एमपी में शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस 1 जुलाई से होगा अनिवार्य

स्कूल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत मध्य प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2025 से सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों के लिए डिजिटल रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया है। यह ‘हमारे शिक्षक’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगा, जो राज्य के शिक्षा 3.0 पोर्टल के साथ एकीकृत एक ई-गवर्नेंस टूल है।

समाचार में क्यों?

मध्य प्रदेश सरकार ने स्कूल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से 1 जुलाई 2025 से सभी सरकारी स्कूल शिक्षकों के लिए डिजिटल उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। यह प्रक्रिया ‘हमारे शिक्षक’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी, जिसे राज्य के Education 3.0 पोर्टल से जोड़ा गया है।

प्रमुख बिंदु:

  • प्लेटफॉर्म का नाम: हमारे शिक्षक
  • लॉन्च तिथि: 23 जून 2025
  • अनिवार्यता की शुरुआत: 1 जुलाई 2025 से
  • लाभार्थी: मध्य प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल शिक्षक व शिक्षा विभाग के कर्मचारी
  • सिस्टम लिंक: Education 3.0 पोर्टल से एकीकृत ई-गवर्नेंस टूल

उपस्थिति नियम:

प्रवेश की समयसीमा:

  • स्कूल शुरू होने के 1 घंटे के भीतर उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य।

  • स्कूल समाप्त होने के 30 मिनट के अंदर भी उपस्थिति दर्ज की जा सकती है।

ग़ैरहाज़िरी/छुट्टी नीति:

  • यदि कोई शिक्षक समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं करता, तो आधा दिन का आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) स्वचालित रूप से काटा जाएगा।

  • यह अवकाश वार्षिक या वैकल्पिक छुट्टियों से समायोजित होगा।

उद्देश्य और महत्व:

  • शिक्षकों की उपस्थिति का रीयल-टाइम निगरानी
  • शिक्षा स्टाफ की डिजिटल सेवा पुस्तिका बनाए रखना
  • स्थानांतरण, पदोन्नति और अवकाश जैसे प्रशासनिक निर्णयों को सुव्यवस्थित करना
  • पारदर्शिता बढ़ाना, मैनुअल त्रुटियों को घटाना और रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करना

पृष्ठभूमि:

  • यह पहल Education 3.0 के तहत स्कूल शिक्षा में डिजिटल सुधार का हिस्सा है।

  • मध्य प्रदेश उन राज्यों में शामिल है जो शिक्षा व्यवस्था में Ed-Tech आधारित निगरानी और पारदर्शिता लाने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं।

निष्कर्ष:
‘हमारे शिक्षक’ प्लेटफॉर्म के जरिए शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को लागू करना मध्य प्रदेश सरकार की शिक्षा में तकनीकी नवाचार और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी, बल्कि प्रशासनिक सुधारों को भी गति मिलेगी।

UGRO Capital ने अनुज पांडे को सीईओ नियुक्त किया

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) यूजीआरओ कैपिटल ने अनुज पांडे को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। संस्थापक टीम के सदस्य और कंपनी के वर्तमान मुख्य जोखिम अधिकारी (सीआरओ), पांडे की पदोन्नति यूजीआरओ के मुख्य संचालन और क्रेडिट गवर्नेंस को मजबूत करने के उद्देश्य से एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाती है।

समाचार में क्यों?

नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) UGRO कैपिटल ने 24 जून 2025 को अनुज पांडे को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया। अनुज पांडे वर्तमान में कंपनी के मुख्य जोखिम अधिकारी (CRO) हैं और संस्थापक टीम का हिस्सा रहे हैं। यह नियुक्ति UGRO की परिचालन दक्षता और जोखिम प्रबंधन को सुदृढ़ करने की रणनीति का हिस्सा है।

नियुक्ति से जुड़ी मुख्य बातें:

  • नया CEO: अनुज पांडे

  • वर्तमान पद: मुख्य जोखिम अधिकारी (CRO)

