International Mens Day 2025: जानें क्यों 19 नवंबर को मनाया जाता है पुरुष दिवस

International Mens Day 2025: हर साल 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस दुनिया भर में उन पुरुषों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जो परिवार, समाज और रिश्तों में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। यह दिन सिर्फ पुरुषों के योगदान को सराहने का अवसर नहीं है, बल्कि उनके स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन, जिम्मेदारियों और जेंडर इक्विटी जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का भी माध्यम है।

इंटरनेशनल मेन्स डे 2025 की थीम

इंटरनेशनल मेन्स डे की आधिकारिक वेबसाइट, जिसे ऑस्ट्रेलिया की चैरिटी संस्था Dads4Kids Fatherhood Foundation चलाती है, ने 2025 की थीम “Celebrating Men and Boys” घोषित की है। इस थीम का मकसद है हर उम्र और हर भूमिका में पुरुषों को सम्मान देना चाहे वे पिता हों, मेंटर हों, शिक्षक हों, हेल्थ वर्कर हों या समाज से जुड़े कोई भी सदस्य।

क्यों मनाया जाता है पुरुष दिवस?

इंटरनेशनल मेन्स डे का उद्देश्य पुरुषों के स्वास्थ्य, उनकी भलाई और समाज में उनके योगदान को सराहना देना है। यह दिन याद दिलाता है कि पुरुष भी कई तरह की चुनौतियों से गुजरते हैं चाहे वह शारीरिक स्वास्थ्य हो, मानसिक दबाव हो या फिर सामाजिक उम्मीदें। इस अवसर का संदेश यही है कि समानता और सम्मान हर किसी के लिए हों, और पुरुषों को भी एक संतुलित, सुरक्षित और सहयोगी माहौल मिले।

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास

इंटरनेशनल मेन्स डे का विचार सबसे पहले 1999 में वेस्टइंडीज के प्रोफेसर डॉ. जेरोम टीलक्सिंग ने रखा था। उन्होंने यह दिन अपने पिता के जन्मदिन से प्रेरित होकर चुना और दुनिया को बताया कि पुरुषों के मुद्दों और उनके कल्याण पर भी वैसी ही बातचीत की जरूरत है जैसी महिलाओं और बच्चों के लिए होती है। भारत में इस दिन का औपचारिक रूप से मनाया जाना 2007 के बाद तेजी से बढ़ा और आज देश के कई हिस्सों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

 

केंद्र सरकार ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध 2.0 पर राष्ट्रीय कार्य योजना का शुभारंभ किया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने राष्ट्रीय एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) कार्ययोजना 2.0 लॉन्च की, जो वर्ष 2025 से 2029 की अवधि को कवर करेगी। यह लॉन्च नई दिल्ली में हुआ और एंटीबायोटिक प्रतिरोध की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए भारत की स्वास्थ्य रणनीति में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस क्यों महत्वपूर्ण है?

एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) तब होती है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और परजीवी दवाओं के प्रति प्रतिरोधी बनने लगते हैं, जिससे संक्रमणों का इलाज कठिन हो जाता है। यह एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल का रूप ले चुका है और निम्न प्रमुख चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए गंभीर खतरा है:

  • सर्जिकल ऑपरेशन

  • कैंसर उपचार

  • इंटेंसिव केयर प्रक्रियाएँ

मंत्री नड्डा ने बताया कि एंटीबायोटिक का अत्यधिक और गलत उपयोग अस्पतालों, समुदायों और पशु स्वास्थ्य क्षेत्रों में AMR को बढ़ा रहा है। यदि इसे रोका न गया, तो यह लंबी बीमारी, अधिक मृत्यु दर और बढ़ते स्वास्थ्य खर्चों का कारण बन सकता है।

AMR 2.0 (2025–29) में नया क्या है?

नई कार्ययोजना पहले संस्करण की सीखों पर आधारित है और इसका उद्देश्य है:

  • पिछली कार्ययोजना की क्रियान्वयन खामियों को दूर करना

  • संबंधित पक्षों की जवाबदेही बढ़ाना

  • मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच समन्वय मजबूत करना

  • निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना

  • हर स्तर पर एंटीबायोटिक के उचित और संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना

यह योजना WHO के ग्लोबल एक्शन प्लान और वन हेल्थ अप्रोच के अनुरूप है, जिसमें मानव, पशु और पर्यावरण का एकीकृत दृष्टिकोण शामिल है।

तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता क्यों है?

AMR के कारण:

  • उपचार के परिणामों में देरी

  • दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों का फैलाव

  • अस्पताल में अधिक समय

  • परिवारों और स्वास्थ्य प्रणाली पर आर्थिक बोझ

भारत जैसे देश में, जहाँ एंटीबायोटिक अक्सर बिना निर्देश के उपयोग किए जाते हैं, जोखिम और भी गंभीर है।

सरकार का बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण

AMR 2.0 रणनीति सहयोगी प्रयासों पर आधारित है और निम्न को बढ़ावा देती है:

  • एंटीबायोटिक प्रतिरोध की निगरानी (surveillance)

  • दवाओं के गलत उपयोग को रोकने के लिए सख़्त नियम

  • डॉक्टरों और फार्मासिस्टों का प्रशिक्षण

  • एंटीबायोटिक के जिम्मेदार उपयोग पर जन-जागरूकता

  • अस्पतालों में संक्रमण रोकथाम प्रणाली

यह समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि AMR पर नियंत्रण केवल अस्पतालों तक सीमित न रहकर कृषि, पशुपालन और पर्यावरण क्षेत्रों तक भी फैले।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • योजना का नाम: राष्ट्रीय एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) कार्ययोजना 2.0

  • लॉन्च तिथि: 18 नवंबर 2025

  • लॉन्चकर्ता: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा

  • अवधि: 2025–2029

  • मुख्य उद्देश्य: AMR से निपटने के लिए बहु-क्षेत्रीय और समन्वित कार्रवाई

  • मुख्य फोकस क्षेत्र: मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, एंटीबायोटिक उपयोग नियमन, निजी क्षेत्र की भागीदारी

