आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया

आयुष मंत्रालय ने दिल्ली स्थित आयुष भवन में ‘राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम’ का एक विशेष सत्र आयोजित किया। यह पहल ‘मिशन कर्मयोगी’ ढांचे के तहत क्षमता निर्माण आयोग (CBC) के सहयोग से आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मंत्रालय के कर्मियों में सेवा भावना, व्यावसायिक क्षमता तथा जन सेवा की दक्षता को बढ़ाना है।

मुख्य बिंदु

  • आयोजक मंत्रालय: आयुष मंत्रालय
  • कार्यक्रम का नाम: राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम
  • आयोजन की तिथि: 16 अप्रैल, 2025
  • स्थान: आयुष भवन, नई दिल्ली
  • मिशन के अंतर्गत: मिशन कर्मयोगी
  • सहयोग: क्षमता निर्माण आयोग (CBC)

कार्यक्रम का चरणबद्ध विवरण

प्रथम चरण

  • उद्घाटन: वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय द्वारा

  • उद्देश्य: उत्तरदायी और दक्ष कार्यबल का निर्माण

  • प्रशिक्षण को दैनिक सरकारी कार्यों में व्यवहारिक रूप से लागू करने पर बल

द्वितीय चरण

  • नेतृत्व: डॉ. सुभोध कुमार (कार्यक्रम निदेशक)

  • संचालन: श्रीमती शिप्रा सिंह

  • शिक्षण विधि: संवादात्मक व गतिविधि-आधारित

    • समूह चर्चाएं

    • टीम आधारित अभ्यास

    • समस्या समाधान गतिविधियाँ

प्रशिक्षण सत्र की मुख्य विषयवस्तु

  • आत्म-जागरूकता

  • प्रेरणा

  • नेतृत्व

  • लोक सेवा में योगदान

  • अध्ययन के साधन: आयुर्वेद, योग और पारंपरिक चिकित्सा से केस स्टडी

  • वास्तविक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रासंगिक संदर्भ प्रदान किया गया

भागीदारी और प्रभाव

  • मंत्रालय के अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी

  • लोक सेवा में व्यक्तिगत भूमिका की बेहतर समझ

  • संगठनात्मक लक्ष्यों और नागरिक केंद्रित सेवा वितरण के प्रति जागरूकता में वृद्धि

सारांश/स्थैतिक जानकारी विवरण
समाचार में क्यों? आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया
आयोजक आयुष मंत्रालय
स्थान आयुष भवन, नई दिल्ली
ढांचे के अंतर्गत मिशन कर्मयोगी
सहयोगी संस्था क्षमता निर्माण आयोग (CBC)
प्रथम चरण का नेतृत्व वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय
द्वितीय चरण का नेतृत्व डॉ. सुभोध कुमार (निदेशक), सह-संचालक – श्रीमती शिप्रा सिंह
कार्यप्रणाली संवादात्मक प्रारूप, समूह कार्य, चर्चाएँ, केस स्टडी
मुख्य विषयवस्तु आत्म-जागरूकता, प्रेरणा, नेतृत्व, सेवा की जिम्मेदारी

रक्षा साहित्य महोत्सव ‘कलम और कवच 2.0’ का आयोजन

रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) के तत्वावधान में संयुक्त युद्ध अध्ययन केंद्र (सीईएनजेओडब्ल्यूएस) ने पेंटागन प्रेस के सहयोग से नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में रक्षा साहित्य महोत्सव ‘कलम और कवच 2.0’ का दूसरी बार सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस वर्ष का विषय ‘रक्षा सुधारों के माध्यम से देश के उत्थान को सुरक्षित करना’ था। 15 अप्रैल, 2025 को आयोजित इस कार्यक्रम में रक्षा प्रौद्योगिकी और विशेष रूप से भविष्य के युद्ध पर रक्षा विनिर्माण के संदर्भ में ध्यान केंद्रित किया गया। यह प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के अनुरूप था और इसमें अधिग्रहण और खरीद सुधारों के प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।

प्रमुख बिंदु 

1. रक्षा प्रौद्योगिकी और भविष्य का युद्ध

  • आधुनिक युद्ध में तकनीक की भूमिका: चर्चा का केंद्र था कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), साइबर तकनीक, क्वांटम कंप्यूटिंग, ड्रोन, अंतरिक्ष तकनीक और सेमीकंडक्टर्स जैसी उभरती तकनीकों का सैन्य अभियानों में एकीकरण।

  • भविष्य का युद्ध: युद्ध के विभिन्न क्षेत्रों (थल, वायु, जल, साइबर और अंतरिक्ष) के एकीकरण पर विशेष बल दिया गया, जिससे एक समन्वित और बहु-आयामी रक्षा रणनीति बन सके।

  • AI और साइबर तकनीक: साइबर सुरक्षा और संचालन क्षमता बढ़ाने में AI और साइबर क्षमताओं की महत्ता पर ज़ोर दिया गया।

2. रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भरता

  • आत्मनिर्भर भारत: कार्यक्रम में रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को दोहराया गया।

  • मेक इन इंडिया रक्षा तकनीक: भारत को रक्षा तकनीक और निर्माण में अपनी स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया, जिससे विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता घटे।

3. अधिग्रहण और खरीद सुधार

  • रणनीतिक रोडमैप: भारत की रक्षा खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए जारी सुधारों पर चर्चा की गई।

