देश में हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। यह दिन स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। वही, स्वामी विवेकानंद जो आज भी देश के लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं और भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली नेतृत्वकर्ताओं में से एक थे। प्रति वर्ष केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों से लेकर, सामाजिक संगठन और रामकृष्ण मिशन के अनुयायी विवेकानंद जयंती बड़े सम्मान के साथ मनाते हैं।
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राष्ट्रीय युवा दिवस 2023 की थीम
हर दिवस को मनाने का अपना अलग महत्व होता है। इसी महत्व के आधार पर इन अलग-अलग दिनों की थीम भी तय की जाती है। राष्ट्रीय युवा दिवस को भी मनाने के लिए हर साल एक थीम का एलान किया जाता है। बात करें इस साल की थीम की तो इस वर्ष नेशनल यूथ डे के लिए थीम ‘विकसित युवा विकसित भारत’ तय की गई है।
राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास
देश का भविष्य कहे जाने वाले युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को युवा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 1984 में की गई थी। उस समय की सरकार का ऐसा मानना था कि स्वामी विवेकानंद के विचार, आदर्श और उनके काम करने का तरीका भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का एक स्रोत हो सकते हैं। ऐसे में इस बात को ध्यान में रखते हुए 12 जनवरी, 1984 से स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी।
स्वामी विवेकानंद: एक नजर में
स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। बचपन से ही आधात्म में रूचि रखने वाले नरेंद्रनाथ ने 25 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। संन्यास लेने के बाद वह दुनियाभर में विवेकानंद नाम से मशहूर हुए। वह वेदांत के एक विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उन्हीं की याद में हर साल स्वामी जी की जयंती पर युवा दिवस को मनाया जाता है। मृत्यु से दो वर्ष पहले 1900 में जब स्वामी विवेकानंद यूरोप से आखिरी बार भारत आए तो बेलूर की ओर चल पड़े। क्योंकि वे अपने शिष्यों के साथ समय बिताना चाहते थे। यह उनके जीवन का आखिरी भ्रमण था। 04 जुलाई 1902 को उन्होंने अंतिम सांस ली।