नेतृत्व परिवर्तन का कारण क्या है?

ज़रीन दरूवाला ने 2016 में कार्यभार संभालने के बाद से स्टैंडर्ड चार्टर्ड की भारत में उपस्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, बैंक ने अपनी कॉर्पोरेट और निवेश बैंकिंग शाखा को मजबूती दी और सीमा पार वित्तीय समाधान पर ध्यान केंद्रित किया। इसके अलावा, उन्होंने वेल्थ और रिटेल बैंकिंग के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 35 साल लंबी बैंकिंग करियर को पहचानते हुए, स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने उनकी योगदानों की सराहना की है क्योंकि वह अप्रैल 2025 में पद छोड़ने वाली हैं।

P.D. सिंह कौन हैं, और उनके पास क्या अनुभव है?

P.D. सिंह को वित्तीय संस्थानों में 20 वर्षों से अधिक का नेतृत्व अनुभव प्राप्त है, जिसमें HSBC और JP Morgan शामिल हैं। स्टैंडर्ड चार्टर्ड के लिए चयनित होने से पहले, वह जून 2024 तक जेपी मॉर्गन इंडिया के CEO रहे। रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंह इस पद के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए तीन उम्मीदवारों में से एक थे, और RBI ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। उनकी कॉर्पोरेट बैंकिंग और रणनीतिक नेतृत्व में विशेषज्ञता स्टैंडर्ड चार्टर्ड को भारत में अपनी संचालन क्षमता को मजबूत करने में मदद करेगी।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड भारत में विस्तार कैसे करेगा?

स्टैंडर्ड चार्टर्ड भारत में सबसे पुराना विदेशी बैंक है, जो 160 वर्षों से अधिक समय से देश में काम कर रहा है। बैंक के पास 42 शहरों में 100 शाखाएं हैं, और यह कॉर्पोरेट और निवेश बैंकिंग के साथ-साथ वेल्थ और रिटेल बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है। सिंह की नियुक्ति बैंक के भारत में बढ़ते बैंकिंग क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत देती है। उनके ग्लोबल बैंकिंग और वित्तीय प्रबंधन के अनुभव से बैंक की दीर्घकालिक विकास रणनीति में मदद मिलने की उम्मीद है।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड में नेतृत्व परिवर्तन एक महत्वपूर्ण कदम है, और सिंह की नियुक्ति से बैंक को भारत के प्रतिस्पर्धी बैंकिंग परिदृश्य में नेविगेट करने और नवाचार और विकास पर अपने ध्यान को जारी रखने में मदद मिलेगी।

प्रमुख पहलू विवरण
समाचार में क्यों? स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने P.D. सिंह को 1 अप्रैल 2025 से भारत और दक्षिण एशिया के CEO के रूप में नियुक्त किया।
नए CEO प्रभदेव (P.D.) सिंह
पिछला पद CEO, जेपी मॉर्गन इंडिया
पूर्व CEO ज़रीन दरूवाला
दरूवाला का कार्यकाल 2016 से स्टैंडर्ड चार्टर्ड इंडिया का नेतृत्व किया, 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त हो रही हैं।
RBI अनुमोदन RBI ने शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की समीक्षा के बाद सिंह की नियुक्ति को मंजूरी दी।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड भारत में 160 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत, 42 शहरों में 100 शाखाएं
भविष्य का फोकस भारत में कॉर्पोरेट बैंकिंग, निवेश बैंकिंग और रिटेल बैंकिंग को मजबूत करना।

आठवीं मिसाइल सह गोला बारूद (एमसीए) बजरा, एलएसएएम 11 (यार्ड 79) का प्रक्षेपण

भारतीय नौसेना ने 14 फरवरी 2025 को अपने आठवें मिसाइल-कम-अम्युनिशन (MCA) बार्ज, LSAM 11 (यार्ड 79) का शुभारंभ किया। यह महत्वपूर्ण आयोजन मीरा-भाईंदर, महाराष्ट्र में स्थित SECON इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापट्टनम के लॉन्च स्थल पर संपन्न हुआ। इस समारोह की अध्यक्षता नेवल डॉकयार्ड मुंबई के कमोडोर एन गोपीनाथ, AGM (PL) ने की। इस नई MCA बार्ज की तैनाती से नौसेना की लॉजिस्टिक सपोर्ट और ऑपरेशनल क्षमता को और अधिक मजबूती मिलेगी।

LSAM 11 भारतीय नौसेना के संचालन में क्या भूमिका निभाएगा?