  • रक्षा खरीद नीति: सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा देने के लिए रक्षा खरीद नीतियों में सुधार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की आवश्यकता पर विचार किया गया।

4. बहु-क्षेत्रीय और पार-क्षेत्रीय क्षमताएं

  • पार-क्षेत्रीय संचालन क्षमताएं: सेना के संचालन में थल, वायु, जल, साइबर और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों के सामूहिक एकीकरण की अहमियत को रेखांकित किया गया।

  • नई सुरक्षा चुनौतियां: समुद्री सुरक्षा (maritime security) पर विशेष चर्चा हुई, जिसमें समुद्री सीमाओं की रक्षा और भविष्य की रणनीतियों को सामने रखा गया।

5. सुधारों का वर्ष – 2025

  • रक्षा मंत्री की घोषणा: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों के लिए “सुधारों का वर्ष” घोषित किया।

  • मिशन मोड दृष्टिकोण: रक्षा सुधारों, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मिशन मोड में लागू करने की प्रतिबद्धता जताई गई, जिससे सेना को तकनीकी रूप से उन्नत और युद्ध-तैयार बल बनाया जा सके।

6. प्रमुख निष्कर्ष 

  • राष्ट्रीय सुरक्षा पर रणनीतिक फोकस

  • रक्षा खरीद प्रणाली में सुधार

  • रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

  • रक्षा प्रौद्योगिकी का एकीकरण

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
समाचार में क्यों? रक्षा साहित्य महोत्सव ‘कलम और कवच 2.0’ का आयोजन
कार्यक्रम की थीम ‘रक्षा सुधारों के माध्यम से भारत के उत्थान को सुरक्षित करना’
मुख्य फोकस क्षेत्र रक्षा प्रौद्योगिकी, भविष्य का युद्ध, AI, साइबर टेक, रक्षा निर्माण
चर्चित प्रमुख तकनीकें AI, साइबर तकनीक, क्वांटम कंप्यूटिंग, ड्रोन, अंतरिक्ष तकनीक, सेमीकंडक्टर्स
आत्मनिर्भरता (Aatmanirbharta) स्वदेशी निर्माण व रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता पर जोर
खरीद सुधार रक्षा खरीद नीति में पारदर्शिता और आधुनिकीकरण पर बल
बहु-क्षेत्रीय संचालन (Multi-Domain) थल, वायु, जल, साइबर और अंतरिक्ष में समन्वय
सुधारों का वर्ष – 2025 सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से सक्षम और युद्ध-तैयार बनाने पर बल
रक्षा मंत्री की घोषणा 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों के लिए ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया गया

कौन हैं जस्टिस बीआर गवई, जो होंगे देश के अगले CJI

भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने 16 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई को अपना उत्तराधिकारी नामित किया। यह नामांकन कानून मंत्रालय को भेजे गए पत्र के माध्यम से किया गया। सरकार की मंजूरी के बाद, न्यायमूर्ति गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। वे 13 मई 2025 को न्यायमूर्ति खन्ना के सेवानिवृत्त होने के बाद इस पद को संभालेंगे। न्यायमूर्ति गवई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए थे और उनका कानूनी सफर दशकों तक फैला है। उन्होंने विशेष रूप से संवैधानिक और प्रशासनिक कानून में भारतीय न्यायशास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

न्यायमूर्ति बीआर गवई का करियर विवरण 

पृष्ठभूमि और प्रारंभिक करियर

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई का जन्म महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। उन्होंने 1985 में वकालत की शुरुआत की।
शुरुआत में वे बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता और न्यायाधीश राजा एस. भोसले के अधीन कार्यरत रहे (1985–1987)।
उन्होंने मुख्यतः बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून पर प्रैक्टिस की।

सरकारी भूमिकाएं

1992-93 में उन्हें नागपुर पीठ के लिए सहायक सरकारी वकील एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक नियुक्त किया गया।
2000 में वे सरकारी वकील और लोक अभियोजक के पद पर पदोन्नत हुए।

न्यायिक करियर

  • नवंबर 2003 में बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए।

  • नवंबर 2005 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए।

  • मई 2019 में उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

न्यायमूर्ति गवई के प्रमुख न्यायिक योगदान

1. विमुद्रीकरण पर फैसला (जनवरी 2023)

न्यायमूर्ति गवई उस बहुमत पीठ का हिस्सा थे, जिसने केंद्र सरकार के 2016 में ₹500 और ₹1000 के नोटों को विमुद्रीकृत करने के फैसले को वैध ठहराया।

2. अनुसूचित जाति एवं जनजातियों का उपवर्गीकरण (अगस्त 2024)

इस ऐतिहासिक मामले में उन्होंने “क्रीमी लेयर” की अवधारणा को अनुसूचित जातियों और जनजातियों पर लागू करने की वकालत की, ताकि केवल वास्तविक जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ मिले।

3. अनुच्छेद 370 की समाप्ति (2019)

न्यायमूर्ति गवई उस पाँच-न्यायाधीशों की पीठ में शामिल थे, जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय को संवैधानिक ठहराया।

4. बुलडोजर से तोड़फोड़ की आलोचना (नवंबर 2024)

एक द्वि-न्यायाधीशीय पीठ में, न्यायमूर्ति गवई ने अपराध के संदिग्धों की संपत्ति को बिना उचित प्रक्रिया के बुलडोजर से गिराए जाने की आलोचना की और इसे कानून के शासन के विरुद्ध बताया।

