प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का विस्तार फसल नुकसान को कवर करने हेतु किया गया

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में एक महत्वपूर्ण विस्तार किया गया है, जिसके तहत अब जंगली जानवरों के हमले और धान के खेतों में जलभराव से होने वाले नुकसान को भी बीमा कवरेज में शामिल किया जाएगा। यह प्रावधान खरीफ 2026 से लागू होगा। कृषि मंत्रालय द्वारा की गई यह घोषणा उन किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, जो जंगलों के पास बसे क्षेत्रों या बाढ़-प्रभावित इलाकों में स्थानीय स्तर पर होने वाली क्षति का सामना करते थे और जिन्हें पहले बीमा सुरक्षा नहीं मिल पाती थी। इस सुधार से किसानों को व्यापक सुरक्षा मिलेगी और उनकी आय को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।

जंगली जानवरों के हमले अब PMFBY में शामिल

खरीफ़ 2026 से हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण और बंदरों जैसे जंगली जानवरों के हमलों से होने वाले फ़सल नुकसान को आधिकारिक रूप से बीमा-योग्य घटना माना जाएगा। इस जोखिम को योजना की स्थानीयकृत जोखिम श्रेणी के अंतर्गत पाँचवें ऐड-ऑन के रूप में शामिल किया गया है। ऐसी घटनाएँ विशेष रूप से उन क्षेत्रों में आम हैं जो जंगलों, वन्यजीव गलियारों और पहाड़ी इलाक़ों के पास स्थित हैं, जहाँ किसान अक्सर जंगली जानवरों के आक्रमण का सामना करते हैं, जिससे खड़ी फ़सलों को भारी नुकसान होता है और आजीविका प्रभावित होती है।

धान के जलभराव से होने वाले नुकसान की भरपाई भी होगी

एक और महत्वपूर्ण जोड़ है — धान की फ़सलों का जलभराव (इनंडेशन) के कारण होने वाला नुकसान। अक्सर भारी वर्षा, चक्रवात या निकासी प्रणाली की कमी के कारण खेतों में पानी भर जाता है। अब इस तरह की स्थितियों में धान की फ़सल को नुकसान होने पर किसान बीमा दावा कर सकेंगे। यह बदलाव तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ मानसून के दौरान धान के खेतों में जलभराव एक आम समस्या बन गई है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में विस्तार

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को अब जंगली जानवरों के हमलों और धान के खेतों में जलभराव से होने वाले फसल नुकसान को भी शामिल किया गया है। यह बदलाव खरीफ 2026 से लागू होगा।
यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन किसानों को बड़ी राहत देगा जिन्हें अब तक स्थानीय कारणों से होने वाले इन नुकसानों का बीमा लाभ नहीं मिलता था। यह निर्णय विशेष रूप से जंगलों से सटे क्षेत्रों और बाढ़-प्रवण इलाकों के किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांगों के जवाब में कृषि मंत्रालय द्वारा लिया गया है।

PMFBY में जंगली जानवरों के हमले अब शामिल

खरीफ 2026 से, हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण और बंदरों जैसे जंगली जानवरों द्वारा की गई फसल क्षति को आधिकारिक रूप से बीमा के दायरे में शामिल किया जाएगा।
यह जोखिम अब योजना की स्थानीय जोखिम (Localized Risk) श्रेणी के अंतर्गत पाँचवें ऐड-ऑन के रूप में जोड़ा गया है।

ऐसे हमले खासकर जंगलों, वन्य गलियारों और पहाड़ी क्षेत्रों के पास बसे किसानों के लिए आम समस्या हैं, जिससे फसलों को भारी नुकसान होता है।

धान के खेतों में जलभराव भी बीमा में शामिल

एक और महत्वपूर्ण विस्तार यह है कि भारी बारिश, चक्रवात, या खराब निकासी के कारण धान के खेतों में होने वाले जलभराव से होने वाली क्षति भी अब बीमा के दायरे में आएगी।
इसके बाद किसान पानी भरने (inundation) से धान की फसल खराब होने पर क्लेम प्राप्त कर सकेंगे।

यह बदलाव तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ मानसून के दौरान धान के खेतों में जलभराव आम बात है।

PMFBY कैसे काम करता है?

PMFBY, वर्ष 2016 में शुरू की गई एक केंद्रीय प्रायोजित फसल बीमा योजना है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई करना है। यह योजना लोन लेने वाले और न लेने वाले—दोनों प्रकार के किसानों के लिए उपलब्ध है।

प्रीमियम संरचना

  • खरीफ फसलें: बीमित राशि का 2%

  • रबी फसलें: 1.5%

  • बागवानी/नकदी फसलें: 5%

इन निर्धारित दरों से ऊपर की राशि केंद्र और राज्य सरकारें बराबर-बराबर सब्सिडी के रूप में देती हैं।
हर वर्ष बीमा कंपनियों को निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाता है।

Localized Risk श्रेणी क्या है?

Localized Risk के अंतर्गत उन स्थानीय, सीमित क्षेत्रीय घटनाओं से होने वाले नुकसान का बीमा मिलता है, जैसे—

  • ओलावृष्टि

  • भूस्खलन

  • बाढ़

  • अब जंगली जानवरों के हमले

  • और धान का जलभराव

इस श्रेणी में छोटे इलाकों—गाँव या कुछ खेतों—में हुए नुकसान का तेजी से आकलन और क्लेम निपटान संभव है, भले ही पूरा जिला प्रभावित न हो।

नए बदलावों से किसानों को लाभ

इन नई सुविधाओं से किसानों को बड़ा फायदा होगा—

  • जंगलों के पास बसे किसानों को अब जंगली जानवरों से हुए नुकसान का बीमा मिलेगा, जो पहले उपलब्ध नहीं था।

  • बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के धान किसानों को जलभराव से होने वाले नुकसान पर सुरक्षा मिलेगी।

  • यह बदलाव कृषि निवेश को सुरक्षित बनाता है और किसानों का विश्वास बढ़ाता है।

महत्वपूर्ण तथ्य (Static Facts)

  • PMFBY लॉन्च: 2016

  • नोडल मंत्रालय: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय

  • Sum Insured: औसत उपज और बोए गए क्षेत्र के आधार पर

  • जंगली जानवर शामिल: हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण, बंदर

  • Localized Risk अब: 5 प्रकार के बीमाकृत जोखिम शामिल

  • क्लेम प्रक्रिया: फील्ड-लेवल आकलन और मौसम डेटा के आधार पर

भारत के राष्ट्रपति ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार तथा जल संचय–जन भागीदारी (JSJB) पुरस्कार वितरित किए। यह कार्यक्रम जल संरक्षण, समुचित जल उपयोग और सामुदायिक भागीदारी पर आधारित उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था, ताकि देश के बढ़ते जल संकट से निपटने के प्रयासों को बढ़ावा मिल सके।

