यूलिया स्विरीडेंको बनीं यूक्रेन की नई प्रधानमंत्री

रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच यूक्रेन की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। पूर्व आर्थिक मंत्री और अमेरिका के साथ यूक्रेन के खनिज समझौते की प्रमुख वार्ताकार यूलिया स्विरीडेंको को यूक्रेन की नई प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। उन्होंने डेनिस शम्हाल का स्थान लिया है, जो अब देश के रक्षा मंत्री की भूमिका संभालेंगे। वहीं निवर्तमान रक्षा मंत्री रुस्तेम उमेरोव को अमेरिका में यूक्रेन का नया राजदूत बनाया जा सकता है। स्विरीडेंको इससे पहले यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री पद पर तैनात थीं। यह नियुक्ति 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन की पहली नेतृत्वगत बदलाव है और राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की युद्धकालीन शासन में नई ऊर्जा भरने की कोशिश को दर्शाती है।

पृष्ठभूमि

यूलिया स्विरीडेंको ने युद्ध के दौरान आर्थिक रूप से जूझ रहे यूक्रेन में आर्थिक मंत्री के रूप में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने देश के आर्थिक पुनर्निर्माण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। विशेष रूप से, अमेरिका के साथ रणनीतिक खनिज समझौते को अंतिम रूप देने में उनकी केंद्रीय भूमिका रही, जो यूक्रेन को आर्थिक सहयोग और पश्चिमी समर्थन दिलाने के लिए महत्वपूर्ण था।

इस नियुक्ति का महत्व

स्विरीडेंको की प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति उस समय हुई है जब यूक्रेन रूस के साथ युद्ध के चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और पश्चिमी सहायता पर काफी हद तक निर्भर है। उनकी यह नियुक्ति राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के प्रति वफादारी और नेतृत्व में निरंतरता को दर्शाती है। इससे देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वास को बढ़ावा मिलेगा। युद्ध शुरू होने के बाद नियुक्त होने वाली वह पहली प्रधानमंत्री हैं, जो संकट की घड़ी में स्थिर शासन, आर्थिक सुधार और कूटनीतिक संबंधों को मजबूती देने की यूक्रेन की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

कैबिनेट फेरबदल का उद्देश्य

प्रधानमंत्री के रूप में स्विरीडेंको की नियुक्ति और शमाईहाल को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी देने के पीछे का उद्देश्य है—प्रमुख मंत्रालयों में अनुभवी और विश्वसनीय नेताओं की तैनाती। इससे शासन की प्रभावशीलता, सहयोगी देशों के साथ बेहतर समन्वय और संकट प्रबंधन में मजबूती आएगी। यह बदलाव यूक्रेनी जनता और वैश्विक भागीदारों के सामने सरकार की छवि को भी नया रूप देने का प्रयास है।

स्विरीडेंको की भूमिका की मुख्य विशेषताएँ

  • रणनीतिक कूटनीति: पश्चिमी देशों के साथ प्रभावशाली संवाद और समझौते करने में माहिर।

  • आर्थिक पुनर्निर्माण: युद्ध के बाद की अर्थव्यवस्था को सुधारना, निवेशकों का विश्वास बढ़ाना, और आर्थिक नीतियों में पारदर्शिता लाना।

  • युद्धकालीन स्थिरता: राष्ट्रपति कार्यालय की भरोसेमंद सहयोगी, जिससे शासन में आंतरिक एकता बनी रहे।

  • महिला नेतृत्व का सशक्तिकरण: उनकी नियुक्ति यूक्रेन की राजनीति में महिला नेतृत्व की बढ़ती भागीदारी का भी प्रतीक है।

इस नई नियुक्ति के साथ, यूक्रेन ने न केवल अपने राजनीतिक नेतृत्व को सुदृढ़ किया है, बल्कि विश्व मंच पर अपनी प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता भी प्रदर्शित की है।

लद्दाख में 15 हजार फीट पर आकाश प्राइम डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण

भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा देते हुए भारतीय सेना ने लद्दाख में 15,000 फीट की ऊँचाई पर आकाश प्राइम वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया। यह महत्वपूर्ण परीक्षण भारत की उच्च ऊंचाई पर युद्ध क्षमता और आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्नत सीकर (seeker) और सटीकता से लक्ष्य भेदने की क्षमता से लैस आकाश प्राइम संस्करण, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों में तकनीकी प्रगति का प्रतीक है और रणनीतिक सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक प्रभावी साधन साबित हुआ है।

आकाश प्राइम का परिचय

आकाश प्राइम, मूल आकाश मिसाइल प्रणाली का उन्नत संस्करण है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। यह मध्यम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर हवाई खतरों से सुरक्षा के लिए भारतीय थल सेना और वायु सेना द्वारा व्यापक रूप से तैनात किया गया है। आकाश प्राइम संस्करण में उच्च ऊंचाई पर संचालन की क्षमता और सटीक लक्ष्य भेदन की विशेषताएं जोड़ी गई हैं, जो इसे अधिक प्रभावशाली बनाती हैं।