  • संबंधित चुनौतियाँ: दवाओं का अत्यधिक/गलत उपयोग, समन्वय की कमी, जागरूकता की कमी

  • संबंधित ढांचे: WHO ग्लोबल एक्शन प्लान, वन हेल्थ अप्रोच

केंद्र सरकार ने ‘युवा एआई फॉर ऑल’ का शुभारंभ किया

सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को जन–जन तक पहुँचाने और डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘YUVA AI for ALL’ नामक मुफ़्त राष्ट्रीय ऑनलाइन पाठ्यक्रम लॉन्च किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा IndiaAI Mission के तहत शुरू किया गया यह कोर्स 1 करोड़ भारतीय नागरिकों को बुनियादी AI कौशल सिखाने का लक्ष्य रखता है। यह अपने तरह का पहला राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो स्कूली छात्रों से लेकर पेशेवरों तक, हर भारतीय के लिए AI को सरल भाषा में समझाता है।

‘YUVA AI for ALL’ क्या है?

‘यूवा एआई फॉर ऑल’ एक 4.5 घंटे का स्वयं-गति (self-paced) ऑनलाइन कोर्स है, जिसे AI को आसान, प्रायोगिक और समझने योग्य बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। कोर्स में भारतीय उदाहरण, सरल भाषा और वास्तविक जीवन के केस-स्टडी शामिल हैं। यह पूरी तरह मुफ़्त उपलब्ध है, इन प्लेटफॉर्म्स पर:

  • FutureSkills Prime

  • iGOT Karmayogi

  • अन्य प्रमुख एड-टेक प्लेटफॉर्म

कोर्स पूरा करने पर शिक्षार्थियों को भारत सरकार द्वारा प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा, जिसे वे अपने कौशल प्रदर्शन के लिए उपयोग कर सकते हैं।

कोर्स की संरचना और विशेषताएँ

कोर्स छह दिलचस्प मॉड्यूल्स में विभाजित है, जिनमें सीखने को मिलता है:

  • AI क्या है और कैसे काम करता है

  • AI शिक्षा, नौकरियों और रचनात्मकता को कैसे बदल रहा है

  • ज़िम्मेदार और नैतिक AI का उपयोग

  • भारतीय संदर्भ में AI के उदाहरण

  • AI टूल्स और अनुप्रयोगों की जानकारी

  • भविष्य में AI और रोजगार के नए अवसर

यह कोर्स छात्रों, शिक्षकों, पेशेवरों और आम नागरिकों — सभी के लिए उपयुक्त है।

पहल क्यों महत्वपूर्ण है?

1. AI ज्ञान अंतर कम करना

AI तेजी से वैश्विक नवाचार का प्रमुख चालक बन रहा है। ऐसे में ‘YUVA AI for ALL’ उन लोगों के बीच की खाई को भरता है जो AI समझते हैं और जो नहीं समझते।

2. भारत को भविष्य-तैयार बनाना

1 करोड़ भारतीयों को AI की बुनियादी समझ देकर यह पहल भविष्य के रोज़गार बाजारों के लिए भारत की कार्यशक्ति को तैयार करती है। यह देश को AI-चालित डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है।

3. नैतिक और समावेशी AI को बढ़ावा

कोर्स सुरक्षित, जिम्मेदार और नैतिक AI उपयोग पर जोर देता है, जिससे सीखने वाले AI के अवसरों और जोखिमों दोनों के बारे में जागरूक होते हैं। यह AI को सभी के लिए उपयोगी बनाने की दिशा में प्रोत्साहित करता है।

कौन जुड़ सकता है और कैसे?

भारत का कोई भी व्यक्ति — उम्र, पढ़ाई या पेशे से अलग — इस कोर्स में शामिल हो सकता है।

आप पाएँगे:

  • 100% मुफ्त एक्सेस

  • लचीला, स्वयं-गति आधारित सीखना

  • भारत सरकार का प्रमाणपत्र

  • सामग्री: जस्प्रीत बिन्द्रा (Founder – AI & Beyond) द्वारा तैयार

स्कूल, विश्वविद्यालय और कंपनियाँ भी इस कोर्स को बढ़ावा देने के लिए IndiaAI से साझेदारी कर सकती हैं। वे सह-ब्रांडेड प्रमाणपत्र भी जारी कर सकते हैं और कोर्स को अपनी शिक्षण प्रणाली में शामिल कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य 

विषय विवरण
कोर्स का नाम YUVA AI for ALL
शुरू किया इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
मिशन के तहत IndiaAI Mission
लॉन्च तिथि 18 नवम्बर 2025
अवधि 4.5 घंटे (स्वयं-गति)
लक्ष्य 1 करोड़ नागरिकों को AI की बुनियादी शिक्षा
उपलब्ध प्लेटफॉर्म FutureSkills Prime, iGOT Karmayogi, अन्य एड-टेक साइट्स
प्रमाणपत्र भारत सरकार द्वारा मुफ्त सर्टिफिकेट

हॉर्नबिल महोत्सव 2025 के लिए यूके को देश का साझेदार नामित किया गया

पूर्वोत्तर भारत में अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, यूनाइटेड किंगडम (UK) को हॉर्नबिल फेस्टिवल 2025 के लिए कंट्री पार्टनर घोषित किया गया है। यह उत्सव 1 से 10 दिसंबर तक किसामा, कोहिमा (नगालैंड) में आयोजित होगा। यह घोषणा भारत के सबसे जीवंत और महत्वपूर्ण आदिवासी त्योहारों में से एक में वैश्विक सहयोग का बड़ा संकेत है।

यूके–नगालैंड सांस्कृतिक साझेदारी

यह साझेदारी नई दिल्ली में आयोजित एक औपचारिक समझौता हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान हुई, जिसमें नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो और ब्रिटिश काउंसिल इंडिया की कंट्री डायरेक्टर एलिसन बैरेट ने दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में ब्रिटिश हाई कमिश्नर टू इंडिया लिंडी कैमरन भी मौजूद रहीं, जो दोनों देशों द्वारा सांस्कृतिक कूटनीति पर दिए जा रहे महत्व को दर्शाता है।

