राष्ट्रीय तकनीकी, प्रौद्योगिकी अथवा टेक्नोलॉजी दिवस: 11 मई

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National Technology Day: हर साल देश भर में 11 मई को राष्ट्रीय तकनीकी, प्रौद्योगिकी अथवा टेक्नोलॉजी दिवस मनाया जाता है। इसी दिन राजस्थान में भारतीय सेना की पोखरण टेस्ट रेंज में शक्ति-I परमाणु मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। यह दिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिए अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित होगा।
राष्ट्रीय तकनीकी दिवस का इतिहास:

प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय तकनीकी दिवस पूरे भारत में 11 मई 1998 को पोखरण में किए गए शक्ति-I परमाणु मिसाइल के सफल परीक्षण की वर्षगांठ की याद में मनाया जाता है। शक्ति को पोखरण परमाणु परीक्षण के नाम से भी जाना जाता है, जबकि मई 1974 में किए गए पहले परमाणु परीक्षण का कोड नाम ‘स्माइलिंग बुद्धा’ था।

दूसरा परीक्षण जिसे पोखरण II नाम दिया गया था जो मई 1998 में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में भारत द्वारा किए गए परमाणु बम विस्फोटों की पांच परीक्षणों की श्रृंखला में से एक था। इस ऑपरेशन का संचालन पूर्व राष्ट्रपति और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. एपीपी अब्दुल कलाम ने किया था। इन सभी परमाणु परीक्षणों के बाद अमेरिका और जापान सहित कई अन्य प्रमुख देशों द्वारा भारत पर कई प्रतिबंध लगा दिए गए थे। इसके अलावा भारत इस सफल परीक्षण करने के बाद, परमाणु संपन्न देशों में शामिल हो गया तथा “परमाणु क्लब” में शामिल होने वाला दुनिया का छठा देश बन गया।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-

  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पूरे भारत में 28 फरवरी को मनाया जाता है.

प्रतिष्ठित इतिहासकार हरि शंकर वासुदेवन का निधन

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जाने-माने इतिहासकार हरि शंकर वासुदेवन का COVID-19 के कारण निधन। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूसी एवं यूरोपीय इतिहास और भारत-रूस संबंधों पर किए उनके काम के लिए जाना जाता था।

वासुदेवन दो पुस्तकों Shadows of Substance: Indo-Russian Trade and Military-Technical Cooperation (2010), और Footsteps of Afanasii Nikitin: Travels through Eurasia and India in the Early 21st Century (2015) के लेखक थे । वह प्रतिष्ठित विद्वान, कलकत्ता विश्वविद्यालय में इतिहास और चीनी विभाग के यूजीसी एमेरिटस प्रोफेसर होने के साथ-साथ भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय मौलाना अबुल कलाम आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज के पूर्व निदेशक थे।

मदर्स डे या मातृ दिवस 2020: 10 मई

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Mother’s day: मदर्स डे या मातृ दिवस हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को दुनिया भर में मनाया जाता है और इस वर्ष इसे 10 मई 2020 को मनाया गया। मदर्स डे दुनिया भर में व्यापक स्तर पर माताओं के श्रमसाध्य, बलिदानो को याद करने, प्रशंसा करने, और सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, ताकि समाज में माताओं के प्रभाव को बढ़ाया जा सके और बच्चों एवं माँ के बीच संबंध को ओर घनिष्ट बनाया जा सके। हर माँ, जीवन भर एक रक्षक के नाते अपने बच्चों को बिना शर्त प्यार करती है। माँ हमेशा ही अपने बच्चों के कोई न कोई अहम भूमिका निभाती रहती है, जिसमे वह कभी अच्छी दोस्त बन जाती है तो कभी एक शिक्षिका, जो हर परिस्थिति में उन्हें सपोर्ट करती है।

मातृ दिवस का इतिहास:

पहली बार 1908 में मातृ दिवस मनाया गया था, जब एना जार्विस ने अपनी मां को सम्मानित करने के लिए वेस्ट वर्जीनिया के ग्राफ्टन के सेंट एंड्रयू मेथोडिस्ट चर्च में अपनी मां के लिए एक स्मारक रखा था। 1905 में, संयुक्त राज्य अमेरिका में मातृ दिवस को एक मान्यता प्राप्त अवकाश बनाने के लिए अभियान शुरू हुआ, यह वर्ष था जब उनकी माँ, Ann Reeves Jarvis की मृत्यु हो गई। एना जार्विस एक शांति कार्यकर्ता थे जिन्होंने अमेरिकी गृहयुद्ध के दोनों ओर घायल सैनिकों की देखभाल की। साल 1914 में राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने माताओं के सम्मान के लिए राष्ट्रीय अवकाश के रूप में, मई में दूसरे रविवार को संयुक्त राज्य अमेरिका में आधिकारिक अवकाश घोषित किया।

