भारत के औद्योगिक क्षेत्र ने सितंबर 2025 में अपनी मजबूत स्थिरता (resilience) प्रदर्शित करना जारी रखा। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 4.0 % वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई। IIP भारत के खनन, विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) और विद्युत (इलेक्ट्रिसिटी) क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों के स्तर को मापने वाला एक प्रमुख संकेतक है, जो देश की औद्योगिक अर्थव्यवस्था के समग्र स्वास्थ्य को दर्शाता है।
समग्र प्रदर्शन
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सितंबर 2025 में IIP सूचकांक 152.8 (आधार वर्ष 2011-12 = 100) रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी माह में यह 146.9 था।
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यह वृद्धि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और घरेलू मांग में उतार-चढ़ाव के बावजूद स्थिर सुधार और सतत औद्योगिक गति को दर्शाती है।
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4.0 % की वृद्धि मुख्यतः विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में निरंतर सुधार, विद्युत क्षेत्र में मध्यम वृद्धि, और खनन क्षेत्र में मामूली गिरावट के कारण रही।
क्षेत्रवार विश्लेषण
| क्षेत्र | वृद्धि दर (YoY) | मुख्य कारण |
|---|---|---|
| खनन (Mining) | -0.4 % | कुछ खनिज श्रेणियों में उत्पादन में कमी और मौसमी कारणों से उत्खनन गतिविधियाँ प्रभावित। |
| विनिर्माण (Manufacturing) | +4.8 % | कुल IIP का लगभग 78 % हिस्सा; कई उद्योगों में मांग मजबूत। |
| विद्युत (Electricity) | +3.1 % | औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों में बिजली खपत में वृद्धि। |
23 विनिर्माण उद्योग समूहों (2-अंकीय NIC स्तर) में से 13 ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की, जो विनिर्माण क्षेत्र में व्यापक विस्तार का संकेत है।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले उद्योग समूह
| उद्योग समूह | वृद्धि दर | मुख्य कारण |
|---|---|---|
| मूल धातु निर्माण (Basic Metals) | +12.3 % | इस्पात और एल्युमिनियम उत्पादन में उछाल; अवसंरचना और निर्माण मांग से प्रेरित। |
| विद्युत उपकरण निर्माण (Electrical Equipment) | +28.7 % | नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण, पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में निवेश वृद्धि। |
| मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर निर्माण (Motor Vehicles, Trailers & Semi-trailers) | +14.6 % | घरेलू व निर्यात बाज़ार में ऑटोमोबाइल बिक्री में तेजी और संचित मांग का उभरना। |
उपयोग-आधारित वर्गीकरण विश्लेषण
| श्रेणी | सूचकांक (सितंबर 2025) | वार्षिक वृद्धि (%) | व्याख्या |
|---|---|---|---|
| प्राथमिक वस्तुएँ (Primary Goods) | 143.3 | +1.4 % | कच्चे माल के उत्पादन में स्थिर वृद्धि। |
| पूँजीगत वस्तुएँ (Capital Goods) | 122.0 | +4.7 % | मशीनरी और उपकरणों में निवेश में वृद्धि। |
| मध्यवर्ती वस्तुएँ (Intermediate Goods) | 169.4 | +5.3 % | आगे के उत्पादन हेतु प्रयुक्त वस्तुओं की मजबूत मांग। |
| अवसंरचना/निर्माण वस्तुएँ (Infrastructure/Construction Goods) | 197.6 | +10.5 % | सरकारी और निजी निवेश में तेजी। |
| उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ (Consumer Durables) | 146.5 | +10.2 % | त्योहारों की मांग और खुदरा बिक्री में उछाल। |
| उपभोक्ता अल्पकालिक वस्तुएँ (Consumer Non-Durables) | 141.5 | -2.9 % | दैनिक उपयोग की वस्तुओं की मांग में सुस्ती। |
अवसंरचना/निर्माण वस्तुएँ और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ — दोनों ने दो अंकों की वृद्धि दर्ज की, जिससे औद्योगिक प्रदर्शन को सबसे अधिक बल मिला।
समग्र आकलन
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सितंबर 2025 का IIP डेटा एक संतुलित औद्योगिक वृद्धि की तस्वीर पेश करता है — विनिर्माण और अवसंरचना क्षेत्रों के नेतृत्व में, जबकि खनन में कमजोरी बरकरार रही।
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पूँजीगत और मध्यवर्ती वस्तुओं में मजबूती से संकेत मिलता है कि औद्योगिक क्षमता का उपयोग बढ़ रहा है।
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उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की तेज वृद्धि घरेलू मांग में सुधार का प्रतीक है, जबकि अल्पकालिक वस्तुओं की गिरावट ग्रामीण मांग में कुछ दबाव का संकेत देती है।
स्थिर तथ्य
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सितंबर 2025 में IIP वृद्धि: 4.0 % (वर्ष-दर-वर्ष)
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सूचकांक (आधार 2011-12 = 100): 152.8 (2025) बनाम 146.9 (2024)
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क्षेत्रीय वृद्धि:
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खनन: -0.4 %
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विनिर्माण: +4.8 %
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विद्युत: +3.1 %
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शीर्ष विनिर्माण समूह:
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मूल धातु (+12.3 %)
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विद्युत उपकरण (+28.7 %)
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मोटर वाहन (+14.6 %)
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