नीति आयोग ने 25 अरब डॉलर से अधिक निर्यात क्षमता वाली रिपोर्ट जारी की

नीति आयोग ने ‘Unlocking $25+ Billion Export Potential – India’s Hand & Power Tools Sector’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसका उद्देश्य वैश्विक व्यापार परिदृश्य में भारत के हैण्ड और पावर टूल्स उद्योग की संभावनाओं को उजागर करना है। यह रिपोर्ट दर्शाती है कि यह क्षेत्र भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करने और देश को वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकता है। 2035 तक वैश्विक हैण्ड और पावर टूल्स बाजार के तीव्र विस्तार की संभावना के मद्देनज़र, भारत यदि इस क्षेत्र को रणनीतिक रूप से मजबूत करता है तो अगले दशक में $25 अरब से अधिक के निर्यात और लगभग 35 लाख नए रोजगारों की संभावना बन सकती है। यह रिपोर्ट न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नीतिगत हस्तक्षेपों, चुनौतियों और अवसरों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करती है जो भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बनाने में सहायक हो सकते हैं।

रिपोर्ट की मुख्य जानकारियाँ 

वैश्विक बाजार और भारत की स्थिति

  • वैश्विक बाजार आकार: वर्तमान में हैंड और पावर टूल्स का वैश्विक बाजार लगभग $100 अरब का है, जो 2035 तक बढ़कर $190 अरब तक पहुँचने का अनुमान है।

  • भारत की हिस्सेदारी: भारत वर्तमान में $600 मिलियन के हैंड टूल्स (1.8%) और $470 मिलियन के पावर टूल्स (0.7%) का निर्यात करता है।

  • चीन की प्रमुखता: चीन इस क्षेत्र में अग्रणी है—हैंड टूल्स में $13 अरब (50%) और पावर टूल्स में $22 अरब (40%) के निर्यात के साथ।

भारत की निर्यात क्षमता

  • लक्ष्य: भारत अगले 10 वर्षों में हैंड टूल्स में 25% और पावर टूल्स में 10% की वैश्विक हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, जिससे कुल निर्यात $25 अरब तक पहुँच सकता है।

  • रोजगार: इस लक्ष्य को प्राप्त करने पर लगभग 35 लाख रोजगार सृजित हो सकते हैं, विशेष रूप से निर्माण और निर्यात क्षेत्रों में।

मुख्य चुनौतियाँ

  • लागत की असमानता: भारत को चीन की तुलना में 14-17% की लागत का नुकसान होता है, कारण हैं:

    • उच्च कच्चे माल की लागत (जैसे स्टील, प्लास्टिक, मोटर)।

    • श्रम उत्पादकता कम होना (अधिक वेतन, ओवरटाइम प्रतिबंध)।

    • परिवहन और लॉजिस्टिक्स की अधिक लागत (विशेष रूप से अंतर्देशीय राज्यों से बंदरगाहों तक)।

  • ब्याज दरें और ओवरहेड्स: उच्च ब्याज दरें और परिवहन लागत भी प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित करती हैं।

विकास के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप

  • विश्वस्तरीय क्लस्टर: हैंड टूल क्लस्टर विकसित करना।

  • PPP मॉडल: सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी में निवेश।

संरचनात्मक लागत असंतुलन को दूर करना

  • नीति सुधार:

    • क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCO) को सरल बनाना।

    • स्टील जैसे कच्चे माल पर आयात शुल्क घटाना।

    • EPCG स्कीम्स को सरल बनाना।

  • श्रम और भवन नियमों में सुधार: श्रम कानूनों में लचीलापन लाना और भवन निर्माण नियमों को सरल करना।

ब्रिज कॉस्ट सपोर्ट (अस्थायी सहायता)

  • यदि सुधार तुरंत लागू नहीं होते, तो सरकार को ₹8,000 करोड़ की अस्थायी सहायता देनी पड़ सकती है।

  • लेकिन यदि सुधार समय पर होते हैं, तो अतिरिक्त फंडिंग की आवश्यकता नहीं होगी।

  • लाभ: इन सुधारों से अगले 5 वर्षों में सरकार को 2-3 गुना टैक्स रिटर्न मिल सकता है।

विषय विवरण
समाचार में क्यों? नीति आयोग ने “Unlocking $25+ Billion Export Potential” रिपोर्ट जारी की
उपकरणों का वैश्विक बाजार वर्तमान में $100 अरब का, 2035 तक $190 अरब तक पहुँचने का अनुमान
भारत की निर्यात हिस्सेदारी हैंड टूल्स: $600 मिलियन (1.8%), पावर टूल्स: $470 मिलियन (0.7%)
निर्यात लक्ष्य अगले 10 वर्षों में $25 अरब का निर्यात, 35 लाख रोजगार सृजन की संभावना
लागत में नुकसान भारत को 14–17% अधिक लागत का सामना करना पड़ता है (कच्चे माल, लॉजिस्टिक्स आदि के कारण)
प्रमुख हस्तक्षेप 1. विश्वस्तरीय हैंड टूल क्लस्टर विकसित करना
2. बाज़ार सुधारों के माध्यम से लागत असंतुलन को दूर करना
3. प्रतिस्पर्धा बनाए रखने हेतु ब्रिज कॉस्ट सपोर्ट प्रदान करना
सरकारी फोकस हैंड और पावर टूल्स क्षेत्र को भारत की निर्माण और आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना गया है

