नेटफ्लिक्स ने वॉर्नर ब्रदर्स स्टूडियो को खरीदने का ऐलान किया

वैश्विक मनोरंजन उद्योग में एक ऐतिहासिक बदलाव के तहत Netflix ने Warner Bros Discovery के टीवी और फ़िल्म स्टूडियो तथा उसके स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म को खरीदने पर सहमति जताई है। 5 दिसंबर 2025 को घोषित यह 72 बिलियन डॉलर की विशाल डील Netflix को Harry Potter, Game of Thrones और DC Comics जैसे प्रतिष्ठित फ्रेंचाइज़ों पर नियंत्रण देगी, जिससे हॉलीवुड की शक्ति-संरचना में बड़ा परिवर्तन आने वाला है।

सौदा और बोली की होड़

इस अधिग्रहण से पहले एक तीव्र प्रतिस्पर्धी बोली-दौर चला, जिसमें Netflix ने Paramount–Skydance को पछाड़ दिया। Paramount ने पूरी Warner Bros Discovery कंपनी (जिसमें केबल टीवी यूनिट भी शामिल है) के लिए लगभग 24 डॉलर प्रति शेयर की पेशकश की थी। लेकिन Netflix ने 28 डॉलर प्रति शेयर की बोली लगाकर 72 बिलियन डॉलर का मूल्यांकन किया, जो 4 दिसंबर के बाज़ार बंद मूल्य के आधार पर कंपनी के 61 बिलियन डॉलर के मार्केट कैप से कहीं अधिक है। यह Netflix के इतिहास का सबसे बड़ा अधिग्रहण है, जो उसे कंटेंट वितरक से सीधे एक विशाल स्टूडियो मालिक में बदल देता है।

रणनीतिक प्रभाव: Netflix ने यह कदम क्यों उठाया

अब तक Netflix भारी मात्रा में बाहरी स्टूडियो से कंटेंट लाइसेंस करता रहा है। यह अधिग्रहण उसके दीर्घकालिक लक्ष्य—लोकप्रिय बौद्धिक संपत्तियों (IP) पर स्थायी अधिकार हासिल करना और बाहरी स्टूडियो पर निर्भरता कम करना—के अनुरूप है।
Warner Bros Discovery के साथ Netflix को मिलता है:

  • HBO Max और उसके 13 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर

  • विश्वस्तरीय फ़िल्म और टीवी स्टूडियो

  • वैश्विक स्तर पर विशाल प्रोडक्शन इन्फ्रास्ट्रक्चर

Netflix ने यह भी संकेत दिया है कि Warner Bros की फ़िल्मों का थिएटर में रिलीज़ होना जारी रहेगा, ताकि सिनेमा उद्योग की विविधता बनी रहे और बॉक्स-ऑफिस मॉडल को भी समर्थन मिले।

विनियामक और बाज़ार संबंधी चुनौतियाँ

इतनी बड़ी डील पर अमेरिका और यूरोप में कड़े एंटीट्रस्ट परीक्षण की उम्मीद है। नियामक यह जांचेंगे कि क्या इतनी बड़ी एकीकृत कंपनी उपभोक्ता विकल्पों को सीमित करेगी, प्रतिस्पर्धा घटाएगी या स्ट्रीमिंग कीमतें बढ़ा सकती है।
इन चिंताओं को कम करने के लिए Netflix ने प्रस्ताव दिया है कि:

  • HBO Max के साथ सस्ते बंडल पैकेज पेश किए जाएंगे

  • Warner Bros की प्रमुख फ़िल्में थिएटर में रिलीज़ होती रहेंगी

  • उपभोक्ताओं को विविध कंटेंट और अधिक सुलभ विकल्प मिलेंगे

हालाँकि Paramount जैसी कंपनियों ने बिक्री प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, Netflix का कहना है कि यह सौदा मनोरंजन पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा और दर्शकों को उच्च-गुणवत्ता वाला कंटेंट एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध कराएगा।

Netflix को क्या मिला

इस अधिग्रहण से Netflix के पास मनोरंजन जगत का एक विशाल खजाना आ जाता है, जिसमें शामिल हैं:

  • Game of Thrones यूनिवर्स

  • डीसी एक्सटेंडेड यूनिवर्स (बैटमैन, सुपरमैन, वंडर वुमन)

  • हैरी पॉटर / जादूगर दुनिया

  • एडल्ट स्विम, कार्टून नेटवर्क, सीएनएन फिल्म्स

  • बर्बैंक सहित दुनिया भर में फैले बड़े स्टूडियो कैंपस

यह सौदा Netflix की विविधीकरण रणनीति को भी बढ़ावा देता है—जैसे गेमिंग, मर्चेंडाइज़ और लाइव इवेंट—साथ ही एक बेहद बड़ा कंटेंट लाइब्रेरी जोड़ता है, जिससे वैश्विक दर्शकों को आकर्षित करने और बनाए रखने में मदद मिलेगी।

भारत में रिटेल CBDC में 120 मिलियन से ज़्यादा ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी वैल्यू ₹28,000 करोड़: RBI

भारत की डिजिटल मुद्रा पहल ने एक बड़ा मील का पत्थर छू लिया है। रिटेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) यानी डिजिटल रुपये (e₹) के लेनदेन 12 करोड़ (120 मिलियन) से अधिक हो गए हैं, जबकि कुल लेनदेन मूल्य ₹28,000 करोड़ से ऊपर पहुंच गया है। यह जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने 5 दिसंबर 2025 को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। यह उपलब्धि डिजिटल भुगतान नवाचार में RBI की प्रगति को दिखाती है।