इस साझेदारी के तहत—

  • ब्रिटिश काउंसिल और ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिशन, कोलकाता मिलकर कलात्मक और सांस्कृतिक कार्यक्रम तैयार करेंगे।

  • यूनाइटेड किंगडम के एक कलाकार को फेस्टिवल में प्रस्तुति और भारतीय दर्शकों के साथ संवाद के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

यह सहयोग भारत–यूके के व्यापक लोग-से-लोग संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

एयर इंडिया एक्सप्रेस बनेगा आधिकारिक ट्रैवल पार्टनर

एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा में एयर इंडिया एक्सप्रेस को फेस्टिवल का ऑफिशियल ट्रैवल पार्टनर नियुक्त किया गया। इसके तहत—

  • एयरलाइन एक Boeing 737-8 विमान पेश करेगी, जिस पर त्सुंगकोटेप्सु डिज़ाइन (आओ नगा योद्धा जनजाति की पारंपरिक शॉल) से प्रेरित विशेष लिवरी होगी।

  • यह डिजाइन एयरलाइन की ‘टेल्स ऑफ़ इंडिया’ पहल का हिस्सा है, जो भारत की क्षेत्रीय कलाओं और विरासत को प्रदर्शित करती है।

  • विशेष विमान को 22 नवंबर को दीमापुर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री नेफियू रियो द्वारा औपचारिक रूप से प्राप्त किया जाएगा।

  • एयरलाइन ने 20 नवंबर से नागालैंड आने–जाने वाली सभी उड़ानों पर 15% की छूट की घोषणा भी की है, ताकि पर्यटक आसानी से फेस्टिवल में भाग ले सकें।

मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने इन साझेदारियों का स्वागत करते हुए कहा कि ये कदम—

  • नगालैंड में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देंगे

  • स्थानीय कला और विरासत को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करेंगे

  • बेहतर कनेक्टिविटी और अंतरराष्ट्रीय पहचान के माध्यम से आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा करेंगे

ये प्रयास नगालैंड को वैश्विक सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में स्थापित करने की राज्य सरकार की व्यापक दृष्टि से मेल खाते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य (Static Facts)

  • उत्सव: हॉर्नबिल फेस्टिवल 2025

  • तारीखें: 1–10 दिसंबर

  • स्थान: किसामा हेरिटेज विलेज, कोहिमा (नगालैंड)

  • कंट्री पार्टनर: यूनाइटेड किंगडम

  • भूमिका: ब्रिटिश काउंसिल द्वारा कार्यक्रमों की क्यूरेशन, यूके कलाकार का आमंत्रण

  • ट्रैवल पार्टनर: एयर इंडिया एक्सप्रेस

  • विशेष विमान: Boeing 737-8, त्सुंगकोटेप्सु (आओ नगा डिज़ाइन) से प्रेरित लिवरी

World Toilet Day 2025: जानें 19 नवंबर को क्यों मनाया जाता है विश्व शौचालय दिवस?

हर साल 19 नवंबर को दुनिया भर में ‘विश्व शौचालय दिवस’ (World Toilet Day 2025) मनाया जाता है। यह दिन याद दिलाता है कि आधुनिकता, विकास, डिजिटल इंडिया की दौड़ में भी दुनिया के करोड़ों लोग आज सुरक्षित शौचालय से वंचित हैं। यह दिन मानव गरिमा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और विकास से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अभियान है। इसलिए यह दिन बेहद खास है।

World Toilet Day 2025: थीम

विश्व शौचालय दिवस 2025 बदलती दुनिया में स्वच्छता पर केंद्रित (Sanitation In A Changing World) है, जिसका टैगलाइन है, “हमें हमेशा शौचालय की आवश्यकता होगी।”

World Toilet Day 2025: उद्देश्य

वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया की उस बड़ी आबादी के संघर्षों को उजागर करना है जो आज भी एक सुरक्षित और स्वच्छ शौचालय की बुनियादी सुविधा से दूर हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, आज भी दुनिया में लगभग 3.5 अरब लोगों के पास शौचालय नहीं है, जबकि लगभग 41.9 करोड़ लोग खुले में शौच को मजबूर हैं।

खुले में शौच की प्रथा: दुष्परिणाम

खुले में शौच की यह प्रथा केवल एक सामाजिक या सांस्कृतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का कारण बनती है। खुले में मल-मूत्र करने से वह मिट्टी, नदियों और ग्राउंड वॉटर को दूषित कर देता है। यह दूषित पानी हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस और डायरिया जैसी घातक बीमारियों को जन्म देता है। बता दें, दुनिया भर में हर दिन लगभग 1000 बच्चे दूषित पानी और खराब स्वच्छता के कारण होने वाली डायरिया जैसी बीमारियों से मौत के मुंह में चले जाते हैं।

पहली बार यह दिवस कब मनाया गया?

साल 2001 में सिंगापुर के स्वच्छता सुधारक जैक सिम (Jack Sim) ने विश्व शौचालय संगठन (WTO) की स्थापना की। उन्होंने दुनिया भर में टॉयलेट और सैनिटेशन पर बातचीत को शर्म का नहीं, समाधान का हिस्सा बनाया। बाद में 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 19 नवंबर को आधिकारिक तौर पर विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) घोषित किया।

19 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं शौचालय दिवस?

