‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ ने 5 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए

भारत ने आयुर्वेद और समग्र स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ के तहत पाँच गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (NCISM) और आयुष मंत्रालय के सहयोग से इस अभियान का पहला चरण 20 फरवरी 2025 को मुंबई में संपन्न हुआ। इस पहल ने आयुर्वेद को सार्वजनिक स्वास्थ्य से जोड़ने और स्वास्थ्य देखभाल में डेटा-संचालित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ की प्रमुख उपलब्धियाँ

गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

एक सप्ताह में किसी स्वास्थ्य अभियान के लिए सबसे अधिक संकल्प प्राप्त करने का रिकॉर्ड
6,004,912 संकल्प (नया वैश्विक मानक, इससे पहले कोई रिकॉर्ड नहीं था)।

एक महीने में किसी स्वास्थ्य अभियान के लिए सबसे अधिक संकल्प प्राप्त करने का रिकॉर्ड
13,892,976 संकल्प (पूर्व रिकॉर्ड: 58,284, चीन की सिग्ना और सीएमबी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी)।

अब तक किसी स्वास्थ्य अभियान के लिए सबसे अधिक संकल्प प्राप्त करने का रिकॉर्ड
13,892,976 संकल्प (पूर्व रिकॉर्ड: 569,057, ज़िफी एफडीसी लिमिटेड, भारत)।

सबसे बड़े ऑनलाइन फोटो एलबम का रिकॉर्ड (डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदर्शित करते हुए लोगों की तस्वीरें)
62,525 तस्वीरें (पूर्व रिकॉर्ड: 29,068, एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, भारत)।

सबसे बड़े ऑनलाइन वीडियो एलबम का रिकॉर्ड (एक ही वाक्य कहते हुए लोगों के वीडियो)
12,798 वीडियो (पूर्व रिकॉर्ड: 8,992 वीडियो, ‘घे भरारी’ अभियान, भारत)।

अभियान का महत्व

  • जनभागीदारी का व्यापक स्तर पर विस्तार – 1.29 करोड़ से अधिक लोगों ने प्रकृति परीक्षण (प्रकृति निर्धारण) में भाग लिया, जो 1 करोड़ के लक्ष्य से अधिक था।
  • स्वयंसेवी प्रयासों की अभूतपूर्व भागीदारी – कुल 1,81,667 स्वयंसेवक शामिल हुए, जिनमें 1,33,758 आयुर्वेद विद्यार्थी, 16,155 शिक्षक, और 31,754 चिकित्सक शामिल थे।
  • शीर्ष नेतृत्व का समर्थन – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर अभियान की शुरुआत की, और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली प्रतिभागी बनीं।
  • स्वास्थ्य सेवा में आयुर्वेद का सशक्तिकरण – इस पहल ने आयुर्वेद की भूमिका को रोग-निवारक चिकित्सा और जीवनशैली प्रबंधन में मजबूत किया।
  • वैश्विक मान्यता – इस अभियान ने आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा के साथ जोड़ने और वैज्ञानिक प्रमाण-आधारित शोध को बढ़ावा देने में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को मजबूत किया।

समापन समारोह में उपस्थित प्रमुख गणमान्य व्यक्ति

  • श्री प्रतापराव जाधव – केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
  • श्री प्रकाश आबिटकर – महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री
  • वैद्य राजेश कोटेचा – सचिव, आयुष मंत्रालय
  • वैद्य जयंत देवपुजार – अध्यक्ष, राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (NCISM)
  • रिचर्ड विलियम्स स्टेनिंग – गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक अधिकारी, जिन्होंने आधिकारिक रूप से उपलब्धियों की पुष्टि की

भविष्य की संभावनाएँ

  • आयुर्वेद का सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में एकीकरण और अधिक सशक्त होगा।
  • साक्ष्य-आधारित शोध को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकृति बढ़ेगी।
  • समग्र स्वास्थ्य संवर्धन के लिए भविष्य में इसी तरह के अभियानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
क्यों चर्चा में? देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ ने 5 गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए
कार्यक्रम का नाम देश का प्रकृति परीक्षण अभियान (प्रथम चरण)
आयोजक संस्था राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (NCISM) एवं आयुष मंत्रालय
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स जनस्वास्थ्य जागरूकता हेतु 5 विश्व रिकॉर्ड
कुल संकल्प संख्या 1,38,92,976
कुल प्रतिभागी 1.29 करोड़
कुल स्वयंसेवक 1,81,667 (विद्यार्थी, शिक्षक, चिकित्सक)
प्रथम प्रतिभागी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
शुभारंभ घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर
महत्व आयुर्वेद को निवारक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल में मजबूत करना
भविष्य पर प्रभाव आधुनिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेद का एकीकरण, वैश्विक पहचान और शोध प्रगति

