Kisan Vikas Patra: अब 120 महीने में पैसा डबल, जानें सबकुछ

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किसान विकास पत्र (केवीपी) खाता जमा पर वर्तमान ब्याज दर सालाना 7.2% है। संशोधित दर की घोषणा 30 दिसंबर को की गई थी। यह दर नए साल 2023 की पहली तिमाही में किए गए केवीपी जमा पर लागू होगी। केंद्र सरकार की तरफ से स्मॉल सेविंग्स पर मिलने वाले ब्याज की दरों में 1.10 फीसदी का इजाफा किया है। इसी के तहत किसान विकास पत्र पर अब 7.20 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा। इससे पहले योजना के तहत 7 फीसदी ब्याज मिलता था। वहीं अब 123 महीने की जगह 120 महीने में ही पैसा दोगुना हो जाएगा। यानी नए बदलाव के बाद अब मैच्योरिटी 10 साल में हो जाएगी।

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किसान विकास पत्र (केवीपी) ब्याज दर 2023

 

2023 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में लागू केवीपी ब्याज दर की घोषणा 30 दिसंबर, 2022 को की गई थी। नई ब्याज दर 7.2% है। केंद्र सरकार तिमाही आधार पर किसान विकास पत्र (केवीपी) की ब्याज दर में संशोधन करती है। KVP ब्याज दर का अगला संशोधन मार्च 2023 के अंत तक होगा। 7.2% ब्याज पर, KVP खाते में निवेश की गई राशि 10 वर्षों में दोगुनी हो जाएगी।

 

किसान विकास पत्र के बारे में

 

किसान विकास पत्र (KVP) प्रमाणपत्रों के रूप में भारत के डाकघरों में उपलब्ध बचत योजना है। इसे पहली बार 1988 में इंडिया पोस्ट द्वारा लॉन्च किया गया था। यह एक निश्चित दर वाली छोटी बचत योजना है जिसे आपके निवेश को तय अवधि के बाद दोगुना करने के लिए बनाया गया है। इस योजना को जनता के बीच लॉन्ग-टर्म निवेश और बचत को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उन निवेशकों के लिए एक अच्छी योजना है जो जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं हैं पर उनके पास अतिरिक्त पैसा है और वे सुनिश्चित रिटर्न की तलाश कर रहे हैं।

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ऑस्ट्रेलिया में स्कूली छात्र जल्द सीखेंगे पंजाबी

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पंजाबी पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पब्लिक स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली सबसे नई भाषा बनने जा रही है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने स्कूलों में पंजाबी भाषा को शामिल करने का फैसला किया है। ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री सू एलेरी ने कहा कि, ऑस्ट्रेलिया में छात्रों को पंजाबी पढ़ने का विकल्प दिया जाएगा, क्योंकि प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा।

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मुख्य बिंदु

 

  • ऑस्ट्रेलिया में पंजाबी बोलने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस देश में पंजाबी भाषा सबसे तेजी से बढ़ने वाली भाषा बन गई है।
  • 2021 में हुए जनगणना के अनुसार पंजाबी ऑस्ट्रेलिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली भाषा है, जहां 239,000 से अधिक लोग इस भाषा का घर पर उपयोग करते हैं।
  • वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2021 में ऑस्ट्रेलिया में पंजाबी बोलने वालों में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
  • इस साल प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। 2021 में पाठ्यक्रम में तमिल, हिंदी और कोरियाई भाषाओं को शामिल करने के बाद स्कूलों में पंजाबी पढ़ाए जाने पर फैसला लिया गया है।
  • ऑस्ट्रेलिया में बोली जाने वाली 190 से अधिक भाषाओं के साथ, भाषाई विविधता एक बड़ी ताकत है जो सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक लाभ प्रदान करती है।

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फ्रांस के कप्तान ह्यूगो लोरिस ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लिया

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फ्रांस फुटबॉल टीम के कप्तान ह्यूगो लोरिस ने 36 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने यह फैसला 2022 फीफा विश्व कप में अर्जेंटीना के खिलाफ फाइनल हारने के तीन सप्ताह के बाद लिया है। लोरिस ने नवंबर 2008 में 21 वर्ष की उम्र में उरुग्वे के खिलाफ एक दोस्ताना मैच में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। वह विश्व कप में फ्रांस के लिए सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने लिलियन थुरम के 142 मैचों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। फाइनल में उतरने के साथ ही लोरिस 145 मैचों में फ्रांस की टीम का हिस्सा रहे। 2022 फीफा विश्व कप के फाइनल में फ्रांस ने अर्जेंटीना से फुल टाइम और फिर एक्सट्रा टाइम तक 3-3 से ड्रॉ खेलने के बाद पेनल्टी शूटआउट में मैच गंवाया था। अर्जेंटीना ने फ्रांस पर शूटआउट में 4-2 से जीत हासिल की थी।

