इसरो ने अरुणाचल प्रदेश के सुदूर जिले में अंतरिक्ष प्रयोगशाला का उद्घाटन किया

अंतरिक्ष विज्ञान शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज़ शि-योमी ज़िले के मेचुका राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। यह पहल मुस्कान फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई है, जिसका औपचारिक उद्घाटन 16 अगस्त 2025 को अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री पासंग दोर्जे सोना ने किया।

अंतरिक्ष प्रयोगशाला के बारे में

उद्देश्य और दृष्टि
नव स्थापित पासंग वांगचुक सोना इसरो स्पेस लैब का उद्देश्य है:

  • छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में व्यवहारिक (hands-on) अनुभव प्रदान करना।

  • युवाओं में जिज्ञासा, नवाचार और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना।

  • ग्रामीण छात्रों की एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियंत्रण, गणित) शिक्षा में भागीदारी बढ़ाना।

यह सुविधा शहरी और ग्रामीण शैक्षणिक अवसरों के बीच की खाई को पाटेगी, ताकि दूरदराज़ के छात्र भी आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों और प्रशिक्षण का लाभ उठा सकें।

प्रयोगशाला का नामकरण

इस प्रयोगशाला का नाम शिक्षा मंत्री पासंग दोर्जे सोना के पिता पासंग वांगचुक सोना के नाम पर रखा गया है, जो जीवन भर शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति के समर्थक रहे।

अरुणाचल प्रदेश के लिए महत्व

दूरदराज़ क्षेत्रों में विज्ञान का प्रसार
अरुणाचल प्रदेश में भौगोलिक चुनौतियों के कारण उन्नत शैक्षणिक सुविधाएँ सीमित रही हैं। मेचुका (भारत-चीन सीमा के निकट) में यह प्रयोगशाला स्थापित करना इसरो की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें वैज्ञानिक संसाधनों को सर्वसुलभ बनाने पर बल है।

भविष्य के वैज्ञानिकों को सशक्त करना
स्थानीय प्रतिभा को प्रारंभिक स्तर पर आधुनिक तकनीक से परिचित कराना छात्रों को अंतरिक्ष अनुसंधान, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक नवाचार के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।

इसरो की व्यापक पहुँच पहल

यह परियोजना इसरो के उस व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसमें लक्ष्य है:

  • स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक साक्षरता को बढ़ावा देना।

  • भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भविष्य के वैज्ञानिक तैयार करना।

  • राज्य सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ मिलकर अविकसित क्षेत्रों में प्रयोगशालाएँ और नवाचार केंद्र स्थापित करना।

इससे पहले अन्य राज्यों में भी इसरो ने ऐसी पहलें की हैं, जहाँ स्पेस लैब्स और स्टूडेंट सैटेलाइट कार्यक्रमों ने छात्रों की विज्ञान में रुचि को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है।

टॉपब्रांड 2025 वैश्विक ब्रांड सूची में माइक्रोसॉफ्ट शीर्ष पर; एनवीडिया और एप्पल क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर

शेनझेन में 7–11 अगस्त 2025 को आयोजित 19वें चाइना ब्रांड फेस्टिवल में टॉपब्रांड यूनियन ने टॉप 500 ग्लोबल ब्रांड्स सूची 2025 जारी की। “एआई एंड ग्लोबल एक्सपेंशन” थीम पर आधारित इस महोत्सव में दुनियाभर से 10,000 से अधिक प्रतिभागी—उद्यमी, नीति-निर्माता और ब्रांड लीडर्स—शामिल हुए।

2025 के शीर्ष 10 वैश्विक ब्रांड्स (ब्रांड मूल्यांकन – अमेरिकी डॉलर में)

  1. माइक्रोसॉफ्ट – $1,062.505 अरब

  2. एनवीडिया – $1,046.760 अरब

  3. एप्पल – $997.685 अरब

  4. अमेज़न

  5. अल्फाबेट (गूगल)

  6. सऊदी अरामको

  7. वॉलमार्ट

  8. मेटा (फेसबुक)

  9. बर्कशायर हैथवे

  10. ब्रॉडकॉम

मुख्य विशेषताएँ

  • माइक्रोसॉफ्ट की नेतृत्व स्थिति उसके एआई, क्लाउड कम्प्यूटिंग और एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर में दबदबे को दर्शाती है।