नमिता गोखले का मंगल ग्रह पर जीवन: कहानियों के माध्यम से साहित्यिक वापसी

नमिता गोखले की नई पुस्तक ‘लाइफ ऑन मार्स: कलेक्टेड स्टोरीज़’ में 15 कहानियों का संग्रह है, जो प्रेम, भाग्य और मानव अस्तित्व जैसे विषयों की पड़ताल करता है। जनवरी 2025 में प्रकाशित यह संकलन लेखिका की कथा कहने की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसमें उनकी पूर्व प्रकाशित कहानियाँ और नई रचनाएँ शामिल हैं, जो उनके दृष्टिकोण के विकास को उजागर करती हैं। यह पुस्तक दो खंडों— ‘लव एंड अदर डिरेंजमेंट्स’ और ‘द मिरर ऑफ द महाभारत’— में विभाजित है, जो संबंधों, पौराणिक कथाओं और मानवीय भावनाओं को विभिन्न दृष्टिकोणों से प्रस्तुत करते हैं।

कैसे ‘लाइफ ऑन मार्स’ गोखले की साहित्यिक यात्रा को दर्शाती है?

गोखले के अनुसार, यह संग्रह उनके जीवन और लेखन यात्रा का प्रतिबिंब है। पुस्तक का पहला भाग प्रेम और रिश्तों की जटिलताओं को दर्शाता है, जबकि दूसरा भाग पौराणिक कथाओं की पुनर्कल्पना करता है। एक कहानी में कुंती और गांधारी को कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद अपने व्यक्तिगत दुःख से जूझते हुए दिखाया गया है, जबकि एक अन्य कहानी में नल और दमयंती की प्रेम कथा को एक हंस के दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। इन कहानियों में ऐतिहासिक गहराई, भावनात्मक तत्व और समकालीन कथा शैली का अनूठा संगम देखने को मिलता है।

गोखले ने अपने लेखन करियर की चुनौतियों को कैसे पार किया?

उनकी पहली पुस्तक ‘पारो: ड्रीम्स ऑफ पैशन’ (1984) को मिली सफलता के बावजूद, उन्हें एक दशक तक अस्वीकृति का सामना करना पड़ा। कई प्रकाशकों ने उन्हें “क्षणिक चमक” कहकर नकार दिया, जिससे उन्हें अपने साहित्यिक भविष्य पर संदेह हुआ। हालांकि, उन्होंने लघु कथाओं के माध्यम से वापसी की, और 1990 के दशक के मध्य में लिखी गई कहानी ‘ओमेन I’ उनके पुनरुत्थान की नींव बनी। ‘लाइफ ऑन मार्स’ में इस संघर्ष की झलक मिलती है, जहां वे पुरानी और नई कहानियों को जोड़ते हुए भारतीय साहित्य में अपनी सशक्त उपस्थिति को दोबारा स्थापित करती हैं।

क्या गोखले की कहानियाँ विभिन्न पीढ़ियों के लिए प्रासंगिक हैं?

चार दशकों में, नमिता गोखले ने ‘शकुंतला’, ‘थिंग्स टू लीव बिहाइंड’, ‘नेवर नेवर लैंड’ सहित 24 कथा और गैर-कथा पुस्तकें लिखी हैं। उनकी लेखनी हास्य, व्यंग्य और आत्मनिरीक्षण का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करती है। वे परंपरागत कथा शैलियों को चुनौती देती हैं और युवा, वृद्ध और उनके बीच की जिंदगियों के अनुभवों को अपने लेखन में समाहित करती हैं।

गोखले भारतीय साहित्य में एक प्रभावशाली आवाज़ क्यों हैं?

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की सह-संस्थापक के रूप में, नमिता गोखले ने भारत में साहित्यिक संवादों को नया आयाम दिया है। उनकी विविध विषयों की खोज और मजबूत कथानक शैली उनके लेखन को प्रासंगिक और रोचक बनाए रखती है। ‘लाइफ ऑन मार्स’ के साथ, वे न केवल अपनी पुरानी कहानियों को पुनः प्रस्तुत कर रही हैं, बल्कि यह भी साबित कर रही हैं कि वे समय के साथ विकसित होने वाली एक महत्वपूर्ण साहित्यकार हैं।