भारत में रिटेल CBDC का विस्तार

  • रिटेल CBDC या डिजिटल रुपया (e₹) जनता को एक सार्वभौमिक, सुरक्षित और कुशल डिजिटल भुगतान व्यवस्था प्रदान करने का RBI का प्रमुख प्रयास है।
  • रिटेल CBDC पायलट की शुरुआत 1 दिसंबर 2022 को सीमित उपभोक्ताओं और व्यापारियों के साथ की गई थी। तब से अब तक इसका अपनाया जाना लगातार बढ़ा है, जिससे उपभोक्ताओं और वित्तीय संस्थानों के बीच इस नई प्रणाली पर भरोसा मजबूत हुआ है।
  • वर्तमान में 80 लाख से अधिक उपयोगकर्ता रोज़मर्रा के लेनदेन में डिजिटल रुपया सक्रिय रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं।

मुख्य आँकड़े

दिसंबर 2025 तक:

  • रिटेल CBDC लेनदेन संख्या: 120 मिलियन+

  • कुल लेनदेन मूल्य: ₹28,000 करोड़ से अधिक

  • सक्रिय उपयोगकर्ता: 8 मिलियन+

इस तेज़ वृद्धि का कारण है — पायलट प्रोजेक्ट्स, सरकारी योजनाओं में उपयोग, और विशिष्ट उद्देश्यों के लिए प्रोग्राम योग्य CBDC की शुरुआत।

प्रोग्रामेबिलिटी और विशेष उपयोग

टी. रबी शंकर के अनुसार, प्रोग्रामेबिलिटी रिटेल CBDC का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है — यानी ऐसी डिजिटल मुद्रा जो केवल निर्धारित उपयोगों या शर्तों के तहत खर्च की जा सके।

प्रोग्राम योग्य CBDC का परीक्षण किया जा रहा है:

  • केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं में

  • बैंकों के विशेष वित्तीय उत्पादों में

  • सब्सिडी और DBT (Direct Benefit Transfer) के लिए

  • स्वास्थ्य, शिक्षा आदि जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में

उदाहरण: ऐसा डिजिटल रुपया जिसे केवल दवा खरीदने या केवल ट्यूशन फीस भरने में इस्तेमाल किया जा सके।

रिटेल CBDC और अंतरराष्ट्रीय भुगतान

देश में उपयोग बढ़ने के साथ-साथ RBI डिजिटल रुपये के सीमापार उपयोग (cross-border payments) की भी संभावनाएँ विकसित कर रहा है। इससे:

  • तेज़ रेमिटेंस

  • मुद्रा-से-मुद्रा वास्तविक समय लेनदेन

  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तेजी

  • वैश्विक स्तर पर CBDC इंटरऑपरेबिलिटी

सुनिश्चित हो सकती है, जो भारतीय प्रवासियों और आयात-निर्यात क्षेत्र के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी।

फिनटेक सहभागिता और नवाचार

रिटेल CBDC के तेज़ विस्तार के लिए RBI ने एक रिटेल सैंडबॉक्स शुरू किया है, जिसमें फिनटेक कंपनियाँ:

  • CBDC वॉलेट विकसित कर सकती हैं

  • भुगतान इंटरफेस बना सकती हैं

  • सुरक्षा और स्केलेबिलिटी का परीक्षण कर सकती हैं

  • प्रोग्रामेबल फीचर लागू कर सकती हैं

यह डिजिटल रुपये को UPI, कार्ड और मोबाइल वॉलेट का विकल्प बनाने में मदद करेगा।

मुख्य तथ्य 

  • रिटेल CBDC पायलट: 1 दिसंबर 2022 से

  • कुल लेनदेन: 120 मिलियन+

  • कुल मूल्य: ₹28,000 करोड़+

  • सक्रिय उपयोगकर्ता: 8 मिलियन+

  • फोकस: प्रोग्रामेबिलिटी, विशेष उपयोग, क्रॉस-बॉर्डर भुगतान

  • फिनटेक के लिए रिटेल सैंडबॉक्स सक्रिय

अमित शाह ने गांधीनगर में EARTH समिट 2025 का उद्घाटन किया

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 5 दिसंबर 2025 को गांधीनगर, गुजरात में EARTH Summit 2025 का उद्घाटन किया। समिट के साथ ही उन्होंने सहकार सारथी (Sahakar Sarathi) पहल के तहत 13 से अधिक नई सेवाओं और उत्पादों की शुरुआत की — जो भारत के सहकारी और ग्रामीण बैंकिंग सेक्टर को आधुनिक बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

EARTH Summit 2025 और Sahakar Sarathi क्या हैं?

EARTH Summit एक राष्ट्रीय स्तर की शृंखला है (यह इसका दूसरा संस्करण है), जिसका उद्देश्य कृषि, पशुपालन, सहकारिता और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर नीतिगत संवाद और समाधान तैयार करना है। तीसरा और अंतिम समिट अगले वर्ष दिल्ली में आयोजित होगा, जहाँ एक व्यापक नीति ढांचा पेश किया जाएगा।

सहकार सारथी, NABARD और सहकारिता मंत्रालय की संयुक्त पहल है। इसका उद्देश्य ग्रामीण सहकारी बैंकों और सहकारी संस्थाओं से जुड़े बैंकों के लिए एकीकृत डिजिटल ढांचा प्रदान करना है, ताकि ये बैंक भी वाणिज्यिक बैंकों जैसी अत्याधुनिक तकनीक पर काम कर सकें।

इस पहल के तहत सहकारी बैंकों को मिलेंगे —
इंटरनेट बैंकिंग, UPI, AEPS, कोर बैंकिंग सिस्टम, लोन ओरिजिनेशन, e-KYC, रियल-टाइम ट्रैकिंग और कई अन्य डिजिटल सेवाएँ।

लॉन्च की गई प्रमुख सेवाएँ और उत्पाद

समिट में लॉन्च किए गए 13+ डिजिटल टूल्स में शामिल हैं:

  • Digi KCC — किसान क्रेडिट कार्ड का पूर्णत: डिजिटल संस्करण

  • Campaign Sarathi & Website Sarathi — डिजिटल आउटरीच और प्रशासनिक निगरानी उपकरण

  • Cooperative Governance Index — सहकारी बैंकों की शासन गुणवत्ता मापने के लिए पहला सूचकांक

  • ePACS — प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के संचालन हेतु डिजिटल मंच

  • विश्व का सबसे बड़ा ग्रेन स्टोरेज एप्लीकेशन — अनाज भंडारण और ट्रैकिंग के लिए

  • Shiksha Sarathi & Sarathi Technology Forum — सहकारी संस्थाओं के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता

ये सेवाएँ ऋण वितरण, वसूली, दस्तावेज़ीकरण, अनुपालन और मूल्यांकन को भी डिजिटल रूप से बेहतर बनाएँगी।

बड़े नए प्रोजेक्ट: सहकार टैक्सी और सहकारी बीमा

समिट के दौरान दो बड़े कार्यक्रम भी शुरू किए गए:

1. सहकार टैक्सी (Sahakar Taxi)

  • सहकारी ढाँचे पर आधारित नई टैक्सी सेवा

  • पायलट चरण में 51,000 से अधिक ड्राइवर पंजीकृत

  • लक्ष्य: भारत की सबसे बड़ी सहकारी टैक्सी कंपनी बनाना

2. सहकारी बीमा

  • स्वास्थ्य, जीवन, कृषि, दुर्घटना और अन्य क्षेत्रों को कवर करेगा

  • प्रत्येक गाँव से 3 युवाओं को बीमा एंबेसडर नियुक्त करने की योजना

  • उद्देश्य: ग्रामीण भारत में बीमा व सामाजिक सुरक्षा का व्यापक विस्तार

मुख्य तथ्य (Key Facts)

  • कार्यक्रम: EARTH Summit 2025 (दूसरा संस्करण)

  • स्थान एवं तिथि: 5 दिसंबर 2025, गांधीनगर, गुजरात

  • प्रमुख पहल: NABARD एवं सहकारिता मंत्रालय का सहकार सारथी

  • लॉन्च की गई सेवाएँ: 13+ डिजिटल सेवाएँ

  • नई बड़े पैमाने की योजनाएँ:

    • सहकार टैक्सी

    • सहकारी बीमा

  • लक्षित लाभार्थी: देशभर के 50 करोड़ से अधिक सहकारी सदस्य

Google ने लॉन्च किया नया जेमिनी 3 डीप थिंक फीचर

Google ने अपने AI Ultra सब्सक्राइबर्स के लिए Gemini 3 Deep Think मोड की आधिकारिक शुरुआत कर दी है। यह नया मोड तर्क क्षमता, समस्या-समाधान और जटिल विश्लेषण में बड़े सुधार के साथ आता है। इसे पिछले महीने Gemini 3 AI मॉडल्स के लॉन्च के समय प्रीव्यू में दिखाया गया था और अब यह Gemini ऐप में उपलब्ध है। Deep Think मोड को विशेष रूप से जटिल गणित, वैज्ञानिक तर्क और लॉजिक-आधारित सवालों को हल करने के लिए तैयार किया गया है। यह पहले के Gemini मॉडलों की तुलना में अधिक संदर्भ-सक्षम और गहराई से विश्लेषण करने वाली सहायता प्रदान करता है।

Gemini 3 Deep Think Mode क्या है?

Deep Think मोड Gemini 3 AI मॉडल का एक विशेष फीचर है, जिसका उद्देश्य मल्टी-स्टेप समस्याओं को कई संभावित समाधानों के समानांतर विश्लेषण के माध्यम से हल करना है — जिसे Google “advanced parallel reasoning” कहता है।

इस मोड की मदद से AI:

  • जटिल समीकरण हल कर सकता है

  • मल्टी-लेयर्ड लॉजिक समस्याओं को सुलझा सकता है

  • वैज्ञानिक और विश्लेषणात्मक कार्यों को बेहतर संदर्भ के साथ कर सकता है

  • कम फॉलो-अप की आवश्यकता रखते हुए बड़े कार्यों को चरणों में विभाजित कर सकता है

मुख्य बेंचमार्क और प्रदर्शन

Google के आंतरिक परीक्षणों के अनुसार, Gemini 3 Deep Think मोड ने कई महत्वपूर्ण AI बेंचमार्क्स पर बेहतर प्रदर्शन किया है:

  • Humanity’s Last Exam: बिना किसी बाहरी टूल के 41.0% स्कोर

  • ARC-AGI-2: कोड एक्सिक्यूशन के साथ 45.1% स्कोर

ये परिणाम दर्शाते हैं कि AI अब बेहतर तर्क-आधारित समस्याओं को हल करने में सक्षम हो रहा है, जहाँ वर्तमान पीढ़ी के कई AI मॉडल अभी भी संघर्ष करते हैं।

Deep Think Mode कैसे उपयोग करें?

