रेटिंग एजेंसी क्रेडिट सुईस ने ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार भारत में आय से जुड़े आंकड़ों का अध्ययन करने पर पता चला कि कोरोना काल में देश आर्थिक असमानता काफी बढ़ गई थी। 2020 में यह दर अपने चरम 82.3 फीसदी पर पहुंच गई थी और 2021 तक बरकरार थी। बता दें कोरोना महामारी ने दुनियाभर में तबाही मचाई। इस दौरान लॉकडाउन की वजह से उद्योग-धंधे चौपट हो गए और करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई। इस वजह से देश में आर्थिक असमानता बढ़ गई थी। क्रेडिट सुइस के मुताबिक 2021 में भारत में 7.96 लाख करोड़पति थे, जिनकी संख्या 2026 तक 105 फीसदी बढ़कर 16.32 लाख हो जाएगी।
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क्रेडिट सुइस के ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2022 के मुताबिक मौजूदा समय से लेकर 2026 तक भारत में करोड़पतियों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। वहीं चीन में करोड़पतियों की संख्या मौजूदा लेवल से 97 प्रतिशत ज्यादा होगी। दुनिया के सबसे बड़े अर्थव्यवस्था संयुक्त राज्य अमेरिका में 13 फीसदी करोड़पति बढ़ जायेंगे। वहीं पूरी दुनिया में करोड़पतियों की संख्या 2021 के 2.50 करोड़ से बढ़कर 8.70 करोड़ हो जाएगी।
अमेरिका में सबसे ज्यादा करोड़पति होंगे। दूसरे स्थान पर चीन है। लेकिन अमेरिका और चीन के बीच फासला बहुत ज्यादा है। दुनिया के कुल करोड़पतियों में भारत की हिस्सेदारी मात्र 1 फीसदी के करीब है। वहीं कुल करोड़पतियों में अमेरिका की हिस्सेदारी 39 फीसदी है।
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