लद्दाख परीक्षण का महत्व

लद्दाख जैसे दुर्गम और कम ऑक्सीजन वाले क्षेत्र में इस प्रणाली का सफल परीक्षण एक बड़ी उपलब्धि है। सेना की वायु रक्षा कोर द्वारा DRDO के वैज्ञानिकों के सहयोग से किए गए इस परीक्षण में, मिसाइल ने तेज गति से उड़ते हवाई लक्ष्यों पर प्रत्यक्ष प्रहार किया। यह प्रणाली भारत की उच्च ऊंचाई पर संघर्ष की स्थिति में तत्परता को मजबूत करती है, खासकर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।

ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका

आकाश प्राइम को पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तैनात किया गया था। यह भारतीय सेना का एक रणनीतिक अभियान था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन हमलों और संघर्ष विराम उल्लंघनों को रोकना था। यह ऑपरेशन 8–9 मई 2025 की रात को हुआ था, जिसमें 50 से अधिक ड्रोन नष्ट किए गए। इस दौरान आकाश प्राइम ने चीनी मूल के विमानों और तुर्की निर्मित ड्रोनों के खिलाफ वास्तविक समय में अपनी मारक क्षमता साबित की।

प्रमुख विशेषताएँ और क्षमताएँ

आकाश प्राइम में अत्याधुनिक सीकर लगा है जो हर मौसम में लक्ष्य की सटीक पहचान और ट्रैकिंग सुनिश्चित करता है। यह प्रणाली एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है, जिसमें फेज़्ड ऐरे रडार और कमांड गाइडेंस तकनीक का उपयोग होता है। इसे स्वायत्त और समूह मोड में उपयोग किया जा सकता है, जिससे यह विभिन्न इलाकों में आसानी से तैनात की जा सकती है। यह 360-डिग्री सुरक्षा प्रदान करती है और सैन्य प्रतिष्ठानों व चलती सैन्य टुकड़ियों की रक्षा के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है।

आत्मनिर्भर रक्षा और भविष्य की योजनाएँ

आकाश प्राइम का विकास और परीक्षण आत्मनिर्भर भारत अभियान के रक्षा क्षेत्र से जुड़े लक्ष्यों के अनुरूप है। इस सफलता के बाद, आकाश वायु रक्षा प्रणाली की तीसरी और चौथी रेजीमेंट्स में उन्नत संस्करण की तैनाती की योजना है। इससे भारत की बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली और अधिक सशक्त होगी और आधुनिक हवाई खतरों से निपटने की राष्ट्रीय क्षमता को बल मिलेगा।

शुभांशु शुक्ला की धरती पर सकुशल वापसी: 10 मुख्य बातें

भारतीय वायुसेना के अधिकारी और अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई 2025 को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए। वे Axiom-4 मिशन का हिस्सा थे, जो अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी Axiom Space द्वारा आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष मिशन था। शुक्ला और उनके तीन सह-यात्रियों ने 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर बिताए और इस दौरान पृथ्वी की 288 बार परिक्रमा की। उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनका उद्देश्य भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं को सक्षम बनाना और पृथ्वी पर जीवन को बेहतर बनाना था। उनकी वापसी भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह भारत की बढ़ती अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है।

10 प्रमुख बातें:

  1. स्पेस माइक्रोएल्गी (शैवाल) पर अध्ययन

    • अंतरिक्ष में भोजन, ऑक्सीजन और जैव ईंधन के स्रोत के रूप में माइक्रोएल्गी की उपयोगिता की जांच।

    • सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में उनकी वृद्धि, जीवित रहने की क्षमता, और रासायनिक प्रक्रियाओं का विश्लेषण।

    • यह अध्ययन भविष्य के चंद्र, मंगल और अंतरिक्ष अभियानों के लिए जीवन समर्थन प्रणाली को बेहतर बना सकता है।

  2. मांसपेशी कोशिकाओं का अध्ययन (Myogenesis)

    • गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति में मांसपेशी कोशिकाओं की वृद्धि और संरचना पर असर का विश्लेषण।

    • इस अध्ययन से अंतरिक्ष यात्रियों में मांसपेशी क्षय को रोकने और बुजुर्गों में मांसपेशी दुर्बलता की चिकित्सा में मदद मिलेगी।

  3. मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण

    • अंतरिक्ष में बीजों के अंकुरण और संरचनात्मक परिवर्तन की जांच।

    • बीजों को -80°C पर संग्रहित किया गया ताकि उनके डीएनए की जांच पृथ्वी पर की जा सके।

    • शोध का उद्देश्य अंतरिक्ष में स्थायी खेती के लिए आधार तैयार करना है।

  4. अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर अध्ययन

    • विकिरण, मानसिक स्वास्थ्य, हृदय स्वास्थ्य और तापीय अनुकूलन पर निगरानी।

    • Rad Nano Dosimeter डिवाइस से विकिरण की माप की गई।

    • न्यूरोमस्कुलर इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन तकनीक का उपयोग मांसपेशी हानि रोकने के लिए किया गया।