  • रिपोर्टिंग: शाचिंद्र नाथ (संस्थापक व प्रबंध निदेशक)

  • घोषणा की तारीख: 24 जून 2025

  • मुख्यालय: मुंबई

अनुज पांडे के बारे में:

  • संस्थापक सदस्य: UGRO कैपिटल की जोखिम नीति और क्रेडिट आर्किटेक्चर तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • अनुभव: वित्तीय और रणनीतिक भूमिकाओं में लगभग 25 वर्षों का अनुभव।

  • पूर्व नियोक्ता:

    • GSK कंज़्यूमर

    • ABN AMRO बैंक

    • बार्कलेज बैंक

    • रेलीगेयर

UGRO कैपिटल के बारे में:

  • प्रकार: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC)

  • मुख्य फोकस:

    • MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) वित्तपोषण

    • डेटा-आधारित क्रेडिट निर्णय

    • डिजिटल लेंडिंग

  • संस्थापक और प्रबंध निदेशक: शाचिंद्र नाथ

रणनीतिक उद्देश्य:

  • MSME क्षेत्र में पहुंच का विस्तार

  • मज़बूत गवर्नेंस और जोखिम नियंत्रण बनाए रखना

  • निवेशकों के साथ संबंध गहराना

नियुक्ति का महत्व:

  • आंतरिक नेतृत्व उत्तराधिकार को मज़बूती प्रदान करता है।

  • जैसे-जैसे कंपनी विस्तार कर रही है, क्रेडिट गुणवत्ता और जोखिम न्यूनीकरण सुनिश्चित करना प्रमुख लक्ष्य है।

  • अनुज पांडे की नियुक्ति से परिचालन स्थायित्व को बढ़ावा मिलेगा, जबकि संस्थापक शाचिंद्र नाथ दीर्घकालिक रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

ईरान ने अमेरिकी-इजरायली हमलों के जवाब में IAEA के साथ सहयोग निलंबित करने का फैसला किया

इजरायल के साथ 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद ईरान की संसद (मजलिस) ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया है। यह कदम अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हवाई हमलों के बाद उठाया गया है – जबकि ईरान IAEA और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) दोनों का सदस्य है। इसके समानांतर, भारत में ईरान के दूतावास ने हाल की शत्रुता के दौरान भारत के लोगों की एकजुटता के लिए उनके प्रति गहरा आभार व्यक्त किया, जो कूटनीतिक आख्यानों और परमाणु निगरानी गतिशीलता में बदलाव को दर्शाता है।

समाचार में क्यों?

ईरान की संसद मजलिस ने 25 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग निलंबित करने का एक प्रस्ताव पारित किया। यह निर्णय अमेरिका द्वारा 22 जून को फोर्दो, इस्फ़हान और नतांज़ स्थित ईरानी परमाणु ठिकानों पर हवाई हमलों के बाद आया। इसके साथ ही भारत स्थित ईरानी दूतावास ने भारत के लोगों का समर्थन देने के लिए आभार व्यक्त किया।

निर्णय का विवरण:

  • ईरानी संसद ने IAEA के साथ सभी प्रकार के सहयोग को आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया।

  • यह प्रस्ताव सेपाह न्यूज़ (IRGC की आधिकारिक मीडिया शाखा) द्वारा भी पुष्टि किया गया।

  • ईरानी सांसदों ने IAEA पर जासूसी नेटवर्कों से प्रभावित होने का आरोप लगाया और उसकी निष्पक्षता पर प्रश्न उठाए।

ईरान की शिकायतें:

  • ईरान ने कहा कि वह गैर-परमाणु हथियार संपन्न देश है और IAEA तथा परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का सदस्य होने के बावजूद उस पर हमला किया गया।

  • अमेरिका के हमलों को ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया।

  • भारत में ईरानी राजदूत इराज इलाही ने इन हमलों की निंदा करते हुए उन्हें “शांति प्रयासों पर आघात” कहा।

भारत से मिला समर्थन:

  • भारत स्थित ईरानी दूतावास ने भारतीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों, धार्मिक नेताओं और राजनेताओं को धन्यवाद दिया।