  • एनवीडिया का दूसरा स्थान एआई चिप क्रांति और अगली पीढ़ी की तकनीकों को शक्ति प्रदान करने में उसकी अहम भूमिका को रेखांकित करता है।

  • एप्पल तीसरे स्थान पर, उपभोक्ता इकोसिस्टम में मजबूती बनाए रखते हुए तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है।

  • सऊदी अरामको ऊर्जा क्षेत्र का सर्वोच्च ब्रांड है, जबकि ब्रॉडकॉम की एंट्री से सेमीकंडक्टर सेक्टर की बढ़ती ताकत उजागर होती है।

चीन की स्थिति

  • पेट्रोचाइना, 14वें स्थान पर, सबसे मूल्यवान चीनी ब्रांड के रूप में उभरा।

  • हालांकि फॉर्च्यून ग्लोबल 500 (2025) सूची में चीन की 130 कंपनियाँ शामिल हैं (अमेरिका से केवल आठ कम), लेकिन टॉपब्रांड रैंकिंग में अमेरिका की तुलना में चीन की मौजूदगी आधे से भी कम है।

  • यह आर्थिक ताकत और वैश्विक ब्रांड प्रभाव के बीच अंतर को दर्शाता है—यानी, आकार में बड़ी कंपनियों के बावजूद चीनी ब्रांड्स अभी भी वैश्विक दृश्यता और सॉफ्ट पावर में पीछे हैं।

वैश्विक प्रवृत्तियाँ

  • एआई और सेमीकंडक्टर अब ब्रांड मूल्य निर्माण के केंद्र में हैं।

  • ऊर्जा और खुदरा जैसे पारंपरिक क्षेत्र अभी भी मजबूत हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी नवाचार से कड़ी प्रतिस्पर्धा झेल रहे हैं।

जीएसटी में दो स्लैब का प्रस्ताव; जरूरी सामानों पर लगेगा पांच और 18% कर, लग्जरी उत्पादों पर 40% टैक्स

केंद्र सरकार ने जीएसटी (GST) को और सरल बनाने के लिए दो स्लैब की नई प्रणाली (5% और 18%) का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही तंबाकू और पान मसाला जैसे चुनिंदा विलास/हानिकारक उत्पादों (sin goods) पर 40% का विशेष कर लगाया जाएगा। यह प्रस्ताव नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी सुधारों का हिस्सा है, जिस पर सितंबर या अक्टूबर 2025 में जीएसटी परिषद विचार कर सकती है। यदि मंजूरी मिलती है, तो इसे वित्त वर्ष 2025–26 की तीसरी तिमाही से लागू किया जा सकता है।

यह सुधार उपभोग को बढ़ावा देने, कर विवादों को सुलझाने और अनुपालन को सरल बनाने के साथ-साथ कृषि, वस्त्र, उर्वरक और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को समर्थन देगा।

प्रस्तावित GST दर संरचना

1. दो मुख्य स्लैब

  • 5% स्लैब – दैनिक उपयोग और सामान्य उपभोक्ता वस्तुएं। वर्तमान में 12% पर आने वाली 99% वस्तुएं यहाँ शिफ्ट होंगी।

  • 18% स्लैब – टीवी, फ्रिज जैसी white goods और आकांक्षी वस्तुएं (जो अभी 28% पर हैं)।

  • 40% दर –लग्जरी वस्तुएं और तंबाकू उत्पादों जैसे हानिकारक सामान पर 40% GST लगेगा।

2. प्रमुख बदलाव

  • आवश्यक खाद्य वस्तुएं – पहले की तरह शून्य कर (कर-मुक्त)।

  • मध्यम वर्ग की आकांक्षी वस्तुएं – 28% से घटाकर 18%।

  • आम उपयोग की वस्तुएं – 12% से घटाकर 5%, ताकि वहनीयता और खपत बढ़ सके।

आर्थिक प्रभाव

  • वर्तमान राजस्व वितरण:

    • 18% स्लैब से – 67%

    • 12% स्लैब से – 5%

    • 5% स्लैब से – 7%

  • आवश्यक वस्तुओं पर कम दरों से माँग बढ़ेगी, GDP वृद्धि को गति मिलेगी और प्रमुख उद्योगों को समर्थन मिलेगा।