  5. मांसपेशी क्षय का विश्लेषण

    • Life Sciences Glovebox के ज़रिए जैविक परीक्षण।

    • पौधों की जड़ों में जल अवशोषण की प्रक्रिया का भी अध्ययन किया गया।

    • इससे अंतरिक्ष व्यायाम कार्यक्रम और कृषि में मदद मिलेगी।

  6. भारतीय टार्डीग्रेड्स (जल भालू) पर अध्ययन

    • भारत में पाए गए टार्डीग्रेड्स की जीन पहचान कर उनकी चरम परिस्थितियों में जीवित रहने की क्षमता की जांच।

    • ये शोध अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षा तकनीक विकसित करने में सहायक होगा।

  7. सायनोबैक्टीरिया वृद्धि पर अध्ययन

    • कार्बन और नाइट्रोजन के पुनर्चक्रण के लिए इन जीवों का उपयोग।

    • पोषक तत्त्वों के अवशोषण और प्रजनन प्रक्रिया का सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में परीक्षण।

    • दीर्घकालिक अंतरिक्ष अभियानों में पोषण स्रोत के रूप में इनका उपयोग संभव है।

  8. वॉयेजर डिस्प्ले अध्ययन

    • अंतरिक्ष में डिजिटल स्क्रीन से आंखों पर पड़ने वाले तनाव और मानसिक थकान का विश्लेषण।

    • IISc बेंगलुरु द्वारा विकसित प्रयोग।

    • अंतरिक्ष यान में बेहतर यूजर इंटरफेस डिज़ाइन की दिशा में एक कदम।

  9. बीज लचीलापन परीक्षण

    • चावल, सेसम, मूंग, बैंगन और टमाटर के बीजों को अंतरिक्ष में परखा गया।

    • उनके डीएनए, पोषक तत्वों और रोग प्रतिरोधक क्षमता में संभावित बदलावों का विश्लेषण।

    • इससे जलवायु-सहिष्णु फसलें विकसित करने में सहायता मिलेगी।

  10. Axiom-4 मिशन का संक्षिप्त विवरण

  • प्रक्षेपण तिथि: 25 जून 2025

  • वापसी तिथि: 15 जुलाई 2025

  • स्पेसक्राफ्ट: स्पेसएक्स ड्रैगन, फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च

  • क्रू सदस्य:

    • पेगी व्हिटसन (कमांडर, अमेरिका)

    • स्लावोश उज़नांस्की-विस्निवस्की (पोलैंड)

    • तिबोर कापू (हंगरी)

    • शुभांशु शुक्ला (भारत)

यह मिशन भारत के लिए गौरव का विषय है और यह आने वाले गगनयान मिशन और भारत की दीर्घकालिक अंतरिक्ष योजनाओं की नींव को और मज़बूती देता है।

Top Current Affairs News 17 July 2025: पढ़ें फटाफट अंदाज में

Top Current Affairs 17 July 2025 in Hindi: बता दें, आज के इस दौर में सरकारी नौकरी पाना बेहद मुश्किल हो गया है। गवर्नमेंट जॉब की दिन रात एक करके तयारी करने वाले छात्रों को ही सफलता मिलती है। उनकी तैयारी में General Knowledge और Current Affairs का बहुत बड़ा योगदान होता है, बहुत से प्रश्न इसी भाग से पूछे जाते हैं। सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा का स्तर पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो गया है, जिससे छात्रों को और अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए हम 17 July 2025 के महत्वपूर्ण करेंट अफेयर लेकर आए हैं, जिससे तैयारी में मदद मिल सके।

चीन ने विकसित किया दुनिया का सबसे हल्का ब्रेन कंट्रोल डिवाइस

चीनी शोधकर्ताओं ने मधुमक्खियों की गतिविधियों को सटीक रूप से नियंत्रित करने वाला दुनिया का सबसे हल्का ब्रेन कंट्रोल डिवाइस विकसित किया है। यह तकनीक बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर झाओ जिएलियांग की टीम द्वारा विकसित की गई है और इसे 11 जून को Chinese Journal of Mechanical Engineering में प्रकाशित किया गया। इस डिवाइस का वजन मात्र 74 मिलीग्राम है — जो एक मधुमक्खी द्वारा उठाए जा सकने वाले अमृत से भी हल्का है। यह डिवाइस मधुमक्खी की पीठ पर लगाया जाता है और तीन महीन सुइयों के माध्यम से उसके मस्तिष्क से जुड़ता है।

हिमाचल प्रदेश में ‘My Deed’ योजना की शुरुआत

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को ‘My Deed’ नामक NGDRS (नेशनल जनरिक डाक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पायलट परियोजना का शुभारंभ किया। यह पहल राज्य में भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को आधुनिक, पारदर्शी और नागरिकों के लिए सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब नागरिकों को रजिस्ट्री के लिए तहसील कार्यालय में केवल एक बार जाना होगा, बाकी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

दिल्ली में ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण नियम 2025 अधिसूचित