इसे नवंबर महीने की 19 तारीख को मनाने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि विश्व शौचालय संगठन की वर्षगांठ 19 नवंबर को ही मनाई जाती है। उस साल WTO की 12वीं वर्षगांठ थी। ये दिन इसलिए चुना गया ताकि दुनिया याद रखें कि स्वच्छता की लड़ाई एक लंबे आंदोलन का परिणाम है।

QS World University Ranking 2026: जानें IIT दिल्ली किस स्थान पर

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स 2026, जिसे वैश्विक शिक्षा विश्लेषण संस्थान QS annually जारी करता है, ने स्वीडन के लुंड विश्वविद्यालय को दुनिया का सबसे टिकाऊ विश्वविद्यालय घोषित किया है। 2023 में इन रैंकिंग्स की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जब लुंड विश्वविद्यालय शीर्ष स्थान पर पहुँचा है। इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो ने 2024 और 2025 दोनों वर्षों में पहला स्थान हासिल किया था।

इस वर्ष की रैंकिंग्स में 106 देशों के लगभग 2,000 विश्वविद्यालयों का आकलन किया गया, जो पिछले संस्करण में शामिल लगभग 1,750 संस्थानों से अधिक है। यह वृद्धि उच्च शिक्षा में पर्यावरण, सामाजिक और सुशासन (ESG) प्रदर्शन के वैश्विक मूल्यांकन में बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है।

इस रैंकिंग में एक भी भारतीय संस्थान टाॅप-200 में जगह नहीं बना सका। हालांकि, देश में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलाॅजी (IIT) दिल्ली नंबर-1 है। इसके अलावा कुछ संस्थानों की रैंकिंग में सुधार हुआ तो वहीं कुछ की रैंकिंग में गिरावट आई है। यहां आप रैंक के हिसाब से अन्य इंस्टिट्यूट्स की स्थिति देख सकते हैं।

15 IITs में से 6 ने सुधारी स्थिति

QS रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय IITs और विश्वविद्यालयों की अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग (QS रिपोर्ट) में इस बार मिला-जुला प्रदर्शन दिखा है। IIT दिल्ली (171 से 205), IIT बॉम्बे (235 से 236), और IIT खड़गपुर (202 से 236) जैसे प्रमुख संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट आई है। वहीं, देश के 15 IITs में से 6 ने 2026 में बेहतर रैंक हासिल करके अपनी स्थिति सुधारी है। भारत के शीर्ष 10 संस्थानों में 6 IITs हैं।

QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स 2026 के शीर्ष 10 विश्वविद्यालय इस प्रकार हैं—

  1. लुंड विश्वविद्यालय, स्वीडन

  2. यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो, कनाडा

  3. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL), यूनाइटेड किंगडम

  4. यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग, यूनाइटेड किंगडम

  5. यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा

  6. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (LSE), यूनाइटेड किंगडम

  7. इम्पीरियल कॉलेज लंदन, यूनाइटेड किंगडम

  8. यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (UNSW सिडनी), ऑस्ट्रेलिया

  9. मैकगिल विश्वविद्यालय, कनाडा

  10. यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर, यूनाइटेड किंगडम

यह सूची दर्शाती है कि यूके और कनाडा के विश्वविद्यालयों ने सस्टेनेबिलिटी प्रदर्शन में मजबूत उपस्थिति दिखाई है, जबकि स्वीडन का लुंड विश्वविद्यालय 100 का परफेक्ट स्कोर प्राप्त कर शीर्ष स्थान पर रहा।

वैश्विक सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स में भारत की बढ़ती उपस्थिति
2026 संस्करण में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है—

  • 103 भारतीय विश्वविद्यालय इन रैंकिंग्स में शामिल हुए

  • 26 संस्थान पहली बार रैंकिंग में आए — यह संख्या मुख्यभूमि चीन के बाद सबसे अधिक है

  • कुल प्रतिनिधित्व के मामले में भारत चौथे स्थान पर है, अमेरिका (240), चीन (163) और यूके (109) के बाद

यह दर्शाता है कि भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान सस्टेनेबिलिटी और ESG लक्ष्यों की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रहे हैं तथा सतत विकास प्रथाओं को अपनाने की ओर अधिक जागरूक हो रहे हैं।

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स क्या हैं?

QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स की शुरुआत 2023 में हुई थी। इनका उद्देश्य यह आकलन करना है कि विश्वविद्यालय दुनिया की प्रमुख पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों का कितना प्रभावी समाधान कर रहे हैं। रैंकिंग इन मानकों पर आधारित होती है—

  • पर्यावरणीय प्रभाव (कार्बन फुटप्रिंट, हरित प्रथाएँ, जलवायु कार्रवाई)

  • सामाजिक प्रभाव (समानता, शिक्षा तक पहुँच, सामुदायिक भागीदारी)

  • सुशासन और नैतिकता (संस्थागत पारदर्शिता, सस्टेनेबिलिटी लक्ष्य)

विश्वविद्यालयों को उनके कुल ESG प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाते हैं।

ये रैंकिंग क्यों महत्वपूर्ण हैं?

जलवायु परिवर्तन, असमानता और पर्यावरणीय क्षरण की बढ़ती चुनौतियों के बीच विश्वविद्यालयों से अपेक्षा है कि वे नेतृत्व करें। QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग—

  • विश्वविद्यालयों को अधिक सतत संचालन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है

  • जलवायु-सचेत शोध और शिक्षा को बढ़ावा देती है

  • जिम्मेदार सुशासन और समावेशन को उजागर करती है

  • छात्रों को केवल अकादमिक गुणवत्ता से आगे बढ़कर विश्वविद्यालय चुनने का नया दृष्टिकोण देती है

इन रैंकिंग्स के माध्यम से छात्र, शिक्षक और नीति-निर्माता यह समझ सकते हैं कि कौन से संस्थान एक हरित और अधिक न्यायसंगत भविष्य के निर्माण में अग्रणी हैं।

मुख्य बिंदु 

  • रैंकिंग का नाम: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स 2026

  • शीर्ष विश्वविद्यालय: लुंड यूनिवर्सिटी, स्वीडन

  • पिछला शीर्ष स्थान: यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो (2024 और 2025)

  • भारत की भागीदारी: 103 विश्वविद्यालय

  • भारतीय नए प्रवेश (Debutants): 26

  • रैंकिंग मानदंड: पर्यावरणीय, सामाजिक और सुशासन (ESG) प्रभाव

  • QS द्वारा रैंकिंग लॉन्च वर्ष: 2023

  • कुल मूल्यांकित संस्थान: लगभग 2,000 (106 देशों/क्षेत्रों से)