  • अल्पकालिक राजस्व में कमी संभव है, परंतु अधिक खपत से इसकी भरपाई हो जाएगी।

संरचनात्मक और प्रक्रियात्मक सुधार

  1. इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर का समाधान – वस्त्र और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में, जहाँ कच्चे माल पर कर तैयार माल से अधिक है।

  2. वर्गीकरण को सरल बनाना – समान वस्तुओं को एक ही स्लैब में रखना (जैसे नमकीन और स्नैक्स), ताकि विवाद और मुकदमेबाज़ी कम हो।

  3. तेज़ पंजीकरण और रिफंड

    • 95% व्यवसायिक पंजीकरण 3 दिन में पूरा करने का लक्ष्य।

    • निर्यातकों और इनवर्टेड ड्यूटी वाले व्यवसायों को स्वचालित रिफंड

  4. प्री-फिल्ड रिटर्न्स – बिलों में ग़लतफ़हमी कम करने और अनुपालन बोझ घटाने के लिए।

राजनीतिक और नीतिगत संदर्भ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 के स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषणा की थी कि अगली पीढ़ी के GST सुधार दीपावली 2025 तक लागू कर दिए जाएंगे। इनका उद्देश्य है –

  • GST को आम आदमी के लिए और अनुकूल बनाना।

  • कृषि, वस्त्र, ऑटोमोबाइल, नवीकरणीय ऊर्जा, हस्तशिल्प, स्वास्थ्य और बीमा जैसे क्षेत्रों की वृद्धि को समर्थन देना।

  • पुराने जटिल ढाँचे से हटकर सरल और व्यापार-हितैषी प्रणाली की ओर बढ़ना।

कार्यान्वयन समयरेखा और प्रक्रिया

  • चर्चा चरण – सितंबर–अक्टूबर 2025 में GST परिषद की बैठकें।

  • मंजूरी और क्रियान्वयन – संभवतः FY 2025-26 की तीसरी तिमाही से।

  • कानून संशोधन की आवश्यकता नहीं – अधिसूचनाओं के माध्यम से लागू किया जा सकता है, जिससे तेजी से कार्यान्वयन संभव होगा।

  • प्रस्ताव के व्यापक दायरे को देखते हुए परिषद की कई बैठकों की संभावना।

भारतीय नौसेना के जहाज द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास SLINEX-2025 में भाग लेने के लिए के लिए श्रीलंका पहुँचे

श्रीलंका–भारत नौसैनिक अभ्यास (SLINEX-25) की शुरुआत 14 अगस्त 2025 को कोलंबो में हुई, जब भारतीय नौसेना के आईएनएस राणा (गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर) और आईएनएस ज्योति (फ्लीट टैंकर) वहाँ पहुँचे। 14 से 18 अगस्त 2025 तक आयोजित यह 12वाँ संस्करण, भारत और श्रीलंका के बीच बढ़ते समुद्री सहयोग को दर्शाता है और इसे महासागर (MAHASAGAR) पहल के अंतर्गत महत्व दिया जा रहा है।

अभ्यास का परिचय
2005 में प्रारंभ किए गए SLINEX का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालन क्षमता (interoperability), समुद्री सहयोग और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। SLINEX-25 का आयोजन पिछले संस्करण (17–20 दिसंबर 2024, विशाखापत्तनम) के बाद किया जा रहा है।

चरणबद्ध संरचना

  • हार्बर फेज़ (14–16 अगस्त 2025) – कोलंबो

  • सी फेज़ (17–18 अगस्त 2025) – निकटवर्ती समुद्री क्षेत्र

प्रतिभागी

  • भारतीय नौसेना – आईएनएस राणा (गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर), आईएनएस ज्योति (फ्लीट टैंकर)

  • श्रीलंका नौसेना – एसएलएनएस गजबहु और एसएलएनएस विजयबहु (एडवांस ऑफशोर पेट्रोल वेसल)

  • दोनों देशों की विशेष बल इकाइयाँ (Special Forces)

  • अतिरिक्त संसाधन – श्रीलंका वायुसेना के BEL-412 हेलीकॉप्टर

हार्बर फेज़ गतिविधियाँ
इस चरण में पेशेवर संवाद, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट एक्सचेंज (SMEE) और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का साझा अनुभव शामिल है। साथ ही योग, खेलकूद और आपसी मैत्री संबंधों को मजबूत करने वाले सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