  • भारत में हुई जनसभाएं, मीडिया वक्तव्य और शांति की अपीलों को ईरान ने नैतिक समर्थन का प्रतीक माना।

प्रभाव और महत्व:

  • यह निर्णय पश्चिमी-नेतृत्व वाले वैश्विक संस्थानों के प्रति ईरान के बढ़ते अविश्वास को दर्शाता है।

  • परमाणु अप्रसार प्रयासों और ईरान के परमाणु कार्यक्रम की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न खड़े हुए हैं।

  • 28 जून को मारे गए ईरानी जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों के लिए आयोजित राजकीय अंतिम संस्कार इस संघर्ष की गहराई को रेखांकित करता है।

निष्कर्ष:
ईरान का IAEA से सहयोग समाप्त करना न केवल पश्चिम के साथ उसके संबंधों में एक बड़े मोड़ को दर्शाता है, बल्कि यह वैश्विक परमाणु निगरानी व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी प्रभाव डाल सकता है। भारत में ईरान को मिला नैतिक समर्थन इस घटनाक्रम में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

नीति आयोग ने ‘भारत की डेटा अनिवार्यता’ रिपोर्ट जारी की

भारत में डिजिटल गवर्नेंस प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नीति आयोग ने अपनी नवीनतम “फ्यूचर फ्रंट” रिपोर्ट का तीसरा संस्करण जारी किया है, जिसका शीर्षक है “इंडिया’ज़ डेटा इम्पेरेटिव: द पिवट टुवर्ड्स क्वालिटी” (India’s Data Imperative: The Pivot Towards Quality)। यह रिपोर्ट 26 जून 2025 को नई दिल्ली में जारी की गई और इसमें सार्वजनिक विश्वास, साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण, और प्रभावी सेवा वितरण के लिए उच्च गुणवत्ता वाले डेटा की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है।

क्यों है यह खबर में?

  • 26 जून 2025 को नीति आयोग ने Future Front श्रृंखला की तीसरी रिपोर्ट जारी की।

  • यह रिपोर्ट भारत में डेटा गुणवत्ता की चुनौतियों को उजागर करती है और बेहतर डेटा इकोसिस्टम की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

  • रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब डिजिटल गवर्नेंस सार्वजनिक सेवा और निर्णय लेने की प्रक्रिया का मुख्य आधार बनता जा रहा है।

मुख्य उद्देश्य

  • सार्वजनिक व्यवस्था में कमजोर डेटा गुणवत्ता की चुनौतियों को उजागर करना।

  • डेटा अखंडता (data integrity) बढ़ाने के लिए व्यावहारिक समाधानों और उपकरणों को प्रस्तुत करना।

  • डेटा गुणवत्ता, नागरिक विश्वास और सुशासन के बीच संबंध को मज़बूत करना।

रिपोर्ट की मुख्य विषयवस्तु

विषय विवरण
डेटा गैप्स और विखंडन पुराने और बिखरे हुए डेटा के कारण होने वाली अक्षमताओं की पहचान
सेवा वितरण पर प्रभाव असंगत डेटा के कारण सार्वजनिक सेवाओं और नीतियों के लक्षित क्रियान्वयन में बाधा
डेटा संस्कृति की आवश्यकता डेटा को “पब्लिक गुड” मानते हुए “डेटा-प्रथम” दृष्टिकोण को अपनाने का आह्वान
प्रैक्टिशनर्स टूलकिट डेटा सत्यापन और विश्लेषण के लिए आसान डिजिटल टूल्स की शुरुआत
  • बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम (सीईओ, नीति आयोग): डेटा संग्रहण और प्रबंधन प्रणाली में समग्र सुधार की आवश्यकता जताई।

  • डॉ. सौरभ गर्ग (सचिव, MoSPI): डेटा की interoperability और standardization पर बल दिया।

  • देबजानी घोष (डिस्टिंग्विश्ड फेलो, नीति आयोग): सेक्टर-वार डेटा विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए तकनीक का अधिकतम उपयोग करने की वकालत की।