Ultra सब्सक्राइबर इस फीचर को निम्न तरीक़े से एक्टिवेट कर सकते हैं:

  1. Gemini ऐप खोलें

  2. अपना प्रॉम्प्ट टाइप करें और प्रॉम्प्ट बार में “Deep Think” ऑप्शन चुनें

  3. मॉडल सेलेक्टर में “Gemini 3 Pro” को सक्रिय करें

इससे आपको Google के सबसे उन्नत reasoning मॉडल का उपयोग मिलेगा, जो अकादमिक, पेशेवर या क्रिएटिव कार्यों में मदद कर सकता है।

Gemini 3: प्रमुख अपग्रेड्स

नवंबर 2025 में लॉन्च हुए Gemini 3 ने Google की AI सेवाओं में कई बड़े सुधार किए हैं, जैसे:

  • बेहतर मल्टीमॉडल समझ: टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, PDF आदि का बेहतर विश्लेषण

  • बड़ा कॉन्टेक्स्ट विंडो: लंबे डॉक्युमेंट्स और वार्तालाप समझने की क्षमता

  • स्मार्ट प्लानिंग और ऑर्गनाइजेशन: शोध, लिखने और प्रोजेक्ट प्लानिंग में आसान

  • अधिक प्राकृतिक और सटीक जवाब: कम भ्रमित करने वाले परिणाम

  • उन्नत सुरक्षा सुविधाएँ: संवेदनशील या भ्रामक प्रॉम्प्ट पर बेहतर नियंत्रण

Gemini 3 न केवल Gemini ऐप बल्कि Google Search, Gmail और Google Docs जैसे प्लेटफॉर्म्स को भी शक्ति देता है।

Deep Think Mode का महत्व

Deep Think मोड का लॉन्च Google की मानव-जैसी AI reasoning क्षमता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके प्रमुख लाभ हैं:

  • जटिल प्रश्नों को एक बार में हल करने की क्षमता

  • संदर्भ-सम्पन्न उत्तर जिनसे लंबी बातचीत की आवश्यकता कम होती है

  • STEM शिक्षा, शोध, डेटा विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में मजबूत उपयोग

  • प्रतिस्पर्धी AI असिस्टेंट्स के मुकाबले अधिक सक्षम समस्या-समाधान

यह फीचर विशेष रूप से शोधकर्ताओं, छात्रों, वैज्ञानिकों, डेटा-विश्लेषकों और एंटरप्राइज उपयोगकर्ताओं के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।

भारत-मलेशिया का संयुक्त युद्धभ्यास ‘हरिमाऊ शक्ति’ राजस्थान में शुरू

भारत और मलेशिया ने संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘हरिमाऊ शक्‍ति’ के पाँचवे संस्करण की शुरुआत राजस्थान के महाजन फील्ड फ़ायरिंग रेंज में की है। यह अभ्यास 5 से 18 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। दो सप्ताह तक चलने वाला यह सैन्य अभ्यास उप-पारंपरिक अभियानों में अंतरसंचालनीयता, समन्वय और सामरिक कौशल बढ़ाने पर केंद्रित है, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र के अध्याय VII के तहत किए जाने वाले अभियानों में।

एक्सरसाइज़ हरिमाऊ शक्ति के बारे में

हरिमाऊ शक्ति भारत और मलेशिया की सेनाओं के बीच 2012 में शुरू किया गया एक वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है। यह दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य विभिन्न वातावरणों में रणनीतियों, संचालन तकनीकों और संयुक्त अभियानों का अभ्यास करना है।

पिछले संस्करण मुख्य रूप से मलेशिया के घने जंगलों में जंगल युद्ध और काउंटर-इंसर्जेंसी पर केंद्रित रहे। लेकिन 2025 का संस्करण भौगोलिक और युद्धक परिदृश्यों में बदलाव लाता है, क्योंकि इसमें अर्ध-शुष्क और रेगिस्तानी क्षेत्रों में प्रशिक्षण शामिल है।

2025 संस्करण की मुख्य विशेषताएँ

इस बार का अभ्यास राजस्थान में आयोजित हो रहा है, जो विभिन्न इलाकों में संचालित होने की भारत की तैयारियों को दर्शाता है।

भाग लेने वाली इकाइयाँ:

  • भारतीय सेना – डोगरा रेजिमेंट

  • रॉयल मलेशियन आर्मी – 25वीं बटालियन

अभ्यास का दायरा शामिल करता है:

  • संयुक्त राष्ट्र अध्याय VII के तहत उप-पारंपरिक अभियान, जिसमें शांति प्रवर्तन और आतंकवाद-रोधी अभियानों की तैयारी शामिल है।

  • हेलिबोर्न ऑपरेशन, सामरिक घुसपैठ, और युद्ध के दौरान हेलिपैड की सुरक्षा।

  • कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन, कमरे की सफाई (रूम क्लियरिंग), और घायलों को निकालने की ड्रिल।

  • क्लोज-क्वार्टर लड़ाई के लिए कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग।

  • शारीरिक और मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए AMAR (Army Martial Arts Routine) और योग प्रशिक्षण।

अभ्यास का रणनीतिक महत्व

संयुक्त संचालन क्षमता में वृद्धि

यह अभ्यास दोनों सेनाओं को उच्च जोखिम और वास्तविक समय के परिदृश्यों में साथ मिलकर काम करने की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।

शांति प्रवर्तन और संयुक्त राष्ट्र अभियानों पर ध्यान

अध्याय VII के तहत किए जाने वाले अभियानों में बल प्रयोग की अनुमति होती है। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों देशों की सेनाएँ जटिल शांति प्रवर्तन मिशनों के लिए तैयारी कर रही हैं।

भारत–मलेशिया रक्षा संबंध मजबूत करना

यह अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का एक प्रमुख उदाहरण है। यह आपसी भरोसा बढ़ाता है, कूटनीतिक संबंध मजबूत करता है और इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देता है।

इस वर्ष क्या नया है?