कौन है डेनियल नोबोआ, जिन्हें चुना गया इक्वाडोर का राष्ट्रपति

इक्वाडोर के दक्षिणपंथी मौजूदा राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ ने दूसरे दौर के राष्ट्रपति रन-ऑफ चुनाव में जीत हासिल कर ली है। इस जीत के साथ उन्हें पूर्ण चार वर्षीय कार्यकाल मिला है। नोबोआ ने अपनी वामपंथी प्रतिद्वंद्वी लुइसा गोंजालेज़ को बड़े अंतर से हराया, जो देश में बढ़ती नशीली तस्करी से जुड़ी हिंसा और आर्थिक अस्थिरता के बीच जनता की चिंताओं को दर्शाता है। राष्ट्रीय चुनाव परिषद ने परिणामों की घोषणा की, हालांकि लुइसा गोंजालेज़ ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए पुनर्मतगणना की मांग की है।

मुख्य बिंदु

चुनाव परिणाम और मत प्रतिशत

  • डैनियल नोबोआ ने राष्ट्रपति रन-ऑफ चुनाव में 55.8% वोट हासिल कर जीत दर्ज की।

  • उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी लुइसा गोंजालेज़ पर लगभग 12 अंकों की बढ़त बनाई, जिन्हें करीब 44.2% वोट मिले।

  • परिणामों की घोषणा 90% से अधिक मतगणना के आधार पर की गई।

  • नोबोआ को पहले 2023 के त्वरित चुनावों में चुना गया था; अब उन्हें पूरा चार साल का कार्यकाल प्राप्त हुआ है।

चुनावी धांधली के दावे

  • गोंजालेज़ ने चुनाव को “इक्वाडोर के इतिहास में सबसे भयावह और विकृत चुनावी धोखाधड़ी” बताया।

  • उन्होंने पुनर्मतगणना की मांग की, भले ही अंतर स्पष्ट था।

  • नोबोआ ने आरोपों को नकारते हुए चुनावी प्रक्रिया में जनता के विश्वास को दोहराया।

पृष्ठभूमि

  • इक्वाडोर में 2021 से नशीली तस्करी से जुड़ी हिंसा में तेजी आई है, क्योंकि यह कोलंबिया और पेरू जैसे कोकीन उत्पादक देशों के निकट है।

  • नोबोआ का अभियान “mano dura” (लोहे की मुट्ठी) नीति पर केंद्रित था ताकि कानून और व्यवस्था बहाल की जा सके।

  • 2025 की शुरुआत में हर घंटे एक हत्या तक के मामले सामने आए।

नोबोआ के तहत सुरक्षा उपाय

  • उन्होंने सार्वजनिक सुरक्षा का सैन्यीकरण किया — शहरों और बंदरगाहों में सैनिकों की तैनाती की।

  • ड्रग कार्टेल के खिलाफ कार्रवाई की गई और कई प्रमुख अपराधी नेताओं को पकड़ा गया।

  • अमेरिकी विशेष बलों को भी एंटी-नारकोटिक ऑपरेशनों में सहायता के लिए आमंत्रित किया गया।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

  • बढ़ती हिंसा के कारण विदेशी निवेश और पर्यटन में गिरावट आई, जिससे आर्थिक संकट और गहरा गया।

  • गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले इक्वाडोरवासियों की संख्या बढ़कर 28% हो गई।

  • नोबोआ ने सुरक्षा, रोजगार सृजन और विदेशी व्यापार पर ध्यान केंद्रित करते हुए आर्थिक पुनरुद्धार का वादा किया है।

विपक्षी प्रोफ़ाइल

  • लुइसा गोंजालेज़ एक वामपंथी नेता हैं, जो पूर्व राष्ट्रपति राफेल कोरेया के करीबी मानी जाती हैं।

  • उन्हें पहले दौर में आदिवासी नेता लियोनिदास इज़ा का समर्थन प्राप्त था।

  • हालांकि शुरू में उन्हें बढ़त मिली थी, लेकिन सुरक्षा मुद्दों ने मतदाताओं को नोबोआ के पक्ष में कर दिया।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
चर्चा में क्यों? डैनियल नोबोआ ने इक्वाडोर के 2025 राष्ट्रपति रन-ऑफ चुनाव में पुनः जीत दर्ज की
राष्ट्रपति पुनः निर्वाचित डैनियल नोबोआ
राजनीतिक जुड़ाव दक्षिणपंथी (Right-wing)
विपक्षी उम्मीदवार लुइसा गोंजालेज़ (वामपंथी – Left-wing)
नोबोआ का मत प्रतिशत 55.8%
गोंजालेज़ का मत प्रतिशत 44.2%
चुनाव प्रकार दूसरे चरण का रन-ऑफ चुनाव
कार्यकाल अवधि पूर्ण 4 वर्षीय कार्यकाल (2023 के आकस्मिक चुनावों से पहले का अंतरिम कार्यकाल समाप्त)
मुख्य फोकस क्षेत्र ड्रग कार्टेल पर सख्त कार्रवाई, आर्थिक पुनरुद्धार
हिंसा की स्थिति 2025 की शुरुआत में प्रति घंटे 1 हत्या; ड्रग कार्टेल से जुड़ी हिंसा
गरीबी दर जनसंख्या का 28%
गोंजालेज़ को प्रमुख समर्थन लियोनिदास इज़ा (आदिवासी नेता), राफेल कोरेया (पूर्व राष्ट्रपति)