भारत का जल से सांस्कृतिक संबंध

अपने उद्बोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने बताया कि भारतीय संस्कृति में जल का अत्यधिक महत्व है। नदियाँ, झीलें और अन्य जलस्रोत न केवल जीवन के लिए आवश्यक हैं, बल्कि पवित्र भी माने जाते हैं। उन्होंने बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के राष्ट्रगीत की शुरुआत में आने वाले शब्द “सुजलं” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय समाज में जल को हमेशा उच्च प्राथमिकता दी गई है।

जल संकट और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियाँ

राष्ट्रपति ने कहा कि बड़ी आबादी और सीमित जल संसाधनों के कारण भारत में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता एक गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। जलवायु परिवर्तन से जल चक्र में असंतुलन पैदा हो रहा है, जिससे भविष्य के लिए सुरक्षित जल प्रबंधन आवश्यक हो गया है।

उन्होंने सरकार व नागरिकों दोनों से सामूहिक प्रयास करने की अपील की ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

मुख्य उपलब्धियाँ: 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाएँ

कार्यक्रम के दौरान, राष्ट्रपति ने JSJB पहल के तहत केवल एक वर्ष में 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण को एक बड़ा मील का पत्थर बताया। ये संरचनाएँ भूजल स्तर को बढ़ाने और स्थानीय समुदायों की भागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण को मजबूत करने में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने उन उद्योगों की भी सराहना की जिन्होंने पुनर्चक्रण जल प्रणाली और शून्य द्रव अपशिष्ट (Zero Liquid Discharge) मॉडल अपनाए हैं, तथा जल उपयोग दक्षता के क्षेत्र में उदाहरण पेश किए हैं।

सभी स्तरों पर सामूहिक जिम्मेदारी

राष्ट्रपति मुर्मु ने जोर देकर कहा कि जल संरक्षण केवल सरकार का काम नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। इसमें शामिल हैं—

  • केंद्र और राज्य सरकारें

  • जिला एवं नगर निगम

  • ग्राम पंचायतें

  • शैक्षणिक संस्थान और स्वयंसेवी संगठन

  • प्रत्येक नागरिक और किसान

उन्होंने किसानों व उद्योगपतियों से जल-कुशल तकनीकों का उपयोग करने की अपील की और आम नागरिकों से जल बचत को दैनिक आदत का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।

जल को सम्मान देने की संस्कृति

राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदाय प्राकृतिक संसाधनों के प्रति अत्यधिक सम्मान का भाव रखते हैं। हर भारतीय को इसी भावना को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तविक बदलाव नीतियों से ही नहीं, बल्कि जनता की शक्ति से आएगा—जल संचयन, संरक्षण और जिम्मेदार उपयोग के माध्यम से।

छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 – विजेताओं की सूची 

1. सर्वश्रेष्ठ राज्य

रैंक राज्य
1 महाराष्ट्र
2 गुजरात
3 हरियाणा

2. सर्वश्रेष्ठ जिला

ज़ोन जिला राज्य रैंक
पूर्वी ज़ोन राजनांदगांव छत्तीसगढ़ 1st
पश्चिमी ज़ोन खरगोन मध्य प्रदेश 1st
दक्षिणी ज़ोन तिरुनेलवेली तमिलनाडु 1st
उत्तरी ज़ोन मिर्जापुर उत्तर प्रदेश 1st
उत्तर–पूर्व ज़ोन सेपाहिजला त्रिपुरा 1st

3. सर्वश्रेष्ठ नगरीय स्थानीय निकाय (ULB)

रैंक नगर निकाय राज्य
1st नवी मुंबई महाराष्ट्र
2nd भावनगर गुजरात
3rd (संयुक्त) नभदिगंता इंडस्ट्रियल टाउनशिप पश्चिम बंगाल
3rd (संयुक्त) आगरा उत्तर प्रदेश

4. सर्वश्रेष्ठ संस्थान (स्कूल/कॉलेज के अलावा)

कैम्पस के अंदर

रैंक संस्थान राज्य
1st (संयुक्त) IIT गांधीनगर गुजरात
1st (संयुक्त) ICAR–सेंट्रल कोस्टल कृषि अनुसंधान संस्थान गोवा
2nd (संयुक्त) BITS पिलानी राजस्थान
2nd (संयुक्त) इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, अवंतीपोरा जम्मू-कश्मीर
विशेष उल्लेख असम राइफल्स मणिपुर

कैम्पस के बाहर

रैंक संस्थान राज्य
1st (संयुक्त) चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार हरियाणा
1st (संयुक्त) क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (बेहरामपुर सर्कल) ओडिशा

5. सर्वश्रेष्ठ जल उपभोक्ता संघ (WUA)

रैंक संघ राज्य
1st वेत्तैक्करनपुदुर नहर ओडायकुलम गाँव WUA तमिलनाडु
2nd कनिफनाथ WUA महाराष्ट्र
3rd खरालन WUA राजस्थान

6. सर्वश्रेष्ठ सिविल सोसायटी संगठन

रैंक संगठन राज्य
1st बनासकांठा जिला को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन लिमिटेड गुजरात
2nd अंबुजा फाउंडेशन राजस्थान
3rd आर्ट ऑफ लिविंग कर्नाटक

7. सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत

रैंक ग्राम पंचायत जिला/राज्य
1st (संयुक्त) डुब्बिगणिपल्ली अन्नामय्या, आंध्र प्रदेश
1st (संयुक्त) पायम कन्नूर, केरला
2nd (संयुक्त) कवेश्वर खंडवा, मध्य प्रदेश
2nd (संयुक्त) मरुगुम्मी प्रकाशम, आंध्र प्रदेश
3rd (संयुक्त) बलापुरम तिरुवल्लुर, तमिलनाडु
3rd (संयुक्त) दुमरपानी कंकेर, छत्तीसगढ़

8. सर्वश्रेष्ठ स्कूल/कॉलेज

रैंक संस्थान राज्य
1st (संयुक्त) कृष्णा पब्लिक स्कूल, रायपुर छत्तीसगढ़
1st (संयुक्त) आर्मी पब्लिक स्कूल, कोलकाता पश्चिम बंगाल
2nd BHSS ज़ैनाकोट, श्रीनगर जम्मू-कश्मीर
3rd (संयुक्त) मलुसंता सरकारी मॉडल स्कूल, दमनजोडी, कोरापुट ओडिशा
3rd (संयुक्त) झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय, राहे झारखंड
विशेष उल्लेख माउंट आबू पब्लिक स्कूल, रोहिणी दिल्ली
विशेष उल्लेख महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल, अशोक विहार दिल्ली
विशेष उल्लेख महात्मा गांधी मेमोरियल मॉडल स्कूल, तिरुवनंतपुरम केरला

9. सर्वश्रेष्ठ उद्योग

रैंक उद्योग राज्य
1st अपोलो टायर्स लिमिटेड, कांचीपुरम तमिलनाडु
2nd हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, गुरुग्राम हरियाणा
3rd झज्जर पावर लिमिटेड, झज्जर हरियाणा

10. जल क्षेत्र में उत्कृष्टता हेतु सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत पुरस्कार