  • अधिकतम प्रतिनिधित्व वाले देश: USA (240), चीन (163), UK (109), भारत (103)

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का विस्तार फसल नुकसान को कवर करने हेतु किया गया

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में एक महत्वपूर्ण विस्तार किया गया है, जिसके तहत अब जंगली जानवरों के हमले और धान के खेतों में जलभराव से होने वाले नुकसान को भी बीमा कवरेज में शामिल किया जाएगा। यह प्रावधान खरीफ 2026 से लागू होगा। कृषि मंत्रालय द्वारा की गई यह घोषणा उन किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, जो जंगलों के पास बसे क्षेत्रों या बाढ़-प्रभावित इलाकों में स्थानीय स्तर पर होने वाली क्षति का सामना करते थे और जिन्हें पहले बीमा सुरक्षा नहीं मिल पाती थी। इस सुधार से किसानों को व्यापक सुरक्षा मिलेगी और उनकी आय को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।

जंगली जानवरों के हमले अब PMFBY में शामिल

खरीफ़ 2026 से हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण और बंदरों जैसे जंगली जानवरों के हमलों से होने वाले फ़सल नुकसान को आधिकारिक रूप से बीमा-योग्य घटना माना जाएगा। इस जोखिम को योजना की स्थानीयकृत जोखिम श्रेणी के अंतर्गत पाँचवें ऐड-ऑन के रूप में शामिल किया गया है। ऐसी घटनाएँ विशेष रूप से उन क्षेत्रों में आम हैं जो जंगलों, वन्यजीव गलियारों और पहाड़ी इलाक़ों के पास स्थित हैं, जहाँ किसान अक्सर जंगली जानवरों के आक्रमण का सामना करते हैं, जिससे खड़ी फ़सलों को भारी नुकसान होता है और आजीविका प्रभावित होती है।

धान के जलभराव से होने वाले नुकसान की भरपाई भी होगी

एक और महत्वपूर्ण जोड़ है — धान की फ़सलों का जलभराव (इनंडेशन) के कारण होने वाला नुकसान। अक्सर भारी वर्षा, चक्रवात या निकासी प्रणाली की कमी के कारण खेतों में पानी भर जाता है। अब इस तरह की स्थितियों में धान की फ़सल को नुकसान होने पर किसान बीमा दावा कर सकेंगे। यह बदलाव तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ मानसून के दौरान धान के खेतों में जलभराव एक आम समस्या बन गई है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में विस्तार

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को अब जंगली जानवरों के हमलों और धान के खेतों में जलभराव से होने वाले फसल नुकसान को भी शामिल किया गया है। यह बदलाव खरीफ 2026 से लागू होगा।
यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन किसानों को बड़ी राहत देगा जिन्हें अब तक स्थानीय कारणों से होने वाले इन नुकसानों का बीमा लाभ नहीं मिलता था। यह निर्णय विशेष रूप से जंगलों से सटे क्षेत्रों और बाढ़-प्रवण इलाकों के किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांगों के जवाब में कृषि मंत्रालय द्वारा लिया गया है।

PMFBY में जंगली जानवरों के हमले अब शामिल

खरीफ 2026 से, हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण और बंदरों जैसे जंगली जानवरों द्वारा की गई फसल क्षति को आधिकारिक रूप से बीमा के दायरे में शामिल किया जाएगा।
यह जोखिम अब योजना की स्थानीय जोखिम (Localized Risk) श्रेणी के अंतर्गत पाँचवें ऐड-ऑन के रूप में जोड़ा गया है।

ऐसे हमले खासकर जंगलों, वन्य गलियारों और पहाड़ी क्षेत्रों के पास बसे किसानों के लिए आम समस्या हैं, जिससे फसलों को भारी नुकसान होता है।

धान के खेतों में जलभराव भी बीमा में शामिल

एक और महत्वपूर्ण विस्तार यह है कि भारी बारिश, चक्रवात, या खराब निकासी के कारण धान के खेतों में होने वाले जलभराव से होने वाली क्षति भी अब बीमा के दायरे में आएगी।
इसके बाद किसान पानी भरने (inundation) से धान की फसल खराब होने पर क्लेम प्राप्त कर सकेंगे।

यह बदलाव तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ मानसून के दौरान धान के खेतों में जलभराव आम बात है।

PMFBY कैसे काम करता है?

PMFBY, वर्ष 2016 में शुरू की गई एक केंद्रीय प्रायोजित फसल बीमा योजना है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई करना है। यह योजना लोन लेने वाले और न लेने वाले—दोनों प्रकार के किसानों के लिए उपलब्ध है।

प्रीमियम संरचना

  • खरीफ फसलें: बीमित राशि का 2%

  • रबी फसलें: 1.5%

  • बागवानी/नकदी फसलें: 5%

इन निर्धारित दरों से ऊपर की राशि केंद्र और राज्य सरकारें बराबर-बराबर सब्सिडी के रूप में देती हैं।
हर वर्ष बीमा कंपनियों को निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाता है।

Localized Risk श्रेणी क्या है?

Localized Risk के अंतर्गत उन स्थानीय, सीमित क्षेत्रीय घटनाओं से होने वाले नुकसान का बीमा मिलता है, जैसे—

  • ओलावृष्टि

  • भूस्खलन

  • बाढ़

  • अब जंगली जानवरों के हमले

  • और धान का जलभराव

इस श्रेणी में छोटे इलाकों—गाँव या कुछ खेतों—में हुए नुकसान का तेजी से आकलन और क्लेम निपटान संभव है, भले ही पूरा जिला प्रभावित न हो।

नए बदलावों से किसानों को लाभ

इन नई सुविधाओं से किसानों को बड़ा फायदा होगा—

  • जंगलों के पास बसे किसानों को अब जंगली जानवरों से हुए नुकसान का बीमा मिलेगा, जो पहले उपलब्ध नहीं था।

  • बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के धान किसानों को जलभराव से होने वाले नुकसान पर सुरक्षा मिलेगी।