पिछले वर्षों में अभ्यास घने जंगलों में होता था, जबकि 2025 में इसे रेगिस्तान में आयोजित किया जा रहा है, जहां चुनौतियाँ अलग हैं—जैसे तेज गर्मी, लंबी दृश्य दूरी, और अलग प्रकार की लॉजिस्टिक मांग।

हेलिपैड सुरक्षा, हेलिबोर्न ऑपरेशन, और रिफ्लेक्स शूटिंग जैसे नए तत्व उच्च गति प्रतिक्रिया मिशनों और आधुनिक खतरों से निपटने की तैयारी को दर्शाते हैं।

मुख्य तथ्य (Key Takeaways)

  • अभ्यास का नाम: हरिमाऊ शक्ति

  • संस्करण: 5वाँ

  • तारीख: 5–18 दिसंबर 2025

  • स्थान: महाजन फील्ड फ़ायरिंग रेंज, राजस्थान

  • भारतीय इकाई: डोगरा रेजिमेंट

  • मलेशियाई इकाई: रॉयल मलेशियन आर्मी की 25वीं बटालियन

  • मुख्य फोकस: आतंकवाद-रोधी अभियानों, हेलिबोर्न ऑपरेशन, और UN अध्याय VII के तहत प्रशिक्षण

भारत का दुर्लभ ‘गोल्डीलॉक्स’ दौर: वैश्विक उथल-पुथल के बीच अर्थव्यवस्था क्यों मजबूत बनी हुई है

जब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने अपना पहला वर्ष पूरा किया, उसी समय भारतीय अर्थव्यवस्था एक ऐसे चरण में प्रवेश कर गई जिसे विशेषज्ञ “दुर्लभ गोल्डीलॉक्स फेज़” कह रहे हैं — ऐसा समय जब आर्थिक वृद्धि तेज़ है, मुद्रास्फीति (महंगाई) कम है और नीतियाँ स्थिर एवं अनुमानित हैं।

यह स्थिति इसलिए भी खास है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था इस समय कई झटकों से जूझ रही है — व्यापार युद्ध, बढ़ती अमेरिकी टैरिफ़ नीतियाँ, भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर होती मुद्राएँ। फिर भी भारत की अर्थव्यवस्था ने अद्भुत मजबूती दिखाई है।

गोल्डीलॉक्स फेज़ क्या है और यह क्यों दुर्लभ होता है?

“गोल्डीलॉक्स अर्थव्यवस्था” वह स्थिति है जब अर्थव्यवस्था:

  1. तेज़ और टिकाऊ वृद्धि दिखाती है

  2. मुद्रास्फीति कम और स्थिर रहती है

  3. नीतिगत दिशा स्पष्ट और स्थिर रहती है

अधिकतर देशों में तेज़ वृद्धि के दौरान महंगाई बढ़ जाती है, या फिर महंगाई को नियंत्रित करने पर वृद्धि घट जाती है।
लेकिन दोनों का संतुलन एक साथ मिलना बहुत दुर्लभ होता है — इसीलिए इसे रेयर गोल्डीलॉक्स फेज़ कहा जाता है।

भारत इस फेज़ में कैसे पहुँचा?

1. लगातार गिरती हुई मुद्रास्फीति

  • खुदरा महंगाई लगातार तीन वर्षों से गिर रही है।

  • वर्तमान में यह सिर्फ 2.2% है — RBI की लक्ष्य सीमा के निचले स्तर से भी कम।

2. तेज़ और स्थिर आर्थिक वृद्धि

  • FY 2025–26 की पहली दो तिमाहियों में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि 8% रही — दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़।

  • पिछले साढ़े चार वर्षों में औसत वृद्धि 8.2% रही है (महामारी के रिबाउंड वर्ष को छोड़कर भी)।

नीतिगत कदम जिन्होंने इस फेज़ को मजबूत किया

चूंकि महंगाई अब लक्ष्य से भी कम है, मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 5.25% कर दिया।

2025 में RBI कुल 125 बेसिस पॉइंट की दरों में कटौती कर चुका है — यह संकेत है कि नीतियाँ स्पष्ट रूप से विकास-समर्थक हैं।

विशेषज्ञ इसे नीतिगत समरूपता (policy symmetry) कहते हैं:

  • महंगाई बढ़े तो सख्ती,

  • महंगाई गिरे तो नरमी।

इससे RBI की विश्वसनीयता और निवेशकों का भरोसा दोनों बढ़ते हैं।

कमज़ोर हो रही रुपया चिंता का विषय है?

रुपया इस वर्ष 5% से अधिक कमजोर हुआ है और ₹90 प्रति डॉलर पार कर गया है।
लेकिन अर्थशास्त्रियों के अनुसार यह स्थिति चिंताजनक नहीं है क्योंकि:

  • गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक डॉलर की मजबूती है, न कि घरेलू कमजोरी।

  • RBI ने कृत्रिम रूप से रुपये को बचाने की कोशिश नहीं की, जिससे विदेशी भंडार पर दबाव नहीं पड़ा।

  • RBI ने अपना ध्यान अपने मुख्य लक्ष्य — मुद्रास्फीति और आर्थिक स्थिरता — पर रखा।

यह दृष्टिकोण परिपक्व नीति प्रबंधन का संकेत माना जाता है।

यह गोल्डीलॉक्स फेज़ भारत के भविष्य के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

यह चरण:

  • व्यापार और उद्योग का आत्मविश्वास बढ़ाता है

  • उधार लेना सस्ता करता है

  • विदेशी निवेश आकर्षित करता है

  • वास्तविक आय में सुधार करता है

  • भारत की वैश्विक आर्थिक साख को मजबूत करता है

स्थिरता से रोजगार, निवेश और समग्र आर्थिक गति में वृद्धि होती है।

कौन-सी चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं?

  • वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव

  • कच्चे तेल की अस्थिर कीमतें

  • अमेरिकी टैरिफ़ के कारण निर्यात दबाव

  • मुद्रा बाज़ार में अस्थिरता

फिर भी, मजबूत घरेलू मांग और विश्वसनीय नीति प्रबंधन भारत को इन चुनौतियों से निपटने की क्षमता देते हैं।

जानें मोसाद के नए चीफ रोमन गोफमैन कौन हैं?