दिल्ली सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए ‘दिल्ली ट्रांसजेंडर पर्सन्स (राइट्स प्रोटेक्शन) रूल्स, 2025’ अधिसूचित कर दिए हैं। यह ऐतिहासिक कदम समुदाय के लिए पहचान पत्र जारी करने और उनके समग्र कल्याण हेतु एक सशक्त बोर्ड के गठन का मार्ग प्रशस्त करता है। इस अधिसूचना को उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना द्वारा सामाजिक कल्याण विभाग की ओर से लागू किया गया है।

एनएलसीआईएल को नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार के लिए बड़ी छूट

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक छूट प्रदान की है, जिसके अंतर्गत कंपनी को ₹7,000 करोड़ का निवेश अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी NLC इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) में करने की अनुमति मिली है। यह छूट मौजूदा निवेश दिशानिर्देशों और 30% नेट वर्थ सीमा से मुक्त होगी, जिससे कंपनी को वित्तीय और परिचालन संबंधी अधिक लचीलापन मिलेगा।

संयुक्त राष्ट्र SDG रिपोर्ट 2025

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 14 जुलाई 2025 को जारी ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) रिपोर्ट 2025’ में वैश्विक विकास के लक्ष्यों को लेकर गंभीर चेतावनी दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन 17 में से 14 लक्ष्यों के लिए आंकड़े उपलब्ध हैं, उनमें से 35% लक्ष्यों की प्रगति या तो रुक गई है या उल्टी दिशा में जा रही है। शून्य भुखमरी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वच्छ जल और स्वच्छता, न्यायसंगत आर्थिक विकास और असमानता में कमी जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

2034 तक वैश्विक अनाज उपयोग में बड़ा बदलाव

OECD और संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा 15 जुलाई 2025 को जारी ‘एग्रीकल्चरल आउटलुक 2025-2034’ की रिपोर्ट में वैश्विक अनाज उपयोग में महत्वपूर्ण बदलावों की भविष्यवाणी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2034 तक केवल 40% अनाज मानव उपभोग के लिए प्रयुक्त होगा, जबकि 27% जैव ईंधन और औद्योगिक उपयोग में जाएगा — जो कि 2023 के अनुमानित 23% से काफी अधिक है। शेष 33% अनाज पशु चारे के रूप में उपयोग किया जाएगा।

नयी रैंकिंग प्रणाली के तहत अहमदाबाद सबसे स्वच्छ शहर; इंदौर ‘सुपर स्वच्छ लीग’ में पहुंचा

सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में, बड़े शहरों में अहमदाबाद को सबसे स्वच्छ शहर नामित किया गया, जिसके बाद भोपाल और लखनऊ का स्थान है। वहीं, स्वच्छता में असाधारण प्रदर्शन करने को लेकर इंदौर, सूरत, नवी मुंबई और विजयवाड़ा को नवगठित ‘सुपर स्वच्छ लीग सिटीज’ श्रेणी में जगह मिली है। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार, 4,500 से अधिक शहरों में बातचीत, स्वच्छता ऐप, माईजीओवी और सोशल मीडिया के माध्यम से 14 करोड़ लोगों ने सर्वेक्षण में भाग लिया।

भारत ने आकाश प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन के ड्रोन हमलों को सटीक प्रहारों से नाकाम बनाने वाली भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट ने लद्दाख के उच्चतम पर्वतीय क्षेत्र में आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया। आकाश प्राइम को 15 हजार फीट तक की ऊंचाई पर स्थापित किया जा सकता है। यह लगभग 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्य को मार सकती है। सफल परीक्षण से चीन और पाकिस्तान को भी स्पष्ट संदेश गया है कि भारतीय सेना लगातार मजबूत हो रही है। इस प्रणाली को डीआरडीओ ने ही विकसित किया है। यह प्रणाली लद्दाख के चुनौतीपूर्ण मौसम में सटीक प्रहार करने में सक्षम पाई गई। जल्द ही इसे दुश्मन की हवाई चुनौतियों का सामना करने के लिए मैदान में लाया जाएगा।

अमित चावड़ा गुजरात प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त

कांग्रेस ने गुजरात पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए अमित चावड़ा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे शक्तिसिंह गोहिल का स्थान लेंगे। इसके साथ ही डॉ. तुषार चौधरी को गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है। बता दें कि राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने हालिया उपचुनावों में पार्टी को मिली हार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। अमित चावड़ा इससे पहले भी गुजरात प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और वे अनुभवी संगठनकर्ता माने जाते हैं। वहीं डॉ. तुषार चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और आदिवासी समुदाय से आने वाले वरिष्ठ नेता हैं। उनकी नियुक्ति को कांग्रेस की जनाधार विस्तार रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

सुनील मित्तल को ब्रिटेन की बाथ यूनिवर्सिटी से मानद डॉक्टरेट का सम्मान मिला

भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक एवं चेयरमैन सुनील भारती मित्तल को ब्रिटेन के बाथ यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। कंपनी ने यह जानकारी दी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि बाथ यूनिवर्सिटी की गिनती ब्रिटेन के साथ दुनिया के भी शीर्ष विश्वविद्यालयों में होती है। यह नौंवां मौका है जब मित्तल किसी शिक्षण संस्थान से मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किए गए हैं। बाथ यूनिवर्सिटी ऐसा करने वाला तीसरा ब्रिटिश संस्थान है। इससे पहले उन्हें 2009 में लीड्स यूनिवर्सिटी और 2012 में न्यूकॉसल यूनिवर्सिटी से भी मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिल चुकी है।