मुख्य पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? नमिता गोखले की लाइफ ऑन मार्स’ जनवरी 2025 में प्रकाशित हुई
पुस्तक का शीर्षक लाइफ ऑन मार्स: कलेक्टेड स्टोरीज़’
कुल कहानियाँ 15
मुख्य विषय प्रेम, भाग्य, पौराणिक कथाएँ, मानव अस्तित्व
पुस्तक के खंड लव एंड अदर डिरेंजमेंट्स’, ‘द मिरर ऑफ द महाभारत’
प्रमुख कहानियाँ कुंती और गांधारी का शोक, हंस के दृष्टिकोण से नल-दमयंती की प्रेम गाथा
करियर संघर्ष पारो’ (1984) के बाद एक दशक तक अस्वीकृति का सामना किया
टर्निंग पॉइंट 1990 के दशक के मध्य में लघु कथा ओमेन I’ से करियर को नई दिशा मिली
कुल प्रकाशित पुस्तकें 24 (कथा एवं गैर-कथा)
अन्य प्रसिद्ध कृतियाँ शकुंतला’, ‘थिंग्स टू लीव बिहाइंड’, ‘नेवर नेवर लैंड’
साहित्य में प्रभाव जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की सह-संस्थापक
लेखन शैली हास्य, व्यंग्य, पौराणिक कथाएँ और गहरी भावनाएँ का मिश्रण

एम्स के आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाएगी नीति आयोग की समिति

नीति आयोग ने AIIMS, नई दिल्ली को वैश्विक स्तर पर अग्रणी चिकित्सा अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा संस्थान में बदलने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति का नेतृत्व नीति आयोग के सदस्य वी. के. पॉल कर रहे हैं। समिति वर्तमान प्रणाली का मूल्यांकन करेगी और सुधारों के लिए एक स्पष्ट कार्ययोजना तैयार करेगी। यह पहल भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे, प्रशासन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की व्यापक योजना का हिस्सा है।

इसके अलावा, नीति आयोग सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) और दुर्लभ बीमारियों के उपचार की लागत को कम करने के लिए भी कार्य कर रहा है। इस दिशा में उसने CSEP रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर वैश्विक UHC मॉडलों का अध्ययन किया है और दुर्लभ बीमारियों की दवाओं के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देकर उपचार की लागत में भारी कमी की है।

AIIMS रूपांतरण समिति की मुख्य विशेषताएँ

समिति का गठन

  • अध्यक्ष: नीति आयोग के सदस्य वी. के. पॉल।
  • उद्देश्य: AIIMS नई दिल्ली को वैश्विक चिकित्सा अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित करना।

प्रमुख उद्देश्य

  • मौजूदा प्रणाली का मूल्यांकन और स्पष्ट समय-सीमा के साथ सुधार प्रस्ताव तैयार करना।
  • रोगियों के प्रवाह प्रबंधन और अस्पताल प्रशासन में सुधार।
  • नैदानिक, शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता के लिए प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPI) विकसित करना।
  • वित्तीय अनुशासन और AIIMS संचालन की स्थिरता सुनिश्चित करना।

मुख्य फोकस क्षेत्र

  • शासन प्रणाली और पारदर्शिता में सुधार।
  • चिकित्सा अनुसंधान में उत्कृष्टता।
  • क्लिनिकल और शैक्षणिक सुधार।
  • आत्मनिर्भरता और वित्तीय स्थिरता।

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) पर नीति आयोग की पहल

  • CSEP रिसर्च फाउंडेशन के साथ साझेदारी कर वैश्विक UHC मॉडल का अध्ययन।
  • स्वास्थ्य वित्तीय रणनीतियों पर एक ड्राफ्ट पेपर तैयार।
  • आपूर्ति और मांग पक्ष वित्तपोषण को संबोधित करने की योजना।
  • स्वास्थ्य सेवा की सुलभता, गुणवत्ता और वहनीयता में सुधार का लक्ष्य।
  • सरकार और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के माध्यम से नीतियों को आकार देने की योजना।

दुर्लभ बीमारियों के लिए सस्ती दवा उपलब्धता पहल

  • स्वदेशी उपचार को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास।
  • अब तक 4 सस्ती दवाएँ विकसित, जिनकी कीमत आयातित दवाओं की तुलना में 1/60वें से 1/100वें हिस्से तक कम।
  • 4 और दवाएँ नियामक अनुमोदन प्रक्रिया में, वर्ष के अंत तक लॉन्च होने की उम्मीद।