ज़ोन नाम राज्य रैंक
पूर्वी ज़ोन श्री किशोर जायसवाल बिहार 1st
पश्चिमी ज़ोन श्री बजरंग लाल जैठू राजस्थान 1st
उत्तरी ज़ोन श्री मोहन चंद्र कांडपाल उत्तराखंड 1st
दक्षिणी ज़ोन श्री पोडिली राजशेखर राजू आंध्र प्रदेश 1st

स्थैतिक तथ्य

  • कार्यक्रम तिथि: 18 नवंबर 2025

  • स्थान: नई दिल्ली

  • पुरस्कार प्रदान करने वाली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

  • संस्करण: छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार

  • समर्थन कार्यक्रम: जल संचय–जन भागीदारी (JSJB)

  • मुख्य उपलब्धि: 35 लाख+ भूजल पुनर्भरण संरचनाएँ

  • फोकस: जल दक्षता, सामुदायिक भागीदारी, जलवायु अनुकूलन

संयुक्त राष्ट्र ने अपदस्थ बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौत की सजा का विरोध किया

संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश की बर्खास्त पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अनुपस्थिति में सुनाई गई मौत की सजा पर कड़ी आपत्ति जताई है। 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों पर कथित दमन से जुड़े मानवता-विरोधी अपराधों के आरोपों पर यह फैसला सुनाया गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निष्पक्ष न्याय और कानूनी प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक रुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजारिक ने बताया कि UN हर परिस्थिति में मृत्युदंड का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अंतरराष्ट्रीय कानूनी मानकों का पालन अत्यंत आवश्यक होता है, विशेषकर जब सजा मौत जैसी कठोर हो।

शेख हसीना पर लगे आरोप

78 वर्षीय शेख हसीना को ढाका की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 2024 के छात्र प्रदर्शनों के दौरान कथित मानवता-विरोधी अपराधों के लिए दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष का आरोप था कि अवामी लीग सरकार के नेतृत्व में प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाया गया, जिसमें कई मौतें, घायल और गिरफ्तारियाँ हुईं।
हसीना को उनकी अनुपस्थिति में सज़ा सुनाई गई, क्योंकि वे वर्तमान में निर्वासन में हैं।

मामले में अन्य सज़ाएँ

  • आसादुज्ज़मान खान कमाल, पूर्व गृह मंत्री — मृत्युदंड (अनुपस्थिति में)

  • चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक — 5 वर्ष की कैद (राज्य गवाह)

यह फैसला केवल बांग्लादेशी जजों वाली एक विशेष अदालत ने सुनाया, जो स्वयं को ‘अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण’ कहती है, जिसका UN से कोई संबंध नहीं है।

UN मानवाधिकार कार्यालय की प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टुर्क के कार्यालय ने भी इस फैसले पर चिंता जताई। प्रवक्ता रवीना शामदसानी ने कहा कि —

  • कार्यालय को मुकदमे की पारदर्शिता और प्रक्रिया की जानकारी नहीं दी गई,

  • अनुपस्थिति में किए गए मुकदमों में, विशेषकर जहां मृत्युदंड की संभावना हो, अंतरराष्ट्रीय निष्पक्ष न्याय मानकों का पालन अनिवार्य है।

उन्होंने ज़ोर दिया कि ऐसे मामलों में सर्वोच्च स्तर की कानूनी जांच और निष्पक्षता सुनिश्चित होनी चाहिए — जो इस मामले में संदिग्ध प्रतीत होती है।

अंतरराष्ट्रीय कानून से जुड़े सवाल

यह पूरा मामला कई गंभीर प्रश्न उठाता है, जैसे—

  • निष्पक्ष सुनवाई के बिना अनुपस्थिति में सुनवाई करना

  • राजनीतिक नेताओं पर घरेलू अदालतों में मुकदमे

  • न्यायाधिकरण की विश्वसनीयता और स्वतंत्रता

  • बांग्लादेश में क़ानून के शासन और मानवाधिकारों पर इसका प्रभाव

इन फैसलों से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई है, जहां विपक्षी नेताओं पर लगातार कानूनी दबाव देखा जा रहा है।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • फैसले की तारीख: नवंबर 2025

  • दोषी ठहराई गईं: शेख हसीना, पूर्व प्रधानमंत्री, बांग्लादेश

  • आरोप: 2024 के छात्र प्रदर्शनों के दौरान मानवता-विरोधी अपराध

  • मुकदमे का प्रकार: अनुपस्थिति में सुनवाई (In absentia), बांग्लादेश के ICT द्वारा

  • UN का रुख: हर स्थिति में मौत की सज़ा का विरोध

  • अन्य दंड:

    • आसादुज्ज़मान खान कमाल — मृत्युदंड

    • चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून — 5 वर्ष (राज्य गवाह)

  • वर्तमान स्थिति: शेख हसीना निर्वासन में हैं

UIDAI ने नया आधार ऐप लॉन्च किया: विशेषताएं, लाभ और डाउनलोड कैसे करें

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक नया आधार मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जो अब Google Play Store और Apple App Store दोनों पर उपलब्ध है। यह ऐप अर्ली एक्सेस प्रोग्राम के तहत जारी किया गया है। नया ऐप नागरिकों को अपना आधार डिजिटल रूप में साथ रखने और सत्यापित करने की सुविधा देता है, साथ ही गोपनीयता और पहचान पर अधिक नियंत्रण प्रदान करता है। UIDAI के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं को सरल बनाना, भौतिक दस्तावेज़ों पर निर्भरता कम करना और एक सुरक्षित व उपयोगकर्ता-नियंत्रित डिजिटल पहचान प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराना है।

नए आधार ऐप की प्रमुख विशेषताएँ

1. आधार का त्वरित डिजिटल शेयरिंग

उपयोगकर्ता बिना भौतिक कार्ड दिखाए अपना आधार विवरण डिजिटल रूप से साझा कर सकते हैं।

  • आधार साझा करने के लिए QR कोड या वेरिफ़ाएबल क्रेडेंशियल्स का उपयोग किया जा सकता है।

  • इससे सत्यापन तेज़ और सुरक्षित दोनों हो जाता है।

2. मास्क्ड आधार नंबर

गोपनीयता सुरक्षा के लिए साझा किए जाने वाले आधार में केवल कुछ ही अंक दिखाई देते हैं, जिससे दुरुपयोग की संभावना कम होती है।

3. एक डिवाइस पर पाँच तक आधार प्रोफ़ाइल

एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े अधिकतम पाँच आधार प्रोफाइल एक डिवाइस में जोड़ी जा सकती हैं।
यह सुविधा माता-पिता या अभिभावकों के लिए उपयोगी है, जो बच्चों के आधार प्रबंधित करना चाहते हैं।

4. बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक

ऐप में बायोमेट्रिक डेटा को लॉक और अनलॉक करने की सुविधा दी गई है।
एक बार लॉक करने पर बायोमेट्रिक का कोई भी उपयोग तब तक नहीं किया जा सकेगा जब तक उपयोगकर्ता स्वयं उसे अनलॉक न करें।

नया आधार ऐप कैसे डाउनलोड और सेटअप करें?

