संयुक्त राष्ट्र हर साल दो दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस के रूप में मनाता है। इस दिन गुलामी के परंपरागत रूपों जैसे मानव तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम, जबरदस्ती शादी और सशस्त्र संघर्ष के दौरान बच्चों की सेना में जबरन भर्ती से सम्बंधित मुद्दों पर व्यापक विचार विमर्श के साथ सफल परिणाम प्राप्त करने की दिशा में सार्थक कदम उठाने पर जोर दिया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार दुनिया भर में 40 मिलियन से अधिक लोग आधुनिक गुलामी के शिकार हैं। इसके अलावा दुनिया भर 150 मिलियन से अधिक, दस बच्चों में से एक बच्चा बाल श्रम का शिकार हैं।
अंतरराष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा के व्यक्तियों के आवागमन के दमन और दूसरों की वेश्यावृत्ति के शोषण पर हुए सम्मेलन के जरिए 02 दिसंबर 1929 को मनाना शुरु किया गया था। इन दिन गुलामी के परंपरागत रूपों जैसे मानव तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम, जबरदस्ती शादी और सशस्त्र संघर्ष के दौरान बच्चों की सेना में जबरन भर्ती के उन्मूलन पर केंद्रित है।