क्रांति प्रकाश झा और एक्ट्रेस नीतू चंद्रा को बिहार में चुनाव आयोग ने दी बड़ी जिम्मेदारी

चुनाव जागरूकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम पहल के तहत भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने प्रसिद्ध कलाकार नीतू चंद्रा और क्रांति प्रकाश झा को बिहार के लिए SVEEP आइकन नियुक्त किया है। राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच, जनता के बीच लोकप्रिय इन हस्तियों को जोड़ने का उद्देश्य मतदाता साक्षरता और भागीदारी को रचनात्मक तरीकों से बढ़ावा देना है। यह नियुक्ति आयोग के प्रमुख मतदाता जागरूकता अभियान SVEEP (Systematic Voters’ Education and Electoral Participation) का हिस्सा है, जो जागरूक और जिम्मेदार मतदाता तैयार करने की दिशा में काम करता है।

SVEEP कार्यक्रम की पृष्ठभूमि

SVEEP कार्यक्रम की शुरुआत निर्वाचन आयोग ने इसलिए की थी ताकि मतदाता जागरूकता की खामियों को दूर किया जा सके और प्रत्येक पात्र नागरिक को यह समझाया जा सके कि उसका वोट कितना महत्वपूर्ण है। वर्षों में यह अभियान एक बहु-आयामी शिक्षा पहल में बदल चुका है, जिसमें मल्टीमीडिया, सांस्कृतिक माध्यमों और जनप्रिय हस्तियों का उपयोग कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। विशेष रूप से यह अभियान उन क्षेत्रों को लक्ष्य बनाता है जहां मतदान प्रतिशत कम होता है या उदासीनता अधिक होती है।

सेलिब्रिटी आइकन की भूमिका

लोकप्रिय कलाकारों का समाज पर विशेषकर युवाओं और नए मतदाताओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है। नीतू चंद्रा और क्रांति प्रकाश झा को SVEEP आइकन के रूप में नियुक्त कर आयोग इनकी लोकप्रियता और स्थानीय जुड़ाव (पटना और भागलपुर से) का लाभ उठाकर मतदाता भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहता है। इससे पहले, मैथिली लोकगायिका मैथिली ठाकुर को 2023 में इसी उद्देश्य से नियुक्त किया गया था, जो दर्शाता है कि आयोग लगातार स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों का उपयोग कर रहा है।

नियुक्ति के उद्देश्य

  • आगामी चुनावों में मतदान प्रतिशत को बढ़ाना।

  • लोकप्रिय चेहरों के माध्यम से मतदाता शिक्षा को सरल और प्रभावी बनाना।

  • टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया, जनसभाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे विभिन्न मंचों के जरिए जनसंचार को बढ़ावा देना।

  • सूचित, नैतिक और समावेशी मतदान की संस्कृति को प्रोत्साहित करना।

SVEEP आइकनों की प्रोफ़ाइल

  • नीतू चंद्रा पटना की मूल निवासी हैं और कई भारतीय भाषाओं के साथ-साथ हॉलीवुड फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। वे एक प्रशिक्षित मार्शल आर्टिस्ट, शास्त्रीय नृत्यांगना और खिलाड़ी भी हैं, जिससे वे एक बहुआयामी प्रभावशाली व्यक्तित्व बन जाती हैं।

  • क्रांति प्रकाश झा, भागलपुर से हैं और बाटला हाउस, एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी और सम्राट पृथ्वीराज जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं। उनका ग्रामीण जुड़ाव और सिनेमाई प्रभाव बिहार के विविध मतदाता वर्गों में अच्छी तरह गूंजेगा।

SVEEP अभियान की विशेषताएं

  • सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय आंकड़ों पर आधारित कस्टम अभियान

  • स्थानीय प्रभावशाली लोगों, पारंपरिक मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग।

  • महिलाओं, दिव्यांगों और हाशिये के समूहों की भागीदारी को प्राथमिकता।

  • पिछले मतदान आंकड़ों का विश्लेषण कर कमजोर मतदान क्षेत्रों पर विशेष ध्यान।

यह पहल न केवल चुनावी भागीदारी को बढ़ाएगी बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को समाज में गहराई से स्थापित करने में भी सहायक होगी।

भारत को मिला दूसरा GE-F404 इंजन

भारत में निर्मित हल्का लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft – LCA) तेजस Mk 1A अब तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि GE Aerospace द्वारा दूसरा GE F404 इंजन हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंप दिया गया है। यह विकास उस समय हुआ है जब भारतीय वायुसेना (IAF) को अपने लड़ाकू स्क्वाड्रनों को उन्नत स्वदेशी विमानों से सुसज्जित करने की तत्काल आवश्यकता है।