  1. Google Play Store या Apple App Store से ऐप डाउनलोड करें।

  2. अपनी भाषा चुनें और 12-अंकों का आधार नंबर दर्ज करें।

  3. पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP से सत्यापन करें।

  4. डिवाइस की सुविधा के अनुसार फेस स्कैन या फिंगरप्रिंट से ऑथेंटिकेशन करें।

  5. आधार प्रोफ़ाइल जोड़ें।

  6. अपनी प्रोफ़ाइल की सुरक्षा के लिए 6-अंकों का PIN बनाएं।

सेटअप पूरा होने के बाद आप—

  • अपने आधार विवरण देख सकते हैं,

  • QR कोड प्राप्त कर सकते हैं,

  • वेरिफ़ाएबल क्रेडेंशियल्स साझा कर सकते हैं,

  • और बायोमेट्रिक सेटिंग्स नियंत्रित कर सकते हैं।

आधार ऐप के लाभ

  • बैंकिंग, प्रवेश (admissions), पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कार्यों में सत्यापन सरल

  • कागज़ी दस्तावेज़ों की आवश्यकता कम

  • आधार कब और कैसे साझा किया जाए — इस पर पूर्ण नियंत्रण

  • मास्क्ड शेयरिंग और बायोमेट्रिक लॉक के कारण बेहतर डेटा सुरक्षा

  • परिवार के आधार प्रबंधन की सुविधा

UIDAI ने कहा कि यह ऐप नागरिकों के पहचान प्रबंधन को “अधिक पोर्टेबल, निजी और सुविधाजनक” बनाता है।

UIDAI का अर्ली एक्सेस प्रोग्राम

यह ऐप अभी अर्ली एक्सेस में है, जिसमें उपयोगकर्ता इसकी विशेषताओं का उपयोग कर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। UIDAI उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित कर रहा है कि वे किसी भी समस्या या सुझाव को सीधे ऐप के माध्यम से या feedback.app@uidai.net.in पर भेजें। विस्तृत राष्ट्रीय लॉन्च से पहले इन्हें ऐप में शामिल किया जाएगा।

Key Takeaways (मुख्य बिंदु)

  • लॉन्च करने वाला निकाय: UIDAI

  • प्लेटफ़ॉर्म: Google Play Store और Apple App Store

  • लॉन्च स्थिति: नवंबर 2025 से अर्ली एक्सेस

  • मुख्य फीचर्स: डिजिटल शेयरिंग, मास्क्ड नंबर, बायोमेट्रिक लॉक, QR प्रमाणीकरण

  • अधिकतम प्रोफ़ाइल: 5 (एक ही पंजीकृत मोबाइल नंबर से जुड़े)

  • उपयोग के क्षेत्र: बैंकिंग, सरकारी सेवाएँ, यात्रा दस्तावेज़, शैक्षणिक प्रवेश

भारत-अमेरिका के बीच LPG समझौता: 2026 से होगा 10% आयात

भारत ने पहली बार अमेरिका से तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) आयात करने के लिए एक संरचित ऊर्जा समझौता किया है, जो ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह अनुबंध 2026 से लागू होगा, जिसके तहत भारत हर वर्ष 2.2 मिलियन टन (MTPA) LPG खरीदेगा। यह मात्रा भारत के कुल वार्षिक LPG आयात का लगभग 10% हिस्सा है। यह कदम आपूर्तिकर्ताओं में विविधता लाने और भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

भारत की LPG आवश्यकताएँ

LPG भारत में विशेष रूप से घरेलू रसोई ईंधन के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ वर्षों में उज्ज्वला योजना जैसी सरकारी पहलों से ग्रामीण और निम्न-आय वर्ग के परिवारों में LPG की पहुंच में बड़ी वृद्धि हुई है। इसी वजह से भारत आज दुनिया के सबसे बड़े LPG उपभोक्ताओं में शामिल है।

भारत की LPG मांग का 60% से अधिक हिस्सा आयात के माध्यम से पूरा होता है। अधिकतर आपूर्ति पश्चिम एशियाई देशों — सऊदी अरब, यूएई, क़तर और कुवैत — से होती है। इतनी निर्भरता कम करने के लिए भारत विश्वसनीय वैकल्पिक स्रोत खोज रहा था।

समझौते का विवरण

  • यह अनुबंध वर्ष 2026 के लिए एक वर्ष की अवधि का है।

  • भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियाँ — IOC, BPCL और HPCL — अमेरिकी कंपनियों Chevron, Phillips 66 और TotalEnergies से संयुक्त रूप से LPG आयात करेंगी।

  • आपूर्ति US Gulf Coast से होगी।

  • कीमतें अमेरिका में प्रचलित Mont Belvieu बेंचमार्क से जुड़ी होंगी।

यह समझौता क्यों महत्वपूर्ण है?

1. ऊर्जा सुरक्षा

अमेरिका जैसे नए स्रोत जुड़ने से भारत की मध्य पूर्व पर निर्भरता कम होगी। किसी भी क्षेत्रीय अशांति या आपूर्ति बाधा के समय यह बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

2. भारत–अमेरिका व्यापार संतुलन में सुधार

अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। ऊर्जा आयात बढ़ाकर भारत इस असंतुलन को कम करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

3. बेहतर मूल्य विकल्प

Mont Belvieu बेंचमार्क मध्य पूर्व के मूल्य निर्धारण का एक विकल्प प्रदान करता है। इससे भारतीय कंपनियों को अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य चुनने का अवसर मिलेगा।

चुनौतियाँ

  • अमेरिकी LPG में प्रोपेन की मात्रा अधिक होती है, जबकि भारत घरेलू उपयोग के लिए ब्यूटेन-समृद्ध LPG पसंद करता है। इससे अतिरिक्त मिश्रण या भंडारण व्यवस्था की आवश्यकता पड़ सकती है।

  • अमेरिका से आने वाली फ्रेट लागत मध्य पूर्व की तुलना में अधिक है।

  • यह अल्पकालिक अनुबंध है (सिर्फ 2026 के लिए)। दीर्घकालिक लाभ भविष्य के सौदों पर निर्भर करेंगे।

  • मौजूदा सब्सिडी संरचना को देखते हुए उपभोक्ता सिलेंडर की कीमतों में तत्काल कमी की संभावना कम है।

भविष्य की दिशा

यह समझौता भारत की व्यापक ऊर्जा रणनीति को दर्शाता है —

  • आयात स्रोतों में विविधता,

  • आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता,

  • और वैश्विक साझेदारों के साथ मजबूत ऊर्जा संबंध।

आगे चलकर भारत ऐसे और समझौते अमेरिका और अन्य नए आपूर्तिकर्ताओं के साथ भी कर सकता है।

Static Facts (स्थैतिक तथ्य)