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बता दें ह्यूगो लोरिस अपनी टीम को लगातार दो विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने वाले चौथे कप्तान हैं। सबसे पहले यह उपलब्धि जर्मनी के कार्ल हींज रुमेनिगे ने हासिल की थी। उन्होंने जर्मनी को 1982 और 1986 के विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया, लेकिन दोनों ही फाइनल में उन्हें हार मिली। महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना ने भी अर्जेंटीना को अपनी कप्तानी में लगातार दो बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया। जहां 1986 में अर्जेंटीना विजेता बनी, जबकि 1990 में उसे जर्मनी से हार सहनी पड़ी।

 

डुंगा ने भी 1994, 1998 में ब्राजील को अपनी कप्तानी में दो बार फाइनल में पहुंचाया। 1994 में ब्राजील विजेता बना और 1998 में उसे फ्रांस ने फाइनल में हराया। लोरिस के पास लगातार दो विश्व कप जीतने वाले पहले कप्तान बनने का मौका था, लेकिन वह इससे चूक गए। लोरिस ने चार विश्व कप और तीन यूरो कप में फ्रांस का प्रतिनिधित्व किया और 2018 में विश्व कप ट्रॉफी के लिए लेस ब्लूज़ की कप्तानी की।

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डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए वीएसहोराड मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए मंजूरी

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डीएसी ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकास के तहत वीएसहोराड मिसाइल प्रणाली की खरीद को लेकर एओएन को भी मंजूरी दी है। मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर प्रभावी वायु रक्षा हथियार प्रणालियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिसे दुर्गम इलाकों और समुद्री क्षेत्र में तेजी से तैनात की जा सकती हैं। मंत्रालय ने कहा कि वीएसहोराड की खरीद, एक मजबूत और शीघ्रता से तैनात करने योग्य प्रणाली के रूप में, वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगी।

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बयान में कहा गया कि इसके अलावा, डीएसी ने भारतीय नौसेना के लिए शिवालिक वर्ग के जहाजों और अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के संबंध में ब्रह्मोस लॉन्चर तथा फायर कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) की खरीद को मंजूरी दे दी है. मंत्रालय ने कहा कि इन साजो सामान के शामिल होने से इन जहाजों में समुद्री हमले को अंजाम देने, दुश्मन के युद्धपोतों और व्यापारिक जहाजों को नष्ट करने की क्षमता बढ़ जाएगी।

 

वीएसहोराड मिसाइल प्रणाली के बारे में

 

  • यह एक मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) है।
  • ये कम दूरी की, हल्की और पोर्टेबल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं जिन्हें व्यक्तियों या छोटे समूहों द्वारा विमान या हेलीकाप्टरों को नष्ट करने के लिए दागा जा सकता है।
  • इनकी अधिकतम सीमा 8 किलोमीटर है और ये 4.5 किमी की ऊंचाई पर लक्ष्य भेद सकते हैं।
  • मिसाइल में एक लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) और एकीकृत वैमानिकी सहित कई नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जिन्हें परीक्षणों के दौरान सफलतापूर्वक सिद्ध किया गया है।

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रक्षा मंत्रालय ने 4,276 करोड़ रुपए के खरीद प्रस्तावों को दी मंजूरी

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केंद्र सरकार ने चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बड़ा फैसला लिया। रक्षा मंत्रालय ने 4,276 करोड़ रुपये की लागत से हेलीना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल समेत तीन खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इनमें दो प्रस्ताव थल सेना और तीसरा नौसेना के लिए है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

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रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा खरीद परिषद ने टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल- हेलीना, लॉन्चर और अन्य संबंधित सहायक उपकरणों की खरीद के लिए अपनी सहमति दे दी है, जिसे उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) में लगाया जाएगा। यह मिसाइल दुश्मन के खतरों का मुकाबला करने के लिए एएलएच को हथियार से लैस करने की प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसके शामिल होने से भारतीय सेना की लड़ाकू क्षमता मजबूत होगी।

 

मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकासित की गई वीएसहोराड मिसाइल प्रणाली की खरीद को लेकर एओएन को भी मंजूरी दी है। मंत्रालय ने कहा कि देश की उत्तरी सीमाओं पर हुए हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए रक्षा तंत्र में प्रभावी वायु रक्षा (एडी) हथियार प्रणालियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत महसूस की गई है, खासतौर ऐसी हथियार प्रणाली जिसे मानवीय स्तर पर कहीं भी लाया या पहुंचाया जा सकता हो और जो देश के ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों व समुद्री इलाकों में तेजी से तैनात की जा सकती हो।

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चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.9 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी: विश्व बैंक

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विश्व बैंक ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2023-24 में घटकर 6.6 फीसदी रह जाएगी। इसके बावजूद भारत सात सबसे बड़े उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) में सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी और बढ़ती अनिश्चितता का असर भारत पर भी पड़ सकता है।

