रक्षा मंत्रालय ने 26 अक्टूबर 2025 को घोषणा की कि आईएनएस सतलज (INS Sutlej) ने मॉरीशस हाइड्रोग्राफिक सर्विस के सहयोग से लगभग 35,000 वर्ग नौटिकल मील क्षेत्र में एक प्रमुख हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण (Hydrographic Survey) सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह मिशन भारत और मॉरीशस के बीच दीर्घकालिक समुद्री साझेदारी का एक अहम हिस्सा है, जिसका सीधा संबंध नेविगेशन सुरक्षा, तटीय प्रबंधन, समुद्री संसाधन योजना और क्षेत्रीय सुरक्षा से है।
पृष्ठभूमि: सर्वेक्षण और द्विपक्षीय रूपरेखा
- भारत और मॉरीशस के बीच अक्टूबर 2005 में हाइड्रोग्राफिक सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसके तहत भारतीय नौसेना का हाइड्रोग्राफिक बेड़ा मॉरीशस को उसके समुद्री क्षेत्रों का मानचित्रण करने में सहायता करता है और मॉरीशस के कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- आईएनएस सतलुज मिशन दोनों देशों के बीच 18वां संयुक्त हाइड्रोग्राफिक मिशन बताया जा रहा है, जो एक स्थायी साझेदारी को रेखांकित करता है।
- एक हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत के रूप में, आईएनएस सतलुज उच्च सटीकता के साथ समुद्र तल और तटीय जल का मानचित्रण करने के लिए उन्नत सेंसर (मल्टीबीम इको साउंडर, साइड-स्कैन सोनार, डिफरेंशियल जीपीएस आदि) से लैस है।
2025 मिशन के प्रमुख पहलू
- सर्वेक्षण किया गया क्षेत्र और कार्यक्षेत्र: इस मिशन ने मॉरीशस के लगभग 35,000 वर्ग समुद्री मील जलक्षेत्र को कवर किया।
- क्षमता निर्माण घटक: मॉरीशस के विभिन्न मंत्रालयों के छह कर्मचारी “आधुनिक हाइड्रोग्राफिक तकनीकों” में प्रशिक्षण के लिए जहाज पर सवार हुए।
- समुद्री सुरक्षा आयाम: सर्वेक्षण कार्य के अलावा, INS सतलुज ने मॉरीशस राष्ट्रीय तटरक्षक बल के साथ संयुक्त EEZ निगरानी और समुद्री डकैती विरोधी गश्त की।
- औपचारिक हस्तांतरण: जहाज पर एक समारोह आयोजित किया गया, जिसके दौरान माननीय श्री शकील अहमद यूसुफ अब्दुल रजाक मोहम्मद (मॉरीशस के आवास और भूमि मंत्री) और श्री अनुराग श्रीवास्तव (मॉरीशस में भारत के उच्चायुक्त)।
- रणनीतिक ब्रांडिंग: यह मिशन भारत के व्यापक समुद्री दृष्टिकोण – महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) के अनुरूप है – जो पूर्ववर्ती सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) अवधारणा का उत्तराधिकारी या पूरक है।
नीतिगत सुझाव
- नियमित हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षणों को संस्थागत रूप देना ताकि अप-टू-डेट नौवहन चार्ट्स उपलब्ध रह सकें।
- भारतीय महासागर क्षेत्र में हाइड्रोग्राफी और समुद्री विज्ञान पर एक संयुक्त प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्र स्थापित करना।
- ब्लू इकॉनमी और जलवायु लचीलापन से जुड़ी राष्ट्रीय नीतियों में हाइड्रोग्राफिक डाटा को शामिल करना।
- संयुक्त अभियानों को अन्य हिंद महासागर द्वीपीय देशों के साथ बहुपक्षीय सुरक्षा ढांचों तक विस्तारित करना।
- स्वायत्त समुद्री वाहन, समुद्री डेटा विश्लेषण और रीयल-टाइम मैरीटाइम मॉनिटरिंग सिस्टम में तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना।
मुख्य बातें
- मॉरीशस में INS सतलुज का सफल जल सर्वेक्षण भारत-मॉरीशस समुद्री संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो समुद्री सुरक्षा, पर्यावरणीय शासन और रणनीतिक सुरक्षा में दोनों देशों की क्षमताओं को बढ़ाता है।
- 35,000 वर्ग नौटिकल मील क्षेत्र का सर्वेक्षण।
- भारत-मॉरीशस का 18वां संयुक्त सर्वेक्षण मिशन।
- 6 मॉरीशस अधिकारियों को आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण दिया गया।
- EEZ निगरानी और एंटी-पायरेसी गश्त आयोजित की गई।
- मिशन भारत की “MAHASAGAR” समुद्री नीति का हिस्सा है।


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