  • यह बदलाव कृषि निवेश को सुरक्षित बनाता है और किसानों का विश्वास बढ़ाता है।

महत्वपूर्ण तथ्य (Static Facts)

  • PMFBY लॉन्च: 2016

  • नोडल मंत्रालय: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय

  • Sum Insured: औसत उपज और बोए गए क्षेत्र के आधार पर

  • जंगली जानवर शामिल: हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण, बंदर

  • Localized Risk अब: 5 प्रकार के बीमाकृत जोखिम शामिल

  • क्लेम प्रक्रिया: फील्ड-लेवल आकलन और मौसम डेटा के आधार पर

भारत के राष्ट्रपति ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार तथा जल संचय–जन भागीदारी (JSJB) पुरस्कार वितरित किए। यह कार्यक्रम जल संरक्षण, समुचित जल उपयोग और सामुदायिक भागीदारी पर आधारित उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था, ताकि देश के बढ़ते जल संकट से निपटने के प्रयासों को बढ़ावा मिल सके।

भारत का जल से सांस्कृतिक संबंध

अपने उद्बोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने बताया कि भारतीय संस्कृति में जल का अत्यधिक महत्व है। नदियाँ, झीलें और अन्य जलस्रोत न केवल जीवन के लिए आवश्यक हैं, बल्कि पवित्र भी माने जाते हैं। उन्होंने बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के राष्ट्रगीत की शुरुआत में आने वाले शब्द “सुजलं” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय समाज में जल को हमेशा उच्च प्राथमिकता दी गई है।

जल संकट और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियाँ

राष्ट्रपति ने कहा कि बड़ी आबादी और सीमित जल संसाधनों के कारण भारत में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता एक गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। जलवायु परिवर्तन से जल चक्र में असंतुलन पैदा हो रहा है, जिससे भविष्य के लिए सुरक्षित जल प्रबंधन आवश्यक हो गया है।

उन्होंने सरकार व नागरिकों दोनों से सामूहिक प्रयास करने की अपील की ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

मुख्य उपलब्धियाँ: 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाएँ

कार्यक्रम के दौरान, राष्ट्रपति ने JSJB पहल के तहत केवल एक वर्ष में 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण को एक बड़ा मील का पत्थर बताया। ये संरचनाएँ भूजल स्तर को बढ़ाने और स्थानीय समुदायों की भागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण को मजबूत करने में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने उन उद्योगों की भी सराहना की जिन्होंने पुनर्चक्रण जल प्रणाली और शून्य द्रव अपशिष्ट (Zero Liquid Discharge) मॉडल अपनाए हैं, तथा जल उपयोग दक्षता के क्षेत्र में उदाहरण पेश किए हैं।

सभी स्तरों पर सामूहिक जिम्मेदारी

राष्ट्रपति मुर्मु ने जोर देकर कहा कि जल संरक्षण केवल सरकार का काम नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। इसमें शामिल हैं—

  • केंद्र और राज्य सरकारें

  • जिला एवं नगर निगम

  • ग्राम पंचायतें

  • शैक्षणिक संस्थान और स्वयंसेवी संगठन

  • प्रत्येक नागरिक और किसान

उन्होंने किसानों व उद्योगपतियों से जल-कुशल तकनीकों का उपयोग करने की अपील की और आम नागरिकों से जल बचत को दैनिक आदत का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।

जल को सम्मान देने की संस्कृति

राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदाय प्राकृतिक संसाधनों के प्रति अत्यधिक सम्मान का भाव रखते हैं। हर भारतीय को इसी भावना को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तविक बदलाव नीतियों से ही नहीं, बल्कि जनता की शक्ति से आएगा—जल संचयन, संरक्षण और जिम्मेदार उपयोग के माध्यम से।

छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 – विजेताओं की सूची 

1. सर्वश्रेष्ठ राज्य

रैंक राज्य
1 महाराष्ट्र
2 गुजरात
3 हरियाणा

2. सर्वश्रेष्ठ जिला

ज़ोन जिला राज्य रैंक
पूर्वी ज़ोन राजनांदगांव छत्तीसगढ़ 1st
पश्चिमी ज़ोन खरगोन मध्य प्रदेश 1st
दक्षिणी ज़ोन तिरुनेलवेली तमिलनाडु 1st
उत्तरी ज़ोन मिर्जापुर उत्तर प्रदेश 1st
उत्तर–पूर्व ज़ोन सेपाहिजला त्रिपुरा 1st

3. सर्वश्रेष्ठ नगरीय स्थानीय निकाय (ULB)

रैंक नगर निकाय राज्य
1st नवी मुंबई महाराष्ट्र
2nd भावनगर गुजरात
3rd (संयुक्त) नभदिगंता इंडस्ट्रियल टाउनशिप पश्चिम बंगाल
3rd (संयुक्त) आगरा उत्तर प्रदेश

4. सर्वश्रेष्ठ संस्थान (स्कूल/कॉलेज के अलावा)

कैम्पस के अंदर

रैंक संस्थान राज्य
1st (संयुक्त) IIT गांधीनगर गुजरात
1st (संयुक्त) ICAR–सेंट्रल कोस्टल कृषि अनुसंधान संस्थान गोवा
2nd (संयुक्त) BITS पिलानी राजस्थान
2nd (संयुक्त) इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, अवंतीपोरा जम्मू-कश्मीर
विशेष उल्लेख असम राइफल्स मणिपुर

कैम्पस के बाहर

रैंक संस्थान राज्य
1st (संयुक्त) चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार हरियाणा
1st (संयुक्त) क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (बेहरामपुर सर्कल) ओडिशा

5. सर्वश्रेष्ठ जल उपभोक्ता संघ (WUA)

रैंक संघ राज्य
1st वेत्तैक्करनपुदुर नहर ओडायकुलम गाँव WUA तमिलनाडु
2nd कनिफनाथ WUA महाराष्ट्र
3rd खरालन WUA राजस्थान

6. सर्वश्रेष्ठ सिविल सोसायटी संगठन

रैंक संगठन राज्य
1st बनासकांठा जिला को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन लिमिटेड गुजरात
2nd अंबुजा फाउंडेशन राजस्थान
3rd आर्ट ऑफ लिविंग कर्नाटक

7. सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत

रैंक ग्राम पंचायत जिला/राज्य
1st (संयुक्त) डुब्बिगणिपल्ली अन्नामय्या, आंध्र प्रदेश
1st (संयुक्त) पायम कन्नूर, केरला
2nd (संयुक्त) कवेश्वर खंडवा, मध्य प्रदेश
2nd (संयुक्त) मरुगुम्मी प्रकाशम, आंध्र प्रदेश
3rd (संयुक्त) बलापुरम तिरुवल्लुर, तमिलनाडु
3rd (संयुक्त) दुमरपानी कंकेर, छत्तीसगढ़

8. सर्वश्रेष्ठ स्कूल/कॉलेज

रैंक संस्थान राज्य
1st (संयुक्त) कृष्णा पब्लिक स्कूल, रायपुर छत्तीसगढ़
1st (संयुक्त) आर्मी पब्लिक स्कूल, कोलकाता पश्चिम बंगाल
2nd BHSS ज़ैनाकोट, श्रीनगर जम्मू-कश्मीर
3rd (संयुक्त) मलुसंता सरकारी मॉडल स्कूल, दमनजोडी, कोरापुट ओडिशा
3rd (संयुक्त) झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय, राहे झारखंड
विशेष उल्लेख माउंट आबू पब्लिक स्कूल, रोहिणी दिल्ली
विशेष उल्लेख महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल, अशोक विहार दिल्ली
विशेष उल्लेख महात्मा गांधी मेमोरियल मॉडल स्कूल, तिरुवनंतपुरम केरला

9. सर्वश्रेष्ठ उद्योग

रैंक उद्योग राज्य
1st अपोलो टायर्स लिमिटेड, कांचीपुरम तमिलनाडु
2nd हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, गुरुग्राम हरियाणा
3rd झज्जर पावर लिमिटेड, झज्जर हरियाणा

10. जल क्षेत्र में उत्कृष्टता हेतु सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत पुरस्कार

ज़ोन नाम राज्य रैंक
पूर्वी ज़ोन श्री किशोर जायसवाल बिहार 1st
पश्चिमी ज़ोन श्री बजरंग लाल जैठू राजस्थान 1st
उत्तरी ज़ोन श्री मोहन चंद्र कांडपाल उत्तराखंड 1st
दक्षिणी ज़ोन श्री पोडिली राजशेखर राजू आंध्र प्रदेश 1st

स्थैतिक तथ्य

  • कार्यक्रम तिथि: 18 नवंबर 2025

  • स्थान: नई दिल्ली

  • पुरस्कार प्रदान करने वाली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

  • संस्करण: छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार

  • समर्थन कार्यक्रम: जल संचय–जन भागीदारी (JSJB)

  • मुख्य उपलब्धि: 35 लाख+ भूजल पुनर्भरण संरचनाएँ

  • फोकस: जल दक्षता, सामुदायिक भागीदारी, जलवायु अनुकूलन

संयुक्त राष्ट्र ने अपदस्थ बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौत की सजा का विरोध किया

संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश की बर्खास्त पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अनुपस्थिति में सुनाई गई मौत की सजा पर कड़ी आपत्ति जताई है। 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों पर कथित दमन से जुड़े मानवता-विरोधी अपराधों के आरोपों पर यह फैसला सुनाया गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निष्पक्ष न्याय और कानूनी प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक रुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजारिक ने बताया कि UN हर परिस्थिति में मृत्युदंड का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अंतरराष्ट्रीय कानूनी मानकों का पालन अत्यंत आवश्यक होता है, विशेषकर जब सजा मौत जैसी कठोर हो।

शेख हसीना पर लगे आरोप

78 वर्षीय शेख हसीना को ढाका की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 2024 के छात्र प्रदर्शनों के दौरान कथित मानवता-विरोधी अपराधों के लिए दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष का आरोप था कि अवामी लीग सरकार के नेतृत्व में प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाया गया, जिसमें कई मौतें, घायल और गिरफ्तारियाँ हुईं।
हसीना को उनकी अनुपस्थिति में सज़ा सुनाई गई, क्योंकि वे वर्तमान में निर्वासन में हैं।

मामले में अन्य सज़ाएँ

  • आसादुज्ज़मान खान कमाल, पूर्व गृह मंत्री — मृत्युदंड (अनुपस्थिति में)

  • चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक — 5 वर्ष की कैद (राज्य गवाह)

यह फैसला केवल बांग्लादेशी जजों वाली एक विशेष अदालत ने सुनाया, जो स्वयं को ‘अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण’ कहती है, जिसका UN से कोई संबंध नहीं है।

UN मानवाधिकार कार्यालय की प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टुर्क के कार्यालय ने भी इस फैसले पर चिंता जताई। प्रवक्ता रवीना शामदसानी ने कहा कि —

  • कार्यालय को मुकदमे की पारदर्शिता और प्रक्रिया की जानकारी नहीं दी गई,

  • अनुपस्थिति में किए गए मुकदमों में, विशेषकर जहां मृत्युदंड की संभावना हो, अंतरराष्ट्रीय निष्पक्ष न्याय मानकों का पालन अनिवार्य है।

उन्होंने ज़ोर दिया कि ऐसे मामलों में सर्वोच्च स्तर की कानूनी जांच और निष्पक्षता सुनिश्चित होनी चाहिए — जो इस मामले में संदिग्ध प्रतीत होती है।

अंतरराष्ट्रीय कानून से जुड़े सवाल

यह पूरा मामला कई गंभीर प्रश्न उठाता है, जैसे—

  • निष्पक्ष सुनवाई के बिना अनुपस्थिति में सुनवाई करना

  • राजनीतिक नेताओं पर घरेलू अदालतों में मुकदमे

  • न्यायाधिकरण की विश्वसनीयता और स्वतंत्रता

  • बांग्लादेश में क़ानून के शासन और मानवाधिकारों पर इसका प्रभाव

इन फैसलों से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई है, जहां विपक्षी नेताओं पर लगातार कानूनी दबाव देखा जा रहा है।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • फैसले की तारीख: नवंबर 2025