  • सौदा हुआ: नवंबर 2025

  • आयात मात्रा: 2.2 MTPA

  • आपूर्ति वर्ष: 2026

  • कुल LPG आयात में हिस्सा: ~10%

  • भारतीय कंपनियाँ: IOC, BPCL, HPCL

  • अमेरिकी आपूर्तिकर्ता: Chevron, Phillips 66, TotalEnergies

  • मूल्य बेंचमार्क: Mont Belvieu (US Gulf Coast)

भारत कोडेक्स कार्यकारी समिति में पुनः निर्वाचित

कोडेक्स एलीमेंटेरियस कमीशन (CAC48) के 48वें सत्र में भारत को एशिया क्षेत्र के लिए कोडेक्स एग्जिक्यूटिव कमेटी (CCEXEC) में सर्वसम्मति से पुनः चुना गया। इस पुनर्निर्वाचन से 2027 तक वैश्विक खाद्य मानक-निर्धारण प्रक्रिया में भारत की भूमिका और मजबूत हुई है। यह अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य तथा व्यापार नीति में भारत के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाता है।

भारत का पुनर्निर्वाचन और वैश्विक जनादेश

एशिया सदस्य के रूप में भारत का CCEXEC में पुनर्निर्वाचन विश्व सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से किया गया — यह सहयोगात्मक नेतृत्व, तकनीकी क्षमता और वैश्विक भरोसे का महत्वपूर्ण प्रमाण है। इससे भारत आने वाले वर्षों में एशियाई हितों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत कर सकेगा और कोडेक्स के निर्णय-निर्माण में संतुलित सहभागिता सुनिश्चित करेगा।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्री राजित पुनहानी, CEO – FSSAI ने किया। उनके साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और अन्य विशेषज्ञ संस्थानों के अधिकारी शामिल थे। भारत ने दक्षता, न्यायसंगत मानकों, बेहतर डेटा-सिस्टम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों को Codex प्रक्रियाओं में शामिल करने पर बल दिया।

डेटा और तकनीकी दक्षता पर फोकस

CCEXEC89 सत्र के दौरान भारत ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अद्यतन डेटाबेस के उपयोग पर विशेष ज़ोर दिया, जिनमें शामिल हैं:

  • खाद्य योजक (Food Additives)

  • कीटनाशक अवशेष (Pesticide Residues)

  • पशुचिकित्सा दवाएँ (Veterinary Drugs)

  • खाद्य संदूषक (Contaminants)

  • विश्लेषण पद्धतियाँ (Methods of Analysis)

प्रतिनिधिमंडल ने Codex दस्तावेज़ों के अनुवाद के लिए AI-आधारित टूल्स के उपयोग को भी बढ़ावा दिया, जिससे संचालन की गति और वैश्विक पहुँच में सुधार हो सके।

क्षेत्रीय और वैश्विक खाद्य मानकों को आगे बढ़ाना

भारत ने कई Codex समितियों में विज्ञान-आधारित और क्षेत्रीय वास्तविकताओं को ध्यान में रखने वाले मानकों का समर्थन किया।

फलों और सब्ज़ियों पर कार्य

भारत ने Codex Committee on Fresh Fruits and Vegetables (CCFFV) की अध्यक्षता करते हुए:

  • ताज़ा खजूर (Fresh Dates) के मानक को Step 8 पर अपनाने में नेतृत्व किया।

  • ताज़ी करी पत्तियों (Fresh Curry Leaves) के मानक को आगे अनुमोदन हेतु भेजा — जो क्षेत्रीय निर्यात के लिए उपयोगी है।

कीटनाशक अवशेष

भारत ने समर्थन किया:

  • कीटनाशक संदर्भ सामग्री की स्थिरता की निगरानी के लिए नए दिशानिर्देश।

  • मूँगफली में अफ्लाटॉक्सिन कम करने के कोड के अद्यतन, जिससे निर्यात सुरक्षा बढ़ती है।

खाद्य योजक और विश्लेषण

भारत ने योगदान दिया:

  • खाद्य योजकों के नियमों का General Standard for Food Additives (GSFA) के साथ बेहतर संरेखण।

  • विश्लेषण पद्धति में नाइट्रोजन-टू-प्रोटीन रूपांतरण कारकों को अपनाने में — जिससे खाद्य संरचना परीक्षण वैश्विक रूप से एकसमान होता है।

काजू गिरी मानकों पर बड़ी सफलता

भारत के लिए कृषि-व्यापार क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि काजू गिरी (Cashew Kernel) मानकों पर वर्षों से रुके काम को भारत ने सफलतापूर्वक पुनर्जीवित कराया। CAC48 ने इस विषय पर वैश्विक टिप्पणियाँ एकत्र करने के लिए Circular Letter जारी करने पर सहमति दी — यह CAC49 में मसौदा मानक को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है।

यह मानक वैश्विक व्यापार को एकरूप बनाने और भारत के काजू निर्यात को बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

क्षेत्रीय प्रभाव का विस्तार

भारत ने आगे बढ़कर:

  • क्षेत्रीय स्तर के लावर उत्पाद (समुद्री शैवाल) मानक को वैश्विक मानक में बदलने का समर्थन किया।

  • पाश्चुरित तरल ऊँट के दूध (Pasteurized Liquid Camel Milk) के मानकीकरण पर नया कार्य शुरू करने का स्वागत किया।

इससे भारत की समावेशी खाद्य व्यापार विकास के प्रति प्रतिबद्धता दिखती है।

भारत का विस्तृत प्रतिनिधिमंडल

भारतीय टीम का गठन बहु-क्षेत्रीय विशेषज्ञता को दर्शाता है, जिसमें शामिल थे:

  • वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय

  • स्पाइसेज़ बोर्ड

  • मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (MPEDA)

  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)

  • ICMR – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (NIN)

  • FICCI

इन सभी संस्थानों की संयुक्त विशेषज्ञता ने CAC48 में भारत की प्रभावी उपस्थिति और वैज्ञानिक, समावेशी नीतियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • कार्यक्रम: 48वाँ Codex Alimentarius Commission (CAC48)

  • भारत की भूमिका: एशिया क्षेत्र हेतु Codex Executive Committee (CCEXEC) में पुनर्निर्वाचन

  • अवधि: CAC50 (2027) तक

  • मुख्य नेता: राजित पुनहानी, CEO – FSSAI

मुख्य अपनाए गए मानक

  • ताज़ा खजूर का मानक (Step 8)

  • ताज़ी करी पत्तियों का मानक (स्वीकृति के लिए अग्रेषित)

  • कीटनाशक संदर्भ सामग्री स्थिरता के दिशानिर्देश

  • मूँगफली के लिए अफ्लाटॉक्सिन कोड का अद्यतन

  • काजू गिरी मानक पुनर्जीवित

  • विश्लेषण कोड में Nitrogen-to-Protein Conversion Factors शामिल

तकनीकी पहल

  • दस्तावेज़ अनुवाद में AI का उपयोग

गवर्नर्स अवार्ड्स 2025: टॉम क्रूज मानद ऑस्कर से सम्मानित

हॉलीवुड के सबसे प्रभावशाली और लंबे समय तक चमकने वाले सितारों में से एक टॉम क्रूज़ को 2025 के गवर्नर्स अवॉर्ड्स में मानद ऑस्कर (Honorary Academy Award) से सम्मानित किया गया। 63 वर्ष की आयु में क्रूज़ को यह सम्मान उनकी अभिनय, निर्माण और सिनेमाई अनुभव को संरक्षित करने में उनके चार दशकों से अधिक लंबे योगदान के लिए दिया गया। यह समारोह लॉस एंजेलिस के रे डॉल्बी बॉलरूम में आयोजित हुआ, जहाँ मनोरंजन जगत के अन्य अनेक दिग्गजों को भी सम्मानित किया गया।

