भारत के प्रत्यक्ष कर संग्रह (Direct Tax Collections) में चालू वित्त वर्ष में स्थिर वृद्धि दर्ज की गई है। 12 अक्टूबर 2025 तक शुद्ध कर प्राप्तियाँ ₹11.89 लाख करोड़ को पार कर गई हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.33% की वृद्धि दर्शाती हैं। आयकर विभाग के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से कॉरपोरेट टैक्स से बेहतर प्राप्तियों और कम रिफंड (वापसी) जारी होने के कारण हुई है। यह प्रदर्शन वित्त वर्ष 2025–26 के लिए सरकार के ₹25.20 लाख करोड़ के महत्वाकांक्षी वार्षिक लक्ष्य के लिए मजबूत आधार तैयार करता है।
संग्रह का विस्तृत विवरण
सकल बनाम शुद्ध संग्रह (Gross vs Net Collection)
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सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह: ₹13.92 लाख करोड़
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रिफंड जारी किए गए: ₹2.03 लाख करोड़ (पिछले वर्ष ₹2.41 लाख करोड़ से 16% कम)
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शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह: ₹11.89 लाख करोड़
रिफंड की राशि में कमी ने शुद्ध कर संग्रह में बढ़ोतरी में योगदान दिया है, जिससे वित्तीय वर्ष के शुरुआती महीनों में राजकोषीय संतुलन (fiscal balance) में सुधार हुआ है।
कर श्रेणीवार राजस्व रुझान
कॉरपोरेट और गैर-कॉरपोरेट कर (Corporate & Non-Corporate Taxes)
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कॉरपोरेट कर संग्रह: ₹5.02 लाख करोड़ (FY 2024–25 के ₹4.91 लाख करोड़ से अधिक)
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गैर-कॉरपोरेट कर (मुख्यतः व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों से आयकर): ₹6.56 लाख करोड़ (पिछले वर्ष ₹5.94 लाख करोड़ से वृद्धि)
ये आँकड़े दर्शाते हैं कि व्यवसायों और व्यक्तिगत करदाताओं — दोनों ने प्रत्यक्ष कर आधार को मजबूत किया है, बावजूद इसके कि वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियाँ चुनौतीपूर्ण रहीं।
अन्य कर घटक (Other Tax Components)
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सिक्योरिटीज़ ट्रांज़ैक्शन टैक्स (STT): ₹30,878 करोड़ (हल्की वृद्धि)
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अन्य प्रत्यक्ष कर: ₹294 करोड़
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में ₹78,000 करोड़ का STT लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे आगामी तिमाहियों में और वृद्धि की उम्मीद है।
सरकार का वित्तीय लक्ष्य
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वित्त वर्ष 2025–26 के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य ₹25.20 लाख करोड़ रखा गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.7% की वृद्धि का लक्ष्य है।
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वर्तमान आँकड़े दर्शाते हैं कि अब तक की प्रगति मजबूत और स्थिर है, लेकिन लक्ष्य हासिल करने के लिए आने वाले महीनों में गति बनाए रखना आवश्यक होगा।
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यदि वर्तमान रुझान जारी रहते हैं — विशेषकर बेहतर अनुपालन (compliance) और डिजिटल टैक्स फाइलिंग प्रणाली के साथ — तो सरकार अपने लक्ष्य के करीब पहुँच सकती है या उसे पार भी कर सकती है।
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हालांकि, वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही का प्रदर्शन निर्णायक रहेगा।


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