सी फेज़ गतिविधियाँ
इस चरण में परिचालन तत्परता की जाँच के लिए अभ्यास किए जा रहे हैं, जैसे—

  • तोपख़ाना अभ्यास (Gunnery firing serials)

  • संचार अभ्यास

  • नौवहन और समुद्री संचालन (Navigation & Seamanship)

  • विज़िट-बोर्ड-सर्च-सीज़र (VBSS) ऑपरेशन

  • समुद्र में पुनःपूर्ति और ईंधन आपूर्ति (At-sea replenishment & fueling)

ये अभ्यास संयुक्त समुद्री अभियानों के लिए आवश्यक सामरिक तालमेल को मज़बूत करते हैं।

महत्व और रणनीतिक संदर्भ
SLINEX द्विपक्षीय नौसैनिक समन्वय को और गहरा करता है तथा भारत की महासागर नीति (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) के अनुरूप है, जो क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और सामूहिक लचीलापन पर बल देती है।

यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में दोनों देशों के बीच विश्वास, परिचालन तालमेल और साझा समुद्री क्षमताओं को सुदृढ़ करता है, जिससे साझा सुरक्षा चुनौतियों का सामना सहयोग के माध्यम से किया जा सके।

NHAI ने हाईवे पर निर्बाध यात्रा के लिए FASTag वार्षिक पास शुरू किया

भारतीय नागरिकों के जीवन को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 15 अगस्त 2025 को FASTag वार्षिक पास सुविधा शुरू की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस दृष्टि के अनुरूप, जिसमें तकनीक का उपयोग सेवाओं को सरल और सुगम बनाने के लिए किया जा रहा है, यह पहल टोल भुगतान को अधिक कुशल, किफायती और उपयोगकर्ता-हितैषी बनाने का लक्ष्य रखती है। देशभर के 1,150 टोल प्लाज़ा पर तत्काल लागू किए गए इस कदम का राजमार्ग उपयोगकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया।

FASTag वार्षिक पास क्या है?
एक बार शुल्क, सालभर सुविधा

  • यह पास गैर-व्यावसायिक वाहन मालिकों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर बार-बार टोल रिचार्ज किए बिना यात्रा करने की सुविधा देता है।

  • पास की कीमत ₹3,000 है और यह एक वर्ष या 200 टोल क्रॉसिंग (जो भी पहले हो) के लिए मान्य रहेगा।

  • यह पहल टोल भुगतान प्रक्रिया को आसान बनाती है और बार-बार FASTag रिचार्ज की परेशानी को खत्म करती है।

पात्रता और सक्रियण

  • सभी वैध FASTag वाले गैर-व्यावसायिक वाहनों पर लागू।

  • राजमार्गयात्रा ऐप या NHAI की वेबसाइट के माध्यम से सक्रिय किया जा सकता है।

  • भुगतान की पुष्टि के दो घंटे के भीतर सक्रियण हो जाता है।

देशव्यापी शुरुआत और उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया
व्यापक कार्यान्वयन

  • यह वार्षिक पास लगभग 1,150 टोल प्लाज़ा (राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे) पर लागू किया गया है।

  • यह एक समान और सुविधाजनक व्यवस्था सुनिश्चित करता है।

पहले दिन की बड़ी सफलता

  • लॉन्च के दिन ही 1.4 लाख उपयोगकर्ताओं ने पास खरीदा और सक्रिय किया।

  • टोल प्लाज़ा पर 1.39 लाख लेन-देन दर्ज हुए।

  • 20,000–25,000 उपयोगकर्ताओं ने एक साथ राजमार्गयात्रा ऐप का उपयोग किया।

  • पास उपयोगकर्ताओं को क्रॉसिंग के दौरान शून्य टोल कटौती की पुष्टि SMS के माध्यम से मिली।

सहायता संरचना और शिकायत निवारण
NHAI की विशेष व्यवस्थाएँ

  • प्रत्येक टोल प्लाज़ा पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

  • वास्तविक समय सहायता के लिए क्वेरी समाधान चैनल शुरू किए गए।

1033 हेल्पलाइन मज़बूत

  • राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन 1033 को अपग्रेड किया गया।