नीति आयोग की ये पहल भारत में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने और AIIMS को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्यों चर्चा में है? नीति आयोग की समिति द्वारा AIIMS आधुनिकीकरण की पहल
AIIMS रूपांतरण समिति वी. के. पॉल के नेतृत्व में समिति, AIIMS की प्रणाली, प्रशासन और स्थिरता में सुधार करेगी।
मुख्य फोकस क्षेत्र रोगी प्रवाह प्रबंधन, प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPI), प्रशासन, वित्तीय स्थिरता, पारदर्शिता।
सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) अध्ययन नीति आयोग और CSEP रिसर्च फाउंडेशन वैश्विक UHC मॉडलों का अध्ययन कर रहे हैं।
स्वास्थ्य वित्तपोषण सुधार स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता और वहनीयता बढ़ाने के लिए आपूर्ति एवं मांग पक्ष वित्तपोषण पर कार्य।
सस्ती दुर्लभ बीमारी की दवाएँ 4 दवाएँ लॉन्च, जिनकी कीमत आयातित दवाओं की तुलना में 1/60वें से 1/100वें तक कम, 4 और पाइपलाइन में।

सुनील मित्तल को ब्रिटेन से मानद नाइटहुड की उपाधि मिली

भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल को भारत-यूके व्यापार संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए मानद नाइटहुड (KBE) से सम्मानित किया गया है। उन्हें “नाइट कमांडर ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (KBE)” की उपाधि ब्रिटिश उच्चायुक्त के आवास पर आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान की गई। यह सम्मान किंग चार्ल्स III के शासनकाल के तहत दिया गया, जिससे मित्तल इस उपाधि को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय नागरिक बन गए।

मुख्य विशेषताएँ

मानद नाइटहुड

  • सम्मान: नाइट कमांडर ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (KBE)
  • प्रस्तुति: ब्रिटिश उच्चायुक्त द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष निवेश समारोह में।

योगदान

  • भारत-यूके व्यापार संबंध: व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने और निवेश बढ़ाने के लिए सम्मानित।
  • Airtel Africa और OneWeb:
    • Airtel Africa लंदन स्टॉक एक्सचेंज (FTSE 100 इंडेक्स) में सूचीबद्ध।
    • Eutelsat OneWeb का ऑपरेशन्स सेंटर लंदन में स्थित है।

शैक्षणिक सम्मान

  • न्यूकैसल यूनिवर्सिटी से मानद सिविल लॉ डॉक्टरेट।
  • लीड्स यूनिवर्सिटी से मानद कानून डॉक्टरेट।

सलाहकार भूमिकाएँ

  • कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर सलाहकार मंडल के सदस्य।
  • लंदन बिजनेस स्कूल (LBS) के गवर्निंग बॉडी में सेवा दी।
  • लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) के इंडिया एडवाइजरी ग्रुप के सदस्य।

उपलब्धियाँ

  • पद्म भूषण पुरस्कार (2007) – भारतीय उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित।
  • भारत-यूके सीईओ फोरम – भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार वार्ताओं में प्रमुख योगदान।
  • भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख – हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।

KBE से सम्मानित अन्य भारतीय

  • जमशेद ईरानी (1997) – टाटा स्टील के पूर्व निदेशक।
  • पंडित रवि शंकर (2001) – प्रसिद्ध सितार वादक।
  • रतन टाटा (2009) – टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष।

सुनील भारती मित्तल का यह सम्मान भारत और ब्रिटेन के व्यापारिक संबंधों को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

दतिया में एयरपोर्ट तैयार, एमपी को मिला 8वां सार्वजनिक हवाई अड्डा

दतिया को आधिकारिक रूप से मध्य प्रदेश के आठवें हवाई अड्डे के रूप में मान्यता मिल गई है, जिसे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से लाइसेंस प्राप्त हुआ है। इसे 3C/VFR श्रेणी के सार्वजनिक एरोड्रोम के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिससे यहां व्यावसायिक उड़ानों का संचालन संभव होगा। 118 एकड़ में फैला यह नया हवाई अड्डा राज्य में हवाई संपर्क को और बेहतर बनाएगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

दतिया हवाई अड्डे की प्रमुख विशेषताएँ

DGCA की मंजूरी

  • 3C/VFR श्रेणी के सार्वजनिक एरोड्रोम के रूप में लाइसेंस प्राप्त।
  • मध्य प्रदेश का आठवां हवाई अड्डा, जो राज्य के अन्य प्रमुख हवाई अड्डों की सूची में शामिल हुआ।

हवाई अड्डे का बुनियादी ढांचा

  • रनवे: 1,810 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा
  • टर्मिनल भवन: 768 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला।
  • यात्री क्षमता: प्रति घंटे 100 यात्रियों को संभालने की क्षमता।
  • एप्रन क्षमता: दो ATR-72 विमानों को खड़ा करने की सुविधा।

सुरक्षा एवं उपकरण

  • एक्स-रे मशीनें (RB & HB), विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर (ETD)
  • CCTV सिस्टम, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (DFMD), हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर (HHMD)
  • वॉकी-टॉकी, रेडियो टेलीफोनी (RT) सेट, बैगेज हैंडलिंग सिस्टम