मॉर्गन स्टेनली ने भारत के वित्त वर्ष 26 के पूर्वानुमान को घटाया

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए ऊंचे शुल्कों के चलते उत्पन्न वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण भारतीय शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था को लेकर अपना अनुमान घटा दिया है। कंपनी ने साल के अंत तक सेंसेक्स का लक्ष्य 93,000 से घटाकर 82,000 कर दिया है। इसके साथ ही भारत की FY26 की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान भी घटाकर 6.1% कर दिया गया है। इन अमेरिकी शुल्कों ने वैश्विक निवेश धारणा को प्रभावित किया है, जिससे भारतीय बाजारों में भी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है।

मुख्य बिंदु 

सेंसेक्स लक्ष्य में कटौती

  • मॉर्गन स्टैनली ने वर्ष 2025 के अंत तक सेंसेक्स का लक्ष्य घटाकर 82,000 कर दिया है, जो वर्तमान स्तर से लगभग 9% की वृद्धि को दर्शाता है।
  • पहले यह लक्ष्य 93,000 निर्धारित किया गया था।
  • यह गिरावट अमेरिका के नए शुल्कों के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाओं से जुड़ी है।

कारण: अमेरिकी शुल्कों का प्रभाव

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को 70 व्यापारिक साझेदारों पर नए शुल्क लागू किए, जिसे उन्होंने “Liberation Day” कहा।
  • भारत पर 26% अतिरिक्त शुल्क लगाया गया — यह चीन, वियतनाम और दक्षिण कोरिया से कम है।
  • इन संरक्षणवादी नीतियों से वैश्विक व्यापार तनाव और बाजार अस्थिरता बढ़ी है।

जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटा

  • मॉर्गन स्टैनली ने भारत की FY26 जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5% से घटाकर 6.1% कर दिया (40 बेसिस पॉइंट की गिरावट)।
  • RBI ने भी अपनी 9 अप्रैल की मौद्रिक नीति समिति (MPC) में FY26 का अनुमान 6.7% से घटाकर 6.5% किया।

अन्य ब्रोकरेज ने अनुमान संशोधित किए

  • UBS: 6.3% से → 6.0% (25 बीपीएस कटौती)
  • गोल्डमैन सैक्स: संशोधित कर 6.1%
  • सिटी: 40 बीपीएस प्रभाव अपेक्षित
  • क्वांटइको रिसर्च: 30 बीपीएस प्रभाव
  • HSBC/UBS सिक्योरिटीज: 20-50 बीपीएस गिरावट का अनुमान

मॉर्गन स्टैनली का सेक्टर आधारित दृष्टिकोण

ओवरवेट (सकारात्मक रुख):

  • फाइनेंशियल्स

  • कंज़्यूमर साइक्लिकल्स

  • इंडस्ट्रियल्स

अंडरवेट (नकारात्मक रुख):

  • एनर्जी

  • मटेरियल्स

  • यूटिलिटीज

  • हेल्थकेयर

सारांश / स्थैतिक जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? मॉर्गन स्टैनली द्वारा भारत की FY26 आर्थिक अनुमान में कटौती
नया सेंसेक्स लक्ष्य 82,000 (पहले: 93,000)
कटौती का कारण अमेरिका के टैरिफ और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
भारत पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव 26% अतिरिक्त शुल्क; चीन, वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धियों से कम
मॉर्गन स्टैनली का जीडीपी अनुमान FY26 के लिए 6.1% (40 बेसिस पॉइंट की कटौती)
RBI का जीडीपी अनुमान (9 अप्रैल, 2025) 6.5% (पहले 6.7%)
प्रमुख टैरिफ तिथि 2 अप्रैल, 2025 (ट्रंप का “लिबरेशन डे”)

 

राष्ट्रीय राजमार्ग उत्कृष्टता पुरस्कार (एनएचईए) 2023

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास में नवाचार को बढ़ावा देने, उत्कृष्टता को मान्यता देने और गुणवत्ता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग उत्कृष्टता पुरस्कार 2023 (NHEA 2023) के छठे संस्करण का आयोजन 15 अप्रैल 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य देश भर में सड़क निर्माण और राजमार्ग रखरखाव के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना, उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित करना और सर्वोत्तम मानकों की स्थापना करना है।

मुख्य बिंदु 

आयोजन विवरण

  • अवसर: 6वें राष्ट्रीय राजमार्ग उत्कृष्टता पुरस्कार 2023

  • स्थान: भारत मंडपम, नई दिल्ली

  • तारीख: 15 अप्रैल 2025

  • आयोजक: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH)

मुख्य अतिथि

  • श्री नितिन गडकरी (केंद्रीय मंत्री, MoRTH)

  • श्री हर्ष मल्होत्रा (राज्यमंत्री, MoRTH एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय)

  • डॉ. वी.के. सारस्वत (सदस्य, नीति आयोग)

  • श्री वी. उमाशंकर (सचिव, MoRTH)

  • श्री संतोष कुमार यादव (अध्यक्ष, NHAI)

