बहुप्रतीक्षित NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) उपग्रह मिशन, जो भारत की इसरो और अमेरिका की नासा के बीच एक अनोखी सहयोगात्मक परियोजना है, अब जून 2025 में लॉन्च होने की उम्मीद है। यह उपलब्धि कई बार की देरी के बाद सामने आई है, विशेष रूप से असेंबली और परीक्षण चरणों के दौरान। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को आगामी अंतरिक्ष अभियानों की जानकारी दी, जिसमें NISAR और मई महीने में प्रस्तावित अन्य प्रमुख मिशन शामिल हैं। NISAR मिशन का उद्देश्य पृथ्वी अवलोकन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना है, जो पर्यावरणीय प्रक्रियाओं की अत्यधिक विस्तृत और दोहराई जाने वाली जानकारियाँ प्रदान करेगा। यह उपग्रह जलवायु परिवर्तन, वन कटाई, हिमखंडों के पिघलने, भूकंपीय गतिविधियों और अन्य गतिशील भौगोलिक घटनाओं की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
NISAR मिशन की प्रमुख विशेषताएँ
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मिशन का नाम: NISAR (NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार)
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लॉन्च की समयावधि: जून 2025 (अनुमानित)
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लॉन्च वाहन: GSLV (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल)
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मिशन प्रकार: पृथ्वी अवलोकन मिशन (ड्यूल-फ्रीक्वेंसी SAR तकनीक द्वारा)
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संलग्न एजेंसियाँ: NASA और ISRO
NISAR मिशन: प्रमुख विशेषताएँ
महत्त्व
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NASA और ISRO के बीच यह पहली बड़ी संयुक्त पृथ्वी विज्ञान मिशन है।
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इसका उद्देश्य पृथ्वी की सतह के अत्यंत सटीक और उच्च-रिज़ॉल्यूशन अवलोकनों का उत्पादन करना है।
वैज्ञानिक उद्देश्य
NISAR मिशन निम्नलिखित गतिशील प्रक्रियाओं की निगरानी करेगा:
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हिमनदों का पीछे हटना और बर्फ की चादरों का पिघलना
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वनस्पति और वन क्षेत्र में बदलाव
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भूकंप, ज्वालामुखी और भूमि विकृति
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सतही बदलावों का 1 सेंटीमीटर तक सटीक पता लगाना
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जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिक तंत्र में विघटन और आपदा प्रतिक्रिया से जुड़े मॉडलों को सुधारना
विलंब के कारण
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प्रारंभिक लॉन्च तिथि: वर्ष 2024 की शुरुआत
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समस्या: 12-मीटर एंटीना में तकनीकी खामी पाई गई, जिसे सुधारकर बदला गया
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उपग्रह को पहले अमेरिका में आंशिक रूप से असेंबल किया गया, फिर 2023 में अंतिम परीक्षण के लिए बेंगलुरु लाया गया
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एंटीना समस्या के कारण इसे दोबारा अमेरिका भेजा गया, जिससे मिशन में देरी हुई
ISRO के आगामी मिशन (मई 2025)
1. EOS-09 लॉन्च
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प्रकार: पृथ्वी अवलोकन उपग्रह
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विशेषता: दिन और रात दोनों समय में उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग की क्षमता
2. TV-D2 मिशन (टेस्ट व्हीकल – D2)
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संबंध: गगनयान मिशन से जुड़ा
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उद्देश्य: आपात स्थिति में क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण
3. Axiom-4 मिशन
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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेंगे
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वे राकेश शर्मा (1984) के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे
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मिशन का संचालन अमेरिकी निजी कंपनी Axiom Space द्वारा किया जाएगा