आयुष मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ( आईसीएमआर ) के बीच एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान को बढ़ावा देने और सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। यह सहयोग आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग करते हुए साक्ष्य का सृजन करने के लिए उच्च प्रभाव अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य देखभाल में राष्ट्रीय महत्व के चिन्हित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह समझौता ज्ञापन आयुष शोधकर्ताओं के प्रशिक्षण के माध्यम से अनुसंधान क्षमता को भी सुदृढ़ बनाएगा। इस समझौता ज्ञापन पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और आईसीएमआर के महानिदेशक तथा भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
उन्नत अनुसंधान के लिए आयुष-आईसीएमआर केंद्रों की स्थापना:
समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों को संयुक्त रूप से सह-वित्तपोषण के साथ सभी एम्स में एकीकृत स्वास्थ्य में उन्नत अनुसंधान के लिए आयुष-आईसीएमआर केंद्र स्थापित करने में सक्षम करेगा। ये केंद्र पार्टियों को व्यापक स्वीकृति के साक्ष्य उत्पन्न करने के लिए आयुष प्रणाली के आशाजनक उपचारों के साथ पहचान किए गए क्षेत्रों/राष्ट्रीय महत्व की रोग स्थितियों पर संयुक्त रूप से उच्च गुणवत्ता वाले नैदानिक परीक्षण करने की संभावना का पता लगाने की अनुमति देंगे।
संयुक्त कार्य समूह और अनुसंधान क्षमता निर्माण:
यह समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों को संयुक्त रूप से सह – वित्त पोषण के साथ सभी एम्स में समेकित स्वास्थ्य में आयुष – आईसीएमआर उन्नत अनुसंधान केंद्रों की स्थापना करने में सक्षम बनाएगा। इसके अतिरिक्त, वे सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान पर काम करने की संभावना की खोज करेंगे, राष्ट्रीय महत्व के रोगों को दूर करने के लिए पहल करेंगे और व्यापक स्वीकृति के लिए साक्ष्य सृजित करने के लिए आयुष प्रणाली की आशाजनक चिकित्साओं के साथ राष्ट्रीय महत्व के चिन्हित क्षेत्रों / रोग स्थितियों पर संयुक्त रूप से उच्च गुणवत्तापूर्ण नैदानिक परीक्षण का संचालन करने की संभावनाओं की खोज करेंगे।
एकीकृत चिकित्सा पर अनुसंधान का समावेश:
यह समझौता ज्ञापन आईसीएमआर-डीएचआर द्वारा ‘‘ मानव सहभागियों को शामिल करते हुए जैव चिकित्सा तथा स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय नैतिक दिशानिर्देशों ‘‘ में समेकित चिकित्सा पर अनुसंधान के समावेश की संभावना पर गौर करने की सुविधा प्रदान करेंगे। दोनों पक्षों ने एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना करने पर सहमति व्यक्त की है जो सहयोग की आगे की संभावनाओं की खोज करने के लिए तथा डेलीवरेबल्स पर काम करने, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं / कार्यक्रमों को तैयार करने और उसे कार्यान्वित करने पर काम करने की त्रैमासिक बैठकें आयोजित करेगा और गतिविधियों के संयुक्त पर्यवेक्षण की अनुमति देगा।
इस समझौता ज्ञापन के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक अनुसंधान क्षमता के निर्माण से संबंधित है जिसकी अगुवाई आयुष अनुसंधानकर्ताओं के लिए आईसीएमआर द्वारा किया जाएगा। यह एक पाठ्यक्रम विकसित करेगा, प्रशिक्षण मॉड्यूल के विकास एवं को वितरण को सुगम बनाएगा। आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर समेकित स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में इच्छुक शोधकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी के साथ संयुक्त रूप से सम्मेलनों/कार्यशालाओं/संगोष्ठियों की रूपरेखा तैयार करेंगे और इनका संचालन करेंगे।
अंतर-मंत्रालयी अभिसरण बैठक:
आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच सहयोग को और बढ़ाने के लिए केंद्रीय आयुष एवं बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल तथा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की संयुक्त अध्यक्षता में आज पांचवीं अंतर – मंत्रालयी समन्वयन बैठक का भी आयोजन किया गया। इस बैठक में, तालमेल और सहयोग से संबंधित मुद्वों पर चर्चा की गई और दोनों मंत्रालयों ने कई महत्वपूर्ण मामलों पर सहमति जताई।
Find More News Related to Agreements