व्यापक प्रभाव

  • यह रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों को डेटा-संचालित नीतियां बनाने में मार्गदर्शन देगी।

  • यह डिजिटल इंडिया पहल और डेटा फॉर डेवलपमेंट जैसे वैश्विक प्रयासों को मज़बूती प्रदान करेगी।

यह रिपोर्ट न केवल भारत में डेटा प्रबंधन की वर्तमान स्थिति पर रोशनी डालती है, बल्कि एक विश्वसनीय, पारदर्शी और डिजिटल रूप से सशक्त शासन प्रणाली की दिशा में मार्गदर्शक दस्तावेज़ के रूप में कार्य करेगी।

चीन की पूर्व उप वित्तमंत्री जोऊ जियायी एआईआईबी की अगली अध्यक्ष होंगी

एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB) में एक महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन के तहत चीन की पूर्व उप वित्त मंत्री ज़ोउ जियायी (Zou Jiayi) को बैंक की अगली अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे स्थापना से जुड़े वर्तमान अध्यक्ष जिन लिकुन (Jin Liqun) का स्थान लेंगी, जिनका दूसरा पाँच वर्षीय कार्यकाल जनवरी 2026 में समाप्त हो रहा है। यह घोषणा 24 जून 2025 को AIIB के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 10वीं वार्षिक बैठक के दौरान की गई, जो बीजिंग मुख्यालय वाले इस बहुपक्षीय बैंक के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है।

क्यों है यह खबर में?

  • ज़ोउ जियायी को AIIB की नई अध्यक्ष घोषित किया गया।

  • उन्होंने कई वर्षों तक चीन के वित्त मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

  • यह नियुक्ति AIIB की 10वीं वार्षिक गवर्नर्स बैठक में हुई।

  • वे 16 जनवरी 2026 को पदभार ग्रहण करेंगी।

मुख्य तथ्य

बिंदु विवरण
नई AIIB अध्यक्ष ज़ोउ जियायी (पूर्व उप वित्त मंत्री, चीन)
कार्यकाल आरंभ 16 जनवरी 2026
वर्तमान अध्यक्ष जिन लिकुन (2016 से अध्यक्ष, दो कार्यकाल पूरे)
घोषणा स्थान AIIB बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 10वीं वार्षिक बैठक
मुख्यालय बीजिंग, चीन

ज़ोउ जियायी के बारे में

  • चीन के वित्त मंत्रालय में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर कार्य किया।

  • कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में अनुभव:

    • विश्व बैंक समूह (World Bank)

    • एशियाई विकास बैंक (ADB)

    • न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB)

  • उन्होंने चीन की वैश्विक वित्तीय संस्थाओं में भागीदारी को मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाई।

AIIB (एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक) के बारे में

  • स्थापना: 2016

  • मिशन: “भविष्य के लिए अवसंरचना” (Infrastructure for Tomorrow) – टिकाऊ अवसंरचना विकास पर केंद्रित

  • कुल सदस्य देश: 110 (स्वीकृत सदस्य)

सदस्य देशों का मतदान हिस्सा

  • चीन: 26.54% (सबसे अधिक)

  • भारत: 7.58% (दूसरे स्थान पर)

  • रूस: 5.9%

  • जर्मनी: 4.1%

IMF ने डिजिटल भुगतान परिवर्तन के लिए ब्लूप्रिंट के रूप में भारत के UPI मॉडल की सराहना की

भारत की फिनटेक क्रांति को एक बड़ी वैश्विक मान्यता मिली है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली में “परिवर्तनकारी शक्ति” करार देते हुए उसकी सराहना की है। 25 जून 2025 को IMF द्वारा प्रकाशित एक शोधपत्र में यह कहा गया कि भारत में सस्ती मोबाइल डेटा सुविधा, व्यापक बैंकिंग पहुंच, मजबूत डिजिटल पहचान प्रणाली और इंटरऑपरेबिलिटी (आपसी संगतता) जैसे कारकों ने UPI को ऐसा मॉडल बना दिया है जिसे कई देश अपनाना चाहेंगे।

क्यों है यह खबर में?

