केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने 14 जून, 2025 को चेन्नई में गरुड़ एयरोस्पेस की कृषि-ड्रोन स्वदेशीकरण सुविधा का उद्घाटन किया। उद्घाटन के साथ ही, मंत्री ने 300 उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) का भी अनावरण किया और डीजीसीए द्वारा अनुमोदित ट्रेन द ट्रेनर (टीटीटी) कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई, जिससे भारत ड्रोन नवाचार, आत्मनिर्भरता और कौशल विकास के मामले में सबसे आगे खड़ा हो गया। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक भारत को वैश्विक ड्रोन हब में बदलने के सपने को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समाचार में क्यों?
भारत अब स्वदेशी ड्रोन निर्माण और कौशल विकास में तेज़ी से प्रगति कर रहा है। 14 जून 2025 को चेन्नई में गरुड़ एयरोस्पेस की Agri-Drone Indigenization Facility के उद्घाटन के साथ-साथ 300 Centre of Excellence (CoEs) की स्थापना और DGCA-अनुमोदित Train the Trainer (TTT) कार्यक्रम की शुरुआत देश को ड्रोन नवाचार, आत्मनिर्भरता, और कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को 2030 तक ग्लोबल ड्रोन हब बनाने के विजन की पूर्ति की ओर अग्रसर है।
केंद्रीय मंत्री श्री कमलेश पासवान द्वारा प्रमुख लॉन्च
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एग्री-ड्रोन स्वदेशीकरण सुविधा, चेन्नई
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भारतभर में 300 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoEs)
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Train the Trainer (TTT) कार्यक्रम – DGCA द्वारा अनुमोदित
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प्रशिक्षित ‘ड्रोन दीदी’ द्वारा एग्री-ड्रोन का लाइव डेमो
सुविधा और कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ
एग्री-ड्रोन स्वदेशीकरण सुविधा
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आकार: 35,000 वर्ग फुट
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उत्पादन लक्ष्य: 2026 तक 1 लाख ड्रोन
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वर्तमान प्रगति: अब तक 4,000 ड्रोन वितरित
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प्रमुख कार्य: डिज़ाइन, निर्माण और Unmanned Aerial Systems (UAS) का परीक्षण
Train the Trainer (TTT) कार्यक्रम
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प्रमाणित कौशल विकास कार्यक्रम
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प्रशिक्षकों को ड्रोन प्रशिक्षण में विशेषज्ञ बनाने के लिए
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ग्रामीण रोजगार और महिला सशक्तिकरण (Drone Didis) को बढ़ावा देता है
300 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoEs)
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शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्थापित
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ड्रोन नवाचार, अनुसंधान और कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा
विजन और सराहना
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पीएम मोदी का 2022 विज़न: 2026 तक 1 लाख मेड-इन-इंडिया ड्रोन का निर्माण
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मंत्री पासवान ने गरुड़ एयरोस्पेस के CEO अग्निश्वर जयप्रकाश और भारत ड्रोन एसोसिएशन की सराहना की
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पहली बार किसी एक स्थान पर 2,000 से अधिक एग्री-ड्रोन प्रदर्शित किए गए – पैमाने और प्रतिबद्धता का उदाहरण
महत्व और प्रभाव
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आत्मनिर्भर भारत के तकनीकी लक्ष्यों को मजबूती
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युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन
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ड्रोन आधारित कृषि से ग्रामीण परिवर्तन में तेजी
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भारत को वैश्विक ड्रोन निर्माण और कौशल हब के रूप में स्थापित करना
यह पहल न केवल भारत के तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि डिजिटल भारत, स्किल इंडिया और विकसित भारत के संकल्पों को साकार करने का भी माध्यम है।