प्रमुख पुरस्कार श्रेणियाँ और विजेता

  1. परियोजना प्रबंधन में उत्कृष्टता (PPP मोड)

    • पुरस्कार: रजत पुरस्कार

    • विजेता: एच.जी. इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड

    • परियोजना: अटेली मंडी से नारनौल, NH-11 और नारनौल बाइपास (हरियाणा)

  2. परियोजना प्रबंधन में उत्कृष्टता (EPC मोड)

    • पुरस्कार: रजत पुरस्कार

    • विजेता: भारतिया इंफ्रा प्रोजेक्ट्स

    • परियोजना: हकांजुरी से खोंसा, NH-315A (अरुणाचल प्रदेश)

  3. संचालन एवं रखरखाव में उत्कृष्टता (लचीली सड़क)

    • पुरस्कार: स्वर्ण पुरस्कार

    • विजेता: नांगुनेरी कन्याकुमारी टोलवे प्रा. लि.

    • परियोजना: मदुरै से कन्याकुमारी, NH-7 पैकेज 4 (तमिलनाडु)

  4. हरित राजमार्ग श्रेणी

    • स्वर्ण पुरस्कार: अशोका बिल्डकॉन लि. (कंडी से रामसंपल्ले, NH-161, तेलंगाना)

    • रजत पुरस्कार: डेक्कन टोलवे लि. (महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा से संगारेड्डी, NH-65)

  5. सर्वश्रेष्ठ अभियंता पुरस्कार

    • श्री नवरतन (उप महाप्रबंधक एवं परियोजना निदेशक, NHAI)

    • श्री देवेंद्र कुमार (महाप्रबंधक, NHIDCL)

    • श्री सुभाष चंद्र (क्षेत्रीय अधिकारी, ईटानगर, MoRTH)

  6. विशेष मान्यता पुरस्कार

    • प्राप्तकर्ता: उरलुंगल लेबर कॉन्ट्रैक्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (ULCCS)

    • कारण: गुणवत्ता, पारदर्शिता और सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति प्रतिबद्धता

नवाचार एवं हैकाथॉन

  • “पथ चिंतन हैकाथॉन” के विजेताओं को अभिनव और तकनीक-आधारित विचारों के लिए सम्मानित किया गया।

प्रमुख भाषण और विचार

  • नितिन गडकरी: वैश्विक मानकों को प्राप्त करने में सामूहिक जिम्मेदारी पर बल। गुणवत्ता, स्वामित्व और निर्णय क्षमता को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर।

  • हर्ष मल्होत्रा: राजमार्गों को “प्रगति की सड़कें” बताया। अवसंरचना विकास को “विकसित भारत 2047” की दृष्टि से जोड़ा।

NHEA की पृष्ठभूमि

  • प्रारंभ वर्ष: 2018

  • उद्देश्य:

    • स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना

    • राजमार्ग क्षेत्र में उत्कृष्टता को मान्यता देना

    • निर्माण, रखरखाव और नवाचार में सतत सुधार को प्रोत्साहन देना

श्रेणी विवरण
किस कारण चर्चा में? राष्ट्रीय राजमार्ग उत्कृष्टता पुरस्कार (NHEA) 2023
कार्यक्रम का नाम 6वां राष्ट्रीय राजमार्ग उत्कृष्टता पुरस्कार (NHEA) 2023
स्थल भारत मंडपम, नई दिल्ली
आयोजक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH)
प्रमुख गणमान्य व्यक्ति नितिन गडकरी, हर्ष मल्होत्रा, वी.के. सारस्वत, वी. उमाशंकर, संतोष यादव
परियोजना प्रबंधन (PPP) – रजत एच.जी. इंफ्रा इंजीनियरिंग लि. (अटेली मंडी–नारनौल, NH-11, हरियाणा)
परियोजना प्रबंधन (EPC) – रजत भारतिया इंफ्रा प्रोजेक्ट्स (हकांजुरी–खोंसा, NH-315A, अरुणाचल प्रदेश)
संचालन व रखरखाव (लचीली सड़क) – स्वर्ण नांगुनेरी कन्याकुमारी टोलवे प्रा. लि. (मदुरै–कन्याकुमारी, NH-7, तमिलनाडु)
ग्रीन हाईवे – स्वर्ण अशोका बिल्डकॉन लि. (कंडी–रामसंपल्ले, NH-161, तेलंगाना)
ग्रीन हाईवे – रजत डेक्कन टोलवेज लि. (महाराष्ट्र–कर्नाटक सीमा से संगारेड्डी, NH-65)
सर्वश्रेष्ठ अभियंता पुरस्कार विजेता नवरतन (NHAI), देवेंद्र कुमार (NHIDCL), सुभाष चंद्र (MoRTH, ईटानगर)
विशेष मान्यता ULCCS (गुणवत्ता, पारदर्शिता, सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए)
नवाचार विशेषता “पथ चिंतन हैकाथॉन” के विजेताओं को सम्मानित किया गया
NHEA की स्थापना 2018
NHEA उद्देश्य प्रतिस्पर्धा, उत्कृष्टता और नवाचार को प्रोत्साहन देना