  • IMF ने एक पेपर जारी किया है:
    शीर्षक: बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान: अंतर-संचालन का मूल्य
    लेखक: अलेक्जेंडर कोपेस्टेक, दिव्या कीर्ति, मारिया सोलेदाद मार्टिनेज पेरीया

  • इस पेपर में UPI को “वैश्विक मॉडल” बताया गया है और विकासशील देशों को इसे अपनाने की सलाह दी गई है।

IMF रिपोर्ट की प्रमुख बातें

UPI की सफलता के सूत्र

  • इंटरऑपरेबिलिटी (Interoperability): कई ऐप और बैंक एक ही प्लेटफॉर्म पर काम कर सकते हैं।

  • उपयोगकर्ता की स्वतंत्रता: कोई भी ऐप चुनने की सुविधा।

  • प्लेटफॉर्म-निरपेक्ष डिज़ाइन: प्रतियोगिता और नवाचार को बढ़ावा।

  • सरल उपयोग और भरोसा: इसके कारण आम जनता ने इसे तेजी से अपनाया।

UPI की पृष्ठभूमि और विकास

  • शुरुआत: 2016 में NPCI द्वारा लॉन्च किया गया।

  • बढ़ावा: 2016 की नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन की ओर रुझान बढ़ा।

  • 2025 तक: हर महीने 13 अरब से अधिक ट्रांजैक्शन

UPI की सफलता के सहायक कारक

  • दुनिया में सबसे सस्ता मोबाइल डेटा

  • जन धन योजना के माध्यम से बैंकिंग पहुंच का विस्तार।

  • आधार आधारित डिजिटल पहचान से आसान प्रमाणीकरण।

  • RBI और भारत सरकार की नीति समर्थन।

  • बैंक, फिनटेक और NPCI का सहयोगी इकोसिस्टम।

वैश्विक महत्व और सुझाव

IMF ने अन्य देशों को सलाह दी कि यदि वे डिजिटल भुगतान में भारत जैसी सफलता चाहते हैं तो उन्हें चाहिए कि वे:

  • मजबूत डिजिटल पहचान प्रणाली विकसित करें।

  • सस्ती और व्यापक इंटरनेट उपलब्ध कराएं।

  • बैंकिंग सेवाओं को सबके लिए सुलभ बनाएं।

  • इंटरऑपरेबल पेमेंट सिस्टम तैयार करें या उसे नियमन करें।

रिपोर्ट ने यह भी कहा कि भारत का मॉडल सीधे किसी देश में लागू नहीं किया जा सकता, बल्कि उसे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार ढालना होगा।

एशिया वैश्विक औसत से दोगुनी गति से हो रहा गर्म: WMO Report

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की ताज़ा रिपोर्ट “State of the Climate in Asia 2024”, जो जून 2025 में जारी की गई, ने एशिया में जलवायु परिवर्तन की गंभीर स्थिति को उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, एशिया वैश्विक औसत की तुलना में लगभग दोगुनी गति से गर्म हो रहा है, जिससे क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी, हिमनद पिघलना, बाढ़, चक्रवात और सूखा जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। वर्ष 2024 को एशिया का अब तक का सबसे गर्म वर्ष घोषित किया गया है।

क्यों है यह खबर में?

