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रेल मंत्रालय ने ‘स्वच्छता पखवाड़ा-2023’ शुरू किया

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रेल मंत्रालय ने स्वच्छता पखवाड़ा-2023 की शुरूआत की है। स्वच्छता पखवाड़ा-2023 का उद्घाटन रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने किया। उन्‍होंने रेल भवन में स्वच्छता की शपथ दिलाई। स्‍वच्‍छता की यह शपथ पूरे रेलवे परिवार को दिलाई गई, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रेलवे जोन और डिवीजनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ रेलवे के कर्मचारी शामिल है। पूरे रेलवे परिवार द्वारा ली गई स्वच्छता शपथ स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता पर केंद्रित है यह प्रति वर्ष स्वच्छता के लिए सौ घंटे समर्पित करती है और स्वच्छ भारत मिशन के संदेश का प्रचार करती है।

Swachhata Hi Seva

स्वच्छता पखवाड़ा कब से कब तक

रेल मंत्रालय 16 से 30 सितंबर 2023 तक स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है। रेल मंत्रालय ने इसे स्वत: बढ़ाकर 02 अक्‍टूबर तक कर दिया है और अब इसे महात्मा गांधी की जयंती के साथ समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस वर्ष, आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय तथा जल शक्ति मंत्रालय का संयुक्त अभियान ‘स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) अभियान (15.09.23 से 02.10.23 तक) भी मनाया जा रहा है। एसएचएस की गतिविधियों को भारतीय रेलवे के स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के साथ एकीकृत किया गया है।

 

स्वच्छता पखवाड़ा – 2023

स्वच्छता पखवाड़ा – 2023 के लिए, पखवाड़े के दौरान स्वच्छ रेलगाड़ी, स्वच्छ स्टेशन, स्वच्छ आहार, स्वच्छ ट्रैक आदि जैसी गतिविधियों के लिए समर्पित दिवस निर्धारित किए गए हैं। पीए सिस्टम के माध्‍यम से लोगों को जैव-शौचालयों के उपयोग, एकल उपयोग प्लास्टिक से बचने और स्वच्छता की आदतों को अपनाने के लिए डिजिटल मीडिया/सार्वजनिक घोषणा के द्वारा व्‍यापक जागरूकता अभियान चलाने की भी योजना है।

पखवाड़े में अधिक भागीदारी और अधिक प्रभावी परिणाम सुनिश्चित करने के लिए, पखवाड़े की अवधि के दौरान अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए फील्ड कार्यकर्ताओं/संबद्ध कार्यालयों/अधीनस्थ संगठनों को पुरस्कृत करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय (नोडल मंत्रालय) द्वारा प्रत्येक मंत्रालय को स्वच्छता पखवाड़ा पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। पिछले वर्ष स्वच्छता पखवाड़ा – 2022 पुरस्कार निम्नलिखित क्षेत्रीय रेलवे को दिए गए हैं:

  • पहला स्थान: दक्षिण पश्चिम रेलवे;
  • दूसरा स्थान: पश्चिम रेलवे;
  • तीसरा स्थान: पूर्वोत्तर रेलवे।

 

भारतीय रेल थोक परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन है और यह हमेशा स्वच्छ एवं हरित पर्यावरण को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। रेलवे ने अपने स्टेशनों और रेलगाडि़यों के आस-पास स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के बारे में अनेक कदम उठाए हैं जिनमें पटरियों को स्वच्छ बनाने के लिए सवारी डिब्बों में जैव शौचालय, बायोडिग्रेडेबल/नॉन बायोडिग्रेडेबल कचरे को अलग करना, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के इस्तेमाल को हतोत्साहित करना आदि शामिल हैं।

 

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