इज़राइल की खुफ़िया व्यवस्था में एक बड़े बदलाव के तहत मेजर जनरल रोमेन गोफ़मैन को मोसाद के अगले निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। वे जून 2026 में पदभार संभालेंगे। यह फैसला 5 दिसंबर 2025 को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा घोषित किया गया। यह नियुक्ति इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि पहली बार एक ऐसे कैरियर सैन्य अधिकारी को मोसाद का प्रमुख बनाया जा रहा है, जिनका पारंपरिक खुफ़िया पृष्ठभूमि नहीं है।

यह बदलाव उस समय हो रहा है जब इज़राइल को 2023 के हमास हमले के बाद क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

कौन हैं रोमेन गोफ़मैन?

  • जन्म: 1976, बेलारूस

  • 1990 में परिवार के साथ इज़राइल में प्रवास

  • 1995 में IDF (Israel Defense Forces) में भर्ती

  • तीन दशकों में बख़्तरबंद कोर (Armoured Corps) में तेज़ी से उन्नति

  • इज़राइल के उत्तर, दक्षिण और वेस्ट बैंक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण ब्रिगेड व डिवीज़न की कमान संभाली

  • 2024 में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सैन्य सचिव बने

    • इससे उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा व उच्चस्तरीय रणनीतिक निर्णयों के केंद्र में कार्य करने का अवसर मिला

गोफ़मैन का प्रधानमंत्री से घनिष्ठ कार्य संबंध और उनका सैन्य अनुभव उनकी चयन प्रक्रिया में निर्णायक माना जा रहा है।

यह नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है?

1. परंपरा से बड़ा बदलाव

मोसाद प्रमुख प्रायः खुफ़िया समुदाय से आते रहे हैं—
जैसे कि:

  • विशेष अभियान (covert operations) इकाइयों के विशेषज्ञ

  • खुफ़िया एजेंसियों में वर्षों का अनुभव रखने वाले अधिकारी

गोफ़मैन की नियुक्ति इस परंपरा से अलग है।
इससे पहले केवल कुछ ही सैन्य अधिकारियों—जैसे मेयर दगन और डैनी याटोम—ने मोसाद का नेतृत्व किया है।

यह दर्शाता है कि नेतन्याहू मौजूदा क्षेत्रीय संकट को देखते हुए विश्वस्त और लड़ाकू अनुभव वाले व्यक्ति को शीर्ष पद पर रखना चाहते हैं।

2. क्षेत्रीय अस्थिरता के बीच नई जिम्मेदारियाँ

गोफ़मैन का कार्यकाल ऐसे समय शुरू होगा जब:

  • ईरान से तनाव चरम पर है

  • लेबनान में हिज़बुल्लाह से लगातार झड़पें

  • हमास और अन्य उग्रवादी समूहों से खतरा जारी

  • सीरिया, लेबनान और ईरान में इज़राइल की कई गुप्त कार्रवाइयाँ तेज़ हैं

वर्तमान प्रमुख डेविड बारनेआ के कार्यकाल में मोसाद की कई कार्रवाइयां वैश्विक सुर्खियों में रहीं।
अब यह ज़िम्मेदारी गोफ़मैन के हाथ में होगी।

3. युद्धभूमि का अनुभव – अब जासूसी के नेतृत्व में

  • 7 अक्टूबर 2023 को गाज़ा सीमा पर हमास हमले के दौरान गोफ़मैन गंभीर रूप से घायल हुए थे।

  • ठीक होने के बाद वे पुनः वरिष्ठ सैन्य दायित्वों में लौटे।

यह अनुभव उन्हें इज़राइल की सुरक्षा चुनौतियों की जमीनी हकीकत की गहरी समझ देता है—जो मोसाद की:

  • अर्ली-वॉर्निंग प्रणाली

  • मानव खुफ़िया (HUMINT)

  • आतंक रोधी संचालन

के पुनर्गठन में असर डाल सकता है।

मुख्य तथ्य 

  • रोमेन गोफ़मैन जून 2026 में मोसाद प्रमुख बनेंगे

  • वर्तमान पद: प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सैन्य सचिव

  • जन्म: 1976, बेलारूस

  • IDF में भर्ती: 1995

  • 7 अक्टूबर 2023 हमास हमले में घायल

  • मौजूदा निदेशक: डेविड बारनेआ (जिनकी जगह बनाए जाएंगे)

किस ग्रह को सबसे तेज़ ग्रह के नाम से जाना जाता है?

कुछ ग्रह अपनी यात्रा पूरी करने में बहुत समय लेते हैं, जबकि कुछ बहुत तेज़ चलते हैं। उनकी गति इस बात पर निर्भर करती है कि वे सूर्य से कितनी दूर हैं और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण उन पर कितना प्रभाव डालता है। इन अंतर को समझने से हमें ग्रहों की कक्षा और पूरे सौर मंडल के काम करने का तरीका जानने में मदद मिलती है।

सबसे तेज़ ग्रह कौन-सा है?

बुध (Mercury) सौर मंडल का सबसे तेज़ ग्रह है। यह सूर्य के बहुत निकट होने के कारण तेज़ी से परिक्रमा करता है।  इसकी कक्षा छोटी है और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण उस पर बेहद मजबूत होता है, जिससे यह अन्य ग्रहों की तुलना में बहुत तेज़ घूमता है।

बुध इतनी तेज़ी से क्यों चलता है?

बुध सूर्य के सबसे नजदीक स्थित ग्रह है। सूर्य का गुरुत्वाकर्षण इस पर बहुत अधिक खिंचाव डालता है, जिससे बुध को अपनी कक्षा में बने रहने के लिए तेज़ गति से घूमना पड़ता है। उसका छोटा आकार और हल्का द्रव्यमान उसे बिना अधिक प्रतिरोध के तेजी से चलने में मदद करता है।

बुध सूर्य की परिक्रमा कितनी तेज़ करता है?