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विश्व बैंक ने ताजा अनुमान में कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.9 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी। 2024-25 में वृद्धि दर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है। 2021-22 में यह 8.7% रही थी। बयान के मुताबिक, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का निर्यात एवं निवेश पर असर पड़ेगा।

 

विदशी मुद्रा भंडार 550 अरब डॉलर

 

श्विक संस्था ने कहा कि भारत ने रुपये में गिरावट पर अंकुश लगाने के लिए विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को रोकने को अपने अंतरराष्ट्रीय भंडार का उपयोग किया है। नवंबर, 2022 में भारत का विदशी मुद्रा भंडार 550 अरब डॉलर या जीडीपी का 16 फीसदी था।

 

जीडीपी की वृद्धि दर 9.7 फीसदी

 

विश्व बैंक ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे और कारोबार के लिए सुविधाओं पर खर्च बढ़ाया है। इससे निजी निवेश जुटाने में मदद मिलेगी और विनिर्माण क्षमता के विस्तार को समर्थन मिलेगा। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में सालाना आधार पर जीडीपी की वृद्धि दर 9.7 फीसदी रही है। इससे निजी खपत और निवेश में वृद्धि का संकेत मिलता है।

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अदार पूनावाला डॉ. पतंगराव कदम पुरस्कार से सम्मानित

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देश में कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में योगदान के लिए वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला की सराहना की। फडणवीस ने भारती विद्यापीठ में भारती सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही। इस दौरान पूनावाला को पहले डॉ. पतंगराव कदम मेमोरियल सम्मान प्रदान किया गया ।

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इस अवसर पर पूनावाला ने कहा कि उनकी कंपनी के ‘कोवोवैक्स’ टीके को अगले 10 से 15 दिनों में कोविड-19 की एहतियाती खुराक के रूप में मंजूरी मिल जाएगी। पूनावाला ने कहा कि ‘कोवोवैक्स’ टीके की एहतियाती खुराक कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप के खिलाफ बेहद कारगर है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल हुए।

 

पवार ने कहा कि अदार पूनावाला अपने पिता डॉ साइरस पूनावाला की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं क्योंकि एसआईआई ने अब तक 160 टीकों का निर्माण किया है। पवार ने सामाजिक चेतना के लिए अदार पूनावाला की सराहना करते हुए कहा कि पूनावाला ने अपशिष्ट जल निकासी पर अपने काम के कारण पुणे को साफ रखने में बहुत अहम योगदान दिया था।

 

पतंगराव कदम

 

पतंगराव कदम महाराष्ट्र राज्य के एक भारतीय राजनेता थे और उनकी स्मृति में यह पुरस्कार स्थापित किया गया है।

 

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के बारे में:

  • सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की स्थापना 1966 में पुणे, महाराष्ट्र में हुई थी।
  • सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) भारत में पुणे स्थित जैव प्रौद्योगिकी और बायोफार्मास्यूटिकल्स कंपनी है।
  • यह दुनिया में टीकाकरण का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह साइरस पूनावाला समूह का एक हिस्सा है और 1966 में उनके द्वारा बनाया गया था।

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सुखोई लड़ाकू विमान उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट बनी अवनी चतुर्वेदी

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भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की महिला फाइटर पायलट पहली बार देश के बाहर होने वाले हवाई युद्धाभ्यास के लिए भारतीय दल का हिस्सा होंगी। स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी (Sqn Leader Avni Chaturvedi) जो एक महिला फाइटर पायलट हैं और Su-30MKI उड़ाती हैं, वह विदेश में एक अंतर्राष्ट्रीय वॉरगेम में शामिल होंगी। युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना की महिला पायलट अवनी चतुर्वेदी भी शामिल होंगी और इतिहास रचेंगी। विदेशी धरती पर होने वाले किसी भी हवाई युद्धाभ्यास में भाग लेने वाली अवनी चुतुर्वेदी देशी की पहली महिला पायलट होंगी।

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स्क्वॉड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी सुखोई-30 की पायलट हैं और जोधपुर से जाने वाले दल में शामिल हैं। वैसे तो देश की दो महिला लड़ाकू पायलट ने फ्रांसीसी वायुसेना सहित कई देशों की सेना के साथ युद्धाभ्यास किया है। किसी महिला वायु सैनिक के लिए विदेश जाकर युद्धाभ्यास करने का ये मौका पहली बार है। ये युद्धाभ्यास जापान के हयाकुरी हवाई अड्डे पर आयोजित किया जा रहा है। वायु सेना सहित भारत आने वाली विदेशी टुकड़ियों के साथ युद्धाभ्यास में भाग लेती रही हैं।

 