KFH टूर्नामेंट को शुरू करने वाले पंडांडा कुट्टप्पा का निधन

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कोडावा फैमिली हॉकी टूर्नामेंट के संस्थापक पंडांडा कुट्टप्पा का निधन। कुट्टप्पा ने 1997 में ओलंपिक खेलों की तर्ज पर पहला टूर्नामेंट आयोजित किया था जो अब तक जारी है। वह भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व कर्मचारी और प्रथम श्रेणी के पूर्व हॉकी रेफरी थे, पंडांडा कुट्टप्पा को साल 2015 में कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार से भी सम्मनित किया गया था। कुट्टप्पा पिछले 22 वर्षों इस टूर्नामेंट की देखरेख कर रहे थे। कर्नाटक में हर साल कोडावा फैमिली हॉकी टूर्नामेंट आयोजित किया जाता है।

कोडावा फैमिली हॉकी टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीमों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी उनके के साथ उसी टीम में खेल सकती थीं। आमतौर पर हर साल अप्रैल-मई के महीने में खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट के लिए औसतन 250 परिवार टूर्नामेंट के लिए अपनी टीम भेजते हैं।

पुरे राष्ट्र में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई महाराणा प्रताप की 480 वीं जयंती

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समूचे राष्ट्र में आज यानि 9 मई को महाराणा प्रताप की 480 वीं जयंती मनाई जा रही है। उनका जन्म 9 मई 1540 में हुआ था। हर साल 9 मई को बहादुर राजा के सम्मान महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है।
महाराणा प्रताप के बारे में:
महाराणा प्रताप के नाम से प्रसिद्ध प्रताप सिंह का जन्म मेवाड़ के राजा उदय सिंह द्वितीय और रानी जयवंता बाई के यहां हुआ था। राजा उदय सिंह द्वितीय की मृत्यु सन 1572 में गोगुन्दा में होने के पश्चात् महाराणा प्रताप 1 मार्च 1572 को सिंहासन पर विराजमान हुए थे। महाराणा प्रताप को राज्याभिषेक के तुरंत बाद मुगल सम्राट अकबर के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए जाना पड़ा था।
अकबर राजपूत साम्राज्य के माध्यम से गुजरात पर अपना कब्जा जमाने के मकसद से मेवाड़ आया था। जहां महाराणा ने अकबर की पेशकश को अस्वीकार कर दिया और जिसके बाद वे मुगलों के खिलाफ लड़ाई में उतर गए। इसी के कारण 18 जून 1576 को हुए प्रख्यात हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था। हालाँकि मुगल सेना युद्ध में विजयी हुई, लेकिन वो महाराणा प्रताप को पकड़ने में असफल रहे जो पहाड़ियों के रास्ते वहां से निकल गए थे। महाराणा प्रताप का निधन 29 जनवरी, 1597 को चावंड में हुआ था, जो उस समय उनकी कार्यत राजधानी थी

ट्राइफेड ने AOL के साथ जनजातीय उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए एमओयू पर किए हस्ताक्षर

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जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (TRIFED) ने और आर्ट ऑफ लिविंग (AOL) ने जनजातीय उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्‍येक संगठन के विशिष्‍ट कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस समझौते के तहत ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने जरूरतमंद जनजातीय कारीगरों को निशुल्‍क राशन किट्स उपलब्‍ध कराने पर सहमति व्यक्त की है। ट्राइफेड के क्षेत्रीय कार्यालयों ने जरूरतमंद जनजातीय कारीगरों की सूची तैयार की है और AOL के “I Stand With Humanity campaign” के तहत राशन किट के वितरण के लिए देश भर में 9,409 जरूरतमंद जनजातीय कारीगरों को चिन्हित किया है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • जनजातीय मामलों के मंत्री: अर्जुन मुंडा.
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री: रेणुका सिंह सरुता.
  • आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक: श्री श्री रविशंकर.
  • आर्ट ऑफ़ लिविंग की स्थापना: 1981.
  • आर्ट ऑफ़ लिविंग मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक.

        झारखंड सरकार ने राज्य में पान मसाला को एक साल के लिए किया बैन

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        झारखंड सरकार ने राज्य में पान मसाला के 11 ब्रांडों पर एक साल का प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इस आदेश को राज्य में खाद्य सुरक्षा आयुक्त नितिन कुलकर्णी द्वारा पारित किया गया । राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 के दौरान परीक्षण और विश्लेषण करने के लिए विभिन्न जिलों के विभिन्न ब्रांडों से संबंधित पान मसाला के 41 नमूने एकत्र किए थे।
        इकठ्ठा किए गए सभी नमूनों में एक घटक के रूप में मैग्नीशियम कार्बोनेट शामिल पाया गया। यह नमूने खाद्य, सुरक्षा मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत एकत्र किए गए थे। यह निर्णय खाद्य, सुरक्षा मानक अधिनियम, 2006 की धारा 30 (2) (a) के तहत लिया गया है, जिसमे एक वर्ष के लिए राज्य में किसी भी खाद्य पदार्थ के बनाने, भंडारण, वितरण या बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। 

        उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
        महत्वपूर्ण तथ्य-

        • झारखंड के मुख्यमंत्री: हेमंत सोरेन.
        • झारखंड के राज्यपाल: द्रोपदी मुर्मू.
        • रांची झारखंड की राजधानी है.
        • झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ था.