क्रूज़ के मानद ऑस्कर का महत्व

टॉम क्रूज़ ब्लॉकबस्टर फिल्मों, स्टंट-प्रधान एक्शन और थिएटर अनुभव के पर्याय रहे हैं। कई बार ऑस्कर के लिए नामांकित होने के बावजूद, यह पहला अवसर था जब उन्होंने अपने हाथों में यह प्रतिष्ठित ट्रॉफी थामी।

मुख्य बिंदु

  • टॉम क्रूज़ को मानद ऑस्कर 2025 गवर्नर्स अवॉर्ड्स में मिला।

  • यह सम्मान उनके 40+ वर्षों के अभिनय, निर्माण और फिल्म उद्योग को आगे बढ़ाने के योगदान की मान्यता है।

  • समारोह में उन्हें दो मिनट की स्टैंडिंग ओवेशन मिली, जो उनके प्रभाव और विरासत को दर्शाती है।

क्रूज़ का भावुक स्वीकार भाषण

टॉम क्रूज़ ने मंच पर आते ही भावुक संदेश दिया, जिसमें उन्होंने फिल्मों के प्रति अपने जीवनभर के समर्पण को याद किया।

भाषण की मुख्य झलकियाँ

  • उन्होंने कहा, “फिल्में बनाना मेरा काम नहीं है, यह मेरी पहचान है।”

  • उन्होंने नए कलाकारों और रचनात्मक आवाज़ों को समर्थन देने तथा सिनेमा को सामूहिक अनुभव के रूप में बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।

  • उन्होंने मज़ाक में कहा, “उम्मीद है आगे कम हड्डियाँ टूटेंगी… लेकिन स्टंट करना नहीं छोड़ूँगा।”

फिल्म मॉन्टेज में करियर की झलकियाँ

मंच पर बुलाए जाने से पहले क्रूज़ के शानदार करियर की प्रमुख फिल्मों का एक विशेष वीडियो दिखाया गया।

दिखाई गई प्रमुख फ़िल्में

  • टैप्स (1981)

  • बॉर्न ऑन द फोर्थ ऑफ जुलाई (1989)

  • जेरी मैग्वायर (1996)

  • मैगनोलिया (1999)

  • टॉप गन: मेवरिक (2022)

  • मिशन: इम्पॉसिबल – द फाइनल रेकनिंग (2025)

गवर्नर्स अवॉर्ड्स क्रूज़ के लिए क्यों विशेष हैं

गवर्नर्स अवॉर्ड्स का प्रसारण टीवी पर नहीं होता — जो क्रूज़ जैसे थिएटर-समर्थक कलाकार के लिए उपयुक्त माना गया।

मुख्य बातें

  • यह सम्मान उनके करियर का एक बड़ा प्रतीकात्मक पड़ाव है, भले ही उन्होंने अभी तक प्रतिस्पर्धी (Competitive) ऑस्कर नहीं जीता।

  • उन्हें अब तक चार बार ऑस्कर के लिए नामांकन मिल चुका है।

  • यह सम्मान दर्शाता है कि आने वाले वर्षों में वे फिर से प्रतिष्ठित भूमिकाओं की ओर बढ़ रहे हैं।

अलेजांद्रो गोंज़ालेज़ इनारितु ने किया सम्मानित

अकादमी ने प्रसिद्ध निर्देशक अलेजांद्रो गोंज़ालेज़ इनारितु को यह पुरस्कार प्रस्तुत करने के लिए चुना।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • क्रूज़ और इनारितु इन दिनों 2026 में आने वाली एक फिल्म पर लंदन में काम कर रहे हैं।

  • इनारितु ने कहा, “यह उनका पहला ऑस्कर है… लेकिन आखिरी नहीं होगा।”

  • यह सहयोग क्रूज़ की “प्रेस्टीज सिनेमा” में वापसी का संकेत हो सकता है।

शाम के अन्य सम्मानीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता

2025 के गवर्नर्स अवॉर्ड्स में मनोरंजन जगत की कई हस्तियों को भी सम्मान दिया गया।

सम्मानित व्यक्तित्व

  • विन थॉमस – प्रतिष्ठित प्रोडक्शन डिज़ाइनर

  • डेबी एलन – मशहूर नृत्यांगना, अभिनेत्री और कोरियोग्राफर

  • डॉली पार्टन – आजीवन परोपकारी कार्यों के लिए सम्मानित (अनुपस्थित रहीं)

सितारों से सजी शाम

यह आयोजन आगामी ऑस्कर सीज़न की अनौपचारिक शुरुआत जैसा था।

उपस्थित प्रमुख कलाकार

  • लियोनार्डो डिकैप्रियो

  • माइकल बी. जॉर्डन

  • सिडनी स्वीनी

  • ड्वेन जॉनसन

  • एरियाना ग्रांडे

  • जैकब एलॉर्डी

इनकी उपस्थिति ने यह संकेत दिया कि ऑस्कर अभियान की प्रतिस्पर्धा शुरू हो चुकी है।

अक्टूबर 2025 में भारत की बेरोजगारी दर 5.2% पर बनी रहेगी

भारत के श्रम बाज़ार ने अक्टूबर 2025 में स्थिर सुधार के संकेत दिखाए। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के अनुसार देश की कुल बेरोज़गारी दर 5.2% पर बिना किसी बदलाव के बनी रही। यह आँकड़ा बताता है कि आर्थिक परिस्थितियों में उतार-चढ़ाव के बावजूद रोजगार का माहौल अपेक्षाकृत स्थिर है। जहाँ शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में हल्की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार लगभग स्थिर रहा। इससे यह स्पष्ट होता है कि श्रम बाज़ार में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के रुझान अलग-अलग दिशा में बढ़ रहे हैं।

अक्टूबर 2025 में बेरोज़गारी दर स्थिर

अक्टूबर 2025 में भारत की बेरोज़गारी दर 5.2% पर स्थिर बनी रही। ग्रामीण बेरोज़गारी घटकर 4.4% पर आ गई, जबकि शहरी बेरोज़गारी बढ़कर 7.0% हो गई। यह जानकारी सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की नवीनतम मासिक बुलेटिन में दी गई है। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में कुल बेरोज़गारी दर अक्टूबर में सितंबर के समान 5.2% रही।

हालाँकि कुल बेरोज़गारी दर में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन ग्रामीण और शहरी श्रम बाज़ारों में विपरीत रुझान देखने को मिले।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी सितंबर के 4.6% से घटकर 4.4% हो गई।

