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RBI ने संशोधित प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार के लिए जारी किए दिशानिर्देश

RBI ने संशोधित प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार के लिए जारी किए दिशानिर्देश |_3.1
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार  (Priority Sector Lending) दिशानिर्देशों की व्यापक समीक्षा की गई है। PSL दिशानिर्देशों की समीक्षा उभरती राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने और समावेशी विकास पर गहन ध्यान केंद्रित करने करने के लिए की गई है। नए दिशानिर्देश ऋण की कमी वाले क्षेत्रों में ऋण गति को बेहतर करने में सक्षम होंगे और छोटे और सीमांत किसानों और कमजोर वर्गों को उधार देने में वृद्धि करेंगे। साथ ही यह नवीकरणीय ऊर्जा, और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए ऋण को बढ़ावा देगा।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संशोधित पीएसएल दिशानिर्देशों में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में वित्त के लिए पात्र कुछ नई श्रेणियों को शामिल किया गया है। इनमें सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए किसानों को ऋण शामिल हैं; कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) संयंत्रों की स्थापना के लिए ऋण; और स्टार्ट-अप के लिए 50 करोड़ रुपये तक का बैंक वित्त शामिल है।

संशोधित पीएसएल दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताएं: 
  • प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के ऋण के प्रवाह में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए, ‘पहचान किए गए जिलों’ में वृद्धिशील प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण को उच्च प्राथमिकता दी गई है, जहां प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण प्रवाह तुलनात्मक रूप से कम है.
  • “छोटे और सीमांत किसानों” और “कमजोर वर्गों” के लिए निर्धारित लक्ष्यों को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है.
  • किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) / किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) के लिए उच्च ऋण सीमा को पूर्व निर्धारित मूल्य पर अपनी उपज के सुनिश्चित विपणन के साथ खेती करने के लिए निर्दिष्ट किया गया है.
  • नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ऋण सीमा दोगुनी कर दी गई है.
  • स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे (आयुष्मान भारत सहित) के लिए ऋण सीमा दोगुनी कर दी गई है.

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • RBI के 25 वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता.

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