सुखोई-30 की पायलट हैं अवनि

स्क्वॉड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी सुखोई-30 की पायलट हैं और जोधपुर से जाने वाले दल में शामिल हैं। वैसे तो देश की दो महिला लड़ाकू पायलट ने फ्रांसीसी वायुसेना सहित कई देशों की सेना के साथ युद्धाभ्यास किया है, लेकिन किसी महिला वायु सैनिक के लिए विदेश जाकर युद्धाभ्यास करने का ये मौका पहली बार है।

 

मिग 21 उड़ा चुकी हैं अवनी चतुर्वेदी

स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी फाइटर प्लेन सुखोई 30MKI की पायलट हैं। अवनी भावना कांत और मोहना सिंह के साथ साल 2016 (जुलाई) में फ्लाइंग ऑफिसर बनी थीं। उन्होंने 2018 में मिग-21 भी उड़ाया था।

 

मध्यप्रदेश की अवनि ने राजस्थान में की पढ़ाई

अवनि मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने कंप्यूटर साइंस विषय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई वनस्थली विश्वविद्यालय राजस्थान से किया था। इसके बाद उन्होंने भारतीय वायु सेना की परीक्षा पास की और 2016 में फ्लाइंग ऑफिसर बनीं।

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National Youth Day 2023: जानें क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस?

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देश में हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। यह दिन स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। वही, स्वामी विवेकानंद जो आज भी देश के लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं और भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली नेतृत्वकर्ताओं में से एक थे। प्रति वर्ष केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों से लेकर, सामाजिक संगठन और रामकृष्ण मिशन के अनुयायी विवेकानंद जयंती बड़े सम्मान के साथ मनाते हैं।

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राष्ट्रीय युवा दिवस 2023 की थीम

हर दिवस को मनाने का अपना अलग महत्व होता है। इसी महत्व के आधार पर इन अलग-अलग दिनों की थीम भी तय की जाती है। राष्ट्रीय युवा दिवस को भी मनाने के लिए हर साल एक थीम का एलान किया जाता है। बात करें इस साल की थीम की तो इस वर्ष नेशनल यूथ डे के लिए थीम ‘विकसित युवा विकसित भारत’ तय की गई है।

 

राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास

देश का भविष्य कहे जाने वाले युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को युवा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 1984 में की गई थी। उस समय की सरकार का ऐसा मानना था कि स्वामी विवेकानंद के विचार, आदर्श और उनके काम करने का तरीका भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का एक स्रोत हो सकते हैं। ऐसे में इस बात को ध्यान में रखते हुए 12 जनवरी, 1984 से स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी।

 

स्वामी विवेकानंद: एक नजर में

स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। बचपन से ही आधात्म में रूचि रखने वाले नरेंद्रनाथ ने 25 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। संन्यास लेने के बाद वह दुनियाभर में विवेकानंद नाम से मशहूर हुए। वह वेदांत के एक विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उन्हीं की याद में हर साल स्वामी जी की जयंती पर युवा दिवस को मनाया जाता है। मृत्यु से दो वर्ष पहले 1900 में जब स्वामी विवेकानंद यूरोप से आखिरी बार भारत आए तो बेलूर की ओर चल पड़े। क्योंकि वे अपने शिष्यों के साथ समय बिताना चाहते थे। यह उनके जीवन का आखिरी भ्रमण था। 04 जुलाई 1902 को उन्होंने अंतिम सांस ली।

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ओडिशा के चांदीपुर में किया गया पृथ्वी-2 का सफल ट्रेनिंग लॉन्च

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ओडिशा तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से पृथ्वी-2 का सफल ट्रेनिंग लांच किया गया। गौरतलब है कि पृथ्वी-टू कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल को स्वदेशी तरीके से विकसित किया है।

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पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है। पृथ्वी-2 500 से 1,000 किलोग्राम भार तक के हथियारों को लेकर जाने में सक्षम है। सतह से सतह पर साढ़े तीन सौ किलोमीटर मार करने वाली इस मिसाइल में तरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं। इसे तरल और ठोस दोनों तरह के ईंधन से संचालित किया जाता है। मिसाइल में एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगा है जो अपने लक्ष्य को आसानी से मार गिरा सकता है। पृथ्वी मिसाइल 2003 से सेना में है, जो नौ मीटर लंबी है। पृथ्वी डीआरडीओ द्वारा निर्मित पहली मिसाइल है।

 

पृथ्वी मिसाइल के बारे में

पृथ्वी मिसाइल प्रणाली में विभिन्न सामरिक सतह से सतह पर कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) शामिल हैं। इसका विकास वर्ष 1983 में शुरू हुआ और यह भारत की पहली स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल थी। इसका पहला परीक्षण वर्ष1988 में श्रीहरिकोटा, शार (SHAR) सेंटर से किया गया था। इसकी रेंज 150-300 किमी. है।

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