LSAM 11 उन आठ MCA बार्ज में से एक है, जो भारतीय नौसेना की संचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन बार्जों का मुख्य कार्य गोलाबारूद और अन्य महत्वपूर्ण आपूर्ति को भारतीय नौसेना के जहाजों और बाहरी बंदरगाहों तक पहुँचाना है। यह लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे नौसेना के मिशनों की प्रभावशीलता और दक्षता बढ़ती है।

इस लॉन्च से पहले, सात अन्य MCA बार्ज पहले ही तैनात किए जा चुके हैं, जो नौसेना की सप्लाई चेन को मजबूत कर रहे हैं। LSAM 11 के शामिल होने से नौसेना की मोबिलिटी और सप्लाई मैनेजमेंट की क्षमता को और बेहतर बनाया जाएगा, जिससे भारत की समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

LSAM 11 का डिज़ाइन और निर्माण कैसे किया गया?

MCA बार्ज, LSAM 11 सहित, रक्षा मंत्रालय और SECON इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच 19 फरवरी 2021 को किए गए एक अनुबंध के तहत निर्मित किए गए हैं। यह विशाखापट्टनम स्थित एक MSME शिपयार्ड है, जो पूरी तरह से स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देता है।

इन बार्जों को एक भारतीय शिप डिजाइनिंग फर्म और भारतीय रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) के सहयोग से विकसित किया गया है। इनकी समुद्री क्षमता को परखने के लिए, नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लेबोरेटरी (NSTL), विशाखापट्टनम में मॉडल परीक्षण भी किया गया था। इस प्रक्रिया में घरेलू संसाधनों और विशेषज्ञता का उपयोग किया गया, जिससे भारत की रक्षा निर्माण क्षमता को और मजबूत किया जा सके।

LSAM 11 का लॉन्च ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

LSAM 11 का शुभारंभ भारतीय सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूती प्रदान करता है। इस परियोजना में स्थानीय कंपनियों और स्वदेशी डिज़ाइन का उपयोग किया गया है, जिससे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलता है और विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम होती है।

यह कदम सिर्फ भारतीय नौसेना को लाभ नहीं पहुंचाएगा, बल्कि भारत के औद्योगिक विकास को भी समर्थन देगा। स्थानीय उद्यमों को शामिल करके, सरकार एक आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रही है, जो भविष्य में समुद्री सुरक्षा और राष्ट्रीय रक्षा आवश्यकताओं को पूरा कर सके।

निष्कर्ष

LSAM 11 का सफल लॉन्च भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के रणनीतिक संसाधन नौसेना के लॉजिस्टिक सपोर्ट को बढ़ाकर भारत की रक्षा संरचना को और अधिक सशक्त बनाते हैं। इस परियोजना का सफल कार्यान्वयन दर्शाता है कि भारत अपने रक्षा निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है, जो भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक है।

दृष्टिकोण विवरण
खबर में क्यों है? भारतीय नौसेना ने 14 फरवरी 2025 को मीरा भायंदर, महाराष्ट्र में अपने आठवें मिसाइल-कम-अम्युनिशन (MCA) बार्ज, LSAM 11 का शुभारंभ किया।
निर्माता M/s SECON इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापट्टनम
अनुबंध तिथि 19 फरवरी 2021
उद्देश्य नौसेना अभियानों के लिए गोलाबारूद और आपूर्ति के परिवहन, सवार होने और उतरने के लिए।
परीक्षण प्राधिकरण मॉडल परीक्षण, नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लेबोरेटरी (NSTL), विशाखापट्टनम
डिज़ाइन अनुमोदन भारतीय रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS)
राष्ट्रीय पहल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना
संचालनात्मक प्रभाव भारतीय नौसेना की लॉजिस्टिक सहायता और संचालन दक्षता को बढ़ावा देना

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