आगामी विकास योजनाएँ

  • सतना और दतिया हवाई अड्डों का जल्द ही औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा।
  • सार्वजनिक उड़ान संचालन उद्घाटन के बाद शुरू होगा।

इस नए हवाई अड्डे के शुरू होने से मध्य प्रदेश में पर्यटन और आर्थिक विकास को नया आयाम मिलेगा, जिससे व्यापार और यात्रा की संभावनाएँ बढ़ेंगी।

सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? दतिया हवाई अड्डे को DGCA की मंजूरी, बना मध्य प्रदेश का 8वां हवाई अड्डा
DGCA लाइसेंस 3C/VFR श्रेणी का सार्वजनिक एरोड्रोम
कुल क्षेत्रफल 118 एकड़
रनवे लंबाई 1,810 मीटर
रनवे चौड़ाई 30 मीटर
टर्मिनल क्षेत्रफल 768 वर्ग मीटर
यात्री क्षमता प्रति घंटे 100 यात्री
एप्रन क्षमता 2 ATR-72 विमान
सुरक्षा उपकरण एक्स-रे मशीनें, ETD, CCTV, DFMD, HHMD, RT सेट, बैगेज हैंडलिंग सिस्टम
आगामी हवाई अड्डे सतना और दतिया (जल्द उद्घाटन होने वाला)

सौरव घोषाल ने सिडनी खिताब के साथ विजयी वापसी की

भारतीय स्क्वैश के दिग्गज सौरव घोषाल ने सनसनीखेज वापसी करते हुए ऑक्टेन सिडनी क्लासिक खिताब अपने नाम किया। पूर्व विश्व नंबर 10 खिलाड़ी ने अप्रैल 2023 में प्रोफेशनल स्क्वैश एसोसिएशन (PSA) टूर से संन्यास लिया था, लेकिन उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा जाहिर की थी। 1 जनवरी 2025 को उन्होंने PSA टूर में वापसी की और फाइनल में मिस्र के अब्देलरहमान नासिर को सीधे सेटों में हराकर खिताब जीता।

सौरव घोषाल की धमाकेदार वापसी के मुख्य बिंदु

संन्यास और वापसी

  • अप्रैल 2023 में PSA टूर से संन्यास लिया था, लेकिन भारत के लिए खेलने की इच्छा बरकरार रखी।
  • 1 जनवरी 2025 को PSA टूर में वापसी की।

ऑक्टेन सिडनी क्लासिक में प्रदर्शन

  • फाइनल: अब्देलरहमान नासिर (मिस्र) को 3-0 से हराया (11-2, 11-6, 11-2)।
  • सेमीफाइनल: राइस डाउलिंग (ऑस्ट्रेलिया) को 3-1 से हराया (11-9, 5-11, 11-1, 11-2)।
  • क्वार्टरफाइनल: मिनवू ली (कोरिया) को 3-0 से हराया (11-6, 11-6, 11-5)।
  • दूसरा दौर: किजान सुल्ताना (माल्टा) को 3-0 से हराया (11-8, 11-2, 11-8)।
  • पहला दौर: बाय मिला।

करियर उपलब्धियां

  • पूर्व विश्व नंबर 10 स्क्वैश खिलाड़ी।
  • एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 12 पदक जीते।
  • भारत के सबसे सफल स्क्वैश खिलाड़ी।

खिताबी जीत का प्रभाव

  • प्रतिस्पर्धी स्क्वैश में शानदार वापसी।
  • भारत के लिए बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलने की संभावना बढ़ी।
  • भारत के महानतम स्क्वैश खिलाड़ियों में अपनी विरासत और मजबूत की।

SEBI ने एक्सिस सिक्योरिटीज पर ₹10 लाख का जुर्माना लगाया

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक्सिस सिक्योरिटीज पर ₹10 लाख का जुर्माना लगाया है, क्योंकि कंपनी ने स्टॉकब्रोकर नियमों के कई उल्लंघन किए। यह कार्रवाई अप्रैल 2021 से नवंबर 2022 तक की अवधि के निरीक्षण के बाद की गई है। SEBI ने एक्सिस सिक्योरिटीज द्वारा नियमों के उल्लंघन, ग्राहक निधियों के अनुचित प्रबंधन और शिकायत निवारण में कमियों को उजागर किया।

SEBI द्वारा पहचाने गए प्रमुख उल्लंघन:

रिपोर्टिंग में विसंगतियाँ: एक्सिस सिक्योरिटीज ने स्टॉक एक्सचेंजों को सौंपे गए निगरानी रिपोर्ट में सही जानकारी नहीं दी। जमा खातों और वास्तविक होल्डिंग्स में अंतर पाया गया, जिससे अनुपालन में खामियां उजागर हुईं।