ब्लू ओरिजिन अप्रैल 2025 में ऐतिहासिक महिला अंतरिक्ष उड़ान पूरा किया

ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड रॉकेट ने 14 अप्रैल 2025 को एक ऐतिहासिक सबऑर्बिटल अंतरिक्ष उड़ान को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसमें केवल महिलाएं सवार थीं — यह 1963 के बाद पहली बार हुआ जब वलेन्टीना तेरेश्कोवा ने पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में उड़ान भरी थी। यह प्रक्षेपण टेक्सास के वैन हॉर्न से हुआ और इसमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी छह प्रमुख महिलाओं ने हिस्सा लिया। लगभग 10 मिनट की यह उड़ान व्यावसायिक अंतरिक्ष यात्रा, एयरोस्पेस में लैंगिक प्रतिनिधित्व और पॉप कल्चर के माध्यम से वैज्ञानिक जागरूकता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।

मुख्य बिंदु 

उड़ान विवरण

  • तारीख: 14 अप्रैल 2025

  • समय: सुबह 9:30 (ET)

  • रॉकेट: ब्लू ओरिजिन का न्यू शेपर्ड

  • स्थान: वैन हॉर्न, वेस्ट टेक्सास

  • अवधि: लगभग 10 मिनट

  • सीमा पार: कर्मन रेखा (100 किमी / 62 मील) – अंतरिक्ष की सीमा

ऑल-फीमेल क्रू में शामिल महिलाएं

  • केटी पेरी – पॉप सिंगर

  • गेल किंग – CBS मॉर्निंग्स की सह-होस्ट

  • लॉरेन सांचेज़ – पत्रकार व जेफ बेजोस की मंगेतर

  • ऐशा बोवे – पूर्व NASA रॉकेट वैज्ञानिक

  • अमांडा गुयेन – बायोएस्ट्रोनॉटिक्स वैज्ञानिक और सामाजिक कार्यकर्ता

  • केरियन फ्लिन – फिल्म प्रोड्यूसर

प्रसिद्ध दर्शक और जन प्रतिक्रिया

  • उपस्थिति: ओपरा विनफ्रे, NASA की जीनत एप्स, पूर्व अंतरिक्ष यात्री मे जैमिसन, क्रिस जेनर और ख्लोए कार्डाशियन।

  • लॉन्च का सीधा प्रसारण और सोशल मीडिया पर व्यापक कवरेज हुआ।

तकनीकी सफलता

  • न्यू शेपर्ड बूस्टर सफलतापूर्वक वर्टिकल लैंडिंग में सफल।

  • कैप्सूल पैराशूट से सुरक्षित रेगिस्तान में उतरा।

  • निजी अंतरिक्ष यानों की पुन: उपयोगिता को सिद्ध किया।

महत्त्व

  • 1963 के बाद पहली ऑल-फीमेल अंतरिक्ष उड़ान।

  • अंतरिक्ष मिशनों में विविधता, प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण को बढ़ावा।

  • विज्ञान, मीडिया और सेलिब्रिटी प्रभाव का संगम।

  • समावेशी भविष्य की अंतरिक्ष खोजों की आधारशिला।

मीराबाई चानू को IWLF एथलीट आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया

भारतीय ओलंपिक रजत पदक विजेता सैखोम मीराबाई चानू को भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWLF) के एथलीट्स कमीशन की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। भारतीय खेल जगत की एक प्रमुख हस्ती, चानू ने एथलीटों की आवाज़ को बुलंद करने, उनके कल्याण को सुनिश्चित करने और उन्हें खेल प्रदर्शन पर केंद्रित रखने में सहायता करने का संकल्प लिया है। उनका यह नया दायित्व न केवल उनके प्रतिस्पर्धात्मक अनुभव को दर्शाता है, बल्कि प्रशासनिक निर्णयों में एथलीट प्रतिनिधित्व और कल्याण के लिए उनकी मजबूत पैरवी को भी रेखांकित करता है।

मुख्य बिंदु 

मीराबाई चानू के बारे में

  • पूरा नाम: सैखोम मीराबाई चानू

  • मूल स्थान: मणिपुर, भारत

  • खेल: भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग)

  • श्रेणी: 49 किलोग्राम

  • ओलंपिक पदक: टोक्यो 2020 (आयोजित 2021) में रजत पदक

राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक

  • 2018 (गोल्ड कोस्ट)

  • 2022 (बर्मिंघम)

पेरिस ओलंपिक 2024: भाग लिया लेकिन पदक नहीं जीत सकीं; मासिक चक्र के कारण कमजोरी का हवाला दिया।

IWLF एथलीट्स कमीशन के बारे में

  • शासी निकाय: इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWLF)

  • उद्देश्य: सक्रिय भारोत्तोलकों की प्रशासनिक मामलों में आवाज़ बनना और उनका प्रतिनिधित्व करना

  • गठन वर्ष: 2025

  • अध्यक्ष नियुक्ति: 16 अप्रैल 2025

कमीशन के उद्देश्य

  • खिलाड़ियों और IWLF के प्रशासकों के बीच संवाद स्थापित करना

  • भारोत्तोलकों की समस्याओं को संबोधित करना

  • खिलाड़ियों को बिना बाहरी दबाव के केवल प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता करना