बुध लगभग 47 किलोमीटर प्रति सेकंड (करीब 1,70,000 किमी/घंटा) की गति से घूमता है। यह गति पृथ्वी की तुलना में लगभग डेढ़ गुना अधिक है। इसी कारण बुध का साल सबसे छोटा होता है — यह केवल 88 पृथ्वी दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है।

बुध का छोटा वर्ष

बुध पर एक वर्ष केवल 88 दिनों का होता है। जब पृथ्वी एक परिक्रमा में 365 दिन लेती है, तब बुध उसी समय में सूर्य की चार से भी अधिक परिक्रमा कर सकता है। इस कारण बुध सौर मंडल का सबसे तेज़ परिक्रमा करने वाला ग्रह कहलाता है।

बुध की कक्षा (Orbit Path)

बुध की कक्षा एकदम गोल नहीं, बल्कि अंडाकार (elliptical) होती है। इस वजह से यह सूर्य के पास आने पर और भी तेज़ हो जाता है और दूर जाने पर थोड़ी धीमी गति से चलता है। इन गति-परिवर्तनों के कारण बुध की गति वैज्ञानिकों के लिए काफी रोचक है।

बुध से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • सबसे छोटा ग्रह: बुध पृथ्वी के चंद्रमा से भी छोटा है, फिर भी इसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति काफी मजबूत है।

  • अत्यधिक तापमान: दिन में तापमान 400°C से ऊपर जा सकता है, जबकि रात में जमाव बिंदु से नीचे चला जाता है।

  • कोई मोटा वायुमंडल नहीं: इसका वायुमंडल बहुत पतला (exosphere) है, जिससे गर्मी तेजी से निकल जाती है।

  • एक दिन एक साल से लंबा: बुध को एक बार घूमने में 58 पृथ्वी दिन लगते हैं, जबकि एक वर्ष 88 दिनों का होता है — इसलिए बुध पर एक दिन लगभग 176 पृथ्वी दिनों के बराबर होता है।

  • पिघला हुआ कोर: बुध के अंदर तरल धातु का कोर है जो चुंबकीय क्षेत्र बनाता है — यह इतनी छोटी ग्रह के लिए असामान्य है।

भारत दौरे के दौरान राष्ट्रपति भवन में पुतिन का भव्य पारंपरिक स्वागत

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 2025 की भारत राज्य यात्रा ने चार साल बाद दोनों देशों के बीच शीर्ष-स्तरीय प्रत्यक्ष संवाद को पुनर्जीवित किया। यात्रा की शुरुआत राष्ट्रपति भवन में पूर्ण राजकीय सम्मान और त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हुई। लंबित रक्षा आपूर्ति, ऊर्जा व्यापार में बढ़ते सहयोग और बदलते वैश्विक भू-राजनीतिक वातावरण के बीच यह मोदी–पुतिन शिखर सम्मेलन प्रतीकात्मक और रणनीतिक — दोनों रूपों में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।

राष्ट्रपति भवन में राजकीय स्वागत

पुतिन को नई दिल्ली में भव्य और सम्मानपूर्ण स्वागत मिला, जहाँ—

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोरकोर्ट में उनका स्वागत किया।

  • भारतीय और रूसी राष्ट्रगान के बाद गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण हुआ।

  • S. जयशंकर, CDS जनरल अनिल चौहान और दिल्ली LG VK सक्सेना सहित शीर्ष भारतीय अधिकारी उपस्थित थे।

  • रूसी प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोउसॉव सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

  • इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं एयरपोर्ट जाकर उनका स्वागत किया — जो दोनों नेताओं के व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाता है।

मोदी–पुतिन शिखर वार्ता: 23वां भारत–रूस वार्षिक सम्मेलन

यात्रा का मुख्य कार्यक्रम हैदराबाद हाउस में आयोजित भारत–रूस वार्षिक शिखर बैठक था।

शिखर वार्ता के मुख्य उद्देश्य

  • लंबित रक्षा आपूर्ति एवं अनुबंधों की समीक्षा

  • ऊर्जा सहयोग और दीर्घकालिक कच्चे तेल आपूर्ति पर चर्चा

  • भारत से रूस के लिए कुशल श्रमिकों की गतिशीलता बढ़ाना

  • व्यापार विस्तार, भुगतान प्रणाली और नए कनेक्टिविटी समाधान

  • स्वास्थ्य, लॉजिस्टिक्स, शिपिंग और उर्वरक क्षेत्रों में समझौतों की शुरुआत

रक्षा सहयोग: द्विपक्षीय संबंधों का आधार

भारत की आधुनिक रक्षा संरचना अभी भी बड़े पैमाने पर रूसी मूल के प्लेटफॉर्मों पर आधारित है।

मुख्य रक्षा मुद्दे

  • S-400 मिसाइल प्रणाली की अंतिम दो यूनिटों की आपूर्ति

  • Su-30MKI अपग्रेड्स — रडार, एवियोनिक्स और हथियार क्षमता बढ़ाना

  • Su-57 लड़ाकू विमान पर संभावित चर्चाएँ

  • स्पेयर पार्ट्स, मरम्मत और संयुक्त उत्पादन लाइनों की समयबद्धता

यह चर्चाएँ दर्शाती हैं कि भारत आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अपनी खरीद को बहु-आयामी बनाए रखना चाहता है।