  • WMO की रिपोर्ट ने एशिया में रिकॉर्ड-तोड़ तापमान, समुद्र स्तर में वृद्धि, ग्लेशियरों का तेजी से पिघलना, और विनाशकारी तूफानों व बाढ़ जैसी चरम घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

  • यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं और जनता के लिए एक चेतावनी संकेत (wake-up call) है कि जलवायु परिवर्तन के प्रति तत्काल और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

प्रमुख निष्कर्ष

तापमान और हीटवेव

  • 2015 से 2024 तक के हर वर्ष, एशिया के इतिहास में 10 सबसे गर्म वर्षों में शामिल रहे।

  • जापान में 2024 की गर्मी ने अब तक के उच्चतम औसत तापमान की बराबरी की।

  • भारत में 2024 की गर्मी से 450 से अधिक मौतें दर्ज की गईं।

  • थाईलैंड, म्यांमार, सऊदी अरब और रूस के कुछ हिस्सों में तापमान ने नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़े।

समुद्र स्तर में वृद्धि और ग्लेशियर हानि

  • एशिया में समुद्र स्तर में वृद्धि वैश्विक औसत से भी तेज़, जिससे तटीय क्षेत्रों पर खतरा।

  • हिमालय और तियान शान पर्वत श्रृंखलाओं में 24 में से 23 ग्लेशियरों ने अपना द्रव्यमान खोया।

  • नेपाल के कोशी क्षेत्र में ग्लेशियर झील फटने (GLOF) की घटनाएं, 130+ लोग विस्थापित।

घातक मौसम घटनाएं – 2024 में

  • UAE: 1949 के बाद सबसे अधिक 24 घंटे की वर्षा — 259.5 मिमी

  • नेपाल बाढ़ (सितंबर 2024): 246 मौतें, आर्थिक क्षति NPR 12.85 अरब।

  • भारत (केरल): वायनाड जिले में भारी वर्षा से 350 से अधिक मौतें

  • चीन: सूखे से 48 लाख लोग प्रभावित, फसलें नष्ट, आर्थिक नुकसान।

  • भारत में आकाशीय बिजली गिरने से 1,300+ मौतें, 10 जुलाई को अकेले 72 मौतें

  • श्रीलंका बाढ़ (दिसंबर 2024): 4.5 लाख लोग प्रभावित, 5,000+ लोग विस्थापित

चक्रवात

  • 2024 में 4 बड़े चक्रवात बने:

    • रिमाल (बंगाल की खाड़ी): 111 किमी/घंटा की रफ्तार, बांग्लादेश और भारत में 2.5 मीटर तक बाढ़

    • असना (अरब सागर): 1891 के बाद केवल तीसरा चक्रवात इस क्षेत्र में।

    • डाना और फेंगल: फेंगल श्रीलंका को पार कर भारत में टकराया, मौतें और विस्थापन

महत्वपूर्ण संदेश

  • यह रिपोर्ट बताती है कि एशिया, विशेषकर भारत और उसके पड़ोसी देश, जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं।

  • नीति-निर्माताओं, वैज्ञानिकों और नागरिकों को मिलकर जलवायु संकट से निपटने के लिए ठोस योजना बनानी होगी।

NABARD और NIRCA ने मिर्च और हल्दी की खेती करने वाले किसानों हेतु कटाई के बाद की तकनीक पर प्रशिक्षण शुरू किया

कृषि प्रसंस्करण मूल्य शृंखला को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) और भारतीय वाणिज्यिक कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-NIRCA) ने आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और व्यक्तिगत किसानों के लिए एक संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र की प्रमुख फसलें—हल्दी और मिर्च—के लिए उत्पादन के बाद प्रबंधन एवं उन्नत प्रसंस्करण तकनीकों पर किसानों को प्रशिक्षित करना है।

क्यों है यह खबर में?

  • 25 जून 2025 को NIRCA के राजमहेंद्रवरम् परिसर में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में इस पहल की घोषणा की गई।

  • कार्यक्रम में NABARD और NIRCA के अधिकारियों ने वैज्ञानिक विधियों से भंडारण और हैंडलिंग के महत्व को रेखांकित किया ताकि नुकसान कम हो, गुणवत्ता बेहतर हो, और हल्दी व मिर्च का बाजार मूल्य बढ़ सके।