ग्राहक निधियों का दुरुपयोग: कंपनी ने ग्राहकों की निधियों और प्रतिभूतियों को उनकी पसंद के अनुसार तय समय में नहीं निपटाया। साथ ही, कंपनी ने ग्राहकों को आवश्यक रिटेंशन स्टेटमेंट प्रदान नहीं किए। SEBI ने पाया कि एक्सिस सिक्योरिटीज ने ग्राहक की शुद्ध शेष राशि वाली प्रतिभूतियों को “क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज अकाउंट” में स्थानांतरित कर दिया, जो नियमों का उल्लंघन है।

गलत दंड आवंटन: SEBI के निरीक्षण में यह सामने आया कि मार्जिन की कमी के लिए लगाए गए दंड को कंपनी ने ग्राहकों पर डाल दिया, जबकि यह दंड खुद ब्रोकर्स को वहन करना चाहिए।

शिकायत निवारण में कमी: SEBI ने पाया कि एक्सिस सिक्योरिटीज ने ग्राहकों की शिकायतों को प्रभावी रूप से हल नहीं किया, जिससे इसकी अनुपालन प्रणाली की कमजोरियां सामने आईं। निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए शिकायतों का उचित निवारण आवश्यक माना जाता है।

SEBI की कार्रवाई का उद्देश्य:

SEBI की यह कार्रवाई स्टॉकब्रोकरों और बाजार मध्यस्थों को नियामक नियमों का पालन कराने की दिशा में की गई है। इससे पहले, सितंबर 2024 में, SEBI ने एक्सिस बैंक की सहायक कंपनी एक्सिस कैपिटल पर भी कड़ी कार्रवाई की थी और उसे नए ऋण निर्गमों के लिए मर्चेंट बैंकर के रूप में कार्य करने से रोक दिया था। हालाँकि, नवंबर 2024 में कुछ प्रतिबंध हटा दिए गए थे, लेकिन SEBI ने कंपनी की कुछ गतिविधियों पर नियंत्रण बनाए रखा।

ब्रोकरेज फर्मों के लिए इस कार्रवाई का संदेश:

SEBI ने एक्सिस सिक्योरिटीज को 45 दिनों के भीतर जुर्माना भरने का निर्देश दिया है। यह अन्य ब्रोकरेज फर्मों के लिए एक कड़ा संदेश है कि उन्हें नियामक दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।

इस तरह की सख्ती से यह स्पष्ट है कि SEBI वित्तीय मध्यस्थों पर कड़ी निगरानी रख रहा है और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। निवेशकों के लिए यह कार्रवाई आश्वासन देती है कि बाजार नियामक उनके हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया, जिसमें 18 नई औद्योगिक नीतियों की घोषणा की गई। इस समिट का उद्देश्य मध्य प्रदेश को औद्योगिक और निवेश हब में बदलना है। इसमें प्रमुख उद्योगपतियों और वैश्विक निवेशकों की भागीदारी देखी गई, जिसमें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, विशेष रूप से एयरोस्पेस सेक्टर में भारत की भूमिका को प्रमुखता दी गई। पीएम मोदी ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को रेखांकित किया और विश्व बैंक, OECD और UN जैसी वैश्विक संस्थाओं के सकारात्मक दृष्टिकोण का हवाला दिया।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025: मुख्य बिंदु

1. प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन और प्रमुख घोषणाएँ

  • भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक प्रमुख केंद्र बन रहा है, खासकर एयरोस्पेस उद्योग में।
  • मध्य प्रदेश को जल्द ही प्रमुख निवेश गंतव्य बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
  • विश्व बैंक, OECD और UN जैसी संस्थाओं द्वारा भारत की आर्थिक प्रगति को मान्यता मिलने की बात कही।
  • सौर ऊर्जा, विनिर्माण और डिजिटल परिवर्तन में भारत की उपलब्धियों को उजागर किया।

2. प्रमुख उद्योगपतियों की भागीदारी

इस समिट में भारत के शीर्ष उद्योगपतियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:

  • कुमार मंगलम बिड़ला (आदित्य बिड़ला ग्रुप)
  • गौतम अडानी (अडानी ग्रुप)
  • नादिर गोदरेज (गोदरेज इंडस्ट्रीज)
  • पीरूज खंबट्टा (रासना प्राइवेट लिमिटेड)
  • बाबा एन कल्याणी (भारत फोर्ज)
  • राहुल अवस्थी (सन फार्मास्युटिकल्स)
  • नीरज अखौरी (ACC लिमिटेड)