            ICMR ने COVID-19 टेस्टिंग किट की डिलीवरी के लिए भारतीय डाक के साथ मिलाया हाथ

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            भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research-ICMR) ने अपनी कोरोनावायरस COVID-19 टेस्टिंग किट की डिलीवरी के लिए भारतीय डाक सेवा के साथ करार किया है। ये किट आईसीएमआर के 16 क्षेत्रीय डिपो से देश भर में कोरोनोवायरस टेस्टिंग के लिए चुनी गई अतिरिक्त 200 प्रयोगशालाओं में पहुंचाई जाएंगी।
            ICMR पूरे देश में प्रति दिन 1 लाख COVID-19 परीक्षण करने की योजना पर काम रहा है। इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में भारतीय डाक ने अपने 1,50,000 डाकघरों के साथ ICMR के साथ समझौता किया है। इन किट्स को सूखी बर्फ की पैकिंग के साथ भेजा जाएगा।

            उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

            • ICMR के महानिदेशक: बलराम भार्गव.
            • ICMR का मुख्यालय: नई दिल्ली.
            • भारतीय डाक की स्थापना: 1 अप्रैल 1854.
            • भारतीय डाक का मुख्यालय: नई दिल्ली.
                 

                रक्षा मंत्रालय ने 37 एयरफील्ड के आधुनिकीकरण के लिए टाटा पावर के साथ किया समझौता

                about | - Part 2620_19.1
                रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के 37 हवाई अड्डों (एयरफील्ड्स) के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए टाटा पावर SED के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 1,200 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
                 ये अनुबंध दो चरणों के लिए हस्ताक्षरित किया गया है। जिसमे 1-चरण के तहत एयरफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण के लिए है, भारतीय वायु सेना के हवाई अड्डों को अपग्रेड किया जाएगा।


                दूसरे चरण के तहत, नेविगेशनल एड्स और इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जाना है। इसके अलावा दूसरे चरण में आधुनिक एयरफील्ड उपकरण जैसे कि Cat-II इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और एयर फील्ड लाइटिंग सिस्टम उपकरणों की स्थापना और इन्हें चालू करना शामिल है। एयरफील्ड के आसपास लगे उपकरण प्रत्यक्ष रूप से एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से जुड़े रहेंगे, जिससे हवाई यातायात नियंत्रकों को एयरफील्ड सिस्टम्स पर अच्छा नियंत्रण हासिल होगा। साथ ही, इस परियोजना के तहत, भटिंडा में पहली आधुनिक हवाई क्षेत्र प्रणाली स्थापित की गई है।

                उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
                महत्वपूर्ण तथ्य-

                • रक्षा मंत्री: राज नाथ सिंह.
                • टाटा पावर SED का मुख्यालय: नई दिल्ली, भारत.
                • टाटा पावर के अध्यक्ष: नटराजन चंद्रशेखरन.

                  रक्षा मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नए मार्ग किया का उद्घाटन

                  about | - Part 2620_21.1
                  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में बनाई गई 80 किलोमीटर लम्बी नई सड़क का उद्घाटन किया है जो नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) के करीब लिपुलेख दर्रे से होकर कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए एक नया मार्ग खोलती है। सीमा सड़क संगठन (BRO) ने धारचूला (उत्तराखंड) से लिपुलेख (चीन सीमा) तक कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग के रूप में इस सड़क को बनाने का कार्य पूरा किया है।
                  पहले के मुकाबले इस मार्ग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इस पर अब अन्य मार्गों की तुलना में यात्रा केवल एक सप्ताह में पूरी हो सकती है, जबकि पहले 2-3 सप्ताह का समय लगता था। अब इसमें कोई हवाई यात्रा नहीं करनी होगी, साथ ही अब मानसरोवर के तीर्थयात्री भारतीय भूमि पर 84 प्रतिशत और चीन की भूमि पर केवल 16 प्रतिशत की यात्रा करेंगे, जबकि इससे पहले तीर्थयात्री को अन्य मार्गों से 80% सड़क यात्रा चीन में करनी होती थी।
                  उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
                  महत्वपूर्ण तथ्य-
                  • रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय: नई दिल्ली.
                  • रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री: श्रीपाद येसो नाइक.

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