पृष्ठभूमि

अगस्त 2021 में HAL ने GE Aerospace के साथ ₹5,375 करोड़ का अनुबंध किया था, जिसके तहत तेजस Mk 1A जेट के लिए 99 F404 इंजन आपूर्ति किए जाने हैं। वायुसेना ने पहले ही 83 तेजस Mk 1A विमानों का ऑर्डर दिया है और लगभग ₹67,000 करोड़ मूल्य के 97 और विमान खरीदने की योजना है। पहला इंजन अप्रैल 2025 में मिला था, हालांकि इसमें COVID-19 महामारी और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं के चलते देरी हुई थी।

महत्व

तेजस Mk 1A की तैनाती इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वायुसेना पुराने MiG-21 जैसे विमानों को चरणबद्ध रूप से सेवानिवृत्त कर रही है। ऐसे में समय पर तेजस का उत्पादन और तैनाती संचालनिक तत्परता और रणनीतिक वायु श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

प्रमुख विशेषताएं

तेजस Mk 1A अपने पूर्ववर्ती संस्करणों की तुलना में कई उन्नत सुविधाओं से लैस है, जैसे:

  • AESA रडार (Active Electronically Scanned Array)

  • उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और जैमिंग क्षमताएं

  • बीवीआर (Beyond Visual Range) युद्धक क्षमताएं — Derby और स्वदेशी ASTRA मिसाइल के साथ

  • तेजस में ASTRA मिसाइल के एकीकरण का परीक्षण जारी है, जो आत्मनिर्भर भारत की क्षमताओं को दर्शाता है

उत्पादन और आपूर्ति समयरेखा

HAL का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक 12 विमान सौंपने का है, जिनमें से छह पहले ही तैयार हो रहे हैं। प्रत्येक इंजन को विमान में फिट करने और परीक्षण के लिए लगभग एक महीने का समय लगता है। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष के अंत तक GE से 10 इंजन मिलने की उम्मीद है, जिससे HAL 2026 में 16 विमान बना सकेगा, बशर्ते आपूर्ति समय पर हो। कुल 83 विमानों की डिलीवरी का लक्ष्य 2030 तक पूरा करने का है।

चुनौतियाँ

प्रमुख चुनौती इंजन की आपूर्ति में देरी रही है, जिससे उत्पादन कार्यक्रम प्रभावित हुआ। HAL प्रमुख ने बताया कि GE द्वारा डेडलाइन पूरी न कर पाने के कारण ही मार्च 2024 से डिलीवरी शुरू नहीं हो सकी। हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री ने अमेरिका से इंजन की आपूर्ति में तेजी लाने का आग्रह किया है।

EximPe को मिला आरबीआई से क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस

भारत के फिनटेक और नियामक परिदृश्य में एक उल्लेखनीय विकास के तहत, एक्सिमपे (EximPe) को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट एग्रीगेटर (Payment Aggregator – Cross Border, PA-CB) के रूप में काम करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। यह कदम विशेष रूप से भारत-एशिया व्यापार गलियारे में क्रॉस-बॉर्डर डिजिटल लेनदेन और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार और डिजिटल सेवाओं में सीमा-पार भुगतान अहम होते जा रहे हैं, ऐसे नियामकीय अनुमोदन डिजिटल अर्थव्यवस्था में मजबूत अवसंरचना और अनुपालन को दर्शाते हैं।

पृष्ठभूमि

RBI का PA-CB ढांचा उन भुगतान एग्रीगेटर्स को नियंत्रित करता है जो सीमा-पार लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं। इसके अंतर्गत कंपनियों को कड़े अनुपालन मानकों, डेटा सुरक्षा, लेनदेन निगरानी और पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करना होता है। एक्सिमपे अब स्काइडो (Skydo), पेपाल (PayPal), अमेजन पे इंडिया और बिलडेस्क (BillDesk) जैसे अन्य मान्यता प्राप्त खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गया है, जिनमें से कुछ को पहले ही पूर्ण लाइसेंस प्राप्त हैं।

अनुमोदन का महत्व

इस सैद्धांतिक मंजूरी के साथ एक्सिमपे को भारत के उभरते हुए सीमा-पार भुगतान क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिली है। अब तक $450 मिलियन से अधिक का लेनदेन प्रोसेस कर चुका एक्सिमपे डिजिटल सेवाओं, बी2बी व्यापार और क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स में अपने दायरे को तेजी से बढ़ाने की तैयारी में है। यह लाइसेंस विशेष रूप से SMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) के लिए भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाने में मदद करेगा, जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जटिल प्रक्रियाओं का सामना करते हैं।

उद्देश्य और विस्तार योजनाएं

कंपनी के संस्थापक अर्जुन ज़कारिया के अनुसार, एक्सिमपे का लक्ष्य FY26 तक 10 गुना वृद्धि हासिल करना है। कंपनी का फोकस ऐसे एशियाई बाजारों पर है जहां भारत के डिजिटल व्यापार संबंध मजबूत हैं। वह निर्यातकों और डिजिटल सेवा प्रदाताओं के लिए नियामकीय अनुपालन, मुद्रा रूपांतरण और सेटलमेंट की जटिलताओं को सरल बनाना चाहती है।