प्रशिक्षण के उद्देश्य

  • किसानों को वैज्ञानिक उत्पादन उपरांत विधियों से प्रशिक्षित करना।

  • नमी और सूक्ष्मजीवजनित संक्रमण के कारण होने वाले फसल नुकसान को कम करना।

  • मिर्च और हल्दी की निर्यात क्षमता एवं बाजार मूल्य को बढ़ाना।

  • FPOs को मूल्य संवर्धन तकनीकों में दक्ष बनाना।

प्रमुख घटक

  • प्रशिक्षण मॉड्यूल: सुखाने, छंटाई, भंडारण और पैकेजिंग पर केंद्रित।

  • क्षमता निर्माण: FPO कर्मचारियों और किसानों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण और प्रमाणन पर प्रशिक्षण।

  • प्रौद्योगिकी का प्रचार: जलवाष्पन (dehydration) और संदूषण नियंत्रण के लिए आधुनिक मशीनों का प्रदर्शन।

  • इंटरएक्टिव सत्र: NIRCA निदेशक डॉ. एम. शेषु माधव और NABARD अधिकारियों द्वारा संचालित।

पृष्ठभूमि

  • मिर्च और हल्दी जैसी नमी-संवेदनशील फसलें उत्पादन के बाद सही तरीके से न संभालने पर आसानी से खराब हो जाती हैं।

  • आंध्र प्रदेश भारत में हल्दी और मिर्च का प्रमुख उत्पादक राज्य है और इन फसलों का निर्यात में बड़ा योगदान है।

  • FPOs छोटे किसानों को संगठित करके बाजार में बेहतर सौदे और मूल्य संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

स्थैतिक जानकारी

  • NABARD: भारत का शीर्ष ग्रामीण विकास वित्तीय संस्थान।

  • NIRCA (ICAR): वाणिज्यिक फसलों पर अनुसंधान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत विशेष संस्थान।

  • स्थान: NIRCA परिसर, राजमहेंद्रवरम्, आंध्र प्रदेश।

  • तिथि: 25 जून 2025।

महत्त्व और प्रभाव

  • उत्पादन के बाद नुकसान और संदूषण में कमी आएगी।

  • मूल्य शृंखला एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसान की आमदनी बढ़ेगी।

  • वैज्ञानिक कृषि और तकनीकी उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा।

  • ग्रामीण कृषि व्यापार में FPOs की भूमिका और बाज़ार पहुँच मजबूत होगी।

अडानी और रिलायंस ने ईंधन अवसंरचना साझा करने के लिए समझौता किया

भारत के ईंधन खुदरा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, अडाणी टोटल गैस लिमिटेड (ATGL) और रिलायंस बीपी मोबिलिटी लिमिटेड (जियो-बीपी) ने एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। इस समझौते के तहत दोनों कंपनियां एक-दूसरे के ईंधन उत्पादों को चुनिंदा आउटलेट्स पर वितरित करेंगी। यह सहयोग निजी क्षेत्र के दो दिग्गजों के बीच हुआ है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के प्रभुत्व वाले बाजार में अपने पदचिह्न को मजबूत करना है।

क्यों है यह खबर में?

  • 25 जून 2025 को यह साझेदारी सार्वजनिक की गई।

  • यह अडाणी समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के बीच कुछ महीनों के भीतर हुआ दूसरा बड़ा करार है।

  • साझेदारी से ईंधन खुदरा बाजार में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ेगी और उपभोक्ता सेवा में सुधार होगा।

साझेदारी के प्रमुख बिंदु

म्यूचुअल फ्यूल डिस्पेंसिंग (आपसी ईंधन वितरण):

  • ATGL के स्टेशनों पर अब जियो-बीपी का पेट्रोल और डीज़ल मिलेगा।

  • चुनिंदा जियो-बीपी स्टेशनों पर ATGL की CNG यूनिट लगाई जाएगी।

भौगोलिक कवरेज:

  • केवल उन क्षेत्रों (GAs) में लागू जहां दोनों कंपनियों को अधिकृत किया गया है।

लक्ष्य:

  • एक-दूसरे की अवसंरचना (infrastructure) का लाभ उठाना और उपभोक्ताओं के लिए अनुभव बेहतर बनाना।

कंपनियों के बारे में

अडानी टोटल गैस लिमिटेड (ATGL):