मीराबाई चानू के मुख्य वक्तव्य व लक्ष्य

  • साथी खिलाड़ियों की सेवा करने को गौरव और ज़िम्मेदारी बताया

  • खिलाड़ियों की आवाज़ को हर आधिकारिक मंच पर बुलंद करने का संकल्प

  • खिलाड़ियों को खेल पर फोकस रखने के लिए सहयोग देने का वादा

  • भूमिका को गंभीरता, सहानुभूति और अनुभव के साथ निभाने का भरोसा दिया

नियुक्ति का महत्व

  • खेल प्रशासन में एथलीट-आधारित नेतृत्व की ओर महत्वपूर्ण कदम

  • IWLF में विश्वसनीयता और अनुभव लाने वाला निर्णय

  • भारतीय खेल संस्थानों में महिला नेतृत्व और प्रतिनिधित्व को बढ़ावा

  • विशेषकर महिलाओं के लिए प्रेरणास्पद आदर्श के रूप में मीराबाई की भूमिका

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? मीराबाई चानू को IWLF एथलीट्स कमीशन की अध्यक्ष नियुक्त किया गया
नियुक्त पद अध्यक्ष, IWLF एथलीट्स कमीशन
शासी निकाय इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWLF)
कमीशन का उद्देश्य भारोत्तोलकों की चिंताओं का प्रतिनिधित्व करना और प्रशासन में वकालत करना
ओलंपिक उपलब्धि रजत पदक – टोक्यो 2020 (49 किग्रा, कुल भार 210 किग्रा)
राष्ट्रमंडल खेल उपलब्धियाँ स्वर्ण पदक – 2018 (गोल्ड कोस्ट), 2022 (बर्मिंघम)
IWLF में महत्व खिलाड़ियों को प्रशासन में सशक्त बनाना; खेलों में महिला नेतृत्व को बढ़ावा देना

 

जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (जीईएल) के खिलाफ सेबी की कार्रवाई

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक महत्वपूर्ण नियामकीय कार्रवाई के तहत Gensol Engineering Ltd (GEL) और इसके प्रवर्तकों, अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को प्रतिभूति बाजार में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। यह कार्रवाई कंपनी में गंभीर कॉर्पोरेट गवर्नेंस की चूक और फंड डायवर्जन (धन के ग़लत इस्तेमाल) के कारण की गई है। SEBI को जून 2024 में एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें शेयर की कीमतों में हेरफेर और कंपनी के धन का दुरुपयोग उजागर किया गया था। यह मामला नियामक संस्थाओं द्वारा पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और निवेशकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के एक अहम उदाहरण के रूप में सामने आया है।

मुख्य बिंदु 

1. पृष्ठभूमि:

  • SEBI को जून 2024 में शिकायत प्राप्त हुई।

  • आरोप: GEL के प्रवर्तकों द्वारा शेयर मूल्य में हेरफेर और फंड डायवर्जन।

  • SEBI ने मामले की विस्तृत जांच शुरू की।

2. नियामकीय कार्रवाई:

  • GEL और उसके प्रवर्तकों को प्रतिभूति बाजार से अगली सूचना तक प्रतिबंधित किया गया।

  • अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को GEL में निदेशक/प्रमुख प्रबंधन पदों से प्रतिबंधित किया गया।

  • GEL द्वारा घोषित स्टॉक स्प्लिट को स्थगित कर दिया गया।

3. SEBI की जांच में निष्कर्ष:

  • प्रवर्तकों ने GEL को निजी फर्म की तरह संचालित किया।

  • कंपनी के फंड्स को निजी संपत्ति की तरह उपयोग किया गया।

  • संबंधित पक्षों को फंड ट्रांसफर किए गए और गैर-जरूरी खर्चों में उपयोग हुआ।

  • प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी और फंड दुरुपयोग के साक्ष्य मिले।

4. उल्लंघन:

  • PFUTP (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध) नियमों का उल्लंघन।

  • SEBI, उधारदाताओं और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को फर्जी दस्तावेज दिए गए।

  • निवेशकों और उधारदाताओं को गुमराह करने हेतु भ्रामक खुलासे किए गए।

5. आंतरिक नियंत्रण की कमजोरियाँ:

  • GEL में आंतरिक नियंत्रण प्रणाली बहुत कमजोर पाई गई।

  • फंड डायवर्जन के लिए लेयरिंग और संबंधित संस्थाओं के माध्यम से लेन-देन किए गए।

  • यहां तक कि उधारदाताओं द्वारा सुरक्षित ऋण भी डायवर्ट कर दिए गए।

  • खराब कॉर्पोरेट गवर्नेंस की स्पष्ट तस्वीर सामने आई।

6. SEBI निर्देश:

  • कंपनी की वित्तीय पुस्तकों और संबंधित पक्षों से लेन-देन की जांच के लिए फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करने का निर्देश।

  • फोरेंसिक ऑडिट से वास्तविक फंड दुरुपयोग और धोखाधड़ी की सीमा का खुलासा किया जाएगा।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? Gensol Engineering Ltd (GEL) के खिलाफ SEBI की कार्रवाई
कंपनी Gensol Engineering Ltd (GEL)
प्रवर्तक शामिल अनमोल सिंह जग्गी, पुनीत सिंह जग्गी
शिकायत की तारीख जून 2024
नियामकीय संस्था SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड)
मुख्य आरोप फंड डायवर्जन, शेयर मूल्य में हेरफेर, जाली दस्तावेज़
लगाई गई सजा प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंध, निदेशक पदों से प्रतिबंध
उल्लंघन किए गए नियम PFUTP (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध) विनियम
गवर्नेंस में खामियाँ कंपनी फंड्स का दुरुपयोग, कमजोर आंतरिक नियंत्रण

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