3. मध्य प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में भूमिका

  • मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विकसित भारत 2047 के तहत राज्य के योगदान पर जोर दिया।
  • 50+ देशों के 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि इस समिट में शामिल हुए।
  • 25,000 से अधिक पंजीकरण निवेशकों और उद्यमियों से प्राप्त हुए।
  • मध्य प्रदेश वैश्विक और घरेलू निवेश के लिए एक उभरता हुआ औद्योगिक केंद्र बन रहा है।

4. अडानी का पीएम मोदी की नीतियों पर समर्थन

  • गौतम अडानी ने कहा कि भारत अब वैश्विक रुझानों का अनुसरण करने के बजाय उन्हें परिभाषित कर रहा है
  • मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों ने आर्थिक वृद्धि को गति दी है।

5. प्रमुख निवेश क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित

इस समिट में इन प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को उजागर किया गया:

  • कृषि और खाद्य प्रसंस्करण
  • कपड़ा एवं वस्त्र उद्योग
  • खनन
  • सूचना प्रौद्योगिकी और अक्षय ऊर्जा
  • शहरी विकास और पर्यटन
  • सेमीकंडक्टर, ड्रोन और फिल्म निर्माण

6. औद्योगिक नीतियाँ और भविष्य की रूपरेखा

  • 18 नई औद्योगिक नीतियाँ लॉन्च की गईं, जिनमें MSME, निर्यात, स्टार्टअप्स और वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) शामिल हैं।
  • “मध्य प्रदेश – अनंत संभावनाएँ” शीर्षक वाली एक विशेष वीडियो प्रस्तुति जारी की गई।
  • गृह मंत्री अमित शाह 25 फरवरी 2025 को समिट के समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

7. भविष्य की रणनीति और दृष्टिकोण

  • मुख्य सचिव अनुराग जैन मध्य प्रदेश की औद्योगिक विकास योजना प्रस्तुत करेंगे।
  • मुख्यमंत्री मोहन यादव उद्योगपतियों के साथ व्यक्तिगत बैठकें करेंगे।
  • यह आयोजन मध्य प्रदेश को वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखता है।
सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? पीएम मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया
स्थान भोपाल, मध्य प्रदेश
उद्घाटनकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मुख्य घोषणाएँ 18 नई औद्योगिक नीतियाँ लॉन्च की गईं
मुख्य थीम भारत को शीर्ष एयरोस्पेस आपूर्ति श्रृंखला हब के रूप में स्थापित करना
प्रमुख उपस्थित उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, गौतम अडानी, नादिर गोदरेज, बाबा एन कल्याणी आदि
निवेश क्षेत्र सूचना प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, विनिर्माण, पर्यटन, MSME, स्टार्टअप, कृषि
वैश्विक भागीदारी 50+ देशों से 100+ विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी
प्रमुख समर्थन विश्व बैंक, OECD, UN ने भारत की आर्थिक संभावनाओं को सराहा

PM Kisan 19th Installment 2025: पीएम किसान की 19वीं किस्त रिलीज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसानों को वार्षिक ₹6,000 की सहायता तीन किस्तों में (₹2,000 प्रति किस्त) सीधे बैंक खातों में दी जाती है।

PM-KISAN 19वीं किस्त की तिथि और समय

तिथि: 24 फरवरी 2025
स्थान: भागलपुर, बिहार में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धनराशि जारी की जाएगी। यह तिथि महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन PM-KISAN योजना की छठी वर्षगांठ भी मनाई जाएगी।

PM-KISAN eKYC प्रक्रिया

PM-KISAN की 19वीं किस्त प्राप्त करने के लिए किसानों को eKYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी:

  1. PM-KISAN पोर्टल पर जाएं: pmkisan.gov.in पर जाएं।
  2. OTP आधारित eKYC: आधार नंबर दर्ज करें और मोबाइल पर प्राप्त OTP से सत्यापन करें।
  3. बायोमेट्रिक eKYC: नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन पूरा करें।

PM-KISAN लाभार्थी स्थिति कैसे जांचें?

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: pmkisan.gov.in
  2. ‘Beneficiary Status’ पर क्लिक करें।
  3. विवरण दर्ज करें: आधार नंबर, मोबाइल नंबर या बैंक खाता संख्या डालें।
  4. ‘Get Data’ पर क्लिक करें।

PM-KISAN लाभार्थी सूची कैसे देखें?