  • अडाणी ग्रुप और फ्रांस की TotalEnergies की संयुक्त कंपनी।

  • 650+ CNG स्टेशन संचालित करती है।

  • CBG, EV चार्जिंग और LNG जैसी सेवाएं भी प्रदान करती है।

जियो-बीपी:

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और ब्रिटेन की bp की संयुक्त कंपनी।

  • भारत में लगभग 2,000 फ्यूल स्टेशन संचालित करती है।

  • ईंधन रिटेल, लो-कार्बन ईंधन और आधुनिक रिटेल सुविधाओं पर फोकस।

महत्त्वपूर्ण प्रभाव

  • उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और बेहतर सुविधा मिलेगी।

  • निजी कंपनियां अब सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (HPCL, BPCL, IOC) के 90% बाजार हिस्से को चुनौती दे सकेंगी।

  • नेटवर्क दोहराव (duplication) से बचते हुए अवसंरचना का बेहतर उपयोग होगा।

हाल की पृष्ठभूमि

  • मार्च 2025 में रिलायंस ने महान एनर्जन लिमिटेड (Adani Power की सहायक कंपनी) में 26% हिस्सेदारी खरीदी थी।

  • यह करार भारत की ऊर्जा प्रणाली में कॉरपोरेट सहयोग के बढ़ते रुझान को दर्शाता है।

यह साझेदारी भारत में ऊर्जा और ईंधन क्षेत्र में एक नई प्रतिस्पर्धात्मकता और संवेदनशील साझेदारी का प्रतीक है, जिससे अंततः उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्राप्त होंगी और निजी कंपनियों की भूमिका और सशक्त होगी।

Rinku Singh को योगी सरकार का बड़ा तोहफा, मिल रही है बेसिक शिक्षा विभाग में अफसर की ज़िम्मेदारी

क्रिकेट मैदान से जनसेवा तक एक अद्भुत बदलाव में, भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के रूप में नियुक्त किया जा रहा है। यह नियुक्ति “अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता डायरेक्ट भर्ती नियमावली 2022” के तहत की जा रही है, जो उन खिलाड़ियों को सम्मान देती है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब रिंकू सिंह और समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज की आगामी शादी, उनके नवंबर 2025 के क्रिकेट कार्यक्रमों के कारण स्थगित कर दी गई है।

क्यों है यह खबर में?

  • रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारी बनाया जा रहा है।

  • यह नियुक्ति 2022 की डायरेक्ट भर्ती नियमावली के अंतर्गत की गई है, जो अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी प्रदान करती है।

  • साथ ही, प्रिया सरोज से उनकी शादी क्रिकेट शेड्यूल के कारण टाल दी गई है।

नियुक्ति से जुड़ी जानकारी

  • योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

  • विभागीय स्तर पर आवश्यक औपचारिकताएं और दस्तावेज़ीकरण प्रारंभ हो चुका है।

  • यह कदम उन खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए है जिन्होंने खेलों में भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरव दिलाया है।

अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता डायरेक्ट भर्ती नियमावली 2022

  • यह नीति अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को प्रथम और द्वितीय श्रेणी की सरकारी सेवाओं में सीधी नियुक्ति की अनुमति देती है।

  • उद्देश्य: खेलों में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना और खिलाड़ियों को सुरक्षित सरकारी करियर देना।

  • रिंकू की नियुक्ति उनके क्रिकेट में दिए गए असाधारण योगदान का सम्मान है।

रिंकू सिंह के बारे में

  • जन्म: अलीगढ़, उत्तर प्रदेश

  • प्रसिद्धि: कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए IPL में प्रदर्शन और भारतीय T20 टीम में योगदान

  • खास उपलब्धि: IPL में लगातार पाँच छक्के जड़कर चर्चा में आए

  • छोटे शहरों से उभरते नए खेल सितारों की पीढ़ी का प्रतीक हैं रिंकू

Recent Posts

about | - Part 218_12.1