ऊर्जा व्यापार: सामरिक और आर्थिक महत्व

2022 के बाद से भारत रूसी कच्चे तेल का प्रमुख खरीदार बन गया है।

प्रमुख बिंदु

  • सस्ते रूसी तेल ने भारत को घरेलू ईंधन कीमतें स्थिर रखने में मदद की।

  • यूरोप की खरीद में गिरावट के बाद रूस स्थिर और दीर्घकालिक ग्राहक चाहता है।

  • नए शिपिंग कॉरिडोर और बंदरगाह कनेक्टिविटी पर बातचीत जारी है।

ऊर्जा व्यापार अभी भी भारत–रूस आर्थिक संबंधों का सबसे बड़ा स्तंभ है।

अमेरिकी शुल्क मुद्दा: रणनीतिक संतुलन

यह यात्रा ऐसे समय में हुई जब भारत, अमेरिका द्वारा फिर से लगाए गए शुल्कों पर बातचीत कर रहा है, जिन्हें अप्रत्यक्ष रूप से रूसी तेल खरीद से जोड़ा गया है।

मुख्य विवाद

  • अमेरिका का दावा है कि सस्ते रूसी तेल से रूस को युद्धकालीन वित्त पोषण मिलता है।

  • भारत का तर्क है कि उसकी ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हित और वहनीयता पर आधारित है।

  • शिखर वार्ता में यह चर्चा होने की उम्मीद थी कि भारत वैश्विक दबावों के बीच अपनी सामरिक स्वतंत्रता कैसे बनाए रखे।

यह त्रिकोणीय समीकरण इस शिखर बैठक को और अधिक भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है।

RBI की ₹1 ट्रिलियन की OMO खरीदारी: इसका क्या मतलब है और यह क्यों ज़रूरी है

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने हाल ही में लिक्विडिटी के लिए दो बड़े कदम उठाए हैं, जिसमें ₹1 ट्रिलियन का ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) परचेज़ और $5 बिलियन का डॉलर-रुपया स्वैप शामिल है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब रुपया 90 प्रति अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है, जिससे फाइनेंशियल मार्केट और बैंकिंग लिक्विडिटी पर दबाव पड़ रहा है।

ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) क्या होता है?

ओपन मार्केट ऑपरेशन RBI का एक प्रमुख मौद्रिक उपकरण है, जिसका उपयोग बैंकिंग प्रणाली में तरलता (Liquidity) को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

  • OMO खरीद: RBI बैंकों से सरकारी बॉन्ड खरीदता है → सिस्टम में पैसा डालता है।

  • OMO बिक्री: RBI बैंकों को सरकारी बॉन्ड बेचता है → अतिरिक्त तरलता खींच लेता है।

इसका उद्देश्य है:

  • ब्याज दरों को स्थिर रखना

  • बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त नकदी बनाए रखना

  • अर्थव्यवस्था में क्रेडिट फ्लो को सुचारू रखना

RBI ने इस समय ₹1 ट्रिलियन OMO खरीद की घोषणा क्यों की?

रुपये की तेज़ गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बैंकिंग प्रणाली में तरलता कम हो गई। जब विदेशी निवेशक बाज़ार से पैसा निकालते हैं, तो बैंकों के पास रुपये की उपलब्धता घट जाती है।

इस स्थिति को संभालने के लिए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने OMO खरीद की घोषणा की।
इससे उद्देश्य है:

  • बाज़ार में स्थिरता लाना

  • बैंकों को सस्ती फंडिंग उपलब्ध कराना

  • मौद्रिक नीति के प्रभाव को सही तरीके से आगे पहुँचाना

रुपया कमजोर होने पर OMO कैसे मदद करता है?

रुपया गिरने पर आमतौर पर ये समस्याएँ पैदा होती हैं:

  • डॉलर की मांग बढ़ती है

  • विदेशी निवेशक पैसा निकालते हैं

  • अल्पकालिक ब्याज दरें बढ़ती हैं

  • बैंकों में नकदी की कमी होती है

ऐसे में OMO तीन बड़े तरीकों से मदद करता है:

1. बैंकिंग तरलता की भरपाई

विदेशी निकासी से सिस्टम में रुपये की कमी हो जाती है।
OMO खरीद से RBI बैंकों में स्थायी नकदी डालता है।

2. मनी मार्केट का तनाव कम करना

डॉलर की मांग बढ़ने से कॉल मनी रेट और ट्रेज़री यील्ड बढ़ जाती हैं।
OMO इन्हें नियंत्रित करता है।

3. मौद्रिक नीति का बेहतर प्रसारण

जब सिस्टम में नकदी असमान होती है, तो रेपो कट का प्रभाव ठीक से नहीं पहुंचता।
OMO इसे संतुलित करता है।

OMO और Repo में क्या अंतर है?

OMO खरीद Repo ऑपरेशन
स्थायी (Durable) तरलता प्रबंधन अस्थायी (Temporary) तरलता प्रबंधन
दीर्घकालिक धन आपूर्ति को प्रभावित करता है दिन–प्रतिदिन की नकदी की ज़रूरतों को पूरा करता है

इसलिए, यदि RBI लंबी अवधि के लिए तरलता बढ़ाना चाहता है, तो वह OMO खरीद करता है।
बैंकिंग प्रणाली को संतुलित रखने के लिए RBI कभी-कभी यह करता है:

  • OMO से स्थायी तरलता डालता है, और

  • VRR (Variable Rate Repo) से अल्पकालिक नकदी खींचता है

इससे शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म दोनों जरूरतें पूरी होती हैं।

बड़ी आर्थिक तस्वीर

इन तरलता उपायों के बावजूद RBI का रुख सकारात्मक बना हुआ है।
गवर्नर मल्होत्रा के अनुसार:

  • भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों के बीच भी मजबूत बनी हुई है

  • GDP वृद्धि मज़बूत है

  • मुद्रास्फीति नियंत्रित स्तर पर है

  • इसलिए विकास-समर्थक नीतियों की गुंजाइश बनी हुई है

इसका मतलब है कि ऊंचे वैश्विक जोखिमों के बावजूद भारत की घरेलू आर्थिक स्थिति स्थिर और सुदृढ़ है।

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