  • 100 से अधिक नए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, ताकि उपयोगकर्ताओं की शिकायतें और सहायता तुरंत मिल सके।

FASTag वार्षिक पास के लाभ
आर्थिक और कुशल यात्रा

  • राजमार्ग पर बार-बार यात्रा करने वालों के लिए बचत।

  • FASTag रिचार्ज करने की आवश्यकता समाप्त।

बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव

  • पास सक्रिय होने के बाद शून्य टोल कटौती।

  • टोल प्लाज़ा पर भीड़ कम होने से तेज़ क्लियरेंस।

तकनीकी पारदर्शिता

  • राजमार्गयात्रा ऐप से सहज सक्रियण।

  • पास उपयोग पर वास्तविक समय SMS अलर्ट।

बड़ा परिदृश्य: FASTag की डिजिटल टोल क्रांति
98% की पैठ और 8 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ FASTag ने भारत की इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया है। वार्षिक पास इस डिजिटल बदलाव को और मजबूत करता है, बार-बार यात्रा करने वालों को एकीकृत समाधान प्रदान करता है और स्मार्ट मोबिलिटी समाधानों के माध्यम से सार्वजनिक अवसंरचना के आधुनिकीकरण के भारत के लक्ष्य से मेल खाता है।

नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन का 80 साल की उम्र में निधन

नगालैंड के राज्यपाल ला गणेशन का 15 अगस्त 2025 की रात चेन्नई के एक निजी अस्पताल में 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 8 अगस्त को अपने आवास पर अचानक गिरने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था, लेकिन एक सप्ताह के उपचार के बाद उनका देहांत हो गया। उनका जाना भारतीय सार्वजनिक जीवन और शासन की एक लंबी और सम्मानित यात्रा का अंत है।

राजनीतिक सफर और सार्वजनिक जीवन

तमिलनाडु से उत्तर-पूर्व तक नेतृत्व
ला गणेशन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से की, जहां उन्होंने तमिलनाडु में पार्टी के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे कुछ समय के लिए मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद भी रहे, जो उनकी राष्ट्रीय राजनीतिक पहचान को दर्शाता है।

अगस्त 2021 में उन्हें मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहाँ फरवरी 2023 तक उन्होंने कार्य किया। इसके बाद उन्हें नगालैंड राजभवन भेजा गया और उन्होंने राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने उत्तर-पूर्व में शांति, विकास और सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा देने में योगदान दिया।

प्रतिक्रियाएँ और श्रद्धांजलि

राष्ट्रीय नेताओं ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए ला गणेशन को “एक निष्ठावान राष्ट्रभक्त” और तमिल संस्कृति व राष्ट्र निर्माण में गहराई से जुड़े नेता बताया। उन्होंने गणेशन के आजीवन लोकसेवा और भाजपा के विस्तार में किए गए प्रयासों को स्मरण किया।

उत्तर-पूर्वी नेताओं ने योगदान याद किया
स्थानीय नेताओं ने उन्हें ईमानदारी, बुद्धिमत्ता और नैतिक शक्ति से परिपूर्ण व्यक्ति बताया, जिनकी विनम्रता ने जनता का दिल जीता। नगालैंड के उपमुख्यमंत्री यंथुंगो पैटन ने भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गणेशन ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में सद्भाव स्थापित करने और जनता की आकांक्षाओं को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विरासत और प्रभाव

मूल्यों और दृष्टि के नेता
ला गणेशन को हमेशा याद किया जाएगा —

  • संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करने के लिए।

  • संघर्षग्रस्त उत्तर-पूर्वी राज्यों में क्षेत्रीय सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए।

  • ऐसी विकासोन्मुख नीतियों का समर्थन करने के लिए जो स्थानीय आकांक्षाओं से जुड़ी थीं।

नगालैंड में उनका शासन मृदु किंतु दृढ़ दृष्टिकोण से परिभाषित हुआ, जिसने समावेशी विकास और सांस्कृतिक सम्मान को प्रोत्साहित किया — जो नगालैंड जैसे विविध राज्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।

भारतीय डाक ने विशेष पोस्टकार्ड जारी कर शोले के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाया

भारत की आइकॉनिक फ़िल्म ‘शोले’, जिसका निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था, ने 15 अगस्त 2025 को अपनी 50वीं वर्षगांठ पूरी की — यह दिन देश के स्वतंत्रता दिवस के साथ ही पड़ा। इस सिनेमाई मील के पत्थर का जश्न मनाने के लिए इंडिया पोस्ट के महाराष्ट्र डाक मंडल ने दो विशेष पिक्चर पोस्टकार्ड, एक प्रेज़ेंटेशन पैक और एक विशेष गोल्डन कैंसिलेशन जारी किया — भारतीय सिनेमा की इस महान फ़िल्म को समर्पित एक अनूठी डाक-टिकटीय श्रद्धांजलि।

इंडिया पोस्ट का विशेष विमोचन
गोल्डन जुबली ट्रिब्यूट का अनावरण
इन स्मारक वस्तुओं का विमोचन महाराष्ट्र सर्कल के मुख्य डाक महाप्रबंधक अमिताभ सिंह ने एक विशेष समारोह में किया। इस अवसर पर सिप्पी परिवार के सदस्य — रमेश सिप्पी, शहज़ाद सिप्पी, रोहन सिप्पी और किरण जोनेजा सिप्पी — भी उपस्थित थे। इनके अलावा शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर तथा वरिष्ठ डाक अधिकारियों में काइया अरोड़ा, सिमरन कौर और रेखा रिज़वी भी मौजूद रहे।

पिक्चर पोस्टकार्ड और गोल्डन कैंसिलेशन पर ऐसे विशिष्ट चित्र और डिज़ाइन उकेरे गए हैं जो शोले की आत्मा और विरासत को दर्शाते हैं। यह फ़िल्म 15 अगस्त 1975 को रिलीज़ हुई थी। सांस्कृतिक धरोहर और डाक-टिकट परंपरा के इस मेल ने प्रशंसकों और संग्राहकों दोनों को गहराई से प्रभावित किया।

शोले: सांस्कृतिक घटना

ठीक 50 वर्ष पहले रिलीज़ हुई शोले भारतीय सिनेमा में एक मील का पत्थर मानी जाती है। अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और अमजद ख़ान के यादगार अभिनय से सजी यह फ़िल्म कहानी कहने, संवाद और चरित्र-निर्माण की दृष्टि से भारतीय फ़िल्म निर्माण की मानक बन चुकी है। इंडिया पोस्ट का यह विशेष विमोचन इसकी अमर विरासत और राष्ट्रीय महत्व को सम्मानित करता है।

जन प्रतिक्रिया और डाक-टिकटीय आकर्षण
इस लॉन्च कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी, जिसमें फ़िल्म प्रेमियों के साथ-साथ डाक-टिकट संग्राहक भी शामिल थे। सिनेमा और डाक-टिकटों का यह संगम इतिहास को संरक्षित करने और सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने का एक अनूठा माध्यम है। ये स्मारक वस्तुएं केवल संग्रहणीय नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी महत्वपूर्ण हैं।

भारत पोस्ट का सतत सांस्कृतिक जुड़ाव
राष्ट्रीय प्रतीकों और क्षणों का सम्मान
भारत पोस्ट की परंपरा रही है कि वह डाक-टिकटीय पहलों के माध्यम से राष्ट्रीय उपलब्धियों को सम्मानित करता है —

  • मार्च 2025 में भारत की पुरुष क्रिकेट चैंपियंस ट्रॉफी विजय (9 मार्च 2025, दुबई में न्यूज़ीलैंड पर जीत) पर विशेष कैंसिलेशन जारी किया गया।

  • हाल ही में युवा भारतीय शतरंज प्रतिभा डी. गुकेश के विश्व चैंपियन बनने पर उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि को मान्यता देते हुए विशेष कैंसिलेशन जारी किया गया।

ये पहलें दर्शाती हैं कि इंडिया पोस्ट खेल, सिनेमा और सार्वजनिक जीवन की उपलब्धियों को दर्ज करने और डाक-टिकटों व स्मृति-चिन्हों के माध्यम से राष्ट्रीय गर्व और सांस्कृतिक सराहना को बढ़ावा देने में निरंतर योगदान देता रहा है।

