भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 24 अप्रैल, 2025 को तमिलनाडु के महेन्द्रगिरी स्थित ISRO प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC) में अपने सेमीक्रायोजेनिक इंजन का शॉर्ट-ड्यूरेशन हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने प्रोपल्शन प्रौद्योगिकी में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब उसने महेन्द्रगिरी, तमिलनाडु स्थित ISRO प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC) में अपने सेमीक्रायोजेनिक इंजन का शॉर्ट-ड्यूरेशन हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक किया। यह परीक्षण 24 अप्रैल, 2025 को किया गया और मार्च 2025 में सफल पहले हॉट टेस्ट के बाद यह दूसरा मील का पत्थर है। नवीनतम इग्निशन टेस्ट इंजन प्रणालियों और अनुक्रमों को सत्यापित करता है, जो भविष्य में होने वाले लॉन्च वाहन अभियानों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
परीक्षण के बारे में
परीक्षण केंद्र: ISRO प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC), महेन्द्रगिरी, तमिलनाडु।
परीक्षण की तिथि: 24 अप्रैल, 2025।
परीक्षण का प्रकार: सेमीक्रायोजेनिक इंजन का शॉर्ट-ड्यूरेशन हॉट टेस्ट (इंजन पावर हेड टेस्ट आर्टिकल)।
परीक्षण किए गए घटक: इंजन पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (थ्रस्ट चेंबर को छोड़कर)।
उद्देश्य और विशेषताएँ
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इंजन स्टार्ट-अप अनुक्रम की सत्यता को मान्य करना।
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60% रेटेड पावर स्तर पर स्थिर इग्निशन और प्रदर्शन सुनिश्चित करना।
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महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों जैसे:
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कम दबाव वाली टर्बो पंप्स
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उच्च दबाव वाली टर्बो पंप्स
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प्री-बर्नर
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संबंधित नियंत्रण प्रणालियों का संचालन परीक्षण करना।
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मुख्य परिणाम
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इंजन को सफलतापूर्वक प्रज्वलित किया गया।
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यह अपनी रेटेड क्षमता के 60% तक संचालित हुआ।
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स्थिर और नियंत्रित प्रदर्शन प्राप्त किया गया।
परीक्षण का महत्व
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यह सेमीक्रायोजेनिक इंजन विकास के लिए योजना बनाई गई परीक्षण श्रृंखला का हिस्सा है।
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यह पूर्ण इंजन प्रणाली के संचालन अनुक्रम को अंतिम रूप देने के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करता है।
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ISRO की अधिक शक्तिशाली और कुशल लॉन्च वाहनों के विकास क्षमता को बढ़ाता है।
भविष्य की योजना
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आगे की योग्यता परीक्षणों की योजना है।
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पूरे सेमीक्रायोजेनिक इंजन का व्यापक सत्यापन किया जाएगा।
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अंतिम लक्ष्य: ISRO के भविष्य के लॉन्च वाहनों में इसे एकीकृत करना, जिससे पेलोड क्षमता बढ़ेगी और लॉन्च लागत में कमी आएगी।