  1. PM-KISAN पोर्टल पर जाएं।
  2. ‘Beneficiary List’ पर क्लिक करें।
  3. राज्य, जिला, तहसील, ब्लॉक और गांव का चयन करें।
  4. ‘Get Report’ पर क्लिक करके सूची देखें।

PM-KISAN पात्रता मानदंड

  • लाभार्थी के नाम पर कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
  • वह छोटे या सीमांत किसान होने चाहिए।
  • ₹10,000 से अधिक मासिक पेंशन पाने वाले या इनकम टैक्स देने वाले किसान पात्र नहीं हैं।

PM-KISAN 19वीं किस्त के वित्तीय विवरण

  • इस किस्त में ₹22,000 करोड़ सीधे 9.8 करोड़ किसानों को ट्रांसफर किए जाएंगे।
  • प्रत्येक पात्र किसान को ₹2,000 प्राप्त होंगे।
  • योजना की शुरुआत से अब तक ₹3.46 लाख करोड़ से अधिक की राशि किसानों को दी जा चुकी है।

PM-KISAN योजना का प्रभाव और महत्व

PM-KISAN योजना ने किसानों की आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा दिया है, जिससे वे कृषि और घरेलू खर्चों को सुगमता से पूरा कर सकते हैं। 19वीं किस्त सरकार की किसानों को सशक्त बनाने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।

प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना मायाधर राउत का 92 वर्ष की उम्र में निधन

प्रसिद्ध ओडिशी नृत्याचार्य मयाधर राउत, जिन्हें “ओडिशी नृत्य के जनक” के रूप में जाना जाता है, का 22 फरवरी 2025 को दिल्ली स्थित अपने आवास पर 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार ने पुष्टि की कि वृद्धावस्था के कारण उन्होंने शांति से अंतिम सांस ली। पद्म श्री से सम्मानित मयाधर राउत ने 1950 के दशक में ओडिशी नृत्य के पुनरुद्धार और मानकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने संचारी भाव, मुद्रा विनियोग और रस सिद्धांत को ओडिशी में शामिल किया, जिससे यह एक संगठित शास्त्रीय नृत्य रूप में विकसित हुआ।

मयाधर राउत के प्रमुख योगदान एवं जीवन उपलब्धियां

प्रारंभिक जीवन और प्रशिक्षण

  • जन्म: 6 जुलाई 1933, ओडिशा।
  • गोटीपुआ नृत्य (ओडिशी का पूर्ववर्ती रूप) में 7 वर्ष की आयु में प्रशिक्षण प्रारंभ
  • 1944 में पहली बार गोटीपुआ को मंच पर प्रस्तुत किया

ओडिशी नृत्य का पुनरुद्धार

  • ओडिशी नृत्य को शास्त्रीय सिद्धांतों के आधार पर पुनर्गठित किया।
  • 1952 में कटक में ‘कला विकास केंद्र’ की स्थापना, जो ओडिशी नृत्य सिखाने वाला भारत का पहला संस्थान बना।
  • 1959 में ‘जयंतिका संघ’ की स्थापना की, जिसने ओडिशी नृत्य के लिए एक संगठित ढांचा तैयार किया।
  • संचारी भाव, मुद्रा विनियोग और रस सिद्धांत को ओडिशी में शामिल किया।
  • शृंगार रस पर आधारित गीता गोविंद की अष्टपदियों का पहली बार नृत्य रचना की।

महत्वपूर्ण पद एवं नृत्य रचनाएं

  • 1970 से 1995 तक श्रीराम भारतीय कला केंद्र, दिल्ली में ओडिशी विभाग के प्रमुख रहे।
  • 1971 में दिल्ली के कमानी सभागार के उद्घाटन के अवसर पर गीता गोविंद की नृत्य प्रस्तुति की।
  • रामणी रंजन जेना, अलोका पनिकर और गीता महालिक जैसे प्रसिद्ध ओडिशी नृत्यांगनों को प्रशिक्षण दिया।

प्रमुख पुरस्कार एवं सम्मान

  • ओडिशा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1977)
  • साहित्य कला परिषद पुरस्कार (1984)
  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1985)
  • राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार (2003)
  • उपेन्द्र भंज सम्मान (2005)
  • टैगोर अकादमी रत्न (2011)
  • पद्म श्री सम्मान (ओडिशी नृत्य में उनके अतुलनीय योगदान के लिए)

व्यक्तिगत जीवन एवं निधन

  • उनके परिवार में बेटी मधुमिता राउत (ओडिशी नृत्यांगना) और बेटे मनोज राउत व मन्मथ राउत हैं।
  • उनकी पत्नी ममता राउत का 2017 में निधन हो गया था।
  • 22 फरवरी 2025 को दिल्ली स्थित अपने आवास में वृद्धावस्था के कारण उनका निधन हुआ।
  • अंतिम संस्कार लोधी रोड श्मशान घाट में संपन्न हुआ।

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