क्या है पीएम विकसित भारत रोजगार योजना? जिसे पीएम मोदी ने किया शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना की घोषणा की — यह ₹1 लाख करोड़ का राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जाने वाला रोजगार मिशन है, जिसका उद्देश्य भारत के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में तेजी से बढ़ोतरी करना है। यह योजना सरकार के विकसित भारत 2047 विज़न का प्रमुख घटक है, जिसके तहत 3.5 करोड़ नौकरियां सृजित करने और समावेशी आर्थिक विकास की दिशा में भारत की गति को तेज करने का लक्ष्य रखा गया है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

  1. पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं के लिए प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता

    • कोई भी युवा जो निजी क्षेत्र में अपनी पहली नौकरी प्राप्त करेगा, उसे सरकार की ओर से सीधे ₹15,000 की राशि दी जाएगी।

    • उद्देश्य: युवाओं को औपचारिक रोजगार में स्थानांतरित होने में मदद करना और संगठित क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाना।

  2. नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन

    • निरंतर रोजगार सृजन करने वाली कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाएंगे।

    • अतिरिक्त कर्मचारियों को नियुक्त करने पर नियोक्ताओं को प्रति नए कर्मचारी ₹3,000/माह तक की सहायता मिलेगी।

    • विनिर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग) के लिए विशेष लाभ की योजना, ताकि बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा हो सके।

  3. पैमाना और लक्ष्य

    • कुल निवेश: ₹1 लाख करोड़।

    • कुल रोजगार सृजन का लक्ष्य: अगले 2 वर्षों में 3.5 करोड़।

    • पहली बार कार्यबल में शामिल होने वाले लाभार्थी: 1.92 करोड़।

  4. कार्यान्वयन और निगरानी

    • श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा योजना का संचालन।

    • कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) लाभार्थियों की पहचान और सत्यापन करेगा।

प्रधानमंत्री की दृष्टि और वक्तव्य
पीएम मोदी ने इस योजना को “युवाओं के लिए उपहार” बताते हुए इसे भारतीय युवाओं के लिए डबल दिवाली जैसा उत्सव कहा।
उन्होंने कहा, “यह मेरे देश के युवाओं के लिए मेरा तोहफ़ा है… जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हुए राष्ट्र की विकास यात्रा को मजबूत करेगा।”
यह पहल आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत युवाओं के सशक्तिकरण और उद्यमों के विकास को जोड़ती है, ताकि आर्थिक वृद्धि समावेशी और रोजगार-आधारित हो।

संभावित प्रभाव

  • विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में औपचारिक नौकरियों में बढ़ोतरी।

  • वेतन सहायता के माध्यम से निजी क्षेत्र के विस्तार को प्रोत्साहन।

  • युवाओं की आर्थिक भागीदारी में तेजी, जिससे अल्प-रोज़गार की समस्या में कमी।

  • EPFO के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करना।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी तकनीक से प्रमुख प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ का शुभारंभ किया

15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय सुरक्षा पहल — ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ की घोषणा की। यह महत्वाकांक्षी दस वर्षीय मिशन भारत की महत्वपूर्ण संस्थाओं और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा स्वदेशी तकनीक से सुनिश्चित करेगा, जो रक्षा और सामरिक अवसंरचना संरक्षण में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

दृष्टि और उद्देश्य
पीएम मोदी ने कहा, “हर नागरिक को सुरक्षित महसूस होना चाहिए”, और यह भी स्पष्ट किया कि यह मिशन शोध-आधारित होगा तथा पूरी तरह भारत में विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य है:

  • विकसित होते खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय सुरक्षा ढांचा स्थापित करना।

  • विदेशी सुरक्षा प्रणालियों पर निर्भरता कम करना।

  • निगरानी, साइबर सुरक्षा और भौतिक सुरक्षा को एक व्यापक कवच में एकीकृत करना।

  • खतरों का सामना करने से पहले उन्हें भांपकर रोकने की तैयारी करना।

सांस्कृतिक प्रेरणा
पीएम मोदी ने महाभारत का उदाहरण देते हुए वह प्रसंग याद किया जब भगवान कृष्ण ने जयद्रथ को पराजित करने में अर्जुन की मदद के लिए सूर्य को ढक लिया था।
उन्होंने कहा, “उस दैवीय हस्तक्षेप ने युद्ध की दिशा बदल दी। आज हमें भी अपने महत्वपूर्ण संस्थानों को उभरते खतरों से उसी तरह ढालना है”, इस प्रकार भारत की प्राचीन संस्कृति को आधुनिक सामरिक नवाचार से जोड़ा।