  • शहरी क्षेत्रों में बेरोज़गारी सितंबर के 6.8% से बढ़कर 7.0% पर पहुँच गई।

इस प्रकार, राष्ट्रीय बेरोज़गारी दर स्थिर रहने के बावजूद क्षेत्रीय स्तर पर श्रम बाज़ार में महत्वपूर्ण अंतर छिपे हुए हैं।

श्रम शक्ति भागीदारी और रोजगार अनुपात में सुधार

रोज़गार बुलेटिन के अनुसार श्रम बाज़ार के अन्य प्रमुख संकेतकों में सुधार दर्ज किया गया:

  • श्रम शक्ति भागीदारी दर (LFPR) बढ़कर 55.4% पर पहुँच गई — यह छह महीनों का उच्चतम स्तर है।

  • कार्यकर्ता जनसंख्या अनुपात (WPR) बढ़कर 52.5% हो गया — जून से लगातार वृद्धि जारी है।

  • महिला LFPR भी बेहतर हुआ है — जून के 32.0% से बढ़कर अक्टूबर में 34.2% हो गया।

ये संकेतक बताते हैं कि उपलब्ध श्रम शक्ति का बेहतर उपयोग हो रहा है, भले ही कुल बेरोज़गारी दर स्थिर बनी हुई है।

डेटा क्या दर्शाता है: मिश्रित संकेत

1. ग्रामीण रोजगार में हल्का सुधार

  • ग्रामीण बेरोज़गारी में गिरावट मौसमी कृषि कार्य, स्वयं-रोज़गार गतिविधियों और ग्रामीण महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के कारण हो सकती है।

2. शहरी श्रम बाज़ार पर दबाव

  • शहरी बेरोज़गारी बढ़कर 7.0% पहुँच जाना दर्शाता है कि

    • गुणवत्तापूर्ण नौकरियों की कमी,

    • रोजगार संरचना में बदलाव,

    • प्रवासन दबाव,

    • और कुछ सेवाक्षेत्रों में मंदी
      जैसी चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं।

3. महिलाओं की बेरोज़गारी और लैंगिक अंतर

  • महिलाओं (15 वर्ष और उससे ऊपर) में बेरोज़गारी सितंबर के 5.5% से घटकर 5.4% हो गई।

  • पुरुषों में कुल बेरोज़गारी 5.1% पर स्थिर रही, लेकिन शहरी पुरुष बेरोज़गारी 6.0% से बढ़कर 6.1% हो गई।

यह दर्शाता है कि लैंगिक रोजगार अंतर अभी भी मौजूद है, भले ही महिला भागीदारी में सुधार हो रहा है।

नीतिगत महत्व 

  • कुल रोजगार स्थिति स्थिर है, लेकिन ग्रामीण-शहरी असमानताएँ चिंताजनक हैं।

  • ग्रामीण रोजगार और भागीदारी में सुधार है, पर शहरी नौकरी सृजन अभी भी एक बड़ी चुनौती है।

  • महिला श्रम भागीदारी में वृद्धि उत्साहजनक है, लेकिन उन्हें मिलने वाले अवसरों में असमानता बनी हुई है।

  • UR के साथ LFPR और WPR पर ध्यान देना श्रम बाज़ार की वास्तविक स्थिति का बेहतर आकलन देता है।

सरकार को चाहिए कि वह:

  • गुणवत्तापूर्ण शहरी नौकरियाँ सृजित करे,

  • कौशल और नौकरी के बीच बेहतर मेल स्थापित करे,

  • बढ़ती महिला श्रम शक्ति के लिए पर्याप्त रोजगार अवसर तैयार करे।

मुख्य स्थैतिक तथ्य

  • कुल बेरोज़गारी दर: 5.2% (अक्टूबर 2025) — सितंबर के समान

  • ग्रामीण बेरोज़गारी: 4.4% (सितंबर के 4.6% से कम)

  • शहरी बेरोज़गारी: 7.0% (सितंबर के 6.8% से अधिक)

नवंबर 2025 तक भारत के शीर्ष 10 सबसे अमीर व्यक्ति, देखें सूची

भारत एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में निरंतर विकास कर रहा है, और यह प्रगति देश में अरबपतियों की बढ़ती संख्या में भी परिलक्षित होती है। 2025 तक, भारत में 200 से ज़्यादा अरबपति होंगे और अरबपतियों की संख्या के मामले में यह दुनिया में तीसरे स्थान पर होगा। हालाँकि इस वर्ष कई अमीर व्यक्तियों की कुल संपत्ति में गिरावट आई है, फिर भी भारत के शीर्ष कारोबारी नेता विभिन्न उद्योगों में अपना मज़बूत प्रभाव दिखा रहे हैं।

2025 में भारत का अरबपति परिदृश्य

फ़ोर्ब्स इंडिया की नवीनतम रिच लिस्ट के अनुसार, भारत के अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति पहले की तुलना में थोड़ी कम हुई है, लेकिन देश अभी भी शक्तिशाली उद्यमियों का केंद्र बना हुआ है। जहाँ कई व्यवसाय मालिकों की कुल संपत्ति में गिरावट देखी गई, वहीं कुछ प्रमुख हस्तियाँ अपनी कंपनियों के मज़बूत प्रदर्शन के कारण रैंकिंग में ऊपर पहुँच गईं।

नवंबर 2025 तक भारत के शीर्ष 10 सबसे अमीर व्यक्ति

105 अरब डॉलर की प्रभावशाली निवल संपत्ति के साथ, मुकेश अंबानी नवंबर 2025 तक भारत के सबसे अमीर व्यक्ति होंगे, उनके बाद गौतम अडानी, सावित्री जिंदल और सुनील मित्तल का स्थान होगा।

नवंबर 2025 तक भारत के शीर्ष 10 सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची इस प्रकार है:

Rank Name Net Worth (in USD, billion) Company Name 
1. Mukesh Ambani $105 B Reliance Industries
2. Gautam Adani & Family $92 B Adani Group
3. Savitri Jindal & Family $40.2 B Jindal Group
4. Sunil Mittal & Family $34.2 B Bharti Enterprises
5. Shiv Nadar $33.2 B HCL Technologies
6. Radhakishan Damani & Family $28.2 B DMart
7. Dilip Shanghvi & family $26.3 B Sun Pharmaceutical Industries
8. Bajaj Family $21.8 B Bajaj Group
9. Cyrus Poonawalla $21.4 B Serum Institute of India
10. Kumar Birla $20.7 B Aditya Birla Group

मुकेश अंबानी, भारत के सबसे अमीर आदमी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी 2025 में भी भारत के सबसे अमीर व्यक्ति बने रहेंगे। उनकी अनुमानित कुल संपत्ति 105 अरब डॉलर है। रिलायंस भारत की सबसे सफल और विविध कंपनियों में से एक है, जिसका कारोबार ऊर्जा, दूरसंचार, खुदरा और अन्य क्षेत्रों में फैला हुआ है।