  • दोषी ठहराई गईं: शेख हसीना, पूर्व प्रधानमंत्री, बांग्लादेश

  • आरोप: 2024 के छात्र प्रदर्शनों के दौरान मानवता-विरोधी अपराध

  • मुकदमे का प्रकार: अनुपस्थिति में सुनवाई (In absentia), बांग्लादेश के ICT द्वारा

  • UN का रुख: हर स्थिति में मौत की सज़ा का विरोध

  • अन्य दंड:

    • आसादुज्ज़मान खान कमाल — मृत्युदंड

    • चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून — 5 वर्ष (राज्य गवाह)

  • वर्तमान स्थिति: शेख हसीना निर्वासन में हैं

UIDAI ने नया आधार ऐप लॉन्च किया: विशेषताएं, लाभ और डाउनलोड कैसे करें

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक नया आधार मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जो अब Google Play Store और Apple App Store दोनों पर उपलब्ध है। यह ऐप अर्ली एक्सेस प्रोग्राम के तहत जारी किया गया है। नया ऐप नागरिकों को अपना आधार डिजिटल रूप में साथ रखने और सत्यापित करने की सुविधा देता है, साथ ही गोपनीयता और पहचान पर अधिक नियंत्रण प्रदान करता है। UIDAI के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं को सरल बनाना, भौतिक दस्तावेज़ों पर निर्भरता कम करना और एक सुरक्षित व उपयोगकर्ता-नियंत्रित डिजिटल पहचान प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराना है।

नए आधार ऐप की प्रमुख विशेषताएँ

1. आधार का त्वरित डिजिटल शेयरिंग

उपयोगकर्ता बिना भौतिक कार्ड दिखाए अपना आधार विवरण डिजिटल रूप से साझा कर सकते हैं।

  • आधार साझा करने के लिए QR कोड या वेरिफ़ाएबल क्रेडेंशियल्स का उपयोग किया जा सकता है।

  • इससे सत्यापन तेज़ और सुरक्षित दोनों हो जाता है।

2. मास्क्ड आधार नंबर

गोपनीयता सुरक्षा के लिए साझा किए जाने वाले आधार में केवल कुछ ही अंक दिखाई देते हैं, जिससे दुरुपयोग की संभावना कम होती है।

3. एक डिवाइस पर पाँच तक आधार प्रोफ़ाइल

एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े अधिकतम पाँच आधार प्रोफाइल एक डिवाइस में जोड़ी जा सकती हैं।
यह सुविधा माता-पिता या अभिभावकों के लिए उपयोगी है, जो बच्चों के आधार प्रबंधित करना चाहते हैं।

4. बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक

ऐप में बायोमेट्रिक डेटा को लॉक और अनलॉक करने की सुविधा दी गई है।
एक बार लॉक करने पर बायोमेट्रिक का कोई भी उपयोग तब तक नहीं किया जा सकेगा जब तक उपयोगकर्ता स्वयं उसे अनलॉक न करें।

नया आधार ऐप कैसे डाउनलोड और सेटअप करें?

  1. Google Play Store या Apple App Store से ऐप डाउनलोड करें।

  2. अपनी भाषा चुनें और 12-अंकों का आधार नंबर दर्ज करें।

  3. पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP से सत्यापन करें।

  4. डिवाइस की सुविधा के अनुसार फेस स्कैन या फिंगरप्रिंट से ऑथेंटिकेशन करें।

  5. आधार प्रोफ़ाइल जोड़ें।

  6. अपनी प्रोफ़ाइल की सुरक्षा के लिए 6-अंकों का PIN बनाएं।

सेटअप पूरा होने के बाद आप—

  • अपने आधार विवरण देख सकते हैं,

  • QR कोड प्राप्त कर सकते हैं,

  • वेरिफ़ाएबल क्रेडेंशियल्स साझा कर सकते हैं,

  • और बायोमेट्रिक सेटिंग्स नियंत्रित कर सकते हैं।

आधार ऐप के लाभ

  • बैंकिंग, प्रवेश (admissions), पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कार्यों में सत्यापन सरल

  • कागज़ी दस्तावेज़ों की आवश्यकता कम

  • आधार कब और कैसे साझा किया जाए — इस पर पूर्ण नियंत्रण

  • मास्क्ड शेयरिंग और बायोमेट्रिक लॉक के कारण बेहतर डेटा सुरक्षा

  • परिवार के आधार प्रबंधन की सुविधा

UIDAI ने कहा कि यह ऐप नागरिकों के पहचान प्रबंधन को “अधिक पोर्टेबल, निजी और सुविधाजनक” बनाता है।

UIDAI का अर्ली एक्सेस प्रोग्राम

यह ऐप अभी अर्ली एक्सेस में है, जिसमें उपयोगकर्ता इसकी विशेषताओं का उपयोग कर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। UIDAI उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित कर रहा है कि वे किसी भी समस्या या सुझाव को सीधे ऐप के माध्यम से या feedback.app@uidai.net.in पर भेजें। विस्तृत राष्ट्रीय लॉन्च से पहले इन्हें ऐप में शामिल किया जाएगा।

Key Takeaways (मुख्य बिंदु)

  • लॉन्च करने वाला निकाय: UIDAI

  • प्लेटफ़ॉर्म: Google Play Store और Apple App Store

  • लॉन्च स्थिति: नवंबर 2025 से अर्ली एक्सेस

  • मुख्य फीचर्स: डिजिटल शेयरिंग, मास्क्ड नंबर, बायोमेट्रिक लॉक, QR प्रमाणीकरण

  • अधिकतम प्रोफ़ाइल: 5 (एक ही पंजीकृत मोबाइल नंबर से जुड़े)

  • उपयोग के क्षेत्र: बैंकिंग, सरकारी सेवाएँ, यात्रा दस्तावेज़, शैक्षणिक प्रवेश

Recent Posts

about | - Part 34_12.1