फंडिंग और निवेशक समर्थन

$3.5 मिलियन की इक्विटी फंडिंग के साथ, एक्सिमपे को मजबूत निवेशक समर्थन प्राप्त है। कंपनी अब तक 5,000 से अधिक SMEs, विनिर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के साथ काम कर चुकी है, जिससे यह क्षेत्र में एक विश्वसनीय भागीदार बन चुकी है। यह फंडिंग तकनीकी उन्नयन, बाज़ार विस्तार और ग्राहक ऑनबोर्डिंग व सहायता प्रणाली को मजबूत करने में उपयोग की जाएगी। यह कदम न केवल एक्सिमपे की वृद्धि की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि भारत के सीमा-पार भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को भी नया आयाम देगा।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस 2025: इतिहास और महत्व

विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस प्रतिवर्ष 17 जुलाई को मनाया जाता है; जो न्याय, उत्तरदायित्व और मानवाधिकारों की सार्वभौमिक भावना का उत्सव है। इस दिवस का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय को बढ़ावा देना और गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराधों के लिए दोषियों को सज़ा से बचने से रोकने के वैश्विक प्रयासों को मजबूत करना है। यह दिन रोम संविधि (Rome Statute) को अपनाए जाने की वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसने 1998 में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।

पृष्ठभूमि

17 जुलाई 1998 को रोम में 120 देशों ने रोम संविधि को अपनाया, जिससे ICC की स्थापना हुई। यह न्यायालय 1 जुलाई 2002 से औपचारिक रूप से कार्यशील हुआ। 2010 में युगांडा के कंपाला में हुई समीक्षा सम्मेलन के दौरान 17 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय न्याय के लिए विश्व दिवस के रूप में आधिकारिक मान्यता दी गई। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कानून में हुई प्रगति को मान्यता देना और नरसंहार, युद्ध अपराधों व मानवता के विरुद्ध अपराधों के पीड़ितों को समर्थन देना है।

महत्व

यह दिन वैश्विक स्तर पर न्याय, जवाबदेही और कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उस संकल्प को दोहराता है कि बड़े पैमाने पर अत्याचार करने वालों को सजा मिलनी चाहिए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जाना चाहिए। हेग (नीदरलैंड) में स्थित ICC ऐसा पहला स्थायी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय है जो ऐसे अपराधों की सुनवाई करता है।

उद्देश्य

  • ICC जैसे अंतरराष्ट्रीय न्याय तंत्रों के बारे में जागरूकता फैलाना

  • गंभीर अपराधों पर अभियोजन के लिए देशों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना

  • पीड़ितों के अधिकारों का समर्थन करना और न्याय की आवश्यकता को उजागर करना

  • शांति और सुरक्षा की नींव के रूप में कानून के शासन को सुदृढ़ करना

प्रमुख विशेषताएं

  • ICC, संयुक्त राष्ट्र, NGO और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन

  • पैनल चर्चा, पीड़ितों की गवाही, मॉक ट्रायल और जागरूकता अभियानों का आयोजन

  • सोशल मीडिया पर #JusticeDay2025 जैसे हैशटैग के माध्यम से वैश्विक पहल

  • युवाओं को जोड़ने के लिए वाद-विवाद, फिल्म स्क्रीनिंग और स्कूल गतिविधियाँ

समकालीन प्रासंगिकता

आज के समय में जब यूक्रेन, ग़ाज़ा और अफ्रीका के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष बढ़ रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय न्याय की मजबूत संरचनाओं की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। यह दिन याद दिलाता है कि न्याय सार्वभौमिक होना चाहिए — राजनीति और सीमाओं से परे, और उत्तरदायित्व ही मानव गरिमा की रक्षा और अत्याचारों को रोकने की कुंजी है।

अजय कुमार श्रीवास्तव को HAL का निदेशक (इंजीनियरिंग एवं अनुसंधान एवं विकास) नियुक्त किया गया

अजय कुमार श्रीवास्तव ने आधिकारिक रूप से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में निदेशक (इंजीनियरिंग एवं अनुसंधान एवं विकास) का पदभार ग्रहण कर लिया है। भारत के प्रमुख एयरोस्पेस एवं रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों में से एक HAL में श्रीवास्तव की नियुक्ति स्वदेशी विमानन क्षमताओं और नवाचार को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। उनके पास विमान डिज़ाइन और विकास में 37 वर्षों का अनुभव है।

पृष्ठभूमि

अजय श्रीवास्तव ने 1988 में HAL में प्रबंधन प्रशिक्षु (तकनीकी) के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने HAL के विमान अनुसंधान एवं डिज़ाइन केंद्र (ARDC) और परिवहन विमान अनुसंधान एवं डिज़ाइन केंद्र (TARDC) में कई नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाईं। इस नियुक्ति से पहले वे ARDC के कार्यकारी निदेशक थे और भारत के एयरोस्पेस अनुसंधान ढांचे में अहम योगदान दे रहे थे।

महत्व

श्रीवास्तव की यह नियुक्ति ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत रक्षा और विमानन क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मज़बूती देने की दिशा में एक ठोस कदम है। स्वदेशी विमानों और प्रमाणन कार्यक्रमों में उनका अनुभव HAL को सैन्य और नागरिक विमानन दोनों क्षेत्रों में तेज़ी से आगे बढ़ाने में सहायक होगा।

प्रमुख योगदान

  • HS-748, Do-228, Sea King हेलिकॉप्टर और IL-78 जैसे विमानों के एवियोनिक्स अपग्रेड में महत्वपूर्ण भूमिका

  • DGCA द्वारा Do-228 और हिंदुस्तान-228 को नागरिक उपयोग हेतु प्रमाणित करवाने में नेतृत्व, जो भारत का पहला नागरिक प्रमाणित परिवहन विमान है

  • महत्वपूर्ण विमान कलपुर्जों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देकर आयात निर्भरता कम की

  • Aero India 2025 में प्रदर्शित ‘यशस’ (HJT-36) ट्रेनर जेट के एवियोनिक्स अपग्रेड का सफल नेतृत्व

  • फ्रांस के वैमानिकी एवं अंतरिक्ष उद्योग सम्मान FASIA से सम्मानित

उद्देश्य और दृष्टिकोण

HAL में निदेशक (इंजीनियरिंग एवं R&D) के रूप में अजय श्रीवास्तव का लक्ष्य है:

  • स्वदेशी विमान प्रणालियों में नवाचार को बढ़ावा देना

  • ट्रेनर, परिवहन, फाइटर और हेलिकॉप्टर प्लेटफॉर्म में HAL की क्षमताओं को सशक्त बनाना

  • वैश्विक एयरोस्पेस भागीदारों से सहयोग करते हुए आत्मनिर्भरता पर केंद्रित रहना

  • अगली पीढ़ी के विमानों के लिए तकनीकी उन्नयन और भविष्य-उन्मुख डिज़ाइन रणनीतियों का नेतृत्व करना

उनकी नियुक्ति HAL और भारत की एयरोस्पेस तकनीक में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।

खट्टर ने MSMEs के लिए ₹1,000 करोड़ की ADEETIE योजना की शुरुआत की

भारत सरकार ने ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) में, औद्योगिक प्रतिष्ठानों में ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों की तैनाती हेतु सहायता (ADEETIE) नामक एक राष्ट्रीय स्तर की पहल शुरू की है। इस योजना का अनावरण केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया। यह विद्युत मंत्रालय द्वारा समर्थित है और ₹1,000 करोड़ के बजट के साथ ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।

पृष्ठभूमि

भारत का औद्योगिक क्षेत्र ऊर्जा की बड़ी मात्रा में खपत करता है, विशेषकर MSME सेक्टर में, जहां पूंजी और आधुनिक तकनीकों की अक्सर कमी होती है। ADEETIE योजना का उद्देश्य MSMEs को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना है। यह भारत के कम-कार्बन अर्थव्यवस्था और सतत औद्योगिक विकास के लक्ष्यों के अनुरूप है।

महत्व

यह योजना MSMEs में पावर-टू-प्रोडक्ट अनुपात को सुधारने और हरित ऊर्जा अपनाने के प्रयासों को गति देती है। उन्नत तकनीकों को अपनाने से 30% से 50% तक की ऊर्जा बचत संभव है, जिससे परिचालन लागत घटेगी और भारत के जलवायु लक्ष्यों में योगदान मिलेगा।

उद्देश्य

  • औद्योगिक इकाइयों में ऊर्जा कुशल तकनीकों की तैनाती को प्रोत्साहित करना

  • MSMEs को वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करना

  • MSMEs की तकनीकी क्षमता को मजबूत करना

  • दीर्घकालिक प्रभाव मूल्यांकन हेतु मॉनिटरिंग और सत्यापन (M&V) की व्यवस्था

प्रमुख विशेषताएं

  • ₹1,000 करोड़ का कुल बजट, जिसमें:

    • ₹875 करोड़ ब्याज अनुदान के लिए

    • ₹50 करोड़ ऊर्जा ऑडिट के लिए

    • ₹75 करोड़ कार्यान्वयन सहायता के लिए

  • ब्याज सब्सिडी:

    • 5% माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए

    • 3% मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए

  • 14 ऊर्जा-गहन क्षेत्रों और 60 औद्योगिक क्लस्टरों में चरणबद्ध क्रियान्वयन

  • निवेश-ग्रेड ऊर्जा ऑडिट (IGEA) और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) हेतु सहायता

प्रभाव

यह योजना MSMEs की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगी, उनकी ऊर्जा लागत घटाएगी और उत्पादन क्षमता में सुधार लाएगी। साथ ही यह योजना भारत के औद्योगिक क्षेत्र में स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को अपनाने की प्रक्रिया को गति प्रदान करेगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी और सतत विकास सुनिश्चित हो सकेगा।

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