गौतम अडानी, भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति

अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी 92 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। उनका व्यापारिक साम्राज्य बंदरगाहों, ऊर्जा, बुनियादी ढाँचे और कई अन्य क्षेत्रों में फैला हुआ है। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, अडानी परिवार भारतीय अर्थव्यवस्था में एक मज़बूत स्थान रखता है।

सावित्री जिंदल, भारत की तीसरी सबसे अमीर व्यक्ति

ओपी जिंदल समूह की अध्यक्ष सावित्री जिंदल 40.2 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर हैं। वह शीर्ष 10 में एकमात्र महिला हैं और भारत के शक्तिशाली धातु एवं खनन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं।

क्या हैं DPDP Rule 2025? सब कुछ यहां जानें

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) नियम 2025 को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है। इसके साथ ही, अब DPDP 2023 एक्ट पूरी तरह से लागू हो गया है। ये नए नियम यूजर्स को कंपनियों द्वारा इक्ट्ठा और संसाधित किए जा रहे उनके व्यक्तिगत डेटा की पूरी जानकारी देगें। साथ ही, इन नियमों से यूजर्स को यह भी पता चलेगा कि कंपनियां उनके डेटा का उपयोग कैसे करेंगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 11 अगस्त, 2023 को संसद में DPDP एक्ट पास हुआ था।

यह महत्वपूर्ण कदम व्यक्तिगत गोपनीयता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए डिजिटल निजी डेटा के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने वाला एक व्यापक, नागरिक-केंद्रित कानूनी ढांचा प्रदान करता है। इन नियमों का निर्माण एक समावेशी राष्ट्रीय परामर्श प्रक्रिया के बाद किया गया, जिसमें स्टार्टअप्स, उद्योग संगठनों, नागरिक समाज, सरकारी विभागों और आम नागरिकों सहित विभिन्न हितधारकों से कुल 6,915 सुझाव प्राप्त हुए।

जिम्मेदार डिजिटल डेटा शासन के नए युग की शुरुआत करते हुए, DPDP अधिनियम और नियम एक ऐसा संतुलित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का लक्ष्य रखते हैं, जिसमें गोपनीयता, नवाचार और डिजिटल विकास साथ-साथ बढ़ सकें। यह ढांचा SARAL सिद्धांत—सरल, सुलभ, तार्किक और क्रियाशील—पर आधारित है। अधिनियम सभी डिजिटल निजी डेटा पर लागू होता है और नागरिकों को स्पष्ट अधिकार तथा संगठनों को निश्चित ज़िम्मेदारियाँ प्रदान करता है, जिससे लोग अपने डेटा को आसानी से समझ, एक्सेस और नियंत्रित कर सकें।

DPDP नियम, 2025 की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. चरणबद्ध कार्यान्वयन:
    नियमों के पालन हेतु 18 महीने की व्यावहारिक अवधि दी गई है, ताकि संगठन अपनी प्रणालियों को नए मानकों के अनुरूप ढाल सकें और ‘प्राइवेसी-बाय-डिज़ाइन’ को अपनाते हुए अनुपालन सुनिश्चित कर सकें।

  2. अनिवार्य सहमति नोटिस:
    किसी भी निजी डेटा की प्रोसेसिंग से पहले सभी डेटा फिड्यूशियरी को स्पष्ट, सरल और उद्देश्य-विशिष्ट सहमति नोटिस जारी करने होंगे। सहमति प्रबंधक (Consent Managers) भारत-आधारित और पूर्णतः इंटरऑपरेबल प्लेटफॉर्म प्रदान करेंगे।

  3. डेटा उल्लंघन प्रोटोकॉल:
    डेटा ब्रीच की स्थिति में संगठनों को प्रभावित व्यक्तियों को सरल भाषा में तुरंत सूचित करना होगा—उल्लंघन का प्रकार, प्रभाव, उठाए गए कदम और उपलब्ध सहायता की जानकारी सहित।

  4. नागरिक सशक्तिकरण एवं डिजिटल अधिकार:
    नियम नागरिकों के निम्नलिखित डिजिटल अधिकारों को लागू करते हैं:

    • सहमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार

    • उपयोग के उद्देश्य को जानने का अधिकार

    • डेटा तक पहुंच, संशोधन, अपडेट या मिटाने का अधिकार

    • किसी नामांकित व्यक्ति को अधिकृत करने का अधिकार

    • 90 दिनों के भीतर जवाब पाने का अधिकार

    • डेटा उल्लंघन के दौरान सुरक्षा का अधिकार
      बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान भी जोड़े गए हैं, जिनमें सत्यापित अभिभावक की सहमति अनिवार्य है।

  5. स्पष्ट शिकायत निवारण तंत्र:
    संगठनों को डेटा संबंधी शिकायतों हेतु संपर्क विवरण प्रकाशित करना होगा। महत्वपूर्ण डेटा फिड्यूशियरी को स्वतंत्र ऑडिट, जोखिम मूल्यांकन और परिस्थिति अनुसार डेटा स्थानीयकरण जैसी अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ निभानी होंगी।

  6. पूर्णतः डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड:
    डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया चार सदस्यों वाला डिजिटल-प्रथम प्राधिकरण होगा। नागरिक ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकेंगे, मामले की प्रगति ट्रैक कर सकेंगे और निर्णयों के विरुद्ध TDSAT में अपील कर सकेंगे।

DPDP अधिनियम के अंतर्गत दंड:

  • सुरक्षा उपाय लागू न करने पर: ₹250 करोड़ तक

  • बच्चों से संबंधित उल्लंघनों या डेटा ब्रीच की सूचना न देने पर: ₹200 करोड़ तक

  • अन्य उल्लंघनों पर: ₹50 करोड़ तक

ये दंड जवाबदेही सुनिश्चित करने और बेहतर डेटा प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बनाए गए हैं।

RTI अधिनियम के साथ सामंजस्य:
DPDP अधिनियम ने RTI अधिनियम की धारा 8(1)(j) में संशोधन कर इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा मान्यता प्राप्त गोपनीयता के मौलिक अधिकार के अनुरूप बनाया है। अब:

  • व्यक्तिगत डेटा का प्रकटीकरण केवल तभी होगा जब सार्वजनिक हित उससे होने वाले नुकसान से अधिक हो।

  • धारा 8(2) जस की तस बनी रहेगी, जिससे शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

  • गोपनीयता और जन-हितकारी सूचना तक पहुंच के बीच संतुलन स्पष्ट और न्यायालय-अनुरूप रहेगा।

DPDP नियम, 2025 — मुख्य तथ्य:

  • अधिसूचित: 14 नवंबर 2025

  • अधिनियम लागू: 11 अगस्त 2023

  • प्राप्त सुझाव: 6,915

  • अनुपालन अवधि: 18 महीने

  • नियामक प्राधिकरण: डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया

  • प्रमुख अवधारणाएँ: डेटा प्रिंसिपल, डेटा फिड्यूशियरी, कंसेंट मैनेजर, डेटा प्रोसेसर

  • अपीलीय प्राधिकारी: TDSAT

  • अधिकतम दंड: ₹250 करोड़

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