मिशन सुदर्शन चक्र की प्रमुख विशेषताएं
हालांकि पूर्ण परिचालन विवरण गोपनीय हैं, शुरुआती संकेत बताते हैं कि इसमें शामिल होंगे —

  • उन्नत निगरानी प्रणाली – संवेदनशील स्थलों की एआई-सक्षम निगरानी।

  • साइबर सुरक्षा ढांचा – साइबर युद्ध और हाइब्रिड खतरों से रक्षा।

  • भौतिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण – मजबूत अवसंरचना और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणालियां।

  • एकीकृत खतरा प्रतिक्रिया नेटवर्क – सुरक्षा बलों, खुफिया एजेंसियों और शोध संस्थानों के बीच वास्तविक समय समन्वय।

  • जन-निजी सहयोग – प्रमुख भारतीय अनुसंधान संस्थानों, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों और निजी नवाचारकर्ताओं के साथ भागीदारी।

रणनीतिक संदर्भ
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक स्तर पर साइबर युद्ध, तोड़फोड़ और महत्वपूर्ण अवसंरचना पर हाइब्रिड हमलों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
2008 के मुंबई हमलों जैसी घटनाओं से यह सीख मिली है कि सक्रिय और एकीकृत सुरक्षा की आवश्यकता है।
यह मिशन आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के बड़े अभियान का हिस्सा है।

लाल किले से पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश के नाम संबोधन दिया। लाल किला से पीएम मोदी ने 12वीं बार देश को संबोधित किया है। पीएम मोदी के नाम लाल किले से सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड रहा है। इस साल पीएम मोदी ने लाल किला से कुल 103 मिनट लंबा भाषण दिया है। ये लाल किला से दिया गया किसी भी पीएम का सबसे लंबा भाषण है। इससे पहले पीएम मोदी ने साल 2024 में 98 मिनट का भाषण दिया था।

12 बार लाल किला पर फहराया झंडा

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर सबसे अधिक बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले प्रधानमंत्रियों में पीएम मोदी तीसरे स्थान पर हैं। अभी तक भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम 17 बार ध्वज फहराने का रिकॉर्ड है। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम है, जिन्होंने 16 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

पीएम मोदी ने तोड़ा इंदिरा गांधी का ये रिकॉर्ड

पीएम मोदी ने आज 12वीं बार लाल किला से राष्ट्र को संबोधित करने के साथ इंदिरा गांधी का रिकार्ड तोड़ दिया। इस तरह पीएम मोदी जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे स्थान पर आ गए, जिन्होंने लगातार 17 स्वतंत्रता दिवस भाषण दिए थे।

बता दें कि इंदिरा गांधी जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक, और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 तक पीएम पद पर रहीं। इस दौरान इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के रूप में 16 भाषण दिए, जिनमें से 11 लगातार थे। हालांकि, इस रिकॉर्ड तोड़ते हुए पीएम मोदी ने लगातार 12 बार लाल किला से भाषण दिया है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या कहा?

  • पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान, ‘ऑपरेशन सिंदूर’, स्पेस स्टेशन, आत्मनिर्भर भारत जैसी कई मुख्य बातें की।
  • पीएम मोदी ने सिंधु नदी जल समझौते और किसानों का भी ज़िक्र किया।
  • उन्होंने कहा, “भारत ने तय किया है कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बहेंगे। भारतीय नदियों का पानी दुश्मनों के खेत को सींच रहा है। हिंदुस्तान को उसके हक़ का पानी मिलेगा।”
  • पीएम मोदी ने कहा, “इस पर हिंदुस्तान के किसानों का हक़ है। सिंधु समझौता एक तरफ़ा और अन्यायपूर्ण था। राष्ट्रहित में ये समझौता मंजूर नहीं है।”
  • उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया कि इस बार की दिवाली में भारतीयों को बड़ा तोहफ़ा मिलने जा रहा है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने लाल क़िले